19-11-2010, 10:46 PM | #121 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
मस्त, दिलदार बोले तो फुल ऑफ़ लाइफ, ऐसे व्यक्ति भावुक होते हैं इसलिए किसी भी बात को सीधे दिल पर ले लेते हैं एथिलीट रह चुके हैं, ये बात इनके कार्य करने के तरीके से भी साफ़ पता चलती है हिंदी और हिंदुस्तान इनके दिल में रचा बसा है जल्दी दोस्ती नहीं करते पर अगर कर लिया तो समझो निकल पड़ी
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
20-11-2010, 12:01 AM | #122 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
अति मित्रवत, कोमल हृदयवाले, मतवाले चरित्रवाले, आकर्षक व्यक्तित्ववाले, कर्तव्यनिष्ठ पिता, कुशल व्यापारी छोटे भाई के विषय में मैं कुछ नहीं कह सकता / क्षमा करें शाम भाई /
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
20-11-2010, 04:18 AM | #123 | |||||||||||
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Re: दोस्तोँ की नजर
आप सब मित्रो ने मेरी इतनी तारीफ कर दी है.... कुछ ही घंटो मे २ किलो वजन बढ़ गया है....
कोई अपनी तारीफ़ करता है तो अच्छा तो बहुत लगता है जैसे की आसमान के सैर कर रहे हो लेकिन डर भी लगता है की कहीं कोई गलती हो गयी तो कितने ऊपर से गिरूंगा....इससे तो अपनी बैलगाड़ी ही अच्छी है...... आप सब का धन्यवाद. Quote:
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आपने हमारा नाम अपने अच्छे मित्रो की सूचि मे रखकर हमें जो मान दिया है इसके लिये आपका आभारी हूँ. Quote:
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नहीं मित्र मै नाराज जल्दी नहीं होता क्युंकी जब मै नाराज होता हूँ तब मुझे गुस्सा आता है और जब गुस्सा आता है तो....शिव का भक्त हूँ तो तांडव ही करूँगा....तो ऐसी परिस्थिति से दूर रहने का प्रयत्न करता हूँ. Quote:
मित्र हमारे दिल के और घर के दरवाजे आप सभी मित्रो के लिये हमेशा खुले ही है जब दिल करे आजाओ !!!! Quote:
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माफ करना मित्र लेकिन आप मुझे ठीक से पहेचान नहीं पाये हो....मुझे इज्जत मिले या ना मिले उसकी मुझे कोई परवाह नहीं है....लेकिन जहाँ मेरा आत्मसन्मान को ठेस पहुंचती है या मेरा अपमान होता है उस को छोड देना पसंद करता हूँ. Quote:
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बड़े भैया मैंने तो यह सुना है की जो बड़े होते है और जो अपने होते है वही प्रशंसा के साथ साथ कमियों को भी बताते है ताकि छोटो को कभी शर्मिंदा ना होना पड़े. |
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20-11-2010, 08:12 AM | #124 | |
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Re: दोस्तोँ की नजर
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प्रायः बहुत कम ही देखने को मिलता है कि nri होने के उपरान्त भी कोई अपने देश को इतनी शिद्दत के साथ जिये । इस भौतिकवादी युग मेँ सिक्कोँ की खनक के बीच लोग अपने परिवार को विस्मृत कर देते हैँ , इतिहास ऐसे अनेक दृष्टान्तोँ से भरा हुआ है मगर सैम साहब जैसी विभूतियाँ अपने राष्ट्र के लिए कटिबद्ध और समर्पित हैँ और मैँ उनके इस जज्बे को सलाम करता हूँ । |
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20-11-2010, 12:35 PM | #125 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
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20-11-2010, 05:03 PM | #126 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
अपने दोस्तों के विचार जानकर शाम भाई का वजन बढ़ कर इतना हो गया है कि एरलाईन्स वाले अब शाम जी से दुगना किराया वसूलने की सोच रहे हैं. फोरम के सभी सदस्य शाम जी के विचार जानकार अपनी तरफ से शाम जी को धन्यबाद देते हैं.
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20-11-2010, 05:03 PM | #127 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
आज आप सभी सदस्यों को अपनी राय व्यक्त करनी है कहानीकार जी के बारे में. उनके मजबूत और कमजोर पक्ष को उजागर कीजिये और अपनी राय व्यक्त कीजिये. धन्यबाद.
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20-11-2010, 05:32 PM | #128 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
जेट से भी तेज हैं हमारे कहानीकार भाई
इनको जल्दी बहुत है सब कुछ करने की, सब कुछ में अव्वल रहना चाहते हैं इनको लगता है सचमुच 2012 में दुनिया समाप्त होनेवाली है अतः जो करना है उससे पहले कर लिया जाय (मजाक मात्र) रास्ते की रुकावटें पसंद नहीं(मुझे भी पसंद नहीं), पर उनसे पार पाने का इनका तरीका मुझे सही नहीं लगता धैर्य बिलकुल नहीं है, बड़ी जल्दी अधीर हो जाते हैं सोचते बाद में हैं, कर उससे पहले देते हैं थोडा सोच समझ के कार्य करेंगे तो काफी आगे बढ़ सकते हैं
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
20-11-2010, 07:06 PM | #129 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
Sr bhai
बहुत हीँ कर्मठ इंसान हैँ फोरम मेँ मैँने उनको नाम दिया हैँ शदाब्दी एक्शप्रेस दिल से मेहनत करतेँ हैँ चित्र विभाग के अलावा भी अगर चाहेँ तो रंगीन कर सकतेँ हैँ कोई भी सुत्र हो उनके रंग मेँ रंग जातेँ हैँ कोई भी अगर फोरम मेँ मेहनत करता हैँ रेपुटेशन देने मेँ हमेशा आगे रहतेँ हैँ और हमेशा मुझे लगता हैँ उनके दिल मेँ एक दर्द हैँ पता नहीँ क्या दर्द हैँ बहुत अच्छेँ हैँ + गुस्सा बहुत करतेँ हैँ बडोँ से बहँस करतेँ हैँ - |
20-11-2010, 07:31 PM | #130 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
कहानीकार
किसी भी फोरम के लिए विशेष हो सकते हैं बहुत से अच्छे सूत्र बना सकते हैं समाज के लिए प्रेरक का काम कर सकते हैं फिर भी एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी प्रविष्टियों से हलचल मचा सकता है लेकिन ये ध्यान नहीं होता कि मैं जो कर रहा हूँ उसकी वास्तविक आवश्यकता क्या है ? एक ऐसा तेज गति का हवाई जहाज जो खुद के काबू से भी बाहर हो जाता है एक ऐसा व्यक्तित्व जो सिर्फ कहने को संबोधन देता है लेकिन उसका मान करना नहीं जानता. वो व्यक्ति जो खुद की गलती को स्वीकार करना नहीं जानता. यदि सही मायनो में खुद को व्यवस्थित कर लें तो आगे की आने वाली जिन्दगी में एक सफलतम व्यक्ति की उपाधि पा लेंगे क्योंकि इनमे क्षमता है .. |
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