02-07-2012, 01:25 AM | #11251 |
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हैदराबाद। राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी ने इस पद के लिए 19 जुलाई को होने जा रहे चुनावों के प्रचार के सिलसिले में यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों से मुलाकात की। चेन्नई से यहां पहुंचे मुखर्जी ने यहां के जुबली हाल में केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के विधायकों से मुलाकात की। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में 77 वर्षीय मुखर्जी ने खुद को समर्थन दे रहे सभी दलों के प्रति आभार व्यक्त किया। तृणमूल कांग्रेस का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि उन दलों से भी उन्होंने खुद को समर्थन की अपील की है जिन्होंने अभी तय नहीं किया है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसे समर्थन दिया जाए। भाजपा, बीजद और अन्नाद्रमुक समर्थित प्रत्याशी पी ए संगमा ने शीर्ष संवैधानिक पद पर चुने जाने की संभावना के बारे में कथित टिप्पणी की थी। इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं नहीं जानता, न मैं चमत्कारों में विश्वास करता हूं। इस बीच, मुखर्जी, मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी और अन्य नेताओं के जुबली हाल से जाते ही बैठक स्थल में आग लग गई। दमकल कर्मियों ने जल्द ही आग बुझा ली। द्रमुक को संप्रग का ‘स्थिर सहयोगी’ बताते हुए मुखर्जी ने तमिलनाडु से अपना प्रचार अभियान शुरू किया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह हैदराबाद प्रवास के दौरान अन्य दलों के साथ भी बैठक करेंगे, मुखर्जी ने कहा कि शहर में स्थित ‘मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलीमीन’ कांग्रेस की एक सहयोगी है। संप्रग की घटक एमआईएम ने पहले ही मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है।
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02-07-2012, 01:26 AM | #11252 |
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सीएसडी घोटाले में वरिष्ठ प्रबंधक शामिल
मुंबई। सीबीआई ने सुरक्षा बलों की कैंटीन में जाने वाली वस्तुओं की मांग के संदर्भ में कुछ चुनिंदा ब्रांड के प्रचार की एवज में घूस लेने के आरोप में रक्षा मंत्रालय के कैंटीन स्टोर विभाग (सीएसडी) के एक महाप्रबंधक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि संयुक्त महाप्रबंधक विकास रंजन दासचौधरी को गिरफ्तार किया गया है। यह अधिकारी ब्रिगेडियर स्तर का है। इसके अलावा निजी कंपनी संकल्प कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के मिलिंद गोविलकर और दो अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह की जानकारी मिली थी कि इस कंपनी ने एक मार्केटिंग इकाई की तरह काम किया और सीएसडी की नीति के खिलाफ जाकर गैर कानूनी ढंग से खुद को कई कंपनियों के प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया। इस कथित घोटाले की जानकारी मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि गोविलकर और सीएसडी के कुछ अधिकारियों के जरिए संकल्प ने साजिश रची और सीएसडी में वस्तुओं की मांग के संदर्भ में अपनी ग्राहक कंपनियों को लाभ पहुंचाया। सीएसडी का मुख्यालय मुंबई में है।
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02-07-2012, 01:26 AM | #11253 |
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अबू जंदल ने नेपाल में लश्कर से सीखा था आतंक का पहला पाठ
