20-06-2012, 01:14 AM | #10791 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
नयी दिल्ली। संगमा के राष्ट्रपति पद की दौड़ में बने रहने के बयान के बावजूद राकांपा ने उम्मीद जाहिर की कि वह (संगमा) राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो जायेंगे और संप्रग प्रत्याशी प्रणव मुखर्जी का समर्थन करेंगे। राकांपा के महासचिव डी पी त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि संगमा पार्टी के निर्णय का पालन करने के वायदे को पूरा करेंगे और संप्रग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी का समर्थन करेंगे।’ संगमा एक आदिवासी नेता होने के आधार पर राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी उम्मीदवार पर जोर दे रहे हैं। पिछले सप्ताह राकांपा प्रमुख शरद पवार ने संगमा के पास अपना दूत भेजा था और उन्हें राष्ट्रपति पर के चुनाव से अलग होने का सुझाव दिया गया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पर आगे बढने की स्थिति में संगमा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। उनकी पुत्री अगाथा संगमा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है। अगाथा ग्रामीण राज्य मंत्री हैं।
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20-06-2012, 01:19 AM | #10792 |
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मेक्सिको में मनमोहन का स्वागत हिंदी में
लॉस काबोस। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दर्शनीय मेक्सिको रिजार्ट शहर पहुंचने पर हिंदी में स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री यहां महत्वपूर्ण जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए हैं। उनके स्वागत में यहां एक विशालकाय बोर्ड लगाया गया था, जिस पर हिंदी में लिखा था ‘आपका स्वागत है।’ सान जोस डेल काबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रिजार्ट होटल तक प्रधानमंत्री के काफिले के स्वागत में यह विशाल बिलबोड लगा था। फ्रैंकफर्ट से 13 घंटे की उड़ान के बाद सिंह यहां सातवें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे। वह यहां सबसे पहले आने वाले नेता में से हैं। प्रधानमंत्री समूह-20 के विकसित और विकासशील देशों के सातवें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनकी दुनिया के कई नेता के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी। सिंह की मेजबान देश के राष्ट्रपति फेलिप कालडेरान, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, कनाडा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों स्टीफन हार्पर तथा डेविड कैमरन तथा फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसियोस हॉलांडे और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता होने की उम्मीद है।
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20-06-2012, 01:19 AM | #10793 |
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तेल खपत पर अंकुश के लिये ईंधन मूल्य का समायोजन जरुरी-रिजर्व बैंक
मुंबई। रिजर्व बैंक ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढती मांग और उसके परिणामस्वरूप सरकार के बढते सब्सिडी बोझ को कम करने के लिये पेट्रोल, डीजल के दाम इनके अंतरराष्ट्रीय मूल्यों के अनुसार रखे जाने पर जोर दिया है। रिजर्व बैंक ने आज जारी मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में कहा है, ‘कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्य के अनुरूप घरेलू बाजार में इनके दाम नहीं रखे जाने से पेट्रोलियम पदार्थों की खपत लगातार मजबूत बनी हुई है। इससे जहां एक तरफ मूल्यों को लेकर गलत संकेत जा रहा है वहीं दूसरी तरफ सकल मांग में जरूरी सांमजस्य बिठाने में भी यह आड़े आ रहा है।’ केन्द्रीय बैंक ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढती सब्सिडी पर भी अपनी चिंता जाहिर की है और कहा है कि घरेलू दाम में उपयुक्त सामंजस्य नहीं बिठाये जाने की वजह से सरकार का सब्सिडी बोझ भी बढता जा रहा है और इसका असर सार्वजनिक निवेश पर पड़ रहा है। ‘ऐसे समय जबकि घरेलू अर्थव्यवस्था में निजी और सार्वजनिक निवेश बढाने की सख्त जरूरत है, सब्सिडी बोझ की वजह से सार्वजनिक निवेश पर असर पड़ रहा है।’ केन्द्रीय बैंक ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि अप्रैल के बाद से विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम में तीव्र गिरावट आई लेकिन इससे पहले की थोक मूल्य सूचकांक पर इसका अनुकूल असर होता डालर के मुकाबले गिरते रुपये के कारण इसका लाभ जाता रहा है। रिजर्व बैंक ने कहा कि कच्चे तेल के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मूल्य पर भी पेट्रोलियम पदार्थों के प्रशासनिक मूल्यों पर कम वसूली बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि तेल विपणन कंपनियां वर्तमान में डीजल, रसोई गैस और राशन के मिट्टी तेल पर 457 करोड़ रुपये का दैनिक नुकसान उठा रही हैं। उधर, पिछले एक साल के दौरान डालर के मुकाबले रुपये में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।
