02-03-2013, 09:09 AM | #131 |
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Re: बजट 2013-14
वित्तीय वर्ष 2013-14 के केंद्र के बजट भाषण में विशेष राज्य का दर्जा के लिए वर्तमान मानदंड के परिवर्तन के उल्लेख को बिहारियों की मांग की सैद्धांतिक जीत करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बधाई दी। संसद में पेश किये गये केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार विशेष राज्य के दर्जा के लिए पुराने मानदंडों को बदलने की लंबे समय से मांग कर रहा है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने बजट भाषण में विशेष राज्य का दर्जा के लिए वर्तमान मानदंड को परिवर्तन की बात कही है और सिद्धांत तौर पर स्वीकार किया है कि विशेष राज्य के मानदंड में परिवर्तन की जरूरत है। यह बिहार के लोगों के लिए सैद्धांतिक जीत है। पी चिदंबरम बधाई के पात्र हैं। आशा है कि इस सैद्धांतिक घोषणा को अमली जामा पहनाया जायेगा।’ विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से नीतीश ने कहा, ‘आर्थिक सर्वेक्षण के बाद बजट भाषण में भी विशेष राज्य का दर्जा के वर्तमान मानदंडों को बदलने की बात कही गयी है। इसके लिए चिदंबरम बधाई के पात्र हैं। विकास के विभिन्न राष्ट्रीय औसत से पिछड़े बिहार सहित अन्य राज्यों की मांग का समर्थन है। यह एक अच्छा घटनाक्रम है। आशा है कि केंद्र सरकार जल्द ही मानदंड परिवर्तन के बारे में निर्णय लेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग रोचक दौर में पहुंच चुकी है। अब जदयू द्वारा आगामी 17 मार्च को नयी दिल्ली में होने वाली रैली का महत्व और बढ गया है। अब संकेत है कि केंद्रीय वित्त आयोग और योजना आयोग से भी पिछडेपन के आधार पर केंद्रीय राशि मिलेगी। केंद्रीय चित्तमंत्री चिदंबरम की तारीफ से राजनीतिक समीकरण बदलने के मायने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। बिहार जैसे अन्य पिछडे राज्यों का रास्ता खुल गया है। सभी को एक साथ आना चाहिए।’ केंद्रीय बजट में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी की झलक के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘इस बजट को चुनाव के दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। यह बात तो साफ है कि यह लोकसभा चुनाव के पहले अंतिम पूर्ण बजट है। अगला बजट हाफ बजट होगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बजट भाषण में बिहार की मांग के समर्थन में जो बाते कही गयी हैं उससे विरोधियों की आंखें खुल जानी चाहिए। हमने हमेशा तर्क और तथ्य के आधार पर बात कही है। हमें आशा है कि बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत 11वीं पंचवर्षीय योजना की तरह बीआरजीएफ के विंडो से विशेष मदद दी जारी रहेगी।’ नीतीश ने कहा, ‘प्रसन्नता की बात है कि केंद्रीय मंत्री ने पूर्वी क्षेत्र में कृषि की संभावना को स्वीकार किया है और पिछले वर्ष की तुलना में बढोतरी की है। यह अब भी नाकाफी है। हमने कृषि रोडमैप बनाया है इसके लिए मदद बढाई जानी चाहिए। खाद्य सुरक्षा के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह सांकेतिक (टोकन) और अपर्याप्त है। कें्रदीय कानून लागू होने से राज्यों पर बोझ पड़ता है इसलिए केंद्र सरकार को पर्याप्त प्रावधान करना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की गति को तेज करने के वायदे के लिए भी चिदंबरम की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने नांलदा विश्वविद्यालय को सेंटर फोर एक्सीलेंस आफ लर्निंग के रूप में विकसित करने का वायदा किया है। इसके लिए पर्याप्त राशि का भी प्रावधान करना चाहिए।’ नीतीश ने कहा कि औद्योगिक गलियारे को दक्षिण और पश्चिमी भारत में विकसित किया गया है लेकिन पिछड़े राज्यों के लिए कुछ नहीं रह गया है। इस क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए ही तो पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है।
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02-03-2013, 09:09 AM | #132 |
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Re: बजट 2013-14
बेहद उबाउ बजट, दृष्टि का अभाव, आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं : सुषमा