नई दिल्ली। मुम्बई पर 26 नवम्बर 2008 को हमला करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान से दिशा निर्देश दे रहे और अब भारत की गिरफ्त में आए अबू जंदल ने आतंकवाद का पहला पाठ उस समय सीखा था जब लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद असलम उर्फ असलम कश्मीरी ने नेपाल में 2004 में उसके लिए हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था की। तीस वर्षीय जंदल ने जांच कर रहे अधिकारियों को बताया कि उसे राजौरी, जम्मू कश्मीर के हसप्लोते निवासी असलम कश्मीरी ने ‘जेहाद’ का पाठ पढ़ाया था। गृह मंत्रालय को सौंपी गई उसकी पूछताछ रिपोर्ट के अनुसार अबू जंदल उर्फ जबीउद्दीन ने कहा कि पुंछ क्षेत्र के जरिए सीमा पार कराने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात के चार युवक 2004 में असलम कश्मीरी को सौंपे गए थे लेकिन सेना ने उन्हें मार गिराया जिससे कश्मीरी की भूमिका को लेकर संदेह पैदा हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि असलम कश्मीरी ने जबीउद्दीन और फैयाज कागजी से पुन: संपर्क किया और उनसे हथियार प्रशिक्षण के लिए अपने साथ चलने को कहा, लेकिन चार युवकों के मारे जाने की घटना से यह संदेह पैदा हो गया था कि हो सकता है कि असलम कश्मीरी सेना के लिए काम कर रहा हो। जबीउद्दीन ने जांचकर्ताओं को बताया कि इस पर असलम ने अपने बारे में यह साबित करने के लिए कि वह आतंकी समूह के लिए ही काम करता है, उनकी बात फोन पर पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा के शीर्ष आतंकियों से कराई। इसके बाद बीड़ , महाराष्ट्र निवासी जबीउद्दीन चार लोगों के साथ नेपाल रवाना हुआ जहां उन्हें हथियार चलाने एवं आईईडी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। सूत्रों ने बताया कि अपनी वापसी के बाद जबीउद्दीन ने और अधिक युवकों की विचारधारा को बदलने का काम शुरू कर दिया, ताकि आतंकी नेटवर्क का विस्तार किया जा सके। उन्नीस फरवरी 2006 को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट की जांच के दौरान पता चला कि वह आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। उन्नीस फरवरी 2006 को तड़के एक बजकर 43 मिनट पर स्टेशन पर जबर्दस्त विस्फोट हुआ था । इसमें 25 लोग घायल हो गए थे। यह सौभाग्य की बात थी कि उस दिन रविवार होने के कारण स्टेशन पर ज्यादा लोग नहीं थे। पूछताछ में जबीउद्दीन ने दावा किया कि आईईडी का टाइमर सेट करने में थोड़ी गलती हो गई थी जिससे धमाका समय से पहले ही हो गया। बम दोपहर बाद फटना था जब स्टेशन पर ज्यादा भीड़ होती है। जांच में पता चला कि इस मामले में बम बनाने वाला जबीउद्दीन था। बाद में इसकी पुष्टि असलम कश्मीरी ने भी कर दी जिसे केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से मिली गुप्त सूचना के बाद 25 अगस्त 2009 को दिल्ली रेलवे स्टेशन से महाराष्ट्र जाते समय गिरफ्तार किया गया था। असलम कश्मीरी जबीउद्दीन के सहयोग से महाराष्ट्र एवं गुजरात में हथियार एवं गोला बारूद की आपूर्ति भी करता था। खुफिया एजेंसियों ने समय पर नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर 43 किलोग्राम आरडीएक्स, 16 एके 47 असाल्ट राइफलें, 3200 गोलियां और 50 हथगोले बरामद करने में सफलता पाई। हालांकि, जबीउद्दीन और असलम कश्मीरी अंधेरे का लाभ उठाकर चकमा देने में सफल हो गए। असलम कश्मीरी को लश्कर ए तैयबा का कट्टर आतंकवादी माना जाता है जो अपने आतंकी समूह के जिला कमांडर हुफेजा शाह के मारे जाने के बाद प्रसिद्ध होना चाहता था। उत्तर प्रदेश से अरबी भाषा में स्नातकोत्तर उपाधि रखने वाला असलम औरंगाबाद में हथियार जब्त होने के बाद 2006 से घर से लापता हो गया था और दिल्ली में उसकी गिरफ्तारी तक उसे खूंखार आतंकवादी माना जाता था।
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02-07-2012, 01:27 AM | #11254 |
