My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Miscellaneous > Healthy Body
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 20-10-2012, 04:26 AM   #1121
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

सोने के तरीके में छिपा है आपके व्यक्तित्व का राज : अध्ययन

लंदन। विशेषज्ञों का दावा है कि आपके सोने के तरीके से आपके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है । ब्रिटेन के जानेमाने बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञ रॉबर्ट फिप्स ने एक सर्वेक्षण में सोने के चार सामान्य तरीकों का पता लगाया और कहा कि सबसे सामान्य तरीका भ्रूण की तरह गोल-मोल होकर सोना है । ब्रिटेन में करीब 58 प्रतिशत लोग भ्रूण की तरह गोल होकर सोते हैं, जिसमें घुटने उपर की ओर उठे होते हैं और सिर नीचे की ओर झुका होता है । उनका कहना है कि बहुत ज्यादा चिंता करने वाले लोग इस तरीके से सोते हैं । फिप्स का कहना है, ‘‘हम जिनता ज्यादा मुड़ते हैं, या गोल-मोल होते हैं, हमें आराम की उतनी ही ज्यादा चाहत होती है ।’’ ‘डेली मेल’ की खबर के मुताबिक, ब्रिटेन में दूसरे नंबर पर यानी 28 प्रतिशत लोग करवट होकर सीधा सोना पसंद करते हैं । फिप्स का कहना है कि यह दिखाता है कि व्यक्ति अड़ियल या जिद्दी है । उन्होंने कहा कि करीब 25 प्रतिशत लोग अपने हाथों को आगे की ओर फैला कर सोते हैं । ऐसे व्यक्ति स्वयं के सबसे बड़े आलोचक होते हैं और हमेशा खुद से ज्यादा बेहतर परिणाम चाहते हैं । वे सुबह और ज्यादा चुनौतियों का सामना करने के भाव के साथ उठते हैं । कुछ लोग पेट के बल अपने दोनों हाथों को फैलाकर सोते हैं । ऐसे लोगों को लगता है कि उनके जीवन पर उनका थोड़ा नियंत्रण है ।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 20-10-2012, 04:27 AM   #1122
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

यौन संबंध के बाद गर्भधारण रोकने के लिए पांच दिन बाद भी खा सकेंगी महिलायें दवाएं

लंदन। ब्रिटेन की एक कंपनी जल्दी ही बाजार में ऐसी गर्भनिरोधक दवा उतारने वाली है जिसे असुरक्षित यौन संबंध के बाद गर्भवती होने से बचने के लिए पांच दिन के भीतर लिया जा सकता है । इस दवा के लिए महिलाओं को डॉक्टर के अनुमति की जरूरत नहीं होगी । हालांकि इस कदम की काफी आलोचना भी हो रही है । ‘द टेलीग्राफ’ की खबर के अनुसार, ब्रिटेन के को-आपरेटिव फार्मेसी यह दवा 30 पाउंड में महिलाओं को बेचने वाली है । अभी तक महिलाएं यह दवा ‘एला वन’ सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही खरीद सकती थीं । कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है कि अब यह दवा एसेएक्स, लंदन और ब्रिस्टन समेत ‘जयादा मांग वाले’ इलाकों की 40 शाखाओं में बेची जाएगी । अखबार के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि इस कदम से वह महिलाओं को ज्यादा विकल्प उपलब्ध करा रही है । लेकिन इस मामले में अलोचकों का कहना है कि यह लोगोंं में असुरक्षित यौन संबंध की प्रवृति को बढावा देगी और यौन संबंधों के जरिए फैलने वाली बीमारियों के प्रसार का कारण बनेगी । खबर में यह भी कहा गया है कि मंत्रियों ने आरंभ में कहा था कि यौन संबंध के बाद गर्भधारण को रोकने में सक्षम इन दवाओं के उपयोग की इजाजत सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में दी जाएगी, लेकिन धीरे-धीरे उनका उपयोग बहुत ज्यादा बढ गया है । यह भी चिंता जताई जा रही है कि इससे 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को भी यह दवा मिलने लगेगी और कई कानूनों का उल्लंघन होगा । कंपनी का कहना है कि इस दवा ‘एला वन’ को खरीदने आने वाली महिलाओं को व्यक्तिगत परामर्श दिया जायेगा और उन्हें सबसे उचित दवा दी जाएगी । यह दवा 18 वर्ष से कम उम्र की महिला को नहीं बेची जाएगी । कुछ अन्य संस्थाएं इसका विरोध करते हुए कह रही हैं कि कई बार यह दवाएं प्रारंभिक चरण के भ्रूण को भी मार देती हैं । यौन संबंध के बाद गर्भधारण को रोकने के लिए ली जाने वाली दवाएं अंडाणु निर्माण और निषेचन की क्रिया को होने से रोकती हैं या फिर वे गर्भ की दीवारों को ऐसा बना देती हैं कि वे निषेचित अंडे को स्वीकार नहीं करती हैं ।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 20-10-2012, 11:29 PM   #1123
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