आम बजट को उबाउ करार देते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि बजट में न कोेई दृष्टि है और न ही इसमें आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए कोई पहल की गई है। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ‘बजट में कल्पनाशीलता का अभाव है। यह बेहद सुस्त और उबाउ बजट है जिसमें ‘आम आदमी’ का जिक्र तक गायब है।’ उन्होंने कहा, ‘वित्तमंत्री चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियां होने की बात के साथ अपनी बात की शुरुआत की लेकिन इन चुनौतियों से निपटने का एक भी कारगर उपाय इस बजट भाषण में नहीं है।’ उन्होंने कहा कि बजट में महिला, युवा और गरीबों के लिए कुछ भी नया नहीं है और सभी को निराशा हाथ लगी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि बजट में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘आर्थिक विकास दर को कैसे आगे ले जाया जायेगा, इसके लिए क्या उपाय किये जायेंगे, इसका कोई जिक्र नहीं है।’ उन्होंने कहा कि समाज के जिस तबके को सबसे अधिक मदद की अपेक्षा थी उनके लिए बेहद मामूली पेशकश की गई है और खर्चो की मदों में महज रूपांतरण किया गया है तथा परिव्यय में पर्याप्त कमी की गई है।
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02-03-2013, 09:10 AM | #133 |
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Re: बजट 2013-14
अल्पसंख्यक मंत्रालय को हुए आवंटन से संतुष्ट नहीं रहमान खान
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के. रहमान खान बजट में अपने मंत्रालय के लिए 3511 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किए जाने से ‘पूरी तरह संतुष्ट नहीं’ हैं। उनका कहना है कि वह वित्त मंत्रालय से इसमें इजाफा करने की मांग करेंगे। आम बजट में सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को 3511 करोड रूपये का आवंटन किया है, जो 2012-13 के बजट अनुमान से 12 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 60 फीसदी अधिक है । रहमान खान ने कहा, ‘मैं इस आवंटन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। हम और ज्यादा राशि की उम्मीद कर रहे थे। हम आगे भी अनुपूरक राशि (सप्लीमेंटरी बजट) की मांग करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय की कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं, जिनका दायरा बढाया जाना है। मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम तथा प्रस्तावित वक्फ विकास परिषद के लिए हमें बड़ी राशि की जरूरत है। इसको लेकर वित्त मंत्रालय से बात करूंगा।’ खान ने कहा, ‘कुछ राज्य निर्धारित बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। यह एक समस्या है। इस समस्या दूर करने के लिए हम लोग कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि हम अल्पसंख्यकों के विकास और कल्याण पर अधिक से अधिक राशि खर्च करें।’
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02-03-2013, 09:10 AM | #134 |
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Re: बजट 2013-14
संतुलित बजट, हर वर्ग की समस्याओं पर ध्यान दिया गया : तारिक अनवर
आम बजट को ‘संतुलित’ करार देते हुए राकांपा ने कहा कि इसमें हर वर्ग की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया गया है। आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राकांपा महासचिव एवं केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने कहा, ‘बजट में हर वर्ग की समस्याओं पर ध्यान दिया गया है। यह कुल मिलाकर संतुलित बजट है।’ उन्होंने कहा कि बजट में दक्षता उन्नयन पर खास ध्यान दिया गया है और कृषि आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है। तारिक ने कहा कि बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग , अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में ग्रामीण, शहरी एवं आधारभूत ढांचे के विकास पर खासा ध्यान दिया गया है।
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02-03-2013, 09:11 AM | #135 |
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Re: बजट 2013-14
हवा-हवाई बजट है यह : मायावती
वर्ष 2013-14 के आम बजट को ‘भ्रमित’ करने वाला करार देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सब कुछ हवा-हवाई है, कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वे के आधार पर बजट को देखें तब इसमें विभिन्न मंत्रालयों के लिए सिर्फ घोषणाएं की गई है। जब देश के आर्थिक हालात खाराब हों तो ये घोषणाएं जमीनी हकीकत से मेल नहीं खातीं। बजट में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गो के लिए अनुदान बढाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। चाहे किसी की भी सरकार हो, वह इन वर्गो के लिए आवंटन में पिछले वर्ष की तुलना में हमेशा वृद्धि करती ही है। उन्होंने कहा कि अगर आजादी के बाद से अब तक इन वर्गो के आवंटित पूरा पैसा खर्च होता, तब ये अपने पांव पर खड़े हो चुके होते। बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार कहती कुछ है, और करती कुछ। इस बजट में कुछ भी नया नहीं है। गरीबों और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है। महंगाई पर लागत लगाने के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