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सोनिया पर टिप्पणी से कलाम पर बरसे शरद यादव
नई दिल्ली। जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पर उनकी इन टिप्पणियों के लिए हमला किया कि 2004 में वह सोनिया गांधी के खिलाफ जबर्दस्त लॉबिंग के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त करने को तैयार थे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक शरद यादव ने कहा कि कलाम की अन्तरात्मा देर से जगी है। यह खुद के अभ्युदय के लिए हैं। हम उनका बहुत सम्मान करते थे, लेकिन इस तरह की टिप्पणियों के बाद अब बहुत दुखी हैं। राजग के कार्यकाल में राष्ट्रपति बने कलाम के खिलाफ जद (यू) प्रमुख की टिप्पणी पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किताब में यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को लेकर कुछ हल्कों में जबर्दस्त राजनीतिक विरोध के बावजूद वह 2004 में उन्हें बिना किसी झिझक के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए तैयार थे। अपनी पुस्तक ‘टर्निंग प्वाइंट्स’ में कलाम ने यह भी कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 2002 के दंगों के बाद उनकी गुजरात यात्रा के पक्ष में नहीं थे। कलाम की इस टिप्पणी पर कांग्रेस को वाजपेयी की ‘राजधर्म’ वाली नसीहत पर सवाल उठाने का मौका मिल गया। यह सलाह वाजपेयी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दी थी। शरद ने यह भी पूछा कि कलाम आठ साल तक चुप क्यों रहे, जब राजनीतिक जगत में ‘अफवाहों और चर्चाओं का दौर जारी था।’ शरद ने कहा कि संवैधानिक प्रमुख को सच तभी बोलना चाहिए जब इसकी जरूरत हो। अन्तरात्मा की आवाज पर बोलने का तब कोई मतलब नहीं है जब उससे आपका हितसाधन हो। गांधी जी अपनी अन्तरात्मा के अनुरूप तत्काल बोला करते थे। कलाम ने उस समय अपनी अन्तरात्मा की आवाज को क्यों मार दिया। जद (यू ) प्रमुख ने आठ साल बाद सच बोलने का कारण जानना चाहा। उन्होंने कहा कि सच तभी बोलना चाहिए जब इसकी आवश्यकता हो। यदि यह तब बोला जाता है जब इसकी जरूरत नहीं हो तो यह दिखावा होता है। राष्ट्रपति भवन में बैठे व्यक्ति का दायित्व है कि वह इन हालात में सच बोले और सच बोलने के लिए किसी अवसर का इंतजार नहीं करे।
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02-07-2012, 01:27 AM | #11255 |
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राष्ट्रमंडल खेल मामला: शहरी विकास मंत्रालय पीएसी जांच के दायरे में
नई दिल्ली। साल 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए जिम्मेदार शहरी विकास मंत्रालय की भूमिका लोक लेखा समिति (पीएसी) की जांच के दायरे में आ गई है। उसने पर्यावरण अनुमति हासिल करने में विलंब और ठेका देने में एक निजी कंपनी पर अनुचित कृपादृष्टि करने के सम्बंध में कुछ गंभीर मुद्दों की ओर इशारा किया है। अनुमति हासिल करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से संपर्क करने में ‘अत्यधिक विलंब’ के सम्बंध में लोक लेखा समिति की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि देरी डीडीए के नियंत्रण से बाहर थी क्योंकि कई एजेंसियों यथा आयोजन समिति, यमुना स्थाई समिति, केंद्रीय जल आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसमें शामिल थीं और उनसे इस प्रक्रिया में संपर्क किया जाना था। शहरी विकास मंत्रालय ने भारतीय खेल प्राधिकरण के नौ स्टेडियम और कादरपुर में बिग बोर शूटिंग रेंज के निर्माण में सीपीडब्ल्यूडी के कार्यों की निगरानी की थी। मंत्रालय डीडीए के जरिए कई स्टेडियमों के निर्माण और अक्षरधाम मंदिर के निकट खेल गांव के विकास के लिए भी जिम्मेदार था। अपने जवाब में विभिन्न मुद्दों पर मंत्रालय के चुप्पी साधने पर