22-09-2012, 12:14 AM | #1011 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
लंदन। ब्रिटेन के व्हिप्सनेड चिड़ियाघर में रहने वाली हथिनी करिश्मा को अपने खाली समय में चित्रकारी करने का शौक है। उसका यह अनोखा शौक अब चिड़ियाघर के लिए आमदनी का भी एक नया जरिया बनता जा रहा है। चिडियाघर में हाथियों की देखभाल करने वाली एलिजाबेथ कौलघन ने बताया कि करिश्मा तब तक चित्रकारी करती रहती है जब तक उसे उसके पसंदीदा केलों की खेप मिलती रहे। करिश्मा द्वारा बनाई गई तस्वीरों को बेचकर एकत्र हुए धन का इस्तेमाल पशुओं के रख-रखाव और शोध कार्यक्रमों में किया जाता है। करिश्मा द्वारा बनाई गई एक पेंटिंग पिछले वर्ष 200 पाउंड में बिकी थी जो कि लगभग 18 हजार भारतीय रुपयों के बराबर होता है।
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22-09-2012, 12:14 AM | #1012 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
शार्क से बचाएगा ‘अदृश्य सूट’
मेलबर्न। चौंकिए मत। यह बिल्कुल सच है कि जल्द ही आप अदृश्य होकर शार्क को छका सकेंगे और समुद्र में बेफिक्र तैर सकेंगे। क्योंकि खबरों के अनुसार आस्ट्रलियाई शोधकर्ता एक ऐसे वेटसूट का विकास कर रहे हैं जिसे पहनने वाले समुद्री शार्क को दिखाई नहीं देंगे। यूनिवर्सिटी आफ वेस्ट आस्टेलिया के शोधकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में पता किया कि वैसे तो शार्क अच्छी दृष्टि वाले जानवर होते हैं लेकिन वह संभवत: रंगों में अंतर नहीं कर सकते। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि जिस तरह से मानव एक श्वेत-श्याम फिल्म को देखता है उसी तरह शार्क को सारे रंगों में हल्का भूरापन दिखता है। शोधकर्ता शॉन कोलिन ने कहा कि इस जानकारी का इस्तेमाल पानी के भीतर पहनने वाली ऐसी पोशाक के निर्माण में हो सकता है जिससे पहनने वाले शार्कों को दिखाई ही ना दें।
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22-09-2012, 12:15 AM | #1013 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
उच्च रक्तचाप को कम कर सकता दही
वाशिंगटन। अपने भोजन में अधिक मात्रा में दही का सेवन करने से उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। अमेरिकन हार्ट ऐसोसिएशन हाई ब्लड प्रेशर रिसर्च 2012 की बैठक में पेश किए गए एक शोध पत्र में यह जानकारी दी गई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि लंबे समय तक दही का इस्तेमाल करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा होने की आशंका कम रहती है। अपने 15 साल के अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने ऐेसे दो हजार लोगों का अध्ययन किया जिन्हें अध्ययन की शुरूआत में उच्च रक्तचाप नहीं था। इस दौरान तीन बार इन लोगों से दही के सेवन सम्बन्धी प्रश्नावलियां भरवाई गर्इं और पाया गया कि जिन लोगों ने प्रतिदिन की अपनी कैलोरी की मात्रा में से कम से कम दो प्रतिशत दही से हासिल की उनमें उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा होने की आशंका 31 फीसदी कम रही।
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22-09-2012, 12:16 AM | #1014 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
फोन से ली तस्वीर बताएगी कैसा धड़क रहा दिल
नई दिल्ली। अब दिल की धड़कन को मापने के लिए न किसी ईसीजी जैसे भारी उपकरण की जरूरत है और न ही हाथों पर पट्टियां बांधने की। हृदयगति का पता लगाने के इस जटिल काम को आप अपने फोन से भी अंजाम दे सकते हैं। हृदय गति मापने के लिए बस आपको अपने स्मार्टफोन के कैमरे से अपनी तस्वीर लेनी है और इसमें लगा सॉफ्टवेयर कुछ ही पलों में आपको आपकी हृदय गति बता देगा। एप्पल द्वारा पेश किए गए इस नवीनतम ऐप्लीकेशकन की मदद से आप दौड़ लगाने, योग करने और बॉस से डांट खाने के बाद भी अपनी तस्वीर खींच कर हृदय गति का पता लगा सकते हैं। एमआईटी मीडिया प्रयोगशाला में गहन शोध और प्रयोगों के बाद तैयार हुई इस तकनीक के सहारे आप अपने दिन भर की औसत हृदय गति का भी पता लगा सकते हैं। इस एप्लीकेशन को इसकी वेबसाइट कार्डियो डॉट कॉम से आप अपने