24-03-2017, 01:25 PM | #131 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरू शहीदी दिवस/Bhagat Singh-Sukhdev-Rajguru Shaheedi Diwas मैं नास्तिक क्यों हूँ (सरदार भगत सिंह) – एक अंश समाज को इस ईश्वरीय विश्वास केविरुद्ध उसी तरह लड़ना होगा जैसे कि मूर्ति-पूजा तथा धर्म-संबंधी क्षुद्रविचारों के विरुद्ध लड़ना पड़ा था। इसी प्रकार मनुष्य जब अपने पैरों परखड़ा होने का प्रयास करने लगे और यथार्थवादी बन जाए तो उसे ईश्वरीय श्रद्धाको एक ओर फेंक देना चाहिए और उन सभी कष्टों, परेशानियों का पौरुष के साथसामना करना चाहिए जिसमें परिस्थितियाँ उसे पलट सकती हैं। मेरी स्थिति आजयही है। यह मेरा अहंकार नहीं है। मेरे दोस्तों, यह मेरे सोचने का ही तरीकाहै जिसने मुझे नास्तिक बनाया है। मैं नहीं जानता कि ईश्वर में विश्वास औररोज-बरोज की प्रार्थना - जिसे मैं मनुष्य का सबसे अधिक स्वार्थी और गिराहुआ काम मानता हूँ - मेरे लिए सहायक सिद्ध होगी या मेरी स्थिति को और चौपटकर देगी। मैंने उन नास्तिकों के बारे में पढ़ा है, जिन्होंने सभी विपदाओंका बहादुरी से सामना किया, अतः मैं भी एक मर्द की तरह फाँसी के फंदे कीअंतिम घड़ी तक सिर ऊँचा किए खड़ा रहना चाहता हूँ। देखना है कि मैं इस पर कितना खराउतर पाता हूँ। मेरे एक दोस्त ने मुझे प्रार्थना करने को कहा। जब मैंने उसेअपने नास्तिक होने की बात बतलाई तो उसने कहा, 'देख लेना, अपने अंतिम दिनोंमें तुम ईश्वर को मानने लगोगे।' मैंने कहा, 'नहीं प्रिय महोदय, ऐसा नहींहोगा। ऐसा करना मेरे लिए अपमानजनक तथा पराजय की बात होगी। स्वार्थ के लिएमैं प्रार्थना नहीं करुंगा।' पाठकों और दोस्तो, क्या यह अहंकार है? अगर है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूँ। (भगत सिंह का यह आलेख ‘Why I am an Atheist’ लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित और लाहौर से छपने वाले अखबार ‘The People’ में दिनांक 27 सितंबर 1931 को छपा था. आपको याद होगा कि लाला लाजपत राय की शहादत का बदला लेने के लिये ही भगत सिंह और उनके साथियों ने 17 दिसंबर 1928 को ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॅान्डर्स की हत्या की थी)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
25-03-2017, 11:49 PM | #132 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 मार्च/March 25)
बॉलीवुड अभिनेत्री नंदा / Bollywood Actor Nanda
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25-03-2017, 11:54 PM | #133 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 मार्च/March 25)
बॉलीवुड अभिनेत्री नंदा / Bollywood Actor Nanda जन्म: 08 जनवरी 1939 मृत्यु: 25 मार्च 2014 बॉलीवुड में अपनी खुबसूरती और बेहतरीन अदाकारी के चलते मशहूर अभिनेत्री नंदा द्वारा निभाए गए किरदारों को और उनकी रील लाइफ के बारे में तो लगभग हर किसी को पता है। आइये अभिनेत्री नंदा के जीवन की कुछ ख़ास बातों से रू-ब-रू होते हैं:- 1. नंदा का जन्म एक प्रसिद्ध मराठी परिवार में हुआ था। नंदा के पिता विनायक दामोदर कर्नाटकी, जो मास्टर विनायक के नाम से मशहूर थे, मराठी (नाटकों और) फिल्मों के सफल अभिनेता-निर्देशक थे। जब नंदा केवल 8 वर्ष की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया था. पिता की मृत्यु के उपरान्त घर की ज़िम्मेदारी बालिका नंदा के नाज़ुक कंधों पर आ गयी। 2. पिता के निधन के बाद नंदा को बचपन में ही फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करना पड़ा। उन्होंने फिल्मों में बेबी नंदा के नाम से काम करना शुरू कर दिया. 3. नंदा को वी. शांताराम ने फिल्म तूफान और दीया में लीड एक्ट्रैस के तौर पर ब्रेक दिया था। यह फिल्म भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित थी। नंदा, वी. शांताराम की भतीजी थीं। 4. फिल्म छोटी बहन (1957) में नंदा ने मुख्य किरदार निभाया था। यह फिल्म बड़ी हिट रही, जिससे नंदा स्टार बन गईं। 5. सन् 1983 में रिलीज हुई प्रेम रोग उनकी अंतिम फिल्म थी। फिल्म में उनके साथ पद्मिनी कोल्हपुरे और ऋषि कपूर थे। 6. फिल्म 'काला पत्थर' में साथ काम करने के बाद नंदा और वहीदा रहमान के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई और जिस दिन नंदा का निधन हुआ, उसी दिन वहीदा रहमान मुंबई में एक किताब का विमोचन करने वाली थीं, लेकिन नंदा के निधन की खबर के बाद वहीदा प्रोग्राम में नहीं गईं। 7. नंदा की शुरुआती हिट फिल्में छोटी बहन, हम दोनों, तीन देवियां थीं। शशि कपूर के साथ सुपर हिट जोड़ी रही(जैसे जब जब फूल खिले)। 8. अभिनेर्त्री नंदा ने फिल्मों में बहुत से अभिनेताओं के साथ रोमांटिक किरदार निभाये लेकिन असल ज़िन्दगी में उनके जीवन पर अकेलेपन की छाया कभी खत्म नहीं हुई. नंदा के लिये शादी के कई प्रस्ताव आये लेकिन इनमें से कोई भी अंजाम तक न पहुंचा. अंत में नंदा की सखी वहीदा रहमान ने नंदा को जाने माने फिल्म निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ शादी करने के लिए राजी कर लिया. देसाई उन्हें अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहते थे. सन 1992 में दोनों की सगाई हुई थी. लेकिन किस्मत को शायद यह मंजूर न था. 1994 में छत से गिरने पर मनमोहन देसाई की मौत हो गई। इसके बाद नंदा मृत्युपर्यन्त अविवाहित ही रहीं।
