03-07-2012, 02:14 AM | #11331 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
न्यूयार्क। ‘द वॉल स्ट्रीट जरनल’ की एक खबर के मुताबिक ‘मीडिया सम्राट’ रूपर्ट मर्डोक की कम्पनी न्यूज कॉर्प के बोर्ड की एक बैठक में इसके विशाल मनोरंजन प्रभाग को संकटग्रस्ट प्रकाशन व्यवसाय से अलग करने पर सैद्धान्तिक रूप से सहमति बन गई है। मनोरंजन और मीडिया समूह के इस विश्व स्तरीय अखबार के अनुसार इस विषय में आधिकारिक घोषणा हो सकती है। इस मसले के जानकार एक अनाम व्यक्ति ने अखबार को बताया कि यह फैसला बोर्ड की 90 मिनट तक चली एक बैठक में लिया गया। बोर्ड ने यह कदम मर्डोक की कंपनी के फोन हैकिंग मामले में फंसने, ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ टैबलॉइड के बंद हो जाने और कई वरिष्ठ कर्र्मचारियों के इस्तीफा देने के बाद बढते दबाव के चलते उठाया। इस कदम के बाद ‘फॉक्स एंटरटेनमेंट कॉरपोरेशन’ कंपनी के प्रकाशन व्यवसाय से अलग हो जायेगी । फॉक्स ब्रॉडकास्ट नेटवर्क की सीधी प्रतिद्विंद्वता एनबीसी यूनिवर्सल के चैनलों से है। ‘द वॉल स्ट्रीट जरनल’, ‘न्यूयार्क पोस्ट’, ‘द टाइम्स आफ लंदन’, ‘द आस्ट्रेलियन’ अखबार और हार्पर कोलिंस बुक प्रकाशन संस्थान अब कंपनी की दूसरी संस्था की संपत्ति होंगे। कुछ लोग इस कदम को हैकिंग प्रकरण से उठे विवाद से ध्यान हटाने और मर्डोक को सैटेलाइट ब्रॉडकास्टर बीस्काईबी का अधिग्रहण करने की कोशिश मान रहे हैं, जिसमें न्यूज कॉर्प की 39 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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03-07-2012, 02:15 AM | #11332 |
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अमेरिकी विश्वविद्यालय स्नातक स्तर पर भारत पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगा
वाशिंगटन। एक अमेरिकी विश्वविद्यालय अपने छात्रों को दुनिया से सबसे बड़े लोकतंत्र और अमेरिका के महत्वपूर्ण साझेदार से परिचित कराने के लिए स्नातक स्तर पर भारत पर सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करेगा। साउथ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस सत्र में भारतीय अध्ययन पर यह पाठ्यक्रम शुरू किया रहा है। यह पाठ्यक्रम भारत के इतिहास, भूगोल, समाज, राजनीति, भाषा, संस्कृति, दर्शन और धर्म पर आधारित है। भारतीय अध्ययन केंद्र की निदेशक गुरलीन ग्रेवाल ने विज्ञप्ति में कहा कि हम चाहते हैं कि छात्रों में इस बात की मजबूत बुनियादी समझ हो कि किन तत्वों से समकालीन भारत बना है। उन्होंने कहा कि विदेश में अध्ययन करना भारतीय संस्कृति का अग्रिम अनुभव हासिल करने करने का उत्तम विकल्प है लेकिन जो छात्र अमेरिका से बाहर नहीं जा पाते, उन्हें इस सर्टिफिकेट कोर्स से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
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03-07-2012, 02:16 AM | #11333 |
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राष्ट्रपति के समक्ष अभी भी दस दया याचिकायें लंबित
नयी दिल्ली। अपने कार्यकाल के दौरान 30 से अधिक दया याचिकाओं का निबटारा करने के बावजूद राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के समक्ष अभी भी दस दया याचिकायें लंबित हैं। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने दो जून को कर्नाटक के बंदू बाबूराव तिड़के की दया याचना स्वीकार करते हुए उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया है। बंदू बाबूराव को 12 साल की बच्ची की हत्या के जुर्म में सत्र अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने इस सजा की पुष्टि कर दी थी। बाबूराव की दया याचिका 2007 से राष्ट्रपति के पास लंबित थी। इससे पहले, राष्टूपति ने नाबालिग बच्ची से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए उत्तर प्रदेश के सतीश, एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के जुर्म में उत्त्र प्रदेश के ही कुंवर बहादुर सिंह और करण बहादुर सिंह और एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के जुर्म में उत्त्राखंड के ओम प्रकाश