28-04-2013, 01:49 PM | #101 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
घर मंदर खुसी नाम की नदरि तेरी परवारु ॥ हुकमु सोई तुधु भावसी होरु आखणु बहुतु अपारु ॥ नानक सचा पातिसाहु पूछि न करे बीचारु ॥४॥ बाबा होरु सउणा खुसी खुआरु ॥ जितु सुतै तनु पीड़ीऐ मन महि चलहि विकार ॥१॥ |
28-04-2013, 01:50 PM | #102 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
रहाउ ॥४॥७॥
सिरीरागु महला १ ॥ कुंगू की कांइआ रतना की ललिता अगरि वासु तनि सासु ॥ अठसठि तीर्थ का मुखि टिका तितु घटि मति विगासु ॥ ओतु मती सालाहणा सचु नामु गुणतासु ॥१॥ बाबा होर मतिहोर होर ॥ जे सउ वेर कमाईऐ कूड़ै कूड़ा जोरु ॥१॥ |
28-04-2013, 01:50 PM | #103 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
रहाउ ॥
पूज लगै पीरु आखीऐ सभु मिलै संसारु ॥ नाउ सदाए आपणा होवै सिधु सुमारु ॥ जा पति लेखै ना पवै सभा पूज खुआरु ॥२॥ जिन कउ सतिगुरिथापिआ तिन मेटि न सकै कोइ ॥ ओना अंदरि नामु निधानु है नामो परगटु होइ ॥ नाउ पूजीऐ नाउमंनीऐ अखंडु सदा सचु सोइ ॥३॥ खेहू खेह रलाईऐ ता जीउ केहा होइ ॥ जलीआ सभि सिआणपाउठी चलिआ रोइ ॥ नानक नामि विसारिऐ दरि गइआ किआ होइ ॥४॥८॥ |
28-04-2013, 01:50 PM | #104 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
सिरीरागु महला १ ॥
गुणवंती गुण वीथरै अउगुणवंती झूरि ॥ जे लोड़हि वरु कामणी नह मिलीऐ पिर कूरि ॥ नाबेड़ी ना तुलहड़ा ना पाईऐ पिरु दूरि ॥१॥ मेरे ठाकुर पूरै तखति अडोलु ॥ गुरमुखि पूरा जे करेपाईऐ साचु अतोलु ॥१॥ |
28-04-2013, 01:50 PM | #105 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
रहाउ ॥
प्रभु हरिमंदरु सोहणा तिसु महि माणक लाल ॥ मोती हीरा निरमलाकंचन कोट रीसाल ॥ बिनु पउड़ी गड़ि किउ चड़उ गुर हरि धिआन निहाल ॥२॥ गुरु पउड़ी बेड़ीगुरू गुरु तुलहा हरि नाउ ॥ गुरु सरु सागरु बोहिथो गुरु तीरथु दरीआउ ॥ जे तिसु भावै ऊजलीसत सरि नावण जाउ ॥३॥ पूरो पूरो आखीऐ पूरै तखति निवास ॥ पूरै थानि सुहावणै पूरै आसनिरास ॥ नानक पूरा जे मिलै किउ घाटै गुण तास ॥४॥९॥ |
28-04-2013, 01:50 PM | #106 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
सिरीरागु महला १ ॥
आवहु भैणेगलि मिलह अंकि सहेलड़ीआह ॥ मिलि कै करह कहाणीआ सम्रथ कंत कीआह ॥ साचे साहिब सभिगुण अउगण सभि असाह ॥१॥ करता सभु को तेरै जोरि ॥ एकु सबदु बीचारीऐ जा तू ता किआ होरि ॥१॥ |
28-04-2013, 01:51 PM | #107 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
रहाउ ॥
जाइ पुछहु सोहागणी तुसी राविआ किनी गुणीं ॥ सहजि संतोखि सीगारीआ मिठा बोलणी ॥ पिरुरीसालू ता मिलै जा गुर का सबदु सुणी ॥२॥ केतीआ तेरीआ कुदरती केवड तेरी दाति ॥ केते तेरेजीअ जंत सिफति करहि दिनु राति ॥ केते तेरे रूप रंग केते जाति अजाति ॥३॥ सचु मिलै सचु ऊपजैसच महि साचि समाइ ॥ सुरति होवै पति ऊगवै गुरबचनी भउ खाइ ॥ नानक सचा पातिसाहु आपेलए मिलाइ ॥४॥१०॥ |
28-04-2013, 01:51 PM | #108 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
सिरीरागु महला १ ॥
भली सरी जि उबरी हउमै मुई घराहु ॥ दूत लगेफिरि चाकरी सतिगुर का वेसाहु ॥ कलप तिआगी बादि है सचा वेपरवाहु ॥१॥ मन रे सचु मिलै भउजाइ ॥ भै बिनु निरभउ किउ थीऐ गुरमुखि सबदि समाइ ॥१॥ |
29-04-2013, 09:53 PM | #109 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
रहाउ ॥
केता आखणु आखीऐआखणि तोटि न होइ ॥ मंगण वाले केतड़े दाता एको सोइ ॥ जिस के जीअ पराण है मनि वसिऐ सुखुहोइ ॥२॥ जगु सुपना बाजी बनी खिन महि खेलु खेलाइ ॥ संजोगी मिलि एकसे विजोगी उठि जाइ ॥ जो तिसु भाणा सो थीऐ अवरु न करणा जाइ ॥३॥ गुरमुखि वसतु वेसाहीऐ सचु वखरु सचु रासि ॥ जिनी सचु वणंजिआ गुर पूरे साबासि ॥ नानक वसतु पछाणसी सचु सउदा जिसु पासि ॥४॥११॥ |
29-04-2013, 09:53 PM | #110 |
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Re: Siri Guru Granth Sahib in Devanagari
सिरीरागु महलु १ ॥
धातु मिलै फुनि धातु कउ सिफती सिफति समाइ ॥ लालु गुलालु गहबरासचा रंगु चड़ाउ ॥ सचु मिलै संतोखीआ हरि जपि एकै भाइ ॥१॥ भाई रे संत जना की रेणु ॥ संतसभा गुरु पाईऐ मुकति पदार्थु धेणु ॥१॥ |
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