स्मार्टफोन मेंं डाउनलोड कर सकते हैं। प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन का कहना है कि इस ऐप्लीकेशन के इस्तेमाल से उन लोगों को फायदा मिल सकता है जो हृदय गति में एकाएक बदलाव की समस्या से ग्रस्त रहते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी ऐसे उपकरण आ चुके हैं जो सिर्फ छूकर ही हृदयगति का पता लगा लेते हैं पर इस तरह का आधुनिक ऐप्लीकेशन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है। इस सॉफ्टवेयर में ऐसी सुविधाएं भी शामिल की गई हैं जिनसे आपकी मासिक औसत हृदय गति की गणना कर यह भी अनुमान लगाया जा सकेगा कि आप कितने साल तक जी सकते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई में शोध कर रहे अचिंत सेतिया ने बताया कि एप्पल अनेक तरह के एप्लीकेशन लॉन्च कर रहा है जिनसे चिकित्सीय परीक्षणों को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसे परीक्षण इतने सहज तरीके से किये जा सकते हैं कि आपको कम खर्च और कम जहमत उठाकर इनके परिणाम मिल सकते हैं। उनका मानना है कि भविष्य की तकनीक में अधिकतर इलेक्ट्रानिक उपकरणों को ‘बायोसेंसर’ की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। यह ऐपल्लीकेशन एप्पल फोन के साथ साथ आई पैड पर भी प्रयोग किया जा सकता है। ट्रांस बायोम्ड जर्नल के अनुसार जब भी आपका दिल धड़कता है तो आपके चेहरे में अधिक रक्त पहुंचता है और अधिक रक्त प्रकाश को आत्मसात कर लेता है जिसकी वजह से चेहरे पर कम प्रकाश प्रतिबिम्बित हो पाता है। एक विशेष सॉफ्टवेयर के प्रयोग से आई फोन का कैमरा चेहरे में होने वाले इन सूक्ष्म बदलावों को पहचान लेता है और आपकी हृदय गति का पता लगा लेता है। इसकी वेबसाइट कार्डियो डॉट कॉम पर कुछ निर्देश दिए गए हैं जिनका तस्वीर खींचते वक्त आपको पालन करना होगा। इनमें कैमरे और चेहरे के बीच लगभग छह इंच की दूरी और कैमरे को स्थाई रखने जैसे निर्देश शामिल हैं।
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22-09-2012, 12:16 AM | #1015 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
गोलियां खाने वालों में बढ़ता है सिरदर्द
लंदन। सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्दनिवारक गोलियों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए एक बुरी खबर है। ब्रिटेन में सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए गोलियां का सहारा लेने वाले लगभग दस लाख लोगों को इससे छुटकारा तो नहीं मिला, बल्कि वह इन गोलियों का लगातार सेवन करने से स्थाई रूप से सिरदर्द की चपेट में आ गए। इंग्लैंड और वेल्स में स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड क्लीनिकल एक्सीलेंस (नाइस) के दिशा-निर्देशों में कहा गया कि दर्दनिवारक गोलियां सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या से निजात दिलाने की जगह चीजों को और खराब कर देती हैं। रिपोर्ट के अनुसार लगातार सिरदर्द से परेशान 50 में हर एक व्यक्ति इससे छुटकारा पाने के लिए अधिक मात्रा में दवाइयां लेने के कारण इसके चंगुल में फंस जाते हैं। राष्टñीय स्नायुरोग एवं स्नायुचिकित्सा अस्पताल में स्नायुविज्ञानी मंजीत मथरू ने कहा कि माइग्रेन का इलाज आसान नहीं है, लेकिन लोगों को दर्दनिवारक गोलियां लेनी तुरंत बंद कर देनी चाहिएं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में एक करोड़ लोग रोजाना अथवा कभी-कभी सिरदर्द की समस्या से पीड़ित रहते हैं। हर 25 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति चिकित्सक से संपर्क करता है। इसके अलावा माइग्रेन की वजह से रोजाना एक लाख लोग कार्यालय अथवा स्कूल से छुट्टी लेते हैं।
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22-09-2012, 12:16 AM | #1016 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
सांप के जहर से होगा कैंसर और मधुमेह का इलाज