की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया था। सतीश की दया याचिका 2007 से जबकि कुंवर बहादुर की 2005 से और ओम प्रकाश की दया याचिका 2003 से लंबित थी। राष्ट्रपति ने उन्हें मिली याचिकाओं में से अभी तक सिर्फ तीन मामलों में ही मौत की सजा पाए मुजरिमों की दया याचिकायें ठुकराई हैं। इनमें युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा पर हुए आतंकी हमले के दोषी देविन्दरपाल सिंह भुल्लर, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में दोषी संथन, मुरूगन और अरिवू तथा असम का महेन्द्र नाथ दास शामिल है। राष्ट्रपति ने भुल्लर और महेन्द्र नाथ दास की दया याचिकायें पिछले साल मई के महीने में अस्वीकार की थीं जबकि संथन, मुरूगन और अरिवू की दया याचनाएं पिछले साल अगस्त में नामंजूर की गई। देविन्दरपाल सिंह भुल्लर और राजीव गांधी के हत्यारों की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कराने का मामला इस समय उच्चतम न्यायालय में लंबित है। भुल्लर और उसकी पत्नी ने दया याचिका के निबटारे में अत्यधिक विलंब के आधार पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
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03-07-2012, 02:16 AM | #11334 |
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ओलंपिक टीम में जगह नहीं सके बैकहम
लंदन। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड बैकहम ने खुलासा किया है कि वह ओलंपिक में खेलने वाली ब्रिटेन की फुटबाल टीम में जगह नहीं बना सके हैं । माना जा रहा था कि बैकहम टीम के कप्तान होंगे । बैकहम ने हालांकि एक बयान में कहा कि वह अंतिम 18 में जगह नहीं बना सके हैं । कोच स्टुअर्ट पीयर्स ने पिछले सप्ताह अमेरिका जाकर बैकहम के फार्म और फिटनेस का जायजा लिया था । इसके बाद ही फैसला लिया गया । मीडिया रपटों के अनुसार बैकहम ने बयान में कहा, ‘ सभी जानते हैं कि देश के लिये खेलना मेरे लिये कितना मायने रखता है । यदि मैं टीम में चुना जाता तो यह मेरे लिये सम्मान की बात होती ।’ उन्होंने कहा, ‘मैं निराश हूं लेकिन टीम का मुझसे बड़ा समर्थक कोई नहीं होगा । मैं दुआ करूंगा कि हम स्वर्ण पदक जीतें । ओलंपिक मेरे शहर में हो रहा है और यदि मैं टीम में होता तो मेरे लिये फख्र की बात होती।’ ब्रिटिश मीडिया रपटों के अनुसार पीयर्स ने जिन तीन उम्रदराज खिलाड़ियों को टीम में रखा है, उनमें मैनचेस्टर युनाइटेड के रियान गिग्स, मैनचेस्टर सिटी के डिफेंडर मिका रिचर्ड्स और वेल्श के क्रेग बेलामी शामिल हैं । सैतीस बरस के बैकहम ने लंदन में हो रहे ओलंपिक में खेलने की इच्छा जताई थी । लंदन को 2005 में सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मतदान में ओलंपिक की मेजबानी दिलाने में बैकहम की अहम भूमिका थी। उनका ओलंपिक टीम में चुना जाना तय माना जा रहा था ।
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03-07-2012, 02:17 AM | #11335 |
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येदियुरप्पा के बहाने वसुंधरा को नसीहत
नई दिल्ली। भाजपा आलाकमान ने कर्नाटक संकट को दूर करने के लिए जो रास्ता निकाला है, उसके दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस रास्ते के बहाने आलाकमान ने उन सभी क्षेत्रीय क्षत्रपों को संदेश दिया है जो विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे के बहाने दवाब की राजनीति करते रहे हैं। यह फैसला खासकर राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के लिए एक सबक के रूप में माना जा सकता है। आलाकमान ने येदियुरप्पा के आगे झुकने से इंकार करते हुए यह जता दिया कि पार्टी उचित समय पर फैसला करेगी। आलाकमान के इशारे के बाद कर्नाटक में भाजपा के मंत्रियों ने अपने इस्तीफे वापस लेने का ऐलान कर दिया और भाजपा का संकट फिलहाल टल गया। कर्नाटक में भाजपा की नींव पर महल खड़ा करने वाले येदियुरप्पा को पिछले कई महीनों से पार्टी आलाकमान दिलासा देते हुए मामले को सुलझाते रहे हैं। इस बार येदियुरप्पा ने नई चाल चलते हुए जगदीश शेट्टर को मुख्यमंत्री बनाने की के लिए आलाकमान पर दवाब बनाना