23-10-2012, 01:08 AM | #16211 |
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मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में भारतीयों के तेजी से उभरने के बीच पहली बार 40 से अधिक भारतीय स्थानीय एवं प्रांतीय सरकार चुनाव में नजर आएंगे। विक्टोरिया चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार 41 भारतीय और भारत मूल के 10 अन्य राज्य में 26 अक्टूबर को होने वाले नगर निकायों के चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, जिसे आस्ट्रेलियाई चुनावों में सकारात्मक बदलाव कहा जा रहा है। भारतीय समुदाय के लिए ‘साउथ एशियन टाइम्स’ नामक अखबार चलाने वाले मेलबर्न के एक भारतीय नेता नीरज नंदा ने कहा कि असल बात है कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय नगर निकाय चुनाव में हैं और यह आस्ट्रेलिया में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। नंदा ने कहा कि कई उम्मीदवारों के लिए तो स्थानीय राजनीति बिल्कुल नया क्षेत्र है और शायद उनमें से कई जीत भी नहीं पाएं, लेकिन समुदाय से इतनी बड़ी संख्या में प्रतिनिधित्व सकारात्मक बात है। कुछ ऐसी ही राय व्यक्त करते हुए व्हाइनडम काउंसिल के प्रतियोगी इंताज खान ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि इस साल के स्थानीय शासन चुनाव में चीनियों से ज्यादा भारतीय उम्मीदवार हैं और यह गौर करने वाली बात है। व्यावसायिक कॉलेज और एक निजी स्कूल चलाने वाले खान कहते हैं कि यदि वह निर्वाचित होते हैं तो वह आस्ट्रेलिया और भारत के बीच अच्छे सम्बंध के लिए काम करेंगे। विक्टोरिया में परिषद चार साल के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय है। वह कई सरकारी कामकाज करती है और उसके पास कई शक्तियां होती हैं। हर परिषद में पांच से 12 निर्वाचित पार्षद होते हैं। लेबर पार्टी के सक्रिय सदस्य मनोज कुमार कहते हैं कि भारतीय समुदाय में स्थानीय राजनीति में दिलचस्पी अचानक तेजी से आई है और हम समुदाय पर आगे आने और इस क्षेत्र में अपना प्रतिनिधित्व करने पर बल देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम आज अस्पताल से लेकर आईटी कंपनियों और सुपर मार्केट यानी हर जगह हैं, तो फिर राजनीति में क्यों नहीं? भारतीयों को आस्ट्रेलियाई संस्कृति में बड़ी भूमिका निभाने की जरूरत है और यही सही वक्त है।
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23-10-2012, 01:09 AM | #16212 |
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भाजपा नेताओं से हुई सकारात्मक बातचीत : कल्याण सिंह
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय क्रान्ति पार्टी (राष्ट्रीय) के संस्थापक कल्याण सिंह भाजपा में अपनी वापसी में हो रही देरी से निराश नहीं हैं। सिंह ने सोमवार को कहा कि इस सम्बन्ध में भाजपा नेताओं से उनकी सकारात्मक बातचीत हुई है, लेकिन उन्होंने इसका ब्योरा देने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि उनकी भाजपा में वापसी का फैसला उनकी पार्टी और भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी मिलकर लेंगे। उन्होंने भाजपा में अपनी वापसी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कथित विरोध से इन्कार किया और कहा कि वह तो संघ के स्वयं सेवक हैं और उन्हें इस पर उन्हें गर्व है। हाल ही में सिंह ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा था कि नवरात्र में उनकी भाजपा में वापसी हो जाएगी। नवरात्र बीतने को है, लेकिन भाजपा की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक सिंह के पुत्र और राष्ट्रीय क्रान्ति पार्टी (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष राजवीर सिंह ने हाल ही में संघ नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बावजूद अभी तक उनकी भाजपा में वापसी का निर्णय नहीं हुआ है।
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23-10-2012, 01:10 AM | #16213 |
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खाद्य विधेयक पर रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में सौंपेगी संसदीय समिति
नई दिल्ली। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक की समीक्षा कर रही संसदीय समिति अपनी रिपोर्ट संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सौंपेगी। इस विधेयक के जरिए देश की 63.5 प्रतिशत आबादी को सस्ते अनाज का कानूनी हक मिल सकेगा। खाद्य पर संसदीय समिति के अध्यक्ष विलासराव बाबूराव मुत्तेमवार ने कहा कि हम इसकी प्रक्रिया तेज कर रहे हैं। उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में हम रिपोर्ट सौंप सकेंगे। खाद्य विधेयक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। 2009 के आम चुनाव के दौरान इसे लाने का वादा किया गया था। इस विधेयक को जनवरी में संसदीय समिति के पास भेजा गया। समिति से अपनी रिपोर्ट अप्रेल तक देने को कहा गया था। इस बीच, समिति का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो गया और रिपोर्ट को पूरा करने के लिए इसका पुनर्गठन किया गया। मुत्तेमवार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा जैसे ऐतिहासिक विधेयक पर रिपोर्ट तैयार करने में काफी समय लगता है, क्योंकि सभी भागीदारों के विचारों पर ध्यान देना होता है। समिति विभिन्न विशेषज्ञों के साथ नियमित बैठकें कर रही है। कई विशेषज्ञ समिति के समक्ष खाद्य विधेयक पर अपने विचार दे रहे हैं। हम सभी के विचारों को सुन रहे हैं। