25-11-2012, 09:01 AM | #111 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
मुल्ला नदी की ओर जी जान लगा कर दौड़ता हुआ जा रहा था. उसे दूसरे गांव जाना था और नाव जाने का समय हो चुका था, और वह पहले ही लेट हो गया था. नदी किनारे उसे नाव दिखाई दी. वह और जी जान लगा कर भागा और एक छलांग में नाव के ऊपर जा चढ़ा. इस कोशिश में वो नाव में गिर पड़ा, उसके कपड़े फट गए और उसकी कोहनी छिल गई, जिसमें से खून टप टप टपकने लगा. मगर वो प्रसन्न था. उसने नाव को पकड़ ही लिया था. वो खुशी से उठा और चिल्लाया – मैंने नाव को पकड़ ही लिया. लेट हो गया था, मगर मुझे नाव आखिरकार मिल ही गई. पास में बैठे दूसरे यात्री ने अपना सामान समेटते हुए मुल्ला को बताया – ये नाव जा नहीं रही है, बल्कि आ रही है, और अभी ही किनारे लगी है! |
25-11-2012, 09:01 AM | #112 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
ब्रह्मज्ञान
एक बार एक भिखारीनुमा व्यक्ति अरस्तू के पास गया और उनसे ब्रह्मज्ञान मांगने लगा. अरस्तू ने उसे सिर से लेकर पैर तक देखा और कहा – “अपने कपड़े साफ करो, और रोज नहाओ-धोओ. अपने बालों को कटवाओ और कंघी करो...गलतियाँ करो, मगर उन्हें दोहराओ नहीं...अपनी गलतियों से सीखो. वास्तविक तपस्या तो अपने आप में झांकना और अपनी गलतियों से सीखना ही है.” |
25-11-2012, 09:01 AM | #113 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
प्रार्थना
एक मठ में यह सर्व-प्रचलित नियम नहीं था “शांति बनाए रखने के लिए वार्तालाप नहीं करें” बल्कि यह नियम था – “यदि शांति को बेहतर बना सकते हैं तो वार्तालाप जरूर करें” |
25-11-2012, 09:02 AM | #114 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
सबसे महत्त्वपूर्णकाम, व्यक्तिएवं समय
एक शिष्य ने अपने गुरूजी से पूछा - "सबसे महत्तपूर्ण काम क्या है? सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति कौन है तथा हमारे जीवन का सबसे बेहतरीन समय कौनसा है? गुरूजी ने उत्तर दिया - "इस समय तुम्हारे पास जो काम है, वही सबसे महत्त्वपूर्ण है। वह व्यक्ति जिसके साथ तुम काम कर रहे हो (या जिसके लिये तुम काम कर रहे हो, जैसे - अध्यापक के लिये छात्र, चिकित्सक के लिये मरीज......) सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति है तथा यह समय (वर्तमान) ही सबसे महत्वपूर्ण समय है। इसे व्यर्थ न जाने दो।" |
25-11-2012, 09:02 AM | #115 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
अपने भाग्यविधाता बनो
एक दिन नसरुद्दीन अपने गाँव में टहल रहा था। तभी उसके कुछ पड़ोसी पास आकर बोले - "नसरुद्दीन। तुम बहुत बुद्धिमान और नेक इंसान हो। हम लोगों को अपना चेला बना लो। तुम हमें यह समझाओ कि हम किस तरह अपना जीवन व्यतीत करें और जीवन में सुख और शांति के लिए हमें क्या करना चाहिये?" नसरुद्दीन ने कहा - "ठीक है। मैं तुम्हें पहला शिक्षा अभी दिए देता हूँ। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि तुम अपने पैरों और चप्पलों का विशेष ध्यान रखो। उन्हें हर समय साफ और स्वच्छ रखो। " पड़ोसी उसकी बात को ध्यान से सुन रहे थे, तभी उनका ध्यान नसरुद्दीन के पैरों की ओर गया जो बहुत मैले-कुचैले थे तथा उसकी चप्पलें भी टूटी-फूटी थीं। एक पड़ोसी तपाक से बोला - "लेकिन नसरुद्दीन, तुम्हारे पैर तो बहुत ही गंदे हैं और चप्पलों का तो कहना ही क्या। जिन बातों का तुम खुद ही पालन नहीं कर रहे हो, उनका पालन हम कैसे कर सकते हैं ?" नसरुद्दीन - "तो मैं भी यह जानने के लिए इधर-उधर नहीं भटकता कि मुझे अपना जीवन कैसे बिताना चाहिये?" |
25-11-2012, 09:02 AM | #116 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
दुख का कारण
एक व्यापारी को नींद न आने की बीमारी थी। उसका नौकर मालिक की बीमारी से दुखी रहता था। एक दिन व्यापारी अपने नौकर को सारी संपत्ति देकर चल बसा। सम्पत्ति का मालिक बनने के बाद नौकर रात को सोने की कोशिश कर रहा था, किन्तु अब उसे नींद नहीं आ रही थी। एक रात जब वह सोने की कोशिश कर रहा था, उसने कुछ आहट सुनी। देखा, एक चोर घर का सारा सामान समेट कर उसे बांधने की कोशिश कर रहा था, परन्तु चादर छोटी होने के कारण गठरी बंध नहीं रही थी। नौकर ने अपनी ओढ़ी हुई चादर चोर को दे दी और बोला, इसमें बांध लो। उसे जगा देखकर चोर सामान छोड़कर भागने लगा। किन्तु नौकर ने उसे रोककर हाथ जोड़कर कहा, भागो मत, इस सामान को ले जाओ ताकि मैं चैन से सो सकूँ। इसी ने मेरे मालिक की नींद उड़ा रखी थी और अब मेरी। उसकी बातें सुन चोर की भी आंखें खुल गईं। |