पीएसी ने उससे कहा है कि वह स्पष्ट करे कि क्या उसने शुरुआत में वसंत कुंज में 5009 कमरों का लक्ष्य रखा था जबकि अंतत: करीब 1200 कमरे दिए गए। भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली पीएसी सोमवार को खेलों पर कैग रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय के अधिकारियों से पूछताछ करेगी। यह रिपोर्ट पिछले साल संसद में रखी गई थी। पूर्व योग्यता और तकनीकी योग्यता के मामले में एम्मार एमजीएफ पर ‘अनुचित कृपादृष्टि’ किए जाने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि चूंकि डीएलएफ लिमिटेड द्वारा सौंपी गई बोली सशर्त थी इसलिए उसे सीधे तौर पर खारिज कर दिया गया। उसने कहा कि चूंकि डीडीए ने सशर्त बोली कभी स्वीकार नहीं की और एम्मार एमजीएफ की बोली सशर्त नहीं थी या उसमें कोई कमी नहीं थी इसलिए उसे सफल घोषित कर दिया गया। डिजाइन, गुणवत्ता और मात्रा की जांच नहीं कराए जाने के मुद्दे पर समिति को सूचित किया गया कि कंपनी (जी एल इवेंट्स सर्विसेज) ने डिजाइन सौंपी थी और आईआईटी दिल्ली को प्रूफ जांच के लिए आवश्यक शुल्क अदा किया था। चूंकि आईआईटी बहुत अधिक समय ले रही थी इसलिए समय सीमा के तहत पूरा करने के लिए एजेंसी को ढांचा खड़ा करने की इजाजत दी गई। मंत्रालय ने कहा कि यह स्थापित हुआ है कि कंपनी द्वारा खड़े किए गए ढांचे सुरक्षित थे।
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02-07-2012, 01:28 AM | #11256 |
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पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के झटके
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए लेकिन जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा में भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर आ गए। असम के कई हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। उसका केंद्र ऊपरी असम में मजूली द्वीप में था। राज्य के निचले हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अरुणाचल प्रदेश में रिक्टर पैमाने पर 4.8 तीव्रता वाला भूकंप आया। नई दिल्ली में मौसम विभाग ने अरुणाचल में आए भूकंप की तीव्रता हल्की बताई। इसका केंद्र जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इंफाल से प्राप्त खबर के मुताबिक मणिपुर में भी रविवार प्रात: पौने दस बजे भूकंप आया। मौसम विभाग ने बताया कि नगालैंड के फेक में प्रात: नौ बजकर 44 मिनट पर 5.8 तीव्रता वाला भूकंप आया। फेक कोहिमा के पूर्व में करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर है। इसका केंद्र जमीन के नीचे 50 किलोमीटर की गहराई पर था। पूरे राज्य में भूकंप का असर देखा गया और कोहिमा में लोग अपने घर से बाहर निकल आए। शिलांग से प्राप्त खबर के मुताबिक भूकंप के बाद लोग खुले में आ गए। अधिकारियों के अनुसार किसी भी पूर्वोत्तर राज्य से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
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02-07-2012, 01:28 AM | #11257 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस की मालवाहक बोगी पटरी से उतरी
राउरकेला। अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस की मालवाहक बोगी राउरकेला-राजगंगपुर मार्ग पर सोनखान स्टेशन के नजदीक पटरी से उतर गई जिससे रेल यातायात प्रभावित रहा। हालांकि घटना में कोई घायल नहीं हुआ है न ही रेलगाड़ी की कोई अन्य बोगी क्षतिग्रस्त हुई है। घटना के बाद बोगी को अलग कर लिया गया है और कुछ समय बाद रेलगाड़ी को आगे जाने की अनुमति दे दी गई। एक पटरी फिलहाल काम कर रही है और दूसरी पर यातायात बहाल करने का प्रयास जारी है। दिन के समय इस मार्ग पर यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम रहती है।
