04-01-2012, 10:21 PM | #111 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
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01-02-2012, 02:03 PM | #112 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
कुछ प्रमुख अखबारो में प्रसिद्ध पत्रकार श्री पुण्य प्रसून बाजपेयी का एक सनसनी खेज रिपोर्ट प्रकाशित किया गया है, जिसमे पिछले दिनो प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हज़ारे को पुणे के एक प्राईवेट अस्पताल द्वारा धीमा जहर देने के बारे में खुलासा किया गया है। पेश है वो रिपोर्ट -
क्या पुणे में दिया जा रहा था धीमा जहर? अत्रा के इलाज पर उठे सवाल - पुण्य प्रसून वाजपेयी क्या पुणे के संचेती अस्पताल में अत्रा हजारे को भविष्य में आंदोलन न कर पाने की स्थिति में लाने की तैयारी की जा रही थी? क्या राजनीतिक तौर पर संचेती अस्पताल को इस भरोसे में लिया गया कि अगर वह अत्रा हजारे को पांच राज्यो में चुनाव के दौरान मैदान में न उतरने देने की स्थिति ला सकता है, तो अस्पताल चलानेवालों का ख्याल रखा जायेगा ? क्या पुणे के एक व्यवसायी को भी राजनीतिक तौर पर इस भरोसे में लिया गया कि वह अत्रा से अपनी करीबी का लाभ कांग्रेस को पहुंचाये, तो सरकार उसे भी इनाम देगी ? क्या अत्रा के सहयोगियों को भी सुविधाओं से इतना भर दिया गया कि वह भी अत्रा को उसी राजनीति के हाथ का खिलौना बना बैठे, जिस राजनीति के खिलाफ अत्रा संघर्ष कर रहे थे ? ये सारे सवाल अगर रालेगण सिद्धि से लेकर पुणे और मुबंइ में अत्रा आंदोलन से जुड़े लोगों के बीच घुमड़ रहे हैं, तो दिल्ली से सटे गुड़गांव के मेदांता अस्पताल से इसके जवाब भी निकलने लगे हैं। |
01-02-2012, 02:12 PM | #113 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
यह सब कैसे और क्यों हुआ? इसे जानने से पहले यह जरूरी है कि इस खेल की एवज में पहली बार क्या-क्या हुआ, उसकी जानकारी ले लें। पहली बार अत्रा रालेगण के अपने सहयोगी के बिना ही दिल्ली इलाज के लिए पहुंचे पहली बार संचेती अस्पताल के कर्ता-धर्ता कांति लाल संचेती को सीधे पद्म विभूषण से नवाज दिया गया। पहली बार अत्रा के करीबी पुणे के व्यवसायी अभय फिदौरिया के भाई काइनेटिक के चैयरमैन अरुण फिरदौरिया को पद्मश्री से नवाजा जायेगा। 74 बरस की उम्र के जीवन में पहली बार अत्रा ने यह महसूस किया कि संचेती अस्पताल में इलाज के दौरान उनसे खुद उठना बैठना नहीं हो पा रहा है।
दरअसल पिछले दो दिनो से गुड़गांव के मेदांता में इलाज कराते अत्रा के शरीर से करीब तीन किलोग्राम पानी बाहर निकला है और दो दिन के भीतर ही अत्रा अपना काम खुद कर सकने की स्थिति में आ गये हैं और आज ही ( मंगलवार) अत्रा को आइसीयू से सामान्य कमरे में शिफ्ट भी कर दिया गया। लेकिन इससे पहले पुणे के संचेती अस्पताल में नौ दिन (31 दिसंबर 2011 से 8 जनवरी 2012 ) भरती रहे अत्रा को बीते महीने भर से जो दवाइ दी जा रही थी, वह इलाज से ज्यादा बीमार करने की दिशा में किस तरह ब़ढ रही थी? यह अस्पताल की ही ब्लड और यूरिन रिपोर्ट से पता चलता है संचेती अस्पताल में 6 जनवरी को अत्रा की ब्लड / यूरिन की रिपोर्ट ( ओपीडी / आइडी नं 1201003826 ) में सब कुछ सामान्य पाया गया, लेकिन हर दिन जिन आठ दवाइयों को खाने के लिए दिया गया, उनमें स्तेराएड का ओवर डोज है और एंटीबायोटिक की चार दवाइयां इतनी ज्यादा मात्रा में शरीर पर बुरा असर डाल सकती हैं कि किसी भी व्यक्ति को इसे खाने के बाद उठने में मुश्किल हो। असल में इलाज ऐसा क्यों किया जा रहा था, इसका जवाब तो किसी