31-10-2015, 08:33 PM | #121 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
मैं युवा कलाकारों को कहना चाहती हूँ कि उन्हें अपने लिए कुछ नियम तय करने चाहियें. सब से पहले तो खुद में विश्वास रखो. खूब मेहनत करो. खास तौर पर तब जब आपकी लव लाइफ बिखर चुकी हो तो अपने काम में ध्यान लगाओ. मेरे कहने का अर्थ यह है कि अपने शरीर को मंदिर की तरह संजो कर रखो. सेहत सबसे बड़ी संपत्ति है. चुस्ती के बहाव में मत बहो. भूल तो कभी भी हो सकती है, किंतु उसके बोझ तले मत दब जाओ. आज के लिए जिओ. इस पल का लुत्फ़ उठाओ. ज़िन्दगी में व्यावसायिक खतरे तो उठाने ही पड़ेंगे. अगर आगे बढ़ना है तो इतना अवश्य करना ही चाहिये.
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31-10-2015, 10:28 PM | #122 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि:-
सुप्रसिद्ध अभिनेत्री जूही चावला को संगीत और गायन से बहुत लगाव है. उनकी आवाज़ बहुत अच्छी है और वे लता मंगेशकर से बहुत प्रभावित रही हैं. उन्होंने बाकायदा गायन की ट्रेनिंग भी ले रखी है. उनकी इच्छा पार्श्वगायिका बनने की थी. लेकिन अभिनय में व्यस्त हो जाने के कारण संगीत का उनका शौक आगे नहीं बढ़ सका.
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31-10-2015, 11:02 PM | #123 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि:-
रवीना टंडन किसी समय फिल्म का निर्देशक बनना चाहती थीं. वह बताती हैं, “जब मैं छोटी थी तब मैं हर शूटिंग में पापा के साथ होती थी. मैं उनसे पूछती कि 18 के लेंस में डायरेक्टर कितना हिस्सा पकड़ पाता है और 40 के लेंस में कितना हिस्सा दिखाई देता है. लेंस, क्लोज़ अप और लॉन्ग शॉट के बारे में भी मैं पिता जी से प्रश्न करती रहती थी. पापा को भी लगता था कि मुझमे अच्छे डायरेक्टर के सभी गुण मौजूद हैं. अपने स्वभाव के बारे में वह कहतीं- पापा (फिल्म निर्देशक रवि टंडन) ने चवन्नी की दाल-रोटी खा कर अपने करियर की शुरूआत की थी. यही खुद्दारी (स्वाभिमान) मुझमे भी है. यही वजह है कि मैं अपने पापा की पूजा करती हूँ. मैंने उनसे वचन ले लिया था कि वे किसी भी निर्माता या निर्देशक से मुझे काम देने के लिए कोई सिफारिश नहीं करेंगे.
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31-10-2015, 11:37 PM | #124 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि:-
फिल्म "आखिरी रास्ता" (1986) में अभिनेत्री श्री देवी नायिका थीं किंतु उनके डायलाग रेखा की आवाज में डब किये गए थे. फिल्म के नायक अमिताभ बच्चन थे. फिल्म "सोलवाँ सावन" (1979) श्री देवी की पहली हिंदी फिल्म थी. इस फिल्म के नायक अमोल पालेकर थे. हास्य अभिनेता जगदीप (वास्तविक नाम: सैयद इश्तियाक़ अहमद जाफ़री / जन्म: 29 मार्च, 1939) ने बतौर नायक कई फिल्मों में काम किया जैसे- बरखा, बिंदिया, प्यार की बाज़ी, राजा, बैण्ड मास्टर, नूर महल और रूप रुपैया आदि. अभिनेता जावेद जाफ़री इन्हीं के सुपुत्र हैं.