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20-06-2012, 01:20 AM | #10794 |
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भूपति की राह पर चले बोपन्ना, खेल मंत्रालय ने दिया दखल
नयी दिल्ली/लंदन। लंदन ओलंपिक के लिये खिलाड़ियों के चयन को लेकर उठा विवाद तब बढ गया जब रोहन बोपन्ना ने भी महेश भूपति की राह पर चलते हुए लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाने से इन्कार कर दिया, जिसे देखते हुए खेल मंत्रालय ने बीच में दखल देकर एक के बजाय दो टीमें उतारने का सुझाव दे दिया। दिन भर में नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। भूपति ने पहले मंत्रालय से एआईटीए की शिकायत की कि कड़े मतभेदों के बावजूद उनकी पेस के साथ जोड़ी बना दी गयी। भूपति ने बोपन्ना के साथ मिलकर खेल मंत्रालय को कड़ा पत्र लिखा। उन्होंने इसमें लिखा है, ‘हम यह नहीं समझ पाये हैं कि बिना किसी नोटिस के देश हित में दो ऐसे खिलाड़ियों की जोड़ी बना दी गयी जो महीनों से साथ में नहीं खेले हैं।’ खेल मंत्री अजय माकन को लिखे पत्र में भूपति ने कहा है, ‘अखिल भारतीय टेनिस संघ ने जिस तरह से इस मामले को निबटाया वह तर्कसंगत नहीं है।’ भूपति ने लिखा है, ‘यदि केवल एक टीम भेजना ही उद्देश्य था तो खिलाड़ियों को साफ तौर पर और काफी पहले अवगत क्यों नहीं कराया गया। इससे ओलंपिक के लिये प्रस्तावित टीम काफी पहले से साथ में खेलकर और साथ में अभ्यास कर सकती थी।’ बोपन्ना ने कहा कि एआईटीए ने उनसे पेस के साथ जोड़ी बनाने के लिये कहा था। उन्होंने बयान जारी करके कहा, ‘पूरे सम्मान और विनम्रता के साथ मैं कहना चाहता हूं कि मैं एआईटीए की पेशकश स्वीकार करने में असमर्थ हूं और मैंने आज सुबह लिखित में उन्हें अपने फैसले से अवगत करा दिया है।’ बोपन्ना ने कहा कि भूपति के साथ जोड़ी बनाने का कारण एक साथ ओलंपिक में खेलना था और टेनिस संस्था ना सिर्फ इससे वाकिफ थी बल्कि उसने दोनों का हौसला भी बढाया था। अपनी दमदार सर्विस के लिए मशहूर बोपन्ना के साथ भूपति और पेस दोनों लंदन खेलों के लिए जोड़ी बनाना चाहते हैं लेकिन बोपन्ना ने कहा कि वह और पेस मिलकर अच्छी जोड़ी नहीं बना पाएंगे और उनकी साझेदारी से कोई नतीजा मिलने की संभावना बेहद कम है। बोपन्ना ने कहा, ‘साल की शुरूआत से ही मैं महेश भूपति के साथ इस लक्ष्य के साथ खेला कि हम ओलंपिक में टीम के रूप में खेलेंगे। हर कदम पर एआईटीए को इसकी जानकारी दी गई और हमें एक साथ खेलने के लिए उत्साहित किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘अपने करियर के दौरान लिएंडर पेस के साथ सिर्फ दो बार खेलने के कारण मुझे लगता है कि ओलंपिक की मांग के अनुसार हमारी तैयारी नहीं है और अच्छी भावना के साथ, मैं एआईटीए की पेशकश को स्वीकार नहीं करता कि हम साथ खेलें।’ शीर्ष खिलाड़ियों के इस रवैये को देखते हुए मंत्रालय ने एआईटीए के नवनियुक्त अध्यक्ष अनिल खन्ना को पत्र लिखकर उनसे कल शाम तक जवाब देने के लिये कहा।
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20-06-2012, 01:20 AM | #10795 |
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आरबीआई ने की बड़ी तस्वीर की अनदेखी : उद्योग जगत
नयी दिल्ली। उद्योग जगत ने आज रिजर्व बैंक की ब्याज दरें अपरिवर्तित रखने की मुद्रास्फीति केंद्रित नीति की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने बड़ी तस्वीर पर ध्यान नहीं दिया वह भी ऐसे समय, जबकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटने से करोड़ों लोगों के रोजगार पर तलवार लटक रही है। उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘यह समझने की जरूरत है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट से करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट दिखाई दे रहा है। ऐसे में महंगाई पर अंकुश लगाने वाली नीतिगत पहल में बड़ी तस्वीर खो गई है।’ रिजर्व बैंक के रुख पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए फिक्की ने कहा, ‘रेपो दर में कमी न करने के आरबीआई के फैसले को समझना मुश्किल है क्यों कि वह खुद स्वीकार कर रहा है कि आर्थिक वृद्धि दर में उल्लेखनीय गिरावट के बीच थोक और खुदरा स्तर पर मुद्रास्फीति का उंचा बने रहना आपूर्ति की बाधाओं की ओर इशारा करता है।’ रिजर्व बैंक ने हालांकि ब्याज दरों में कोई छेड़छाड़ न करने के फैसले का यह कहते हुए समर्थन किया है कि वृद्धि-मुद्रास्फीति की मौजूदा स्थिति में वृद्धि दर में नरमी के लिए कई तत्व जिम्मेदार हैं। विशेषतौर पर निवेश, जबकि ब्याज दर की भूमिका अपेक्षाकृत कम है। फिक्की ने कहा कि यह बिल्कुल साफ नहीं है कि कैसे आपूर्ति बाधाओं और महंगी सब्जियां व प्रोटीन वाले उत्पाद के दामों में तेजी के दौर में उंची ब्याज दर के साथ मुकाबला किया जाए। उद्योग मंडल ने कहा कि रिजर्व बैंक की उच्च ब्याज दर की नीति के साथ सुधार की कमी के कारण अर्थव्यवस्था लंबे समय तक वृद्धि दर में कमी और उंची मंहगाई दर के दौर में फंसी है । यह हमें किसी बड़े संकट के करीब ले जाएगी। फिक्की के महासचिव राजीव कुमार ने कहा, ‘रेपो दर में कटौती करना समय की मांग थी। यह वृद्धि दर बढाने में सहायक होती।’
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20-06-2012, 01:21 AM | #10796 |
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वित्तीय साख पर अब फिच का बट्टा, गेल, आईओसी, एनटीपीसी की रेटिंग भी घटाई
नयी दिल्ली। एसएण्डपी के बाद वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत की वित्तीय साख पर लाल घेरा लगा दिया है। फिच ने भ्रष्टाचार, अपर्याप्त सुधार, उंची मुद्रास्फीति और वृद्धि दर में गिरावट का हवाला देते हुए कहा है कि देश की वित्तीय आने वाले समय में और बिगड़ सकती है। रेटिंग एजेंसी ने सार्वजनिक क्षेत्र की गेल, इंडियन आयल, एनटीपीसी एवं चार अन्य कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग का परिदृश्य भी घटा दिया है। हालांकि, उसने कहा कि भारत की रेटिंग परिदृश्य से निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रभावित नहीं होगी। इस बीच, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि फिच की कार्रवाई पुराने आंकड़ों पर आधारित है। उसने अर्थव्यवस्था में हाल ही में आए सकारात्मक रुख को नजरअंदाज किया है। मुखर्जी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘जहां बाजार पहले ही यह अनुमान लगा चुका था कि फिच परिदृश्य में संशोधन करेगी। इसलिए, इस घोषणा में कोई चौकाने वाली बात नहीं है। यह देखने वाली बात है कि फिच ने पुराने आंकड़ों पर भरोसा किया और भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल के सकारात्मक रुखों को नजरअंदाज किया।’ वित्त मंत्री ने कहा कि फिच ने हाल ही में सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों पर ध्यान नहीं दिया। मसलन, फर्टिलाइजर सब्सिडी सुधार, नयी विनिर्माण व दूरसंचार नीतियां आदि। ‘इसने (फिच) भारत में लोक वित्त की मजबूती की प्रक्रिया पर ध्यान नहीं दिया। साथ ही इसने सरकारी ऋण..जीडीपी अनुपात में हाल ही में आई कमी को भी नजरअंदाज किया।’ फिच की इस तरह की साख से वैश्विक बाजार में भारत के सरकारी गैर सरकारी प्रतिष्ठानों के लिए कर्ज की दर महंगी हो सकती है। भारत की वित्तीय साख के परिदृश्य को ‘स्थिर’ से ‘प्रतिकूल’ वर्ग में डालते हुए फिच ने कहा कि भारत को धीमी वृद्धि दर और उंची मुद्रास्फीति के विचित्र संयोग का सामना करना पड़ रहा है। देश को निवेश वातावरण के आसपास भ्रष्टाचार और अपर्याप्त आर्थिक सुधार के रूप में ढांचागत चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर, मुखर्जी ने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने आर्थिक वृद्धि की संभावना, मुद्रास्फीति दबाव और कमजोर सरकारी वित्त पर जो चिंता व्यक्त की है, उस पर सरकार पहले से ध्यान दे रही है। इससे पहले, अप्रैल में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) भी भारत की साख का परिदृष्य स्थायी से घटाकर नकारात्मक कर चुकी है। उसने 11 जून को चेतावनी भी दी कि भारत की के्रडिट रेटिंग निवेश ग्रेड से नीचे ‘सट्टेबाजी’ की श्रेणी में रखी जा सकता है और भारत निवेश स्तर की साख गंवाने वाला पहला ‘ब्रिक देश’ (ब्राजील, रुस, भारत, चीन) में पहला देश बन सकता है। फिच ने कहा, ‘परिदृश्य में संशोधन इस बात का संकेत देता है कि अगर आगे ढांचागत सुधार के कदम नहीं उठाए जाते हैं तो भारत की मध्यम से दीर्घकालीन वृद्धि दर की संभावना और खराब होगी।’
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20-06-2012, 01:21 AM | #10797 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
रिजर्व बैंक के रुख से बैंकर निराश, लेकिन अर्थशास्त्रियों ने की सराहना