शुरू किया। शेट्टर के समर्थन में नौ मंत्रियों के इस्तीफे भी दिलवा दिए। शेट्टर समर्थकों ने अपनी मांग मनवने के लिए 5 जुलाई तक का समय आलाकमान को दिया लेकिन आलाकमान ने येदियुरप्पा की मांग पर तुरंत झुकने से मना कर दिया। हां, उन्होंने कर्नाटक के बागियों को इतना संदेश जरूर दिया कि पार्टी उचित समय पर उचित कार्रवाई करेगी। आलाकमान का यह निर्णय केवल कर्नाटक क्षत्रप के लिए नहीं था। आलाकमान ने कर्नाटक की घटना के बहाने उन सारे क्षेत्रीय क्षत्रपों को संदेश देने का काम कर दिया जो अपनी बात मनवाने के लिए विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे दिलवाकर दवाब बनाने की राजनीति करते हैं। सीधे तौर पर यह संदेश वसुंधराराजे के लिए नसीहतभरा है। आलाकमान ने यह संदेश देने का काम भी किया है कि पार्टी अब क्षेत्रीय क्षत्रपों के इशारों पर नहीं चलेगी बल्कि पार्टी के फैसले के आधार पर क्षत्रपों को चलना होगा। सूत्रों की मानें तो वसुंधरा राजे भी कर्नाटक के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है ताकि वहां के फैसले के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाए। वसुंधरा के लिए आलाकमान का आज का निर्णय एक झटका माना जा रहा है। इस निर्णय से वसुंधरा को अब इस बात का एहसास हो गया है कि इस्तीफों के बहाने आलाकमान पर दवाब बनाने की रणनीति काम नहीं आएगी। वसुंधरा राजे को यह अच्छी तरह मालूम है कि कर्नाटक में येदियुरप्पा की ताकत की तुलना में उनकी ताकत राजस्थान में उतनी नहीं है। कर्नाटक में येदियुरप्पा ने अपने बलबूते पार्टी को खड़ा किया जबकि वसुंधरा को पार्टी का तैयार संगठन मिला था। इसके बावजूद येदियुरप्पा के आगे आलाकमान ने घुटने टेकने से मना कर दिया। मौजूदा स्थितियों में अपनी कमजोरी को भांपकर वसुंधरा राजे नए सिरे से सोचने को मजबूर हो गई हैं। वहीं आलाकमान ने कर्नाटक के मामले में निर्णय लेने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इस फैसले पर मुहर लगवा ली ताकि बाहर यह संदेश न जा सके कि इस मामले में पार्टी के अंदर मतभेद हैं।
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03-07-2012, 02:17 AM | #11336 |
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राजस्थान में एक और आईआईटी को मंजूरी
नई दिल्ली। राजस्थान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश को अब नई आईआईटी खुलेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास से नई आईआईटी के लिए रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दे दी है। नए आईआईटी सार्वजनिक और निजी भागीदारी के आधार पर खोले जाएंगे। देश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिल रही चुनौतियों को देखते हुए अधिकाधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए सरकार ने कदम उठाएं हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए 20 नए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है। ये आईआईटी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी से खोली जाएंगी जो गैर लाभ के आधार पर काम करेंगी। जिन राज्यों में इनकी स्थापना की जानी है, उन राज्य सरकारों के सहयोग से ऐसे संस्थान खोले जाएंगे। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक संस्थान की कुल पूंजी लागत 128 करोड़ रुपए आंकी गई है जो केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और औद्योगिक क्षेत्र 50:35:15 के अनुपात से वहन करेंगे। पूर्वोत्तर राज्यों में आईआईटी की कुल लागत में औद्योगिक क्षेत्र 7.5 प्रतिशत, केन्द्र सरकार 57.50 प्रतिशत और राज्य सरकारें 35 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाएंगी। इसके अलावा राज्य सरकारें 50 से 100 एकड़ जमीन निशुल्क देंगी। अब तक 17 राज्य सरकारों ने आवंटित की जाने वाली जमीन की पहचान कर ली है। असम, त्रिपुरा और राजस्थान द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है।
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03-07-2012, 02:19 AM | #11337 |
