28-02-2011, 09:18 PM | #1091 |
Special Member
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साक्षात्कार
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Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
04-03-2011, 08:04 AM | #1092 |
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Re: साक्षात्कार
फोरम पर सब एक दूसरे की मदद करते है
क्या सच मे
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Gaurav kumar Gaurav |
04-03-2011, 09:24 AM | #1093 |
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Re: साक्षात्कार
हाँ अक्सर ऐसा होता ही है , इस फोरम के कई लोग एक दूसरे से व्यक्तिगत रूप से मिलें हैं ऐसे में वो आपस में मदद के लिए तैयार तो होंगे ही ! सिर्फ उन्ही की बात ही नहीं है अक्सर दूसरे चाहते हैं मदद करना , पर ही व्यवहारिक न रहकर अपना नुक्सान करना चाहते हैं ! जहाँ तक मात्र और मात्र इस फोरम की बात है तो मानसिक मदद का आभास हमें होता है ! अब ऐसे में कोई चाहे कितना विरोधी हो , परन्तु ये मेष लगता है की अमुक व्यक्ति ज़रूरत पड़ने पर साथ होगा ! यही मानसिक बल है और फोरम के सदस्यों की आपस में ही देन है !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
04-03-2011, 09:38 AM | #1094 |
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Re: साक्षात्कार
क्या इन्सान अपनी गलती से ही सीक लेता है दूसरो की गलती से नही इसपे आपका क्या मत है
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Gaurav kumar Gaurav |
04-03-2011, 10:15 AM | #1095 |
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Re: साक्षात्कार
आप अपने आपको आने वाले १० सालों में कहाँ देखते हैं ?
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04-03-2011, 10:23 AM | #1096 |
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Re: साक्षात्कार
देश की स्थिति देख कर कुछ ठीक नही कह सकते है
फिर भी हम बिकसित के मार्ग पर चल रहे है और 10 सालो मे अन्य देशो के मुकाबले मे होगा
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Gaurav kumar Gaurav |
04-03-2011, 10:37 AM | #1097 | |
Diligent Member
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Re: साक्षात्कार
Quote:
थोमस एडिसन ने बड़ी बेबाकी से उत्तर दिया- '' मै तो कभी असफल हुआ ही नहीं , १२०० प्रयोग मेरे असफल नहीं गए, उन १२०० प्रयोगों से मैंने यह भी जाना की बल्ब इन १२०० तरीको से नहीं बन सकता है ! मेरे लिए तो यह भी ज्ञात करना एक सफलता है ! भोलू जी ऐसा नहीं है की लोग अपनी ही गलती से सीखते हैं , बुद्धजीवी दूसरों की गलतियो से भी सीखते हैं परन्तु अपने द्वारा की गई गलती हमें ज्यदा आतंरिक समझ की ओर ले जाती है ! जैसे की किसी दूसरे को किस पहाड़ पर असफलता से चढ़ते देखकर हमें आभास होता है की ऐसे नहीं ऐसा करना चाहिए था , पर स्वयं का वक्त आने पर हम कभी कभी उससे ज्यादा भी असफल हो जाते हैं ! दूसरे की गलतियाँ सिर्फ हमें अंजाम का बोध कराती हैं पर खुद की गलतियाँ हमें आत्मबोध भी कराती है ! ऐसे में मेरा तो मानना है की व्यक्ति दूसरे की गलती से ज्यादा स्वयं की गलतियो से सीखता है ! और खुद कोई गलती न करे इसलिए वो दूसरों की गलती से सिखने का प्रयास करता है !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
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04-03-2011, 10:42 AM | #1098 |
Diligent Member
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Re: साक्षात्कार
एक सफल चलचित्र निर्माता के रूप में एवम एक खुशहाल परिवार में , जहाँ अभाव भी न हो और इतना भी नहीं की और बनाने के चक्कर में छोटी छोटी खुशियाँ मर जाएँ !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
07-03-2011, 09:26 AM | #1099 |
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Re: साक्षात्कार
देश किन कारणो से पीछे है
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Gaurav kumar Gaurav |
07-03-2011, 01:14 PM | #1100 |
Diligent Member
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Re: साक्षात्कार
एक चैन सर्कुलेशन है भोलू जी, आप एक कारण गिनेंगे तो उसका जनक सामने आएगा , जनक पर जायेंगे तो उसका ...इस प्रकार यही चक्र हमें कारण पर ही पहुंचा देगा !
आप अशिक्षा को कहेंगे तो भ्रष्टाचार सामने आएगा , भ्रष्टाचार को कहेंगे तो व्यक्तिवाद, व्यक्तिवाद तो अर्थवाद, अर्थवाद तो वर्ग विभाजन और आर्थिक स्तर, आर्थिक स्तर तो बेरोजगारी , बेरोजगारी तो आर्थिक असमानता एवं अशिक्षा...कैसे ठहराव लायेंगे किसी एक समस्या पर? सचा तो यह है की एक विस्फोटक बदलाव की आव्यशकता है, जहाँ सब फिर से शुरू किया जाए...बस जितने भी नज़र आयें उतने ही कारण है !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
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