के पास नहीं है, लेकिन इस इलाज तो गुड़गांव के मेदांता में तुरंत बंद इसलिए कर दिया क्योंकि यह सारी दवाइयां अत्रा हजारे के शरीर में धीमे जहर का काम कर रही थीं। खास बात यह भी है कि संचेती अस्पताल की डिस्चार्ज रिपोर्ट में डॉ कांति लाल संचेती के बेटे डॉ पराग लाल संचेती के हस्ताक्षर के साथ यह लिखा गया कि एक महीने यानी 8 फरवरी तक अत्रा को सिर्फ आराम ही करना है कोई काम नहीं करना है। खासकर अस्पताल छोड़ते वक्त 8 जनवरी को अत्रा हजारे को संचेती अस्पताल के डॉक्टर ने यह भी कहा कि लोगों से मिलना-जुलना बंद रखें। लेकिन अत्रा का इलाज बदला, और अत्रा दो दिन में कैसे ठीक हो गये ? |
01-02-2012, 02:19 PM | #114 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
पुणे के अस्पताल में कई दिनों तक इलाज कराने के बावजूद हालत न सुधरने पर अत्रा हजारे जब गुड़गांव के मेदांता अस्पताल पहुंचे, तो दो ही दिन में उनकी स्थिति बेहतर हो गयी। अत्रा के इलाज पर जब सवाल उठे, तो डॉ संचेती के डॉक्टर बेटे ने गुड़गांव पहुंच कर उनसे मुलाकात की इसके बाद अत्रा ने अपने हस्ताक्षर से बयान जारी कर कहा कि उनका ठीक इलाज चल रहा था।
आखिर क्यों अत्रा को जारी करना पड़ा इस तरह का बयान? |
01-02-2012, 02:26 PM | #115 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
क्या है अत्रा के पत्र में
मेरी सेहत को लेकर मीडिया में तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। डॉ कांति लाल संचेती से मेरी 25 साल की दोस्ती है। ऐसा कहा जा रहा है कि जो दवा दी गयी, वो ज्यादा थी या उनकी जरूरत नहीं थी। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मुझे दवाइयां गलत नीयत से दी गयी थी। शायद मेरा शरीर उन दवाइयों को बर्दाश्त नहीं कर पाया मैं मानता हूं कि किसी की जिंदगी या सेहत भगवान के हाथ में होती है। डॉ संचेती को सरकार ने पद्मविभूषण दिया है। उनके इनाम को मेरी सेहत से जोड़ना गलत है। उनका इनाम उनकी 40 वर्षो की सेवाओं और समाज में उत्तम कार्यो के लिए दिया गया है मैं उन्हें इसके लिए बधाइ देता हूँ। |
01-02-2012, 02:48 PM | #116 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
बड़ा सवाल
अत्रा का यह बयान कुछ दूसरे संकेत भी देता है क्योंकि अत्रा पहली बार गुड़गांव के अस्पताल में बिना किसी रालेगण के सहायक के हैं, जबकि बीते एक बरस के दौरान जंतर-मंतर हो या रामलीला मैदान या फिर मुंबई, उनके साथ रालेगण के उनके सहायक सुरेश पठारे हमेशा रहे। लेकिन इसी दौर में अत्रा के करीबियों के पास ब्लैक बेरी और एप्पल के आइ फोन समेत बहुतेरी ऐसी सुविधाएं आ गयीं, जिसकी कीमत लाख रुपये से ज्यादा की है। यह सुविधा रालेगण में अत्रा को घेरे कई सहायकों के पास है और अत्रा के रालेगण में रहने के दौरान पुणे के व्यवसायी की यह पैठ सबसे ज्यादा हो गयी। जबकि इस दौर में पुणे से लेकर मुंबई तक में चर्चा यही है कि पुणे के जिस व्यवसायी को पद्मश्री और जिस डॉक्टर को पद्म विभूषण मिला, उनके नाम इससे पहले पुणे के सांसद सुरेश कलमाड़ी ने प्रस्तावित किया था, लेकिन कलमाड़ी के दागदार होने के बाद इनकी फाइल बंद कर दी गयी, लेकिन जैसे ही अत्रा का संबंध इनसे जुड़ा, तो सरकारी चौसर पर दोनों ने अपने अपने संबंधों की सौदेबाजी के पांसे फेंक कर सम्मान पा लिये। |
20-02-2012, 09:53 PM | #117 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
आश्चर्यजनक रहस्योद्घाटन , खोजी और तार्किक पत्रकारिता की मिसाल हैँ क्रमांक 112 से 116 तक की प्रविष्टियाँ । साधुवाद .....