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टिम्बकटू में चरमपंथियों ने मस्जिद के प्रवेश द्वार को क्षतिग्रस्त किया
बमाको। माली के टिम्बकटू में मुस्लिम संतों के सात मकबरों को तबाह करने के बाद चरमपंथियों ने एक प्राचीन मस्जिद के दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया है। एक स्थानीय नागरिक ने बताया, ‘‘चरमपंथियों ने सिदी याहया मस्जिद के प्रवेश द्वारा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इन लोगों ने उस दरवाजे को निशाना बनाया है जो कभी नहीं खुला।’’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘‘कुछ लोगों का कहना रहा है कि मस्जिद के इस दरवाजे के खुलने के बाद दुनिया खत्म हो जाएगी और उन लोगों (चरमपंथियों) ने यही दिखाने के लिए दरवाजा क्षतिग्रस्त किया कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।’’
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03-07-2012, 02:20 AM | #11338 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
जापान के सांसदों की औसत आय 2011 में रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर
तोक्यो। जापान के सांसदों की आय 2011 में करीब दो करोड़ येन के न्यूनतम स्तर पर आई गई है जो पिछले साल के मुकाबले 17.5 लाख येन कम है। मार्च 2011 में जापान में आए भूकंप और सुनामी के बाद से वित्तीय पुनर्गठन में योगदान के लिए वेतन में कटौती के कारण यह स्थिति बनी है। जापान की एजेंसी ने कहा कि अप्रैल से सिंतबर 2011 के बीच वेतन में मासिक स्तर पर 5,00,000 येन की कमी के बाद सालाना वेतन 1.54 करोड़ येन रह गया। प्रतिनिधि सभा के सांसदों की औसत आय 2.007 करोड़ येन और निचले सदन के सांसदों की औसत आय 1.99 करोड़ येन रह गई। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी दल के निचले सदन के सांसद लगातार दूसरे साल सबसे अधिक आय 43.13 करोड़ येन प्राप्त करने वाले सांसद रहे। इसमें 40 करोड़ 25 लाख येन उनकी परिसंपत्तियों की बिक्री से हासिल राशि भी शामिल हैं, हालांकि इसके बारे में उनके कार्यालय ने कोई ब्यौरा नहीं दिया। वर्ष 2010 में भी उनकी आय में परिसंपत्तियों की व्यापक बिक्री परिलक्षित रही।
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03-07-2012, 02:20 AM | #11339 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
विंबलडन का ‘पहरेदार’ बाज वापस लौटा
लंदन। विंबलडन की पहरेदारी करने वाला बाज ‘रूफुस’ अपने मालिक के पास वापस लौट आया है और जल्द ही कोर्ट के उपर वह गश्त लगाना शुरू कर देगा। रूफुस को चोरी कर दिया गया था। हैरियर बाज रूफुस की मालकिन इमोजेन डेविस ने कहा कि इस बाज को कल शाम पशुओं के अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार साल के इस बाज के पांव में चोट लगी है और कुछ दिन आराम करने के बाद वह टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मैचों के लिये विंबलडन के आकाश में गश्त लगाने के लिये फिट हो जाएगा। पुलिस ने भी पुष्टि की कि बाज लौट आया है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उसे किसने चुराया था। विंबलडन टूर्नामेंट के दौरान कबूतरों को दूर रखने के लिये 12 साल से भी अधिक समय से बाजों का उपयोग किया जा रहा है। रूफुस दक्षिण पश्चिम लंदन क्लब में जाता है जहां दर्शक अक्सर उसके साथ फोटो खिंचवाने के लिये रुकते हैं। उसका खुद का ट्विटर अकाउंट है जिसमें उसकी मालकिन ट्वीट करती है।
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03-07-2012, 02:21 AM | #11340 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
सेतु समुद्रम परियोजना के लिए वैकल्पिक मार्ग आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं : रिपोर्ट