25-11-2012, 09:03 AM | #117 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
सर्वश्रेष्ठ दान
तीन भाईयों में इस बात को लेकर बहस छिड़ गयी कि सर्वश्रेष्ठ दान कौन सा है? पहले ने कहा कि धन का दान ही सर्वश्रेष्ठ दान है, दूसरे ने कहा कि गौ-दान सर्वश्रेष्ठ दान है, तीसरे ने कहा कि भूमि-दान ही सर्वश्रेष्ठ दान है। निर्णय न हो पाने के कारण वे तीनों अपने पिता के पास पहुंचे। पिता ने उन्हें कोई उत्तर नहीं दिया। उन्होंने सबसे बड़े पुत्र को धन देकर रवाना कर दिया। वह पुत्र गली में पहुंचा और एक भिखारी को वह धन दान में दे दिया। इसी तरह उन्होंने दूसरे पुत्र को गाय दी। दूसरे पुत्र ने भी उसी भिखारी को गाय दान में दे दी। फिर तीसरा पुत्र भी उसी भिखारी को भूमि दान देकर लोट आया। कुछ दिनों बाद पिता अपने तीनों पुत्रों के साथ उसी गली में टहल रहे थे जहां वह भिखारी प्रायः मिलता था। उन लोगों को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वह अब भी भीख मांग रहा था। उस भिखारी ने गाय और भूमि बेचने के पश्चात प्राप्त हुआ पूरा पैसा मौजमस्ती में उड़ा दिया था। पिता ने समझाया - "वही दान सर्वश्रेष्ठ दान है जिसका सदुपयोग किया जा सके। ज्ञानदान ही सर्वश्रेष्ठ दान है।" |
25-11-2012, 09:03 AM | #118 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
यह रोना क्यों ?
एक माँ की तीन संतानें युद्ध में भाग लेने के लिए गयीं। कुछ दिन बाद यह खबर आयी कि पहला पुत्र युद्ध में मारा गया है। माँ ने मुस्कराते हुए कहा - "वह भाग्यशाली है कि उसने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया है।" कुछ ही दिनों बाद दूसरा पुत्र भी युद्धभूमि में शहीद हो गया। माँ ने कहा - "मुझे ऐसे पुत्र की माँ होने का गर्व है जिसने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया हो।" कुछ समय बाद उसका तीसरा पुत्र भी शहीद हो गया। इस बार जब उसने तीसरे पुत्र के निधन का समाचार सुना तो मुस्कराहट के साथ माँ की आँखों में आँसू भी थे। उनके पास में खड़े एक व्यक्ति ने कहा - "आखिर आपकी आँखों में आँसू आ ही गए?" माँ ने कहा - "मेरी आँखों में आँसू इसलिए हैं क्योंकि मेरे प्यारे देश पर न्योछावर करने के लिए अब मेरे पास और पुत्र नहीं बचे हैं।" |
25-11-2012, 09:03 AM | #119 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
एक प्राचार्य का पत्र
एक स्कूल में एक नए प्राचार्य ने पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने तमाम शिक्षकों के नाम निम्न परिपत्र जारी किया : मेरे प्रिय शिक्षक बंधु, मैं एक युद्धबंदी यातना शिविर का बंदी रह चुका हूं. मैंने वह सब अत्याचार और दारूण दृश्य देखे हैं जो लोगों की कल्पना शक्ति से भी परे है. शिक्षित इंजीनियरों ने गैस चैम्बर बनाए थे. प्रशिक्षित डॉक्टरों ने लोगों को तड़पा कर मारने वाले टीके ईजाद किए थे. प्रशिक्षित नर्सों ने नवजात शिशुओं को मौत के घाट उतारा था. युवाओं, महिलाओं और बच्चों को हाई-स्कूल और कॉलेज पढ़े सैनिकों ने गोलियों से भूना था. इसीलिए मैं शिक्षा को संदेह की दृष्टि से देखता हूँ. मेरा निवेदन है कि अपने विद्यार्थियों को मनुष्यता, मानवता का पाठ पहले पढ़ाएं. आपकी मेहनत शिक्षित और प्रशिक्षित दानव और मनोरोगी बनाने में नहीं लगनी चाहिए. पढ़ना लिखना तभी सफल है जब हमारे बच्चे मनुष्य बनें. |
25-11-2012, 09:04 AM | #120 |
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Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
संतोष का वरदान
भगवान विष्णु अपने एक भक्त की तपस्या से प्रसन्न हुए और उनको दर्शन देकर बोले – वत्स, कोई वरदान मांगो. भक्त के दिमाग में तत्काल कोई खयाल नहीं आया. तो उसने भगवान से कहा कि वो सोचकर वरदान मांगेगा. भक्त ने यह समस्या अपने मित्रों व रिश्तेदारों से साझा किया. एक ने कहा – अमर होने का वरदान मांग लो. दूसरे ने कहा – अमर होने का क्या फायदा. यदि बीमारी व तकलीफ झेलते रहे. तो अच्छा स्वास्थ्य मांगो. तीसरे ने सुझाव दिया – अमरता या अच्छे स्वास्थ्य का अचार डालोगे यदि आपके पास पैसा नहीं हो? पैसा मांगो. पैसा. इस तरह से हर कोई अपनी अपनी थ्योरी बताने लगा. थक हार कर भक्त फिर से भगवान की शरण में गया और बोला – भगवान, मैं क्या वरदान मांगूं, यही मुझे समझ में नहीं आ रहा है. आप ही मुझ पर कृपा करें और समुचित वरदान दे दें. भगवान मुस्कुराए और भक्त को संतोषी बने रहने का वरदान दे दिया. |
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