कैल्शियम के कम स्तर से महिलाओं में थायरॉयड विकृति बढने का खतरा

लंदन। खाने में कैल्शियम की कम मात्रा के सेवन से महिलाओं में थायरॉयड की समस्या बढ सकती है जिसकी वजह से हड्डियों में फ्रैक्चर और गुर्दे में पथरी होने की आशंका होती है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि खाने में अधिक कैल्शियम लेने वाली महिलाओं में प्रायमरी हाइपर पैरा थायरॉयडिजम (पीएचपीटी) होने का खतरा कम हो जाता है। पैराथायरॉयड ग्रंथि की अधिक सक्रियता की वजह से पैराथायरॉयड हार्मोन का स्राव अधिक होता है जो पीएचपीटी का कारण बनता है। बीबीसी न्यूज की खबर में कहा गया है कि इससे पता चलता है कि कैल्शियम की अधिक मात्रा पीएचपीटी से बचाव के लिए जरूरी है। दूध और अन्य डेयरी आहार, मूंगफली, मछली आदि कैल्शियम के प्रमुख स्रोत हैं। लेकिन कैल्शियम की अधिक मात्रा से पेट में दर्द और अतिसार भी हो सकता है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 20-10-2012, 11:39 PM   #1124
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

जीवन को आनंदपूर्वक जीना ‘लंबी आयु के लिए महत्वपूर्ण’ : अध्ययन

लंदन। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि जो व्यक्ति जीवन का भरपूर आनंद उठाते हैं उनकी आयु जीवन को आनंदपूर्वक नहीं जीने वालों की तुलना में ज्यादा होती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के इंग्लिश लॉन्गीच्यूडनल स्टडी आफ एजिंग के साथ मिलकर शोध किया। यह शोध मनोवैज्ञानिक रूप से बेहतर 50 से सौ वर्ष की आयुवर्ग के दस हजार लोगों पर नौ वर्षों तक किया गया। बीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, टीम ने कहा कि इसका प्रभाव काफी ‘वृहद’ है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए वर्ष 2002 और 2011 के बीच तीन बार प्रतिभागियों का साक्षात्कार लिया और मनोवैज्ञानिक आकलन के लिए तीन मापदंडों का इस्तेमाल किया साथ ही कुछ प्रश्नों की श्रृंखलाओं के माध्यम से जीवन को आनंदपूर्वक जीने के विषय में परीक्षण किया। अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों ने पहले साक्षात्कार में जीवन का भरपूर आनंद उठाने के बारे में बोला था वे अन्य प्रतिभागियों की अपेक्षा नौ या दस साल अधिक जीवित रहे। इस शोध का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर एंड्रयू स्टेप्टोय ने कहा, ‘हमने नौ सालों में ये पाया कि इनमें से 20 प्रतिशत लोग इस दौरान जीवित नहीं बचे थे। जीवन का भरपूर आनंद उठाने वालों में से 9.9 प्रतिशत लोग इस दौरान जीवित नहीं रहे जबकि जीवन का कम आनंद उठाने वालों में से 28.8 प्रतिशत लोग जीवित नहीं थे।’ उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खुश रहने वाले लोग चिंतित भी कम होते हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 20-10-2012, 11:41 PM   #1125
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

