16-09-2012, 02:01 AM | #14621 |
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वॉशिंगटन। एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमालय के पूर्वी एवं मध्य क्षेत्रों के ग्लेशियर खतरनाक तरीके से पिघल रहे हैं जबकि पश्चिमी हिस्से के ग्लेशियर ज्यादा स्थायी हैं और उनमें बढोतरी भी दर्ज की जा रही है । राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद की ओर से जारी एक रिपोर्ट में इस बात पर रोशनी डाली गयी है कि हिंदूकुश-हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियरों में किस तरह का बदलाव आया है। हिंदूकुश-हिमालयी क्षेत्र समूचे एशिया के आठ देशों में फैला है । रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदूकुश-हिमालयी क्षेत्र के ग्लेशियरों में आ रहे बदलाव से नदी प्रणालियों, जलापूर्ति और दक्षिण एशियाई आबादी पर असर पड़ सकता है । इस क्षेत्र के पहाड़ों में कई नदियों का उद्गम स्थल है जिनमें गंगा, मेकांग, यांग्त्जी और पीली नदी शामिल हैं । ये नदियां दुनिया की 1.5 अरब आबादी को पेयजल और सिंचाई आपूर्र्ति सुविधाएं मुहैया कराती हैं । रिपोर्ट तैयार करने वाली समिति ने कहा कि समूचे हिमालय क्षेत्र की जलवायु में बदलाव आ रहा है लेकिन यह किस तरह से खास जगहों पर असर डालेगा इसका पता अभी नहीं चल सका है।
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16-09-2012, 02:04 AM | #14622 |
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मिल गई जोसेफ टर्नर की पेंटिंग
लंदन। कला विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें काफी समय पहले गायब हुई जोसेफ टर्नर की एक दुर्लभ पेंटिंग मिली है जिसकी कीमत करीब दो करोड़ पाउंड है। कलाकार क्रिस्टियन फर ने पिछले सप्ताह एक निजी संकलन से यह दुर्लभ पेंटिंग खरीदी। डेली मेल के अनुसार, यह माना जा रहा है कि यह टर्नर की उस श्रृंखला की पहली कृति है जिसकी कीमत पांच करोड़ से भी ज्यादा की हो सकती है। हालांकि लंदन स्थित नीलामी घर में इस पेंटिंग का विशेषज्ञों द्वारा माइक्रोस्कोप की मदद से परीक्षण किया जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि टर्नर ने यह पेंटिंग किसी को दे दी थी जो 180 साल तक निजी संकलन में रही।
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16-09-2012, 04:26 AM | #14623 |
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मूछें हों तो मलिक आमिर जैसी हों, वरना न हों
इस्लामाबाद। यूं तो कहा जाता है कि मूंछें ही मर्दानगी की पहचान होती हैं पर पाकिस्तान के एक कबायली व्यक्ति के लिये उसकी लंबी मूंछें मुसीबत बन गयीं। उग्रवादियों ने आमिर मुहम्मद खान को उनकी 30 इंच लंबी मूंछों के कारण अपना शहर छोड़ने के लिये मजबूर किया। अब आमिर अपनी इन खास मूंछों को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दिखाना चाहते हैं। अफरीदी समुदाय के 42 वर्षीय मलिक आमिर मुहम्मद खान ने संवाददाताओं को बताया कि ‘लश्कर ए इस्लामी’ संगठन ने उसकी मूंछों को ‘गैर इस्लामी’ करार दिया जिसके कारण उसे 2008 में अपना शहर बारा छोड़ कर जाना पड़ा। उसने बताया कि 2008 में उसे लश्कर ए इस्लामी के उग्रवादियों ने पकड़ा और एक मजहबी नेता के पास ले गये जिसने उसकी मूंछों को ‘गैर इस्लामी’ करार दे दिया। मजहबी नेता ने उसे मूंछे साफ करवाने के भी निर्देश दिये। आमिर का कहना है कि बंदूक दिखा कर उसकी मूंछे साफ करवायीं गयीं और वह पेशावर चला गया। लेकिन आमिर को मूछों से प्रेम इस कदर था कि उसने 18 महीनों में फिर से अपनी मूंछें उगा लीं। उसने बताया कि आतंकवादियों के डर से वह चार सालों से अपने शहर वापस नहीं जा पाया है। आमिर ने यह भी बताया कि वह अपनी इन मूंछों पर हर महीने 15 हजार रूपये खर्च करता है और अब वह अपनी मूंछें एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दिखाना चाहता है। खान अब ‘गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ में नाम दर्ज कराने की हसरत रखता है। उसने पाकिस्तानी सरकार और संगठनों से अपील की है कि वह उसकी सहायता करें जिससे वह पाकिस्तान के लिये पुरस्कार जीत सके।
