22-02-2011, 09:41 PM | #11041 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
22-02-2011, 09:41 PM | #11042 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
[QUOTE=sagar -;52638]इसका जवाब तो सिकंदर जी ही दे सकते हैं
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22-02-2011, 09:43 PM | #11043 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
[QUOTE=khalid1741;52643]लेकिन मैने भी अभय कहा था सागर भाइ कहे थे हमसफर भाइ को
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
22-02-2011, 09:43 PM | #11044 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
क्या फोटो लगाया है खालिद भाई आपना वाहह
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Gaurav kumar Gaurav |
22-02-2011, 09:44 PM | #11045 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
चाँदी की क्या बात हैँ आपके लिए तो सोना हिरे जवाहारात पन्ने ना जाने क्या क्या हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
22-02-2011, 09:44 PM | #11046 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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22-02-2011, 09:47 PM | #11047 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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22-02-2011, 09:47 PM | #11048 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
क्या बात करते हो यार इतने अच्छे भी नहीँ हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
22-02-2011, 09:48 PM | #11049 | |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
Quote:
हम जब भी इधर उधर जाते हैं तो हर जगह से नए नए आइडिया निकालने की कोशिश करते रहते हैं और यही सोचते हैं की किस तरीके से हमारा फोरम दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करे और ये फोरम एक दिन अंतरजाल पर इस तरह फैले की कोई भी इससे बच ना पाए
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22-02-2011, 09:50 PM | #11050 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
[QUOTE=bhoomi ji;52647]क्योँ हमारे पे यकिन नहीँ हैँ क्या
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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