नई दिल्ली। सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि एक उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेतु समुद्रम परियोजना के लिए पौराणिक राम सेतु को छोड़कर वैकल्पिक मार्ग आर्थिक एवं पारिस्थितिकी रूप से व्यावहारिक नहीं है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल रोहिन्टन नरीमन ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ के समक्ष कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल को अभी जाने माने पर्यावरणविद आके पचौरी के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर विचार और फैसला करना है। पीठ ने परियोजना के आगे के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार को आठ हफ्ते का समय दिया। नरीमन ने कहा कि पचौरी समिति ने वैकल्पिक मार्ग के मुद्दे पर विचार किया, लेकिन वह इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह ‘आर्थिक एवं पारिस्थितिकी रूप से व्यावहारिक नहीं है।’ अपनी रिपोर्ट में समिति ने जोखिम प्रबंधन के मुद्दे पर विचार किया और पाया कि तेल रिसाव से पारिस्थितिकी को खतरा पैदा होगा। शीर्ष अदालत में महत्वाकांक्षी सेतु समुद्रम परियोजना के खिलाफ दायर कई याचिकाओं के चलते राम सेतु का मुद्दा न्यायिक निगरानी में आ गया है। परियोजना के कार्यान्वयन से कथित पौराणिक पुल नष्ट हो सकता है। सेतु समुद्रम परियोजना पौराणिक पुल राम सेतु को तोड़कर भारत के दक्षिणी हिस्से के इर्द गिर्द समुद्र में छोटा नौवहन मार्ग बनाए जाने पर केंद्रित है। कहा जाता है कि इस पुल को भगवान राम की बंदर भालुओं की सेना ने लंका के राजा रावण तक पहुंचने के लिए बनाया था। सेतु समुद्रम परियोजना के अनुसार 30 मीटर चौड़ा, 12 मीटर गहरा और 167 किलोमीटर लंबा नौवहन चैनल बनाए जाने का प्रस्ताव है। सेतु समुद्रम परियोजना शुरू होते ही पौराणिक रामसेतु के संरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गयी थी। इन याचिकाओं के कारण ही सेतु समुद्रम परियोजना न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ गयी थी। इन याचिकाओं में कहा गया था कि इस परियोजना से पौराणिक महत्व का रामसेतु क्षतिग्रस्त हो सकता है। सेतु समुद्रम परियोजना का उद्देश्य पौराणिक पुल राम सेतु के बीच से रास्ता बनाकर भारत के दक्षिणी हिस्से के इर्द गिर्द समुद्र में छोटा नौवहन मार्ग तैयार करना है। सेतु समुद्रम परियोजना के तहत प्रस्तावित नौवहन मार्ग 30 मीटर चौड़ा, 12 मीटर गहरा और 167 किलोमीटर लंबा होगा। इस मामले के तूल पकड़ने और उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्रधानमंत्री ने आर के पचौरी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। न्यायालय ने सरकार से कहा था कि वह पौराणिक राम सेतु को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की संभावना तलाशे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में आर्थिक और पारिस्थितिकी बिन्दुओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं के आकलन के बाद वैकल्पिक मार्ग की व्यवहारिकता पर कई सवाल उठाये हैं। रिपोर्ट में परियोजना के आर्थिक पहलू का विश्लेषण करते हएु कहा गया है कि वैकल्पिक मार्ग 4-ए के अवलोकन से पता चलता है कि इससे 12 फीसदी की दर से आमदनी का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकेगा। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष भी निकाला गया है कि इससे इसकी व्यावहारिकता पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। पौराणिक कथाओं में राम सेतु के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम की बंदर भालुओं की सेना ने लंका के राजा रावण तक पहुंचने के लिए इस पुल को बनाया था इससे पूर्व, 19 अप्रैल को केंद्र ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने पर कोई कदम उठाने से इनकार करते हुए न्यायालय से ही इस पर फैसला करने का आग्रह किया था। सरकार ने कहा था कि वह 2008 में दायर अपने पहले हलफनामे पर कायम रहेगी जिसे राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दी थी । इसमें कहा गया था कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है । भगवान राम और राम सेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाने पर संघ परिवार के रोष के बाद शीर्ष अदालत ने 14 सितंबर 2007 को केंद्र को 2,087 करोड़ रुपये की परियोजना की नए सिरे से समीक्षा करने के लिए समूची सामग्री के फिर से निरीक्षण की अनुमति दे दी थी ।
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