मस्तिष्क की उदासीन प्रतिक्रिया से बढ़ता है मोटापा

लंदन। यदि भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर मस्तिष्क कोई प्रतिक्रिया न दे तो वजन बढ़ सकता है। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि हमारे शरीर में वजन से सम्बन्धित दो मुख्य हार्मोन होते हैं। ग्रेलीन हार्मोन का स्राव आमाशय से होता है और इससे भूख ज्यादा लगती है। यह चयापचय को तथा वसा को खत्म करने की शरीर की क्षमता को धीमा करता है। दूसरा हार्मोन लेप्टीन है जिस पर यह अध्ययन आधारित है। यह हार्मोन शरीर में वजन नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। शोध के अनुसार यह हार्मोन मस्तिष्क को भूख का अहसास कम करने सम्बन्धी संकेत भेजता है और अधिक कैलोरी खत्म करता है। यही वजह है कि लेप्टीन मोटापे के लिए एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है। इससे पूर्व के शोध में यह पता चला है कि जिन लोगों में लेप्टीन नहीं पाया जाता उनमें वजन को लेकर ज्यादा समस्या होती है। यूनिवर्सिटी आफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में यह खोज की, कि आखिर क्यों लेप्टीन के संकेत ग्रहण करने वाले, मस्तिष्क के रिसेप्टर लेप्टीन काम नहीं कर पाते। उन्होंने पाया कि रिसेप्टर के दो सिरे होते हैं जो तब तक घूमते हैं जब तक कि मस्तिष्क में उनका संपर्क लेप्टीन से नहीं होता। एक आशंका यह है कि मोटे लोगों के रिसेप्टरों में इन सिरों का अभाव हो ताकि लेप्टीन मस्तिष्क के रिसेप्टरों से न जुड़ पाए। यूनिवर्सिटी में लाइफ साइंसेज इंस्टीट्यूट के निदेशक एलन साल्टीएल ने कहा कि लेप्टीन भोजन की चाह का मुख्य नियंत्रक है इसलिए मोटापे और मधुमेह की नई दवाओं की खोज में सबसे बड़ी बाधा यह समझ न पाना है कि इसके प्रभावों के लिए प्रतिरोध से मोटापा क्यों होता है। यह अध्ययन मॉलिक्युलर सेल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु

Last edited by Dark Saint Alaick; 21-10-2012 at 09:45 AM.
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 21-10-2012, 09:46 AM   #1126
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

गरीबी, तनाव का असर पड़ता है जीन और प्रतिरोधक क्षमता पर

टोरंटो। बचपन में गरीबी, वयस्क होने पर तनाव और उम्र, लिंग तथा नस्ल आदि का असर व्यक्ति के जीन पर पड़ता है। ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय और सेंटर फॉर मालीक्यूलर मेडिसिन एंड थेराप्युटिक्स (सीएमएमटी) के अध्ययन में पाया गया है कि जीन पर पड़ने वाला असर हमारी प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है। यह अध्ययन इस बात पर आधारित था कि जन्म से पहले और बाद के वर्षों के अनुभव किस तरह व्यक्ति के जीवन की दिशा पर असर डालते हैं। इस शोध में डीएनए मेथिलेशन की प्रक्रिया का अध्ययन किया गया, जहां डीएन में एक रासायनिक परमाणु जुड़कर इस तरह काम करता है जिस तरह बल्ब के स्विच में लगा डिमर काम करता है। इसके फलस्वरूप जीन सक्रिय या निष्क्रिय होता है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि बचपन में गरीबी का सम्बंध मेथिलेशन प्रक्रिया से होता है, लेकिन वयस्क अवस्था का सामाजिक आर्थिक दर्जा इस पर कोई असर नहीं डालता।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 22-10-2012, 02:11 AM   #1127
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

आईवीएफ से बढता है जन्म संबंधी विकृतियों का खतरा

वाशिंगटन। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) से आंखों, हृदय, प्रजनन अंगों और मूत्र प्रणाली की जन्म संबंधी विकृतियों का खतरा बढ सकता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका में आईवीएफ का उपयोग बढता जा रहा है लेकिन लोगों को आईवीएफ और जन्म संबंधी विकृतियों के बीच संबंध की जानकारी नहीं है। जन्म संबंधी विकृतियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों में ज्यादातर बच्चों की सर्जरी करने वाले चिकित्सक हैं और उनकी मांग स्वास्थ्य की देखरेख संबंधी महत्वपूर्ण संसाधनों की है। अनुसंधानकर्ताओं ने कैलिफोर्निया में 2006-07 के बीच उन बच्चों की जांच की जिनका जन्म आईवीएफ से हुआ था। इन बच्चों की माताओं ने प्रजनन क्षमता बढाने वाली दवाएं या कृत्रिम प्रजनन विधियों की मदद ली थी। इन मांओं की उम्र, नस्ल, उनका कितनी बार प्रसव हुआ, शिशु लड़का है या लड़की, जन्म का साल और उन्हें जन्म से हुई बड़ी विकृति आदि का अध्ययन किया गया। अध्ययन के लेखक लोरायने केली कुओं ने कहा कि हमारे अध्ययन में आईवीएफ के कुछ प्रकार जैसे सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी और जन्म संबंधी विकृतियों के खतरे में वृद्धि के बीच संबंध शामिल है। लोरायने केली कुओं रोनाल्ड रीगन यूसीएलए मेडिकल सेंटर में जनरल सर्जरी रेजीडेंट हैं। अध्ययन के दौरान आईवीएफ से हुए 4,795 बच्चों में से 3,463 बच्चों में जन्म संबंधी बड़ी विकृति पाई गई।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 22-10-2012, 02:11 AM   #1128
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