लंदन। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि सांप के जहर में हानिरहित टॉक्सिन होता है जिसका इस्तेमाल कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी जानलेवा बीमारियों के इलाज की नई दवाएं विकसित करने में किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि जो टॉक्सिन सांप और छिपकली के जहर को घातक बनाता है, उसे पूरी तरह गैर हानिकारक मोलिक्यूल्स में तब्दील किया जा सकता है, जिससे यह संभावना बढ़ी है कि इनका इस्तेमाल दवाओं के विकास में हो सकता है। सांप के जहर में भिन्न-भिन्न प्रकार के घातक मोलिक्यूल्स होते हैं, जिन्हें टॉक्सिन कहा जाता है और सांप अपने शिकार को जब निशाना बनाता है जो यह टॉक्सिन सामान्य जैविक प्रक्रियाओं पर प्रहार करता है। वैज्ञानिकों ने काफी समय पहले ही इस बात को स्वीकार किया था कि जिस प्रकार सांप का जहर उसके शिकार के शरीर में क्रिया करता है वह दवाओं की खोज में लाभदायक हो सकता है। लेकिन इस टॉक्सिन का घातक होना इस मार्ग की बड़ी बाधा बना हुआ था। अब नए शोध में पाया गया है कि सांप के टॉक्सिन के कई प्रकारों में गैर हानिकारक भी हैं। इससे दवा क्षेत्र में नई खोजों का रास्ता खुल सकता है और एक नए युग का सूत्रपात हो सकता है।
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22-09-2012, 12:17 AM | #1017 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
ब्रिटेन में बढ़ी भारतीय डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतें
लंदन। ब्रिटेन में वर्ष 2011 के दौरान डॉक्टरों के खिलाफ मरीजों की शिकायतों में इजाफा हुआ है। इनमें नेशनल हेल्थ सर्विस में कार्यरत भारतीय डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतों में करीब 19 फीसदी की वृद्धि हुई है। ब्रिटेन की चिकित्सा नियामक संस्था जनरल मेडिकल कौंसिल (जीएमसी) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों में दिखाया गया है कि वर्ष 2010 में डॉक्टरों के खिलाफ 7153 शिकायतों के मुकाबले वर्ष 2011 में ऐसी 8781 शिकायतें मिली हैं। जीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2011 के आंकड़ों में 793 शिकायतें उन डॉक्टरों के खिलाफ हैं जिन्होंने शुरूआती चिकित्सा योग्यता भारत में हासिल की और उसके बाद प्रशिक्षण के लिए ब्रिटेन आ गए और यहां प्रैक्टिस शुरू की। अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2010 में भारतीय डॉक्टरों के खिलाफ 667 शिकायतें थीं। 2011 के आंकड़ों के अनुसार, जीएमसी के रजिस्टर में ऐसे 25592 डॉक्टर पंजीकृत हैं, जिन्होंने चिकित्सा शिक्षा भारत में हासिल की थी। वर्ष 2010 में ऐसे भारतीय डॉक्टरों के खिलाफ 667 शिकायतें थीं जो वर्ष 2011 में बढ़कर 793 हो गर्इं। जीएमसी ने अपनी रिपोर्ट दी स्टेट आॅफ मेडिकल एजुकेशन एंड प्रैक्टिस इन दी यूके, में इन जानकारियों का खुलासा किया है। इसमें यह भी बताया गया है कि पिछले कुछ समय से यहां आकर प्रशिक्षण हासिल करने और प्रैक्टिस करने के लिए आने वाले भारतीय डॉक्टरों की संख्या में गिरावट आई है और इसका कारण कड़े आव्रजन प्रावधान और भारत में कैरियर की बेहतर संभावनाएं हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत विदेशों में डॉक्टरों को उपलब्ध कराने वाला सबसे बड़ा देश है, लेकिन वर्ष 2004 में ऐसे डॉक्टरों की 3641 संख्या के मुकाबले अब इनकी संख्या सालाना पांच सौ तक आ गई है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि वर्ष 2011 के दौरान मेडिकल रजिस्टर में पंजीयन कराने वाले सबसे अधिक डॉक्टर पाकिस्तान (550), भारत (489), रोमानिया (449), इटली (386) तथा यूनान (365) से आए। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि भारत सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि देश में करीब छह लाख डॉक्टरों की कमी है। अमेरिका में उच्च चिकित्सा शिक्षा हासिल करने वाले डॉक्टरों को अब कम से कम दो साल काम करने के लिए भारत लौटना होगा।
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22-09-2012, 12:17 AM | #1018 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
अस्पतालों के महज दो फीसदी नुस्खे सही