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16-09-2012, 01:51 PM | #14624 |
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भूमध्य सागर में तैनात युद्धपोत लीबियाई मिशन पर नहीं : पेंटागन
वाशिंगटन। पेंटागन ने कहा है कि भूमध्य सागर में तैनात अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों में से किसी भी युद्धपोत को लीबिया के विशेष मिशन का जिम्मा नहीं सौंपा गया है। क्षेत्र में तैनात नौसैनिक बेड़ा किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉर्ज लिटल ने कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि भूमध्य सागर में हमारे पोत हैं। ये पोत कुछ समय के लिए हैं और इनमें से किसी को भी लीबिया के संदर्भ में किसी विशेष अभियान का जिम्मा नहीं सौंपा गया है। क्षेत्र में हमारा बेड़ा किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है। अमेरिकी सेना हमेशा ऐसा करती है। उन्होंने बताया कि लीबिया में काम कर रहे अमेरिकी अधिकारियों और अमेरिकी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सम्बंधी सहयोग के लिए रक्षा मंत्रालय व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय के साथ काम कर रहा है। बुधवार को रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने त्रिपोली में अमेरिकी दूतावास और लीबिया में अमेरिकी नागरिकों की रक्षा के लिए मरीन कॉर्प्स के बेड़े के आतंकवाद निरोधक सुरक्षा दल ‘एफएएसटी’ को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया था। लिटल ने कहा कि मंत्रालय लीबिया में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को और हताहतों को वहां से निकालने तथा हमारे शेष सहयोगियों को अमेरिका वापस आने में सहयोग दे रहा है। पिछले 48 घंटे में इस विभाग के नेतृत्व ने क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति की कमांडरों के साथ समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि हमारे राष्ट्रपति के आदेश पर शीघ्र प्रतिक्रिया हो। गौरतलब है कि मंगलवार को लीबिया के बेनगाजी में एक अमेरिकी निर्माता की फिल्म के विरोध में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में अमेरिकी राजदूत क्रिस स्टीवेन्स की मौत हो गई थी।
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16-09-2012, 01:51 PM | #14625 |
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पाक, मिस्र, लीबिया को सहायता रोकने सम्बंधी विधेयक पेश
वाशिंगटन। एक प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटर ने पाकिस्तान, मिस्र और लीबिया को दी जाने वाली सहायता बंद करने के लिए कांग्रेस में एक संशोधन विधेयक पेश किया है। अमेरिका पाकिस्तान, मिस्र और लीबिया को सालाना करीब चार अरब डॉलर की सहायता देता है। केंटुकी से सांसद और सीनेटर रैंड पॉल ने विधेयक में पाकिस्तान, मिस्र और लीबिया को सहायता न देने और सहायता राशि को बुजुर्गों के लिए रोजगार विधेयक तथा घाटा कम करने के कार्यक्रम में खर्च करने की मांग की है। पॉल चाहते हैं कि जब तक अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिका की मदद करने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी को जेल से रिहा न कर दिया जाए, तब तक पाकिस्तान को हर सहायता से वंचित कर दिया जाए। उन्होंने बुजुर्गों के लिए रोजगार विधेयक पर एक नया संशोधन पेश कर पाक को सहायता रोकने की एक और कोशिश की है। बुजुर्गों के लिए रोजगार विधेयक पर संशोधन पेश करते हुए सीनेटर पॉल ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पाकिस्तान से रिश्ते खत्म कर लिए जाएं। पाकिस्तान में कई लोग हमारे देश के प्रति सहानुभूति रखते