22-11-2014, 09:56 PM | #1051 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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लहरों की बिछलन पर जब मचली पड़ती किरने भोली तब कलियाँ चुपचाप उठा कर पल्लव के घूंघट सुकुमार, छलकी पलकों से कहती है 'कितना मादक है संसार !! (महादेवी वर्मा)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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27-11-2014, 06:30 PM | #1052 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है?........... (अज्ञात)
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27-11-2014, 11:41 PM | #1053 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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सुकरात के हिस्से का ज़हर ढूंढ रहे हैं क्या जाने किसी रात के सीने में छुपी हो सूरज की तरह हम भी सहर ढूंढ रहे हैं (माधव कौशिक)
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28-11-2014, 03:20 PM | #1054 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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हुस्ने-सीरत पर नजर कर, हुस्ने-सूरत को न देख, आदमी है नाम का गर, खू नहीं इन्सान की......... खू -आदत (आरजु लखनवी)
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28-11-2014, 09:58 PM | #1055 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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आज भी इंद्र है, गौतम है, अहिल्याएं हैं (वशिष्ठ अनूप)
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30-11-2014, 10:48 AM | #1056 |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Great
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30-11-2014, 04:19 PM | #1057 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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होती सारी दुनिया मेरी मुट़ठी में, नजरों के फेर ने बदल दी राहे, अब किसे दूं दोष मैं, यह तो मेरी ही नजरों को फेर था............. (हरीश भट्ट)
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30-11-2014, 07:25 PM | #1058 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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नाम उनका बाउसूलों के बहुत ऊपर लिखूँ दूसरों के वास्ते जो खुद ही पीते हैं ज़हर दिल ये कहता है कि उनको वक़्त का शंकर लिखूँ (वीरेन्द्र कुँवर)
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01-12-2014, 05:58 PM | #1059 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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खुशियों के दीपक भी जलाना दोस्तों, जश्न आज़ादी का मनाना दोस्तों, गुजारिश यही है कि अपने दिलों से, सदियों की शहादत को न भुलाना दोस्तों.......... (अज्ञात)
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01-12-2014, 07:18 PM | #1060 | |
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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तुम्ही बताओ प्यार तुमसे कैसे करें दिल के हर कोने में तुम ही तुम हो फिर दूसरा एहसास वहाँ पैदा कैसे करें कत्ले आम मचा रखा है तुम्हारे एहसास ने थोडी सी जगह खाली कर दो तो प्यार तुम से करें (अज्ञात) |
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