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में निगरानी की उचित प्रणाली नहीं होने के चलते एक उपभोक्ता संरक्षण संगठन द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में दो प्रतिशत से भी कम नुस्खों को उचित पाया गया। कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी (कट्स इंटरनेशनल) द्वारा कराए गए एक अध्ययन के अनुसार राज्य के अस्पतालों में मरीजों को दिए गए परामर्शों के विश्लेषण में महज 1.96 प्रतिशत नुस्खे स्वास्थ्य जगत द्वारा तय रेशनल यूज आफ ड्रग्स (आरयूडी) दिशा-निर्देशों के अनुरूप पाए गए। बिना सोच विचार के दी गई सर्वाधिक दवाओं में एंटीबायोटिक, नॉन स्टेराइडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं, एच-2 ब्लॉकर, विटामिन, एंटीसाइकोटिक्स और एंटीहिस्टेमिनिक्स आदि पाई गर्इं। आरयूडी के दिशा-निर्देशों के अनुसार रोगियों को उनकी जरूरतों के मुताबिक उचित इलाज मिलना चाहिए जिसमें उनकी जरूरत के हिसाब से दवाओं की खुराक सही समयावधि के लिए और कम से कम कीमत पर उन्हें दिए जाने की बात होनी चाहिए। दिशा-निर्देशों के मुताबिक दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल, कम इस्तेमाल या दुरुपयोग के नतीजतन दुर्लभ संसाधनों की बर्बादी होती है तथा व्यापक रूप से स्वास्थ्य सम्बंधी खतरे पैदा होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी दवाओं के अनुचित इस्तेमाल को दुनियाभर में बड़ी समस्या बताया है। डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि आधे से अधिक दवाओं का परामर्श गलत तरह से दिया जाता है तथा इन्हें गलत तरह से बांटा या बेचा जाता है। आधे रोगी इन्हें सही से नहीं ले पाते। अध्ययन में यह खुलासा भी किया गया है कि पश्चिम बंगाल में दिशा-निर्देशों को लेकर जागरूकता में कमी है। सर्वेक्षण में कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों, नादिया, वर्द्धमान और जलपाईगुड़ी जिलों के छोटे बड़े 50 निजी अस्पतालों को शामिल किया गया।
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22-09-2012, 12:18 AM | #1019 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
पर्पल कॉर्न से दूर होगी डायबिटिक नेफ्रोपैथी
सोल। एक खास प्रजाति के मक्का के दाने (पर्पल कॉर्न) में पाए जाने वाले तत्व मधुमेह से जुड़ी गुर्दे की बीमारियों (डायबिटिक नेफ्रोपैथी) से बचा सकते हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी मधुमेह से जुड़ी एक जटिल समस्या है, जिसके कारण अक्सर गुर्दे की बीमारी हो जाती है। दक्षिण कोरिया स्थित हैलिम विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि पर्पल कॉर्न एन्थोसायनिन्स (पीसीए) की कोशिकीय और आणविक गतिविधियां तय करती हैं कि वह मधुमेह से जुड़ी गुर्दे की बीमारियों को उत्पन्न करें या नहीं। और उस पर किस तरह असर डालें। अध्ययन के अनुसार, पीसीए के तत्वों का डायबिटिक नेफ्रोपैथी से सम्बन्ध होता है और ये तत्व टाइप 2 मधुमेह और गुर्दे की बीमारी के लिए थेरेपी विकसित करने में मददगार हो सकते हैं।
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22-09-2012, 12:18 AM | #1020 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
आपका ई-मेल बता सकता आपका स्वभाव
लंदन। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि आपका ई-मेल आपके बारे में बहुत कुछ बता सकता है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो विश्वविद्यालय और वेस्ट विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि ई-मेल के प्रति व्यक्ति का आचरण बिल्कुल पक्षियों के व्यवहार से मिलता जुलता है। ग्लासगो विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार, अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जिस तरह आप ई-मेल भेजते हैं, उसे चेक करते हैं, उसका जवाब देते हैं, उससे आपके व्यक्तित्व के बारे में कई जानकारियां मिल सकती हैं। स्कूल आॅफ कंप्यूटिंग साइंस के वरिष्ठ प्राध्यापक केरेन रेनाउड ने कहा कि ई-मेल कारोबारी संचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है और कई लोग तो ऐसे हैं कि वह इसके बिना अपना काम कर ही नहीं सकते।
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