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02-03-2013, 09:13 AM | #136 |
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Re: बजट 2013-14
सिर्फ भाषणबाजी है, ठोस कुछ नहीं - तृणमूल
कभी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में शामिल रही तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद ने कहा है कि आम बजट में सिर्फ भाषणबाजी है, ठोस कुछ नहीं। वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से संसद में पेश आम बजट 2013-14 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुसैन ने कहा, इसमें सिर्फ भाषण है, राशन कुछ नहीं। हुसैन ने कहा कि चिदंबरम ने भाषणबाजी करके जनता को बेवकूफ बनाया है। इससे आम जनता का कोई भला नहीं होने वाला है। तृमुकां नेता ने कहा कि उनकी पार्टी चर्चा में बजट का विरोध करेगी।
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02-03-2013, 09:14 AM | #137 |
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Re: बजट 2013-14
निवेश को प्रोत्साहित करने वाला है आम बजट : स्कोप
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष निकाय स्कोप ने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पेश किए गए आम बजट 2013-14 को संतुलित और व्यवहारिक बताते हुए कहा कि इससे आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए आवश्यक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। स्कोप के महानिदेशक यू.डी. चौबे ने कहा कि आम बजट में बुनियादी क्षेत्र जैसे सड़क, बिजली और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर खर्च बढाने पर ध्यान दिया गया है और इससे अर्थव्यवस्था को तेजी की पटरी पर वापस लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, बजट में जो प्रावधान किए गए हैं उनसे सार्वजनिक क्षेत्र को आर्थिक वृद्धि बढाने में और बड़ी भूमिका निभानी होगी। बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 14,000 करोड़ रुपये पूंजी निवेश करने, महिलाओं के लिए प्रथम बैंक स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, बुनियादी क्षेत्र में निवेश बढने से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और सक्रिय होंगी क्योंकि कई सार्वजनिक कंपनियां इस क्षेत्र में लगी हैं।
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02-03-2013, 09:16 AM | #138 |
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Re: बजट 2013-14
उद्योग जगत ने बजट को ‘मजबूत’ और वृद्धि बढाने वाला करार दिया
उद्योग जगत ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-दो सरकार के कार्यकाल के अंतिम बजट की सराहना की है। उद्योग जगत ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा पेश 2013-14 के बजट को ‘मजबूत’ और वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाला बताया है। बजट का स्वागत करते हुए उद्योग मंडल सीआईआई ने कहा कि वृद्धि और अधिक निवेश आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने कहा, ‘कई बजट प्रस्ताव विकास बढाने वाले हैं। इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढोतरी होगी। विशेष रूप से कृषि क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र और बुनियादी ढांचा तथा पूंजी बाजार के लिए दिए गए प्रोत्साहन खुश करने वाले हैं। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, ‘यह एक जिम्मेदार बजट है। मुख्य केंद्र में वृद्धि है। बजट में वृद्धि और अधिक रोजगार सृजन पर ध्यान दिया गया है।’ एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, ‘वित्त मंत्री ने अगले साल आम चुनाव से पहले एक मजबूत तथा आगे की सोच वाला बजट पेश किया है। यह निवेशक आधारित और वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाला बजट है।’ चैंबर ने कहा कि इसके अलावा बजट ने मानव संसाधन तथा ग्रामीण कृषि क्षेत्र पर ध्यान दिया है। खास बात यह है कि इसके लिए समाज के किसी वर्ग को किसी प्रकार का ‘दर्द’ नहीं दिया गया है। धनाढ्य लोगों पर 10 प्रतिशत के अधिभार पर फिक्की ने कहा, ‘हम कर व्यवस्था में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न किए जाने के पक्ष में हैं। लेकिन वास्तविकता यह कि हमें इसका बोझ झेलना होगा।’ पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि राजकोषीय घाटे का अनुमान उत्साहजनक है। अर्थव्यवस्था की वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए राजकोषीय मजबूती जरूरी है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.2 प्रतिशत रहेगा, जो 5.3 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है। पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शरद जयपुरिया ने कहा कि कई मोर्चों पर बजट उत्साह बढाने वाला है। हालांकि, जयपुरिया ने एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 10 प्रतिशत के अधिभार के प्रस्ताव को निराशाजनक बताया है। सेवा कर के लिए स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहन योजना के बारे में गोदरेज ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। इससे काफी लोग सेवा कर के दायरे में आएंगे। पीडब्ल्यूसी इंडिया के चेयरमैन दीपक कपूर ने कहा कि बजट निश्चित रूप से सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है। ‘बजट का सबसे निश्चिंत करने वाला पहलू वित्त मंत्री द्वारा देश की वृद्धि दर को प्रोत्साहन के लिए विदेशी निवेश के प्रवाह को बढाने की बात स्वीकारना है।’ एनटीएल लेमनिस के वैश्विक सीईओ अरुण गुप्ता ने कहा, ‘हम सरकार के विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। ‘सेमी कंडक्टर के लिए मशीनरी पर आयात सीमा शुल्क को शून्य किए जाने से देश के इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को फायदा होगा।’ श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड फाइनेंस लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हेमंत कनोड़िया ने कहा कि बुनियादी ढांचा रिण कोष को समर्थन की पहल सराहनीय है। खासकर यह देखते हुए बैंक बुनियादी ढांचा क्षेत्र को रिण नहीं बढा पा रहे हैं। अपोलो टायर्स लि. के चेयरमैन ओंकार एस कंवर ने कहा कि साल के दौरान योजनागत व्यय में करीब 30 फीसद की वृद्धि से निश्चित रूप से बुनियादी ढांचा क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
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Re: बजट 2013-14
बजट में विदर्भ के किसान नजरअंदाज : एनजीओ
एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) का कहना है कि वार्षिक बजट में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के किसानों को नजरअंदाज किया गया। ‘विदर्भ जनांदोलन समिति’ के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि कैग ने सच का खुलासा किया था कि 2008 की बड़ी ऋण योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचा। इसलिए संप्रग दो से उम्मीद थी कि वह किसानों के ऋण, गरीबी के मुद्दे पर गौर करेगी और आम चुनावों से पहले अपने अंतिम बजट में सतत विकास पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि लाखों किसान विशेष राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे थे जो उनके समुदाय को बचा सके लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।
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02-03-2013, 09:17 AM | #140 |
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Re: बजट 2013-14
उत्तराखंड भाजपा ने केंद्र के बजट को निराशाजनक बताया
उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने बजट को ‘निराशाजनक’ बताते हुए कहा कि इसमें जनता के लिये रियायत कम और सियासत ज्यादा दिखायी दे रही है । यहां जारी एक बयान में केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा संसद में पेश किये गये आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा कि हिमालयी राज्यों की घोर उपेक्षा, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्यों के लिये कोई पैकेज न देना और पूर्वोत्तर राज्यों के लिये केवल एक हजार करोड़ रूपये की सहायता देना केंद्र की असंवेदनशीलता ही दिखाता है । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि घोर मंहगाई से त्रस्त जनता टकटकी लगाकर वित्त मंत्री से राहत की अपेक्षा कर रही थी लेकिन वित्त मंत्री का आठवां बजट भी देश के लिये घोर निराशा ही साबित हुआ । रावत ने कहा कि महिला बैंक की शुरूआत कर केंद्र सरकार केवल अपनी पीठ सकती है, बेहतर होता कि सरकार बजट में सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की संख्या 12 करके महिलाओं को मंहगाई से राहत देती । भाजपा नेता ने कहा कि आदिवासी, दलितों, बच्चों, विकलांगों तथा अल्पसंख्यकों के प्रति अपेक्षित चिंता बजट में नहीं की गयी है और विदेशी निवेश तथा कर्ज को ही देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने का मंत्र बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है ।
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