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
23-02-2012, 01:33 AM | #118 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
मुझे ताज्जुब है कि देश को लगातार खोखला कर रही गद्दार और भ्रष्ट राजनेताओं की चांडाल चौकड़ी किस हद तक बेशर्मी पर उतर आई है ! एक ईमानदार वृद्ध को भी ये सहन नहीं कर पा रहे हैं ! पहले एक बड़बोले नेता ने अन्ना को सेना का भगोड़ा कहा, सबसे बढ़ कर 'भारत की अपने से अधिक आयु के लोगों का सम्मान करने की परम्परा' को तिलांजलि देते हुए 'तू-तड़ाक' भरा संबोधन किया और जब एक आरटीआई कार्यकर्ता ने उनके आरोपों की पोल खोल दी और बात मानहानि के मुक़दमे की आई, तो जिस तरह उन्होंने सरे-आम अपना थूका हुआ चाटा और अन्ना के तलवे चाटने में पल भर की देर नहीं की, यह देख कर आज के राजनीतिक स्तर पर सर शर्म से झुक जाता है ! यह माजरा देख कर एक राजनीतिक पार्टी का दिवालियापन शिद्दत से महसूस होता है कि इतना बड़ा अपराध करने के बावजूद वह नेता आज भी पार्टी के उसी पद पर विराजमान है, और उसी गति से बकवास कर रहा है ! ... और सबसे ज्यादा आश्चर्य तो राजनीतिक विदूषक की उस टिप्पणी पर होता है, जो आपने पिछले दिनों देशभर के अखबारों में पढ़ी होगी, "मैंने कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया !" और इससे भी ज्यादा ताज्जुब यह देख कर होता है कि जो लोग तमाम तरह के (चारा, सीमेंट, बोफोर्स आदि) घोटालों के आरोपी हैं, वे प्रशासन और राजनीतिक दलों के महत्वपूर्ण पदों को कुशोभित करते हुए निरंतर बकवास और देश की संवैधानिक संस्थाओं और ईमानदारी के लिए लड़ने वालों पर हमले कर रहे हैं और देश की जनता खामोशी से देख रही है ! मित्रो, मैं महसूस करता हूं कि ये देश की जनता को मूर्ख समझ कर बस, अपना उल्लू सीधा करना जानते हैं, देश जाए भाड़ में, क्योंकि इन्होंने स्विश बैंकों में इतना धन इकट्ठा कर रखा है कि देश जिस दिन फिर गुलाम हुआ, ये सब उस दिन काले धन के बूते किसी और देश के नागरिक होंगे और भुगतेगी देश की गरीब जनता ! मेरा मानना है कि विभिन्न वेवसाइट्स के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही भी इसी एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है ! आपको याद होगा कि अन्ना के आन्दोलन में सोशल नेटवर्क की भूमिका अहम् रही थी और मेरा मानना है कि आपत्तिजनक सामग्री की आड़ लेकर सरकार इन गतिविधियों पर ही लगाम लगाना चाहती है ! इस माहौल और इस ज़माने में ऐसा जोखिम उठाने के लिए श्री पुण्यप्रसून वाजपेयी के दुस्साहस को मैं सलाम करता हूं ! वाकई वे एक सच्चे पत्रकार हैं ! ... और ईश्वर से उनकी खैरियत की दुआ करता हूं ! आमेन !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु Last edited by Dark Saint Alaick; 23-02-2012 at 01:36 AM. |
10-06-2012, 03:11 PM | #119 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
हैदराबाद। यह आंकड़ा बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कान भी खड़े कर सकता है। तेलुगु देसम पार्टी [तेदपा] का दावा है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मुखिया जगनमोहन रेड्डी के बही-खातों में उनकी संपत्तिभले ही सिर्फ 440 करोड़ रुपये हो, लेकिन भूमि और खदानों के रूप में वह 16.96 लाख करोड़ रुपये के खजाने पर बैठे हैं।