हैं। पाकिस्तान में कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने हमारे देश की मदद की है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसे लोग भी हैं जो हमसे ही धन लेते हैं और हमारा ही मजाक उड़ाते हैं। अगर हम वास्तव में बुजुर्गों को फायदा पहुंचाने के बारे में बात करते हैं, अगर हम उनको धन मुहैया कराना चाहते हैं तो हमें उस क्षेत्र को देखना होगा जहां से बुजुर्गों का अपमान हो रहा है। पॉल ने कहा कि पाकिस्तान में शकील अफरीदी ने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में हमारी मदद की। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जेल में बंद किया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है। मैं सिर्फ एक बात कह रहा हूं। मुझे 15 मिनट दें, चर्चा करें और मतदान करें कि हमें पाकिस्तान को आर्थिक सहायता जारी रखनी चाहिए या नहीं। मैं कहता हूं कि जब तक अफरीदी को रिहा नहीं कर दिया जाता, तब तक हमें पाकिस्तान को एक पैसा भी नहीं देना चाहिए। कभी हमने बिन लादेन को पकड़ने में मदद करने वाले को पांच करोड़ डॉलर देने की पेशकश की थी। अफगानिस्तान गए युवाओं, स्त्री-पुरुषों ने अपने अंग गंवाए हैं, विकलांग हो गए हैं। बिन लादेन को पकड़ने के लिए पाकिस्तान गए कई लोगों ने अपनी जान तक गंवा दी। जिस आदमी ने बिन लादेन को पकड़ने में हमारी मदद की, उसे हम जेल में बंद रहने दे रहे हैं। क्या अमेरिका के मित्र के साथ ऐसा सलूक किया जाना चाहिए? मैंने मतदान के लिए 15 मिनट मांगे हैं। वह मतदान क्यों नहीं चाहते? क्योंकि उन्हें पता है कि अमेरिकी जनता मेरे साथ है। अगर आप सवाल पूछें कि जो देश हमें पसंद नहीं करता, हमारा सम्मान नहीं करता, क्या उसे धन देना चाहिए, तो 80 से 90 फीसदी अमेरिकी मेरे साथ रहेंगे। हालांकि उन्हें इस मुद्दे पर मतदान में निजी तौर पर डर लग रहा है। मैं उन्हें इस पर बहस के लिए छह सप्ताह का समय देता हूं। पॉल ने कहा कि हमने पूरा सप्ताह बिता दिया, पर बहस नहीं की क्योंकि वह इस पर मतदान नहीं चाहते। मतदान से उनकी ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि वह क्यों पाकिस्तान, मिस्र और लीबिया को धन देते हैं, जबकि अमेरिकी जनता यह नहीं चाहती। इसलिए वह खुल कर सामने नहीं आना चाहते और सहायता जारी रखना चाहते हैं।
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16-09-2012, 01:52 PM | #14626 |
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ओबामा ने बेनगाजी हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने का लिया संकल्प
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकल्प लिया है कि बेनगाजी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हुए उस हमले में शामिल हमलावरों का पता लगने तक उनकी तलाश जारी रहेगी जिसमेंं लीबिया में अमेरिकी राजनयिक और तीन अन्य अमेरिकियों की मौत हो गई थी। ओबामा ने गोल्डन कोलोराडो में अपने प्रचार के दौरान लीबिया में हुए हमले में अमेरिकी राजनयिक सहित चार अमेरिकी नागरिकों की मौत का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि आप सभी को इस बात की जानकारी हो कि हम अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने वालों को न्याय के कटघरे में लाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि पूरे विश्व के लोग मुझे सुनें कि हमें नुकसान पहुंचाने वाले एवं आतंकवादी कृत्यों में शामिल लोग बिना सजा नहीं बच पाएंगे। इससे उन मूल्यों का ह्रास नहीं होगा जिसे हम गर्व से विश्व के समक्ष पेश करते हैं। ओबामा का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने यह पता लगाने के लिए व्यापक जांच अभियान शुरू किया है कि लीबिया के बेनगाजी स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के पीछे कौन लोग हैं। बहरहाल अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह संकेत नहीं दिया कि हमले के पीछे