18-11-2014, 11:43 PM | #1041 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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इस ग़मगीन ज़िन्दगी को, एक लम्हा कर दे, ऐ मेरी तन्हाई, आ मुझे फिर से तनहा कर दे,
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19-11-2014, 01:36 PM | #1042 |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
ये मेरा दिल प्यार का दीवाना दीवाना प्यार का परवाना
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19-11-2014, 04:45 PM | #1043 |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
"अन्ताक्षरी" सूत्र में आपका बहुत बहुत स्वागत है, मित्र साची जी. लेकिन अन्ताक्षरी पर फ़िल्मी गानों पर काफी पहले रोक लगा दी गयी थी. आपसे निवेदन है कि इस सूत्र में गीत, ग़ज़ल, कविता या शे'र-ओ-शायरी की ही प्रविष्टि पोस्ट करें. धन्यवाद.
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19-11-2014, 04:58 PM | #1044 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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प्रगटत निर्गुन निकट ही, चंग रंग गोपाल. (कविवर बिहारी) भावार्थ: अहंकार रूपी डोर को बढ़ाते जाने से प्रभु रूपी पतंग दूर चली जाती है किंतु अपने को गुणहीन अर्थात् अहंकार-मुक्त मान लेने पर ईश्वर समीप आ जाता है. ठीक उसी प्रकार जैसे डोरी को समेट लेने पर पतंग समीप आ जाती है.
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19-11-2014, 06:42 PM | #1045 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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लगी दिल की है जख्म जाता नहीं ये, बहल जाएगा दिल बहलते- बहलते, तड़प बेवफा मत जमाने की खातिर, चलें चल कहीं और टहलते -टहलते....... (हरकीरत हीर)
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20-11-2014, 01:56 PM | #1046 |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
ये गलियाँ ये चौबारा यहाँ आना न दोबारा अब हम तो हुए परदेसी की तेरा यहाँ कोई नहीं
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21-11-2014, 10:25 PM | #1047 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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तुम्हारी फाईलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं और दावा किताबी है (आदम गौंडवी)
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21-11-2014, 10:41 PM | #1048 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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हम उनकी अंजुमन में सर न खम करते तो क्या करते, सवाल उनका,जवाब उनका, सुकूत उनका, इताब उनका........... 1.सुकूत - खामोशी, 2. इताब - गुस्सा, 3.खम - झुकाव, (मजरूह सुल्तानपुरी)
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22-11-2014, 10:30 AM | #1049 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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रातों को तारे अनजाने टिम टिम कर क्या भेद बताते ? (उपेन्द्र नाथ अश्क)
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22-11-2014, 12:02 PM | #1050 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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तक़ाज़ा जब नींद का हो और तन्हाई न हो, उफ़ वो कैफ़ियत कि हो भी और तन्हाई न हो......... (असर लखनवी)
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