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26-03-2017, 12:02 AM | #134 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
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शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी / Ganesh Shankar Vidyarthi
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26-03-2017, 12:05 AM | #135 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 मार्च/March 25)
शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी / Ganesh Shankar Vidyarthi गणेश शंकर विद्यार्थी एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार, समाज-सेवी औरस्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उनका नामअजर-अमर है। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी लेखनीकी ताकत से भारत में अंग्रेज़ी शासन की नींद उड़ा दी थी। इस महान स्वतंत्रतासेनानी ने कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसावादी विचारों औरक्रांतिकारियों को समान रूप से समर्थन और सहयोग दिया। सन 1913 में विद्यार्थी ने एक क्रांतिकारी पत्रकार औरस्वाधीनता कर्मी के तौर पर अपना करियर प्रारंभ किया। उन्होंने क्रन्तिकारीपत्रिका ‘प्रताप’ की स्थापना की और उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई। ‘प्रताप’ के माध्यम से उन्होंने पीड़ित किसानों, मिल मजदूरों औरदबे-कुचले गरीबों के दुखों को उजागर किया। अपनी निर्भीक एवं क्रांतिकारी पत्रिकारिता केकारण उन्हें बहुत कुछ झेलना पड़ा – सरकार ने उनपर कई मुक़दमे किये, भरीजुरमाना लगाया और कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। मार्च 1931 में कानपुर में भयंकर हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए जिसमें हजारोंलोग मारे गए। गणेश शंकर विद्यार्थी ने दंगाइयों के बीच जाकर हजारों लोगोंको बचाया पर खुद एक ऐसी ही हिंसक भीड़ में फंस गए जिसने उनकी बेरहमी सेहत्या कर दी। एक ऐसा मसीहा जिसने हजारों लोगों की जान बचायी खुदधार्मिक उन्माद की भेंट चढ़ गया।
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26-03-2017, 12:11 AM | #136 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (26 मार्च/March 26)
रॉबर्ट फ्रॉस्ट / Robert Frost अमरीकी कवि / American Poet
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26-03-2017, 12:16 AM | #137 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (26 मार्च/March 26)
अमरीकी कवि रॉबर्ट फ्रॉस्ट / American Poet Robert Frost रॉबर्ट फ्रॉस्ट अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अमेरिकन कवि थे जिन्होंने अपनी कविताओं में ग्राम्य अंचल तथा जन जीवन का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया है. उन्होंने कविता की क्लासीकी भाषा से अलग आम बोलचाल की भाषा को ही अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया. उनकी बहुत सी कविताओं में हमें रहस्यवाद के दर्शन होते हैं. वर्ड्सवर्थ की तरह उन्हें भी प्रकृति से बहुत प्रेम था. उनके पास अपना एक 30 एकड़ का फार्म था जिसमे खेत थे, चरागाह, घने वृक्ष और फलों के बागान थे. उनकी अधिकतर रचनायें इसी फार्म के खुशगवार माहौल में लिखी गयी थीं.
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29-03-2017, 01:35 AM | #138 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
नंदा जी , गणेश शंकर विद्यार्थीजी और राबर्ट जी के बारे में जो कुछ आपने बताया उस जानकारी से अधिकांशतः लोग अनभिज्ञ ही होंगे भाई , आपने इस सूत्र के माध्यम से हमें उनके बारे में सब जानकारियां दी कृतज्ञता सहित आपके आभारी हैं हम।
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29-03-2017, 09:31 AM | #139 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
आपकी उक्त टिप्पणी में प्रशंसा भी है और प्रोत्साहन भी है. ऐसी पोस्ट भविष्य में भी देता रहूँ, यह कोशिश होगी. हार्दिक धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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30-03-2017, 01:50 PM | #140 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (29 मार्च/March 29)
बहादुर शाह ज़फ़र / Bahadur Shah Zafar मंगल पांडे / Mangal Pande
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 30-03-2017 at 01:52 PM. |
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