अमेरिका में गुरूत्व रोधी योग बना पहली पसंद

वाशिंगटन। अमेरिका में अब लोग सेहत के लिए और चुस्त दुरूस्त रहने के लिए गुरूत्व रोधी योग की मदद ले रहे हैं। यह योग पैराशूट सिल्क से बने एक खटोले की मदद से किया जाता है और इसमें हवा में करतब करने होते हैं। कहा जाता है कि गुरूत्व रोधी योग से थायरॉयड और पिट्यूटरी ग्रंथियों में रक्त का प्रवाह अच्छा रहता है और हार्मोन की सक्रियता बढ़ती है। डेली मेल की खबर में कहा गया है कि गुरूत्व रोधी योग अमेरिकी कोरियोग्राफर क्रिस्टोफर हैरिसन के दिमाग की उपज है। हैरिसन सिरके डू सोलेली के सह संस्थापक हैं। वर्जिन एक्टिव में नेशनल ग्रुप एक्सरसाइज मैनेजर गिलियन रीव्ज ने कहा कि खटोला इतना सहारा देता है कि आप कठिन से कठिन मुद्राएं भी कर सकते हैं और कोई खतरा भी नहीं होता। रीव्ज ने कहा कि इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। लोग एक पैर पर खड़े होने के बाद संतुलन के लिए खटोला पकड़ते हैं। कई बार तो दोनों पैर खटोले पर रख कर भुजाएं जमीन पर रखी जाती हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 22-10-2012, 02:11 AM   #1129
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

... तो यह है एम्परर पेंगुइन की छलांग का राज

न्यूयॉर्क। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि एम्परर पेंगुइन नन्हें बुलबुलों के रूप में अपने पंखों से हवा बाहर छोड़ते हैं और पानी में उंची छलांग लगाते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि पेंगुइन सिर्फ चार से नौट फुट उंची छलांग ही लगा सकते हें लेकिन अपने खास बुलबुलों वाली क्षमता की बदौलत वह इससे तीन गुना उंची छलांग लगाते हैं। न्यूयार्क डेली न्यूज की खबर में कहा गया है कि एम्परर पेंगुइन की पानी में छलांग के तरीके को अब तक कोई नहीं जान पाया था। हाल ही में समुद्री जैवविज्ञानियों ने यह गुत्थी सुलझाई और कहा कि पेंगुइन के पंखों से निकलने वाले हवा के बुलबुले उनकी छलांग में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 22-10-2012, 02:12 AM   #1130
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

गिलहरी जैसा दिखता था पहला मानव पूर्वज

वाशिंगटन। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि पहला मानव पूर्वज गिलहरी की तरह दिखता था। दुनिया के सबसे पुराने, सर्वाधिक प्राचीन ज्ञात प्राइमेट ‘पर्जेटोरियस’ की हाल ही में मिली जीवाश्म हड्डियां बताती हैं कि वह एक नन्हा, लेकिन फुर्तीला प्राणी था। इसका ज्यादातर समय फलों को खाते हुए और पेड़ों पर चढ़ते हुए बीतता था। यह जीवश्म पर्जेटोरियस की सिर के नीचे की पहली ज्ञात हड्डियां हैं। पूर्व में केवल दांतों से इसके अस्तित्व का पता चलता था। अध्ययन के सहलेखक, येल यूनिवर्सिटी के कशेरूकी जीवाश्म विशेषज्ञ स्टीफन चेस्टर ने बताया कि टखने की हड्डियों से पता चलता है कि इसके टखने के जोड़ उसी तरह के थे जैसे आज पेड़ों पर रहने वाले प्राइमेट (वानर आदि) के होते हैं। इस तरह के लचीले जोड़ की वजह से उसके पैरों को अलग-अलग दिशाओं में घूमने में मदद मिलती थी, क्योंकि वह उन्हें पेड़ की शाखाओं के कोणों के अनुसार समायोजित कर सकता था। उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि शुरुआती प्राइमेट्स में लंबे टखने नहीं होते थे, जैसा हम आज देखते हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
health news, hindi forum, hindi news, your health


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 06:35 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.