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि इस विधेयक पर राज्य सरकारों का विचार महत्वपूर्ण है। इस विधेयक को लागू किया जाना राज्य सरकारों पर निर्भर करता है। हम उनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि समिति विभिन्न लोगों से मिले दो लाख पत्रों की भी समीक्षा कर रही है। खाद्य मंत्री के. वी. थॉमस ने हाल में कहा था कि प्रस्तावित खाद्य विधेयक संसद के आगामी सत्र में दिसंबर में पेश किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि स्थाई समिति विधेयक पर सुझावों को अंतिम रूप दे देगी और उसके बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी। हमें उम्मीद है कि यह विधेयक दिसंबर में शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकेगा। यह समिति खाद्य विधेयक के अलावा दो अन्य विधेयकों, उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) विधेयक और भंडारण निगम (संशोधन) विधेयक की भी समीक्षा कर रही है।
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23-10-2012, 01:10 AM | #16214 |
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तस्लीमुद्दीन ने नीतीश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा
अररिया/किशनगंज। बिहार में राजग सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य को अस्वीकार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि नीतीश बिहार में विकास का ढोंग कर रहे हैं। वह विकास पुरुष नहीं हैं। केवल इंजीनियर हैं। तस्लीमुद्दीन ने सोमवार को अररिया और किशनगंज में कहा कि नीतीश ने लोगों को झांसा देकर ठगा हैं। बगावती तेवर दिखाते हुए जदयू नेता ने कहा के जनता अब समझदार हो गई है, वह नीतीश के झांसे में अब नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री जहां जाते हैं सभाओं में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सभाओं में जूते दिखाए जा रहे हैं। नीतीश कुमार को दोबारा सत्त में लौटने का हक नहीं है। राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर अपनी कथित उपेक्षा के कारण तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री को जदयू से उन्हें निष्कासित करने की चुनौती दी। तस्लीमुददीन ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार को बढ़ावा देने में प्रदेश भाजपा सबसे ज्यादा जवाबदेह है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार के गलत काम को सही का ठप्पा लगाते हैं। राजग गठबंधन में दोनों पार्टियों में राज्य के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने का सिलसिला जारी है। बीते दिनों जदयू विधायक छेदी पासवान और भाजपा के सांसद उदय सिंह ने भी नीतीश सरकार के खिलाफ करारा हमला किया था।
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23-10-2012, 01:11 AM | #16215 |
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एम्स में भेदभाव के मामले में हस्तक्षेप करेंगे प्रधानमंत्री
54 सांसदों के लिखे पत्र पर दिया आश्वासन, पत्र में पिछड़े छात्रों से भेदभाव का लगाया गया है आरोप नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया है कि वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव के आरोपों के मामले में हस्तक्षेप की मांग पर विचार करेंगे। गौरतलब है कि 54 सांसदों ने एम्स में आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों से साथ भेदभाव के आरोपों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। लोकसभा में जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के सदस्य मंगनी लाल मंडल ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से इस पत्र का जवाब मिला है और उन्होंने मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है। मंडल ने बताया कि इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि वह मामले में संस्थान के प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगें। पत्र में प्रधानमंत्री को यह जानकारी भी दी है कि एम्स ने पिछड़े वर्ग से चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति के मापदंड का भी पालन नहीं किया है। मंडल ने बताया कि एम्स में आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के खिलाफ भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके अलावा संस्थान आरक्षित श्रेणी से चिकित्सकों को नियुक्त करने में भी असफल रहा है। इस संदर्भ में सरकार की ओर से गठित समितियों की सिफारिशों का भी पालन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव के मुद्दे को कई बार संसद में भी उठाया गया है और एम्स के अलावा वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में भी आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव की बात सामने आई है। मंडल ने बताया है कि देश के इन प्रतिष्ठित संस्थानों ने इन आरोपों की जांच के लिए सरकार की ओर से गठित समितियों की सिफारिशों को भी नजर-अंदाज किया है। उन्होंने कहा कि एम्स में जातिगत भेदभाव के आरोपों की जांच के लिए सरकार ने थोराट समिति गठित की थी और समिति ने अपनी सिफारिशों में संस्थान से आरक्षित श्रेणियों के तहत खाली पड़े पदों पर नियुक्ति करने को कहा था, लेकिन इस संदर्भ में अभी तक कुछ भी नहीं किया गया। गौरतलब है कि भालचंद्र मुंगेकर की अध्यक्षता वाली एक समिति की रिपोर्ट आने के बाद हाल ही में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में जातिगत भेदभाव के मामलों में दोषी पाए गए लