10-07-2012, 07:17 AM | #11741 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
कोलकाता। संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले किसी भी व्यक्ति को आधुनिक भारत के संस्थापकों द्वारा स्थापित परंपराओं को बनाए रखना होगा। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर जाकिर हुसैन और इनके बाद राष्ट्रपति बने लोगों की मिसाल देते हुए प्रणव ने कहा कि इनकी ओर से स्थापित मानकों और परंपराओं के मुताबिक रहना उनका प्रयास रहेगा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गरीब-समर्थक राजनीति से सीखने का उल्लेख करते हुए प्रणव ने कहा कि यह मेरा सपना रहा है कि मेरे जीते जी गरीबी रूपी भयावह दुख का खात्मा हो जाए। वह माकपा, फारवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी (डीएसपी) के विधायकों को विधान भवन के परिसर में संबोधित कर रहे थे। प्रणव ने कहा कि राष्ट्र के जीवन का मार्ग कभी भी विवादों से निरंतर मुक्त नहीं हो सकता। यह हमारे लिए जरूरी बना देता है कि हम मतभेदों को दरकिनार करें और राष्ट्र की सेवा के लिए एकजुट हो जाएं। प्रणव ने कहा कि उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत अपने गांव से की और उन्हें पिता कामदा किंकर और मां राजलक्ष्मी के जरिए लोक सेवा करने की प्रेरणा मिली। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि देश को उस ओर ले जाया जाना चाहिए जहां जाति, पंथ अथवा धर्म से इतर हर नौजवान नागरिक के पास बराबर का अवसर हो। राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होता है। अवसर मिलने पर मैं इस पद की गरिमा और मूल्यों की हिफाजत करने का पूरा प्रयास करूंगा।
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10-07-2012, 07:17 AM | #11742 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
ममता चाहें तो बातचीत को तैयार : प्रणव
कोलकाता। संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी जब भी चाहें, वह उनसे उनकी पार्टी का समर्थन मांगने के लिए बातचीत को तैयार हूं। प्रणव ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी का ऐलान संप्रग की ओर से किया गया है, ऐसे में उन्होंने गठबंधन के सभी दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद जाहिर की है। प्रचार के लिए कोलकाता पहुंचे प्रणव ने कहा कि मैं समझता हूं कि तृणमूल ने अभी कोई फैसला नहीं किया है और वे उचित समय पर कोई निर्णय करेंगे। वह विभिन्न प्रदेशों की राजधानियों का दौरा उन दलों के नेताओं एवं सदस्यों का आभार व्यक्त करने के लिए कर रहे हैं जिन्होंने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है। प्रणव ने कहा कि एक को छोड़कर संप्रग के सभी दलों ने उनकी उम्मीदवारी को अपना समर्थन दिया है और सपा, बसपा, राजद, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, जद-यू, शिवेसना तथा कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन भी उन्हें मिला हुआ है।
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10-07-2012, 07:17 AM | #11743 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
छत्तीसगढ़ 11 जुलाई को पहुंचेगे प्रणव
रायपुर। राष्ट्रपति पद के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी प्रचार के लिए 11 जुलाई को छत्तीसगढ पहुंचेगे। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने आज यहां बताया कि मुखर्जी विशेष विमान से 11 जुलाई को दोपहर रायपुर पहुंचेंगे और विमानतल मार्ग पर स्थित एक होटल में कांग्रेस एवं बसपा विधायकों से मुलाकात कर समर्थन मांगेगे। लगभग दो घंटे का उनका रायपुर प्रवास होगा। मुखर्जी के दौरे की तैयारियों के सिलसिले में आहूत बैठक में हिस्सा लेने प्रदेश अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल दिल्ली में है।
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10-07-2012, 07:18 AM | #11744 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
जीवन से जुड़े नासा के पुराने दावे खारिज
वाशिंगटन। अमेरिका की प्रतिष्ठित ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित दो वैज्ञानिक अध्ययनों में वर्ष 2010 में किए गए उन दावों को खारिज किया गया है, जिनमें ऐसे जीवाणुओं को ढंूढ़ने की बात कही गई जो आर्सेनिक पर भी पनप सकते हैं। गौरतलब है कि ये दावे करने वाले वैज्ञानिकों को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा से वित्तीय सहायता मिली थी। साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुए इस वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया, एक मूल रिपोर्ट के विपरीत नए अध्ययन से स्पष्ट हो गया है कि जीवाणु ‘जीएफएजी-1’ फॉसफोरस की जगह आर्सेनिक के सहारे जिंदा नहीं रह सकता। जीवविज्ञानी जीवन के लिए जिन छह पदार्थों को जरूरी मानते हैं, वे हैं कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आॅक्सीजन, फॉसफोरस और सलफर। आर्सेनिक भी फॉसफोरस की तरह ही होता है, लेकिन यह जीवित प्राणियों के लिए जहरीला होता है।
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10-07-2012, 07:18 AM | #11745 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
मिस्र के राष्ट्रपति ने संसद को किया बहाल
काहिरा। मिस्र के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने सेना से टकराव का बड़ा खतरा मोल लेते हुए कुछ समय पहले बर्खास्त की गई देश की संसद को बहाल कर दिया है। मुर्सी ने इस बाबत शासनादेश जारी किया। मुर्सी के प्रवक्ता यासिर अली ने कहा कि राष्ट्रपति ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संसद को अपना सत्र शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हमें उम्मीद है कि सेना की सर्वोच्च परिषद ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगी जिससे देश में राजनीतिक उथलपुथल की स्थिति उत्पन्न हो जाए। मुर्सी ने नया संविधान अपनाए जाने के 60 दिनों के अंदर देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव आयोजित कराने की भी घोषणा की है। मुर्सी ने संसद को बहाल कर सेना से सीधा टकराव मोल ले लिया है क्योंकि संसद के बहाल हो जाने के बाद देश की वे सारी वैधानिक शक्तियां संसद के पास चली जाएंगी जिन पर पिछले महीने से सेना की सर्वोच्च परिषद का कब्जा था। मिस्र की सर्वोच्च संवैधानिक अदालत ने पिछले महीने संसदीय चुनाव में गड़बड़ियों का हवाला देकर संसद को बर्खास्त कर दिया था। मुर्सी द्वारा संसद बहाल करने का निर्णय लेने के बाद सर्वोच्च सैन्य परिषद के नेतृत्व में खासी अफरा तफरी देखी गई। सैन्य परिषद के प्रमुख फिल्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तन्तावी ने राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए इस शासनादेश के बाद तुरत परिषद की कल एक बैठक बुलाई। स्थानीय मीडिया के अनुसार यह बैठक राष्टñपति के आदेश के नतीजों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। मुर्सी के इस आदेश को देश के राजनीतिक गलियारों में खासे उत्साह से लिया गया है और इसे सैन्य तंत्र की विदाई और लोकतंत्र के स्वागत के प्रतीक के तौर पर लिया जा रहा है। मुर्सी की फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी के प्रमुख एसाम अल एरयान ने इस पर ट्वीट संदेश लिखते हुए कहा कि देश में किसे संवैधानिक रूप से मजबूत होना चाहिए, लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए एक राष्ट्रपति को अथवा एक ऐसे समूह को जो देश पर सैन्य शासन थोपना चाहता है। सेना को देश में फैसले लेने का अधिकार नहीं है, जनता को है। बर्खास्त की गई संसद के प्रमुख मोहम्मद साद कतातनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द संसद का सत्र बुलाने का प्रयास करेंगे।
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10-07-2012, 07:19 AM | #11746 |
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ईरानी हत्याओं के पीछे इसरायली जासूसों का हाथ
वाशिंगटन। इसरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के मकसद से चलाए गए एक अभियान के तहत अपने कुछ हत्यारों को पड़ोसी देश भेजा था। एक नई किताब में यह दावा किया गया है। ‘स्पाइज अगेंस्ट आर्मागेडोन : इनसाइड इसरायलंस सीक्रेट वार्स’ नामक यह किताब प्रकाशित होने जा रही है। इस किताब में दावा किया गया है कि इसरायली खुफिया एजेंसी के दस्ते ने कम से कम चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की। वैज्ञानिकों को भयभीत करने के लिए उनका मोटरसाइकिलों पर पीछा किया गया। मोसाद के खुफिया दस्तों द्वारा मोटरसाइकिलों पर दुश्मन का पीछा करने की तकनीक का काफी इस्तेमाल किया जाता रहा है। किताब के