कौन लोग हैं। यमन में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे. कार्नी ने बताया कि अमेरिकी सरकार यमन में अपने कर्मियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर प्रसारित फिल्म के विरोध में विश्व के विभिन्न देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिकी सरकार का इस फिल्म से कुछ लेना-देना नहीं है। हम इस फिल्म के संदेश और सामग्री को खारिज करते हैं। हम इसे घृणित और निंदनीय मानते हैं। अमेरिका की स्थापना के समय से ही उसका इतिहास धार्मिक सहिष्णुता तथा धार्मिक मान्यताओं का रहा है। हम इसलिए ताकतवर हैं क्योंकि हमारे यहां लाखों मुस्लिमों के साथ ही सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं और हम धर्म की अवमानना को खारिज करते हैं। कार्नी ने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि इस फिल्म की प्रतिक्रिया हिंसा से व्यक्त करने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। अमेरिकी और विश्व के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले मुस्लिमों ने हिंसा के खिलाफ बोला है। हिंसा का धर्म में कोई स्थान नहीं है और यह किसी भी तरह से धर्म के सम्मान का रास्ता नहीं है।
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16-09-2012, 01:52 PM | #14627 |
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गुरुद्वारे में गोलीबारी की निंदा सम्बंधी प्रस्ताव पारित
वाशिंगटन। विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में पांच अगस्त को हुई गोलीबारी की घटना की निंदा करते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। इस गोलीबारी में छह श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। उप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार और कांग्रेस के सदस्य पॉल रेयान द्वारा पिछले सप्ताह पेश किए गए प्रस्ताव में, गोलीबारी को ‘विवेकहीन हमला’ बताते हुए मृतकों के परिजनों और मित्रों को सांत्वना दी गई थी। प्रस्ताव में गोलीबारी के दौरान त्वरित, नि:स्वार्थ एवं समर्पित भाव से जवाबी कार्रवाई करने वाले विधि प्रवर्तन अधिकारियों और प्रतिक्रिया दलों की भी सराहना की गई। कांग्रेस सदस्य एड रॉयसी तथा सात अन्य सांसदों के समर्थन से पेश इस प्रस्ताव में उम्मीद जताई गई कि इस देश के नागरिक शोक संतप्त सिख समुदाय के साथ रहेंगे और शांति तथा न्याय की खातिर एकजुट रहेंगे। रॉयसी कांग्रेशनल कॉकस आॅन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकन के सह अध्यक्ष भी हैं। प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पारित होने के बाद उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को पारित कर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक महत्वपूर्ण बयान भी दिया है। उन्होंने कहा कि गोलीबारी से मैं हतप्रभ रह गया। यह घटना एक पूजास्थल पर हुई जहां महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी थे। बरसों तक मुझे सिख समुदाय के करीब रह कर काम करने का अवसर मिला। उन्होंने इस देश में अतुलनीय योगदान दिया है। रॉयसी ने कहा कि हालांकि प्रस्ताव इस त्रासदी से प्रभावित लोगों की पीड़ा कम नहीं कर सकता, लेकिन यह धार्मिक सहिष्णुता के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर कर सकता है कि हम नफरत से उपजी हिंसा की निंदा करते हैं।
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16-09-2012, 01:53 PM | #14628 |
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और फैल सकता है अमेरिका विरोधी प्रदर्शन
