03-06-2013, 08:06 PM | #111 |
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Re: अहसास
तेरे लिए तो ये महफ़िल सजाई थी मैंने तेरे अदम को गवारा न था वुजूद मेरा सो अपनी बेखकुनी में कमी न की मैंने
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
03-06-2013, 08:07 PM | #112 |
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Re: अहसास
उल्टी हो गयीं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया
देखा, इस बीमारी-ए-दिल ने आखिर काम तमाम किया अहद-ए-जवानी रो रो काटा, पीरी में ली आँखें मूँद यानी रात बोहत थे जागे, सुबह हुई आराम किया
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03-06-2013, 08:07 PM | #113 |
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Re: अहसास
मैं इसे शोहरत कहूं या अपनी रुसवाई कहूं
मुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़साने गए यूं तो वोह मेरी रग-ए-जां से भी थे नज्दीक-तर आंसुओं की धुंध में लेकिन न पहचाने गए
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03-06-2013, 08:08 PM | #114 |
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Re: अहसास
शमा-ए-हक़ से जो मुनव्वर हो ये वोह महफ़िल न थी
बारिश-ए-रहमत हुई, लेकिन ज़मीं काबिल न थी
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03-06-2013, 08:11 PM | #115 |
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Re: अहसास
सितारे सिसकियाँ भरते थे ओस रोती थी
फ़साना-ए-जिगर लख्त लख्त ऐसा था ज़रा न मोम हुआ प्यार की हरारत से चटख के टूट गया, दिल भी सख्त ऐसा था
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03-06-2013, 08:21 PM | #116 |
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Re: अहसास
मिसाल ऎसी है इस दौर-ए-खिरद के होश्मंदों की
न हो दामन में ज़र्रा और सहरा नाम हो जाये शकेब अपने तार्रुफ़ के लिए ये बात काफी है हम उस से बच के चलते हैं जो रास्ता आम हो जाये
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03-06-2013, 08:22 PM | #117 |
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Re: अहसास
jai ji good updates
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03-06-2013, 08:24 PM | #118 |
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Re: अहसास
फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को
भूला हुआ था देर से में अपने आप को रहते हैं कुछ मलूल से चेहरे पड़ोस में इतना न तेज़ कीजिए ढोलक की थाप को मलूल=sadness
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06-06-2013, 06:15 PM | #119 |
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Re: अहसास
दर्द-ओ-ग़म का ना रहा नाम तेरे आने से
दिल को क्या आ गया आराम तेरे आने से। शुक्र-सद-शुक्र के लबरेज़ हुआ ऐ साकी मय-ए-इशरत से मेरा जाम तेरे आने से। सहर-ए-ईद ख़जिल जिससे हो ऐ माह-ए-लका वस्ल की फूली है ये शाम तेरे आने से
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06-06-2013, 06:17 PM | #120 |
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Re: अहसास
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया
जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया इसका रोना नहीं क्यों तुमने किया दिल बरबाद इसका ग़म है कि बहुत देर में बरबाद किया
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