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02-07-2012, 01:29 AM | #11258 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
केंद्र ने राज्यों से अक्षम नौकरशाहों को सेवानिवृत्त करने को कहा
नई दिल्ली। प्रशासन में उच्चस्तरीय दक्षता बरकरार रखने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों से अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करने को कहा है ताकि अक्षम अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया जा सकता है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक संदेश में सेवा में कम से कम 15 साल पूरा करने वाले आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करने को कहा है। विभाग में अतिरिक्त सचिव डॉ. एस के सरकार ने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के सदस्य जिन्होंने विशिष्ट सेवा के 15 साल पूरे किए हों या विशिष्ट सेवा के 25 साल पूरे किए हों या 50 वर्ष के हो चुके हों, निर्विवाद रूप से एक वरिष्ठ प्रशासनिक पद ग्रहण करने के लिए ढूंढ़े जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि वरिष्ठ स्तर पर तैनात अधिकारी केवल मूकदर्शक बने रहे। उनको पता होना चाहिए कि ‘पीटर सिद्धांत’ लागू हो सकता है। ‘पीटर सिद्धांत’ मनोविज्ञानी लारेंज जे पीटर और रेमंड हल ने 1969 में दिया था। इसके तहत संगठन में किसी कर्मचारी की प्रोन्नति सफलता, योगदान और गुणों पर आधारित होने के साथ ही ज्यादा क्षमता के साथ काम करने को लेकर भी थी। जनवरी में केंद्र ने अखिल भारतीय सेवा नियम 16 (तीन) में संशोधन किया था जिसमें अर्हक सेवा के 30 वर्ष पूरा होने के बाद ही प्रदर्शन की समीक्षा की अनुमति थी। नए नियम में सरकार को ‘जनहित’ में कम से कम 15 साल नौकरी कर चुके ऐसे अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने की शक्ति है। अधिकारी के सेवा में 25 साल पूरा करने या 50 वर्ष की उम्र होने पर सरकार एक बार फिर इस तरह की समीक्षा कर सकती है। निर्देश में कहा गया है कि कभी-कभार ऐसा पाया जाता है कि अखिल भारतीय सेवा के कुछ सदस्य, जिस पद पर सदस्य को तैनात किया गया है ‘यात्री’ बनकर रह जाते हैं। डीओपीटी ने वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट या प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में ‘औसत’ मूल्यांकन उल्लेख या पूरे ग्रेड के बारे में अधिकारियों की कार्यक्षमता पर भी संदेह जाहिर किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जारी परिपत्र में डीओपीटी ने कहा है कि सदस्य की अखिल भारतीय सेवा औसत करार दिया जाना प्रशंसात्मक नहीं हैं। हालांकि यह प्रतिकूल टिप्पणी नहीं हो सकती, फिर भी उनके कार्य या आचरण का प्रतिबिंब है। इसमें कहा गया कि बिना किसी उल्लेखनीय उपलब्धि के पांच-सात साल तक ‘योग्य’ या ‘संतोषप्रद’ टिप्पणी से सदस्य के ठहर जाने का सूचक होगा। इसी प्रकार, यह पाया गया है कि कुछ मामलों में अखिल भारतीय सेवा के सदस्य को निष्ठा के बारे में अस्पष्ट या गोलमोल प्रमाणपत्र दिया जाता है। इस तरह की एंट्री या टिप्पणी से माना जाएगा कि रिपोर्टिंग या रिव्यूइंग अथॉरिटी को सदस्य की निष्ठा को लेकर कुछ संदेह रहा। इसमें कहा गया है ऐसे सभी मामलों में सरकार के लिए उपयुक्त होगा कि मामले के परीक्षण के लिए नियम एआईएस (डीसीआरबी) नियम, 1958 16 (तीन) लागू हो। साथ ही, सेवा में 16 साल पूरे कर चुके या अर्हक सेवा से ज्यादा समय गुजार चुके ऐसे अधिकारी जिनकी समीक्षा न हुई हो। पत्र में कहा गया है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा ऐसे अधिकारियों की समीक्षा करवाए जाने की जरूरत है जो अर्हक सेवा के 16-23 साल पूरे कर चुके हों और सम्बंधित राज्य सरकार की सिफारिशों को पत्र जारी होने के छह माह के भीतर आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जा सकता है।