वाशिंगटन। अमेरिका के ओबामा प्रशासन ने विवादास्पद फिल्म को लेकर अमेरिका विरोधी प्रदर्शन और फैलने की आशंका जताते हुए कहा कि उसने पूरे विश्व में अपने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा बढ़ा दी है तथा स्थिति पर सतर्क नजर रखे हुए है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे. कार्नी ने कहा कि हम स्थिति के साथ ही विश्व में अपने दूतावासों, प्रतिष्ठानों और अपने कर्मियों की सुरक्षा पर नजर रखे हुए हैं। कार्नी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पूरे विश्व में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन जारी हैं तथा प्रदर्शनकारी इसराइली मूल के अमेरिकी नागरिक सैम बेसिल की विवादास्पद फिल्म को लेकर अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं। लीबिया के अलावा मिस्र, यमन, ट्यूनीशिया, इराक और अन्य देशों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कार्नी ने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन विश्व के अलग-अलग देशों में हो रहे हैं। हम ऐसे घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए हैं जो और विरोध प्रदर्शनों का कारण बन सकते हैं। हमारा आकलन है कि विरोध अभी जारी रह सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रदर्शन इस फिल्म के खिलाफ प्रतिक्रिया है। प्रदर्शन सीधे तौर पर अमेरिका की नीति, अमेरिकी सरकार या हमारी जनता के खिलाफ नहीं हैं। ओबामा प्रशासन क्षेत्र में सरकारों के साथ समन्वय कर रहा है और यह सुनिश्चित भी कर रहा है कि राजनयिक प्रतिष्ठानों और कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे में मेजबान सरकारों में अधिक जिम्मेदारी का भाव हो। कार्नी ने कहा कि राष्ट्रपति ने बेनगाजी तथा काहिरा की घटनाओं के बाद बिल्कुल साफ शब्दों में, दुनियाभर में हमारे दूतावासों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया। यह किया भी जा रहा है।
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16-09-2012, 01:53 PM | #14629 |
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आपत्तिजनक समझी जाने वाली फिल्म पर काहिरा में ताजा झड़प
काहिरा। इस्लाम के लिए आपत्तिजनक समझी जाने वाली एक फिल्म को लेकर मिस्र की राजधानी काहिरा में अमेरिकी दूतावास के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ताजा झड़प हुई। छोटे-छोटे समूहों में आए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों में कई किशोर थे। बाद में दूतावास को जाने वाली सड़कों पर जगह-जगह पत्थर नजर आ रहे थे। देश के सबसे बड़े राजनीतिक समूह मुस्लिम ब्रदरहुड और राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया है। गुरुवार की झड़प में 224 लोग घायल हो गए थे।
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16-09-2012, 01:53 PM | #14630 |
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विवादित द्वीपों के निकट छह चीनी जहाज
टोक्यो। जापान के तटरक्षक बल ने कहा कि चीन सरकार के छह जहाज विवादित द्वीपों के निकट जलक्षेत्र में आए हैं। तटरक्षक बल ने उन्हें उस जगह को छोड़ने की चेतावनी जारी की है। इन द्वीपों पर चीन और जापान दोनों दावा कर रहे हैं। चीनी जहाज ऐसे समय में आए हैं जब कुछ ही दिन पहले जापान सरकार ने इन द्वीपों के राष्ट्रीयकरण की योजना को अमलीजामा पहनाया है। जापान में इन द्वीपों को सेनकाकू कहा जाता है जबकि चीन इन्हेंं दिओयू कहता है। तटरक्षक बल ने कहा कि हमारे गश्ती पोत फिलहाल उन्हें हमारे देश का समुद्री जलक्षेत्र छोड़ने के लिए कह रहे हैं। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय नियम के मुताबिक, तट से 12 नॉटिकल मील तक का समुद्री क्षेत्र सम्बंधित देश के अधीन आता है। प्रधानमंत्री योशिहिको नोडा ने पूरी सतर्कता बरतने का संकल्प जताया है। इससे पहले उन्हें तटरक्षक बल ने सूचना दी थी कि गुरुवार को सुबह करीब छह बज कर 18 मिनट पर दो चीनी नौवहन सर्वे पोत जापानी जलक्षेत्र में प्रविष्ट हुए। तटरक्षक बल के अनुसार, उनके पीछे-पीछे चार और पोत आए। फिर पहले दो पोत सुबह सात बज कर करीब 48 मिनट पर चले गए।
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