लेखकों डेन रेविव और योसी मेलमैन ने किताब में लिखा है कि मोसाद के एजेंट किसी भी तेज गति के दौरान वाहन से गोली चलाने और बेहद सटीक तरीके से चिपकने वाले बम लगाने में माहिर है। ईरान के प्रधानमंत्री महमूद अहमदीनेजाद ने इसरायल को दुनिया के नक्शे से मिटाने की धमकी दी थी और इसी के मद्देनजर इसरायली खुफिया एजेंसी ने उसे परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए गहरे तक मार करने की खातिर अपने एजेंटों को वहां भेजा था। अमेरिका और इसरायल तेहरान पर परमाणु हथियार बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाते आ रहे हैं जिससे ईरान साफ इन्कार करता है। ईरान काफी लंबे समय से अपने वैज्ञानिकों की मौत के लिए इसरायल को आरोपित करता रहा है, जो कि इस मामले पर चुप्पी साधे बैठा हुआ है। लेकिन मीडिया रिपोर्टों में ऐसी अटकलें लगाई गई थीं कि इसरायल ने इस काम को अंजाम देने के लिए भाड़े के हत्यारों की सेवाएं ली थीं। रेविव ने कहा कि वे इतने संवेदनशील मिशन के लिए भाड़े के हत्यारों की सेवाएं नहीं लेंगे। यह इतना संवेदनशील मिशन था कि इसराइल के प्रधानमंत्री को खुद इसके लिए अनुमति देनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने मदद या साजो सामान की मदद के लिए कुछ बागियों की मदद ली हो लेकिन हमले करने के लिए नहीं। जो तरीका, प्रशिक्षण और मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल करने की जो तकनीक अपनाई गई, वह मोसाद के एजेंटों की है। वे इस काम के लिए किसी अन्य पर भरोसा नहीं करते। लेखकों का कहना है कि मोसाद के एजेंट ईरान में कई मार्गों से घुसे और अपने काम को अंजाम देने के बाद इसी प्रकार देश से बाहर निकल गए । शुक्रवार को दिए साक्षात्कार में सह लेखक मेलमैन ने कहा कि इसरायल यह मानता है कि इस मिशन के जरिए वह महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों को समाप्त कर न केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सफलतापूर्वक बाधित कर पाया बल्कि अन्य भावी वैज्ञानिकों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने में कामयाब रहा। रेविव सीबीएस न्यूज के संवाददाता हैं और मेलमैन इसरायली समाचार पत्र हेरात्ज के जाने माने खुफिया और सैन्य मामलों के संवाददाता हैं।
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10-07-2012, 07:20 AM | #11747 |
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कश्मीरी आतंकवादी पाक में इकट्ठा कर रहे हैं चंदा
इस्लामाबाद। कश्मीर में भारत के खिलाफ और अफगानिस्तान में अमेरिका नीत सेना के विरुद्ध जेहाद छेड़ने वाले आतंकवादी पाकिस्तान के शहरों और कस्बों में खुलेआम आतंकवादियों की भर्ती और चंदा इकट्ठा करने का अभियान चला रहे हैं। दैनिक ट्रिब्यून की खबर के अनुसार प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से अलग हुए गुट अल बद्र मुजाहिदीन ने आतंकवादियों की भर्ती करने और चंदा इकट्ठा करने के लिए रावलपिंडी के स्वान अड्डा इलाके में बाकायदा सम्मेलन किया जिसमें करीब एक हजार दहशतगर्दों ने हिस्सा लिया। अल बद्र मुजाहिदीन के सरगना बख्त जामीन खान ने इस मौके पर कहा कि उसके कमांडर ने कश्मीर और अफगानिस्तान में जेहाद जारी रखने के लिए कोष इकट्ठा कर रहे हैं। खान ने कहा कि उसके कमांडर कश्मीर और अफगानिस्तान में बड़े हमले करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें संसाधनों की जरूरत है। उनके हौसले बुलंद हैं लेकिन उनके पास संसाधनों की कमी है। हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुदीन ने भी सम्मेलन में भारत और अमेरिका के खिलाफ जहर उगला। सलाहुदीन ने कहा कि हम कश्मीर में लड़ रहे हैं । हमें इस बात का कोई मलाल नहीं है कि हमें आतंकवादी कहा जा रहा है। अलबत्ता हमें इस बात का गर्व है कि अफगानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से लड़ने के लिए उन्हें आतंकवादी बताया जा रहा है। उसने कहा कि अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने पाकिस्तान की घेराबंदी कर ली है। अमेरिका-इसरायल ने साठगांठ करके पाकिस्तान को निशाना बना लिया है। सरगना ने कहा कि हमारे जेहादी पाकिस्तान की ऐसे समय रक्षा कर रहे हैं जब इसकी भौगोलिक सीमा, सुरक्षा और इस्लामी पहचान खतरे में पड़ चुकी है।
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10-07-2012, 07:20 AM | #11748 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
महिलाओं को ‘कंफर्ट वूमेन’ बताना गलत : हिलेरी
सोल। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना के लिए यौनकर्मी के तौर पर इस्तेमाल की गई महिलाओं को ‘कंफर्ट वूमेन’ कहना पूरी तरह गलत है। दक्षिण कोरिया के समाचार पत्र ‘चोसुन इलबो’ के मुताबिक हिलेरी ने कहा कि इस शब्दावली का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि उस वक्त महिलाओं को जबरन इस ओर धकेला गया था। राजनयिक सूत्रों के मुताबिक हिलेरी को यहां जापान के कब्जे से जुड़े तथ्यों के बारे में बताया गया और उसी वक्त ‘कंफर्ट वूमेन’ गलत करार दिया। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने उन महिलाओं के लिए इस शब्दावली का इस्तेमाल किया था।
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10-07-2012, 07:21 AM | #11749 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
दिल्ली हाईकोर्ट के जज संजय कौल के खिलाफ सीजेआई से शिकायत
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री दिवंगत चौधरी ब्रह्मप्रकाश के पुत्र अजय चौधरी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय किशन कौल पर न्यायिक अधिकारों का दुरुपयोग करने और गैर-कानूनी तरीके से एक पक्ष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस. एच. कपाड़िया एवं सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजे पत्र में न्यायमूर्ति कौल पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने शहीद मेमोरियल सोसाइटी बनाम कैपिटल लैंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड मामले में दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए न्यायिक अधिकारों का दुरुपयोग किया तथा मामले से जुड़े दस्तावेजों के तथ्यों की अनदेखी की। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि सम्बंधित मामले की सुनवाई के लिए उपयुक्त पीठ नहीं होते हुए भी न्यायमूर्ति कौल ने मामले की सुनवाई की और दस्तावेजों में वर्णित तथ्यों की अनदेखी की, ताकि दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया जा सके। चौधरी ने अपनी शिकायत की प्रति राष्टñपति प्रतिभा पाटील, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद और दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेन्दर खन्ना को भी भेजी है।
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10-07-2012, 07:21 AM | #11750 |
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हाशिमपुरा नरंसहार : स्वामी सह आरोपी को शामिल करने अदालत पहुंचे
नई दिल्ली। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को यहां एक अदालत से 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार में एक व्यक्ति को बतौर सह-आरोपी शामिल करने की इजाजत मांगी। इस कांड में उत्तर प्रदेश में मेरठ के हाशिमपुरा में कथित रूप से 42 लोगों को हत्या को लेकर 16 पीएसी जवान अदालती सुनवाई का सामना कर रहे हैं। स्वामी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सिद्धार्थ की अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिन्होंने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 (अपराध में दोषी जान पड़ रहे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई) के तहत आवेदन देने की इजाजत दे दी। हालांकि स्वामी ने अदालत में किसी का नाम नहीं लिया। बहरहाल, अदालत के बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को इस मामले आरोपी बनाया जाए जो अक्टूबर, 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृहराज्यमंत्री थे। उन्होंने अदालत से कहा कि सुनवाई का सामना कर रहे पीएसी के 16 जवानों से अपनी मर्जी से यह कार्रवाई नहीं की होगी तथा उन्होंने बस वरिष्ठ व्यक्ति के निर्देशों का पालन किया। न्यायाधीश ने कहा कि यह बिल्कुल जाहिर सी बात है कि सभी बल वरिष्ठों के आदेश पर ही कार्रवाई करते हैं। इस मामले में अन्य किसी आरोपी का नाम नहीं है और स्वामी से पूछा कि क्या अपनी बात साबित करने के लिए उनके पास सबूत है। स्वामी ने कहा कि वह अपनी बात साबित कर देंगे, इस पर न्यायाधीश ने उन्हें कहा कि आप आवेदन दीजिए, अदालत उस पर विचार करेगी।
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