मुंबई। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में जो रुख अपनाया उससे बैंकरों को निराशा हुई है क्योंकि वे दरों में कटौती की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने मुद्रास्फीति दबाव व किसी विश्वसनीय राजकोषीय उपायों की कमी के मद्देनजर रिजर्व बैंक के कदम की सराहना की। इंडियन ओवरसीज बैंक के सीएमडी एम. नरेंद्र ने बताया, ‘हम थोड़े आशावादी थे, लेकिन रिजर्व बैंक ने बहुत संतुलित रुख अपनाया क्योंकि उसने वृहद स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण कर ऐसा किया।’ आंध्रा बैंक के सीएमडी बी.ए. प्रभाकर ने कहा, ‘यह साफ है कि रिजर्व बैंक के लिए मुद्रास्फीति अब भी प्राथमिक चिंता है। उन्हें लगता है कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना वृद्धि दर को बढाने से अधिक महत्वपूर्ण है।’ हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक के कदम की सराहना की। कोटक बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रानी पान ने कहा, ‘यह एक बहुत उद्देश्यपूर्ण नीति है और यह देखकर अच्छा लगा कि रिजर्व बैंक बाजार के दबाव के आगे नहीं झुका।’ क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने कहा, ‘इस कदम से घरेलू निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।’
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20-06-2012, 01:22 AM | #10798 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
रिजर्व बैंक ने आरआरबी से आवास रिण के समय पूर्व भुगतान पर जुर्माना न लेने को कहा
नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) से फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले आवास रिण के समय से पहले भुगतान पर जुर्माना न वसूलने को कहा । रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है, यह फैसला किया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले आवास रिण के समय से पहले भुगतान पर जुर्माना लेने की अनुमति नहीं होगी।’’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि कई बैंकों ने हाल के समय में स्वैच्छिक आधार पर समय से पहले रिण के भुगतान पर जुर्माना लेना बंद कर दिया है, लेकिन पूरी बैंकिंग प्रणाली में इसे एक समान करने की जरूरत है।
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20-06-2012, 01:22 AM | #10799 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
तीन साल में 1,900 नौकरियां समाप्त करेगी फेयरफैक्स मीडिया
सिडनी/नयी दिल्ली। ‘द सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड’ तथा ‘द एज’ जैसे प्रकाशनों की मालिक कंपनी फेयरफैक्स ने लागत में कटौती के उपायों के तहत अगले तीन साल में अपने 1,900 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। नौकरियों में कटौती के अलावा फेयरफैक्स ने अपने कारोबार में चार प्रमुख बदलावों की भी घोषणा की है। इसके तहत उसने अपने मुख्य समाचार पत्रों ‘द सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड’ तथा ‘द एज’‘ को काम्पैक्ट फार्म में प्रकाशित करने की घोषणा की है। इसके अलावा कंपनी चुलोरा तथा तुलामैरिन में अपनी दो प्रमुख प्रकाशन सुविधा को भी 2014 तक बंद करेगी। कंपनी ने कहा है कि इन उपायों से 2015 तक उसे सालाना 23.5 करोड़ डालर की बचत होगी। इसमें से 21.5 करोड़ डालर की बचत तो उसे 2014 से ही होने लगेगी।
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20-06-2012, 01:23 AM | #10800 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
रिजर्व बैंक ने सभी बातों को ध्यान में रखकर ब्याज दरों के बारे में किया होगा फैसला : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों का अपरिवर्तित रखने का फैसला करते समय सभी बातों को ध्यान में रखा होगा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘रिजर्व बैंक एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकार है। यदि उसने कोई निर्णय किया है तो उसने सभी बातों को ध्यान में रखा होगा ...यदि यूरो क्षेत्र में संकट है तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’ उन्होंने इस आलोचना का प्रतिवाद किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही है। उन्होंने दलील दी कि देश की अर्थव्यवस्था ने पिछले आठ साल में काफी अच्छा किया है। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में कई देशों की सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर का हवाला दिया। तिवारी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने संप्रग के नेतृत्व में काफी बेहतर किया है।
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