तेदेपा पोलित ब्यूरो के सदस्य व आंध्र प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता डी वीरभद्र राव ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि ये संपत्तिायां जगन के नाम नहीं हैं। दरअसल ये बेनामी हैं, जो उनके नजदीकी रिश्तेदारों और अन्य उद्योगपतियों के साथ मिलकर खरीदी गई हैं। वीरभद्र ने कांग्रेस सरकार से तत्काल उन्हें आवंटित खानों और भूमि को रद करने की अपील की है। आय से अधिक संपत्तिमामले में जगन जेल में बंद हैं। शनिवार को सीबीआइ ने कडप्पा सांसद से करीब छह घंटे तक पूछताछ की। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने एक रोज पहले जगन को दो दिन की सीबीआइ हिरासत में भेजा है। रविवार को भी जांच एजेंसी उनसे पूछताछ जारी रखेगी। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान विदेश से उनकी कंपनी में लगाए गए फंडों के बारे में जानकारी ली गई। सीबीआइ ने 27 मई को जगन को गिरफ्तार किया था।
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30-07-2012, 12:12 PM | #120 |
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Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं
एक बार फिर से अन्ना हज़ारे जंतर-मंतर पर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे है। वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है, वो एक ऐसे मजबूत लोकपाल बिल लाने के लिए लड़ रहे है, जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके। भ्रष्टाचार नामक बीमारी से पूरा देश त्रस्त है। हर कोई इससे मुक्ति पाना चाहता है (सिर्फ भ्रष्ट लोगो को छोड़ कर)। लेकिन लड़ रहे है अन्ना हज़ारे और उनके समर्थक।
क्या ये लड़ाई सिर्फ कुछ लोगो की है? क्या अन्ना हज़ारे अपने किसी क्षुद्र महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए अनशन कर रहे है? क्या उनके दल के सदस्य अपने किसी निजी स्वार्थ के लिए उनका सहयोग कर रहे है? क्या अन्ना हज़ारे द्वारा उठाए गए मुद्दे पर उनका कॉपीराइट है? अगर उपरोक्त सवालो का जवाब "नहीं" है तो हमलोग इंतज़ार किस बात का कर रहे है। मीडिया वालो के लिए अन्ना हज़ारे के आंदोलन महज एक टीआरपी का खेल है - इस बार वो सिर्फ भीड़ की संख्या गिनने मे पूरा ध्यान दे रहे है। भीड़ कम जुट रही है, तो इसका मतलब अन्ना हज़ारे का आंदोलन फ्लाप। हम मे से ज़्यादातर लोगो के लिए टीवी पर चलने वाले एक मनोरंजक कार्यक्रमों मे से एक, जो रिमोट से चैनल बदलते समय किसी चैनल पर दिख जाये और मूड करे तो देख लिया, वरना आगे बढ़ गए। किसी पान दुकान या पार्को मे दो चार लोगो के साथ डिस्कस कर लिया और देश की बदहाली को कोसते हुये अपना देश धर्म निभा लिया। और देश के राजनेताओ की तो पूछिये ही मत - कौन अन्ना हज़ारे के खिलाफ कितना जहर उगल सकता है, वो उतना ही जबरदस्त नेता है। इन जैसे नेताओ से तो इंसान तो क्या, भगवान भी डरते है - तभी तो अभी तक इन्हे धरती पर छोड़ रखा है, अगर यहा से नरक (स्वर्ग मे तो जा ही नहीं सकते) मे भी गए तो, वहा का भी माहौल गंदा कर देंगे। |
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