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प्रधानमंत्री और राजा के बीच मुलाकात के कोई रिकॉर्ड नहीं : प्रधानमंत्री कार्यालय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय के पास अगस्त 2007 और जुलाई 2008 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 2जी घोटाले में आरोपी तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के बीच हुई बैठकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। दीपक सलूजा द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए शीर्ष कार्यालय ने बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा दस्ते (एसएपीजी) को सौंप दी जिसे आरटीआई अधिनियम के तहत बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने से छूट मिली हुई है। मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़कर आरटीआई अधिनियम के तहत किसी भी तरह के खुलासे से छूट प्राप्त एसपीजी ने अधिनियम के छूट प्रावधान का हवाला देकर सूचना देने से इन्कार कर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचना मुहैया कराने के लिए आवेदन दूरसंचार विभाग को भी भेजा, लेकिन इसे इस उल्लेख के साथ वापस भेज दिया गया कि आवेदन का जवाब देने की जिम्म्ेदारी प्रधानमंत्री कार्यालय की है। एसपीजी और दूरसंचार विभाग द्वारा सूचना मुहैया कराए जाने से इनकार किए जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा से सम्बंधित एक और छूट प्रावधान का उल्लेख करते हुए जानकारी उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया और कहा कि यह रुख लगातार रहा है कि मुलाकात से संबंधित ब्यौरे का खुलासा नहीं किया जाए। सूचना मुहैया कराए जाने से इन्कार के बाद सलूजा ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और आग्रह किया कि उसे सूचना उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एमएल शर्मा और दीपक संधु की पीठ ने मामले की सुनवाई की जहां प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी संयुक्त राय ने उल्लेख किया कि इसके पास ए राजा और प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात के कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, यह पूरी तरह संभव है कि एसपीजी के पास इस तरह के रिकॉर्ड हों । दलीलों के बाद सीआईसी ने एसपीजी के केंद्रीय लोक सूचना अधिकरी को नोटिस जारी कर पीठ के समक्ष विस्तृत रूप से अपना मामला पेश करने को कहा ।
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दो गांवों के लोगों के बीच झड़प में तीन लोगों की मौत
इंफाल। मणिपुर में म्यामां की सीमा से सटे उखरूल जिले के अंदरूनी इलाके में दो गांवों के लोगों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि जिले के चिंगाई विधानसभा क्षेत्र में कल शिहाई खुल्लेन गांव के लोग पिकनिक मनाने फानग्री पर्वत पर गए। रास्ते में उन्हें समीपवर्ती लुंगार गांव के लोगोंं ने रोका और उनसे प्रति व्यक्ति दो रूपए प्रवेश शुल्क मांगा। इस पर शिहाई गांव के लोगों ने यह कहते इसका कड़ा प्रतिवाद किया कि फानग्री पर्वत उनका है। इसी बात को लेकर दोनों गांवों के लोगों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गयी। इसमें तीन व्यक्तियोंं की मौत हो गई तथा एक अन्य घायल हो गया। हताहत लोग शिहाई गांव के हैं। शव पोस्टमार्टम के लिए उखरूल जिला अस्पताल लाए गए हैं। पुलिस जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई है।
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