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01-11-2015, 09:46 AM | #125 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
रोचक जानकारी।
पता नहीं था। आगे भी ऐसी जानकारी देते रहिए| धन्यवाद gv |
02-11-2015, 04:11 PM | #126 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
ऋषि कपूर
विशेष और अद्भुत किरदार की जगह मैं आम आदमी की भूमिका करना ज्यादा पसंद करता हूँ. आज मेरे पास जितनी फ़िल्में हैं वे मेरी प्रतिभा के कारण हैं. यदि मुझमे प्रतिभा नहीं होती तो बहुत पहले मैं बाहर हो चुका होता. यूँ मुझे घर से बुलवा कर काम के लिए आमंत्रित न किया जाता. जिसमें असुरक्षा की भावना न हो, वह अच्छा कलाकार नहीं बन सकता. मैं भी इससे अछूता नहीं हूँ. कला के क्षेत्र में व्यक्ति को संतुष्ट न रहते हुये कुछ न कुछ नया सोचना व करना चाहिये. काम के समय मैं नशा नहीं करता. या यूँ कहिये कि नशा कर के मुझे काम करना पसंद नहीं है. अपने लिए अपनी मनपसंद जॉनी वाकर ब्लैक लेबल स्कॉच व्हिस्की तैयार करते हुए ऋषि बताते हैं कि भविष्य में भी मेरी कई फ़िल्में आने वाली हैं. मैं अपने काम से और जीवन से संतुष्ट हूँ.
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05-11-2015, 09:52 PM | #127 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
अभिनेता ओम प्रकाश और उनकी "जहांआरा"
^ अभिनेता ओम प्रकाश ने सन 1964 में एक फिल्म बनी थी “जहाँआरा”. इस दौरान उन्होंने रूपतारा स्टूडियो में एक कमरा ऑफिस के लिए किराए पर ले लिया था. यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गयी. इसके बाद ओम प्रकाश ने किसी अन्य फिल्म का निर्माण नहीं किया. फिल्म के फ्लॉप होने के बाद भी उन्होंने रूपतारा स्टूडियो का वह कमरा छोड़ा नहीं. यदि उन्होंने किसी को मुलाक़ात के लिए वहाँ बुलाना होता था तो उसे यही कहते, “यदि आपको मुझसे मिलना है तो “जहांआरा” के मकबरे पर आ जाइयेगा.”
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05-11-2015, 10:13 PM | #128 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
फ़िल्मी पोस्टरों की शुरूआत
बाबुराव पेंटर अक्सर पूछा जाता है कि भारत में फिल्मों के पोस्टर बनाने की शुरूआत कब हुई? तो इस बारे में हम आपको बताना चाहते हैं कि मूक फिल्मों के ज़माने में सन 1923 में बाबुराम पेंटर द्वारा एक फिल्म बनायी गयी थी जिसका नाम था “वत्सला हरण”. यहीं से फिल्मों के पोस्टर बनाने की शुरूआत हुयी. बाबुराम पेंटर इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक भी थे. इस फिल्म के सारे पोस्टर स्वयं बाबुराम पेंटर ने ही बनाये थे. इसके बाद तो पोस्टर का चलन आम हो गया.
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05-11-2015, 10:58 PM | #129 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
जगदीश राज
(1928 से 2013) जगदीश राज का जन्म सन 1928 में सरगोधा (अब पाकिस्तान में) हुआ था. कहा जाता है कि अपने समय के प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता जगदीश राज ने लगभग 144 फिल्मों में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई. यह अपनी तरह का एक विश्व रिकॉर्ड है जिसे गिनिस बुक में स्थान प्राप्त है. सन 1959 में प्रदर्शित फिल्म “कंगन” में उन्होंने पहली बार पुलिस इंस्पेक्टर का रोल किया था. लोहा, पाप का अंत और नाइंसाफ़ आदि फिल्मों में उन्होंने पुलिस कमिश्नर का रोल किया. तब उन्होंने मज़ाक में कहा कि अब मेरा प्रमोशन हो गया है. 1992 में उन्होंने फिल्मों से अवकाश ले लिया था. 28 जुलाई 2013 को 85 बर्ष की आयु में उनका स्वर्गवास हुआ. उनकी पुत्री अनीता राज भी फिल्मों में कुछ समय तक अभिनय करती रहीं.
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05-11-2015, 11:30 PM | #130 | |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
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ओह, मुझे लगता था की यह रेकोर्ड ईफ्तेखार खान के नाम होगा! क्यूं की उन्हों ने भी बहुत फिल्मों में पुलिस के रोल किए है। अनीता राज उस जमाने की बोल्ड एण्ड ब्युटीफुल हीरोईनों में से एक लगती है। फारुक शेख के साथ उनकी एक फिल्म 'अब आएगा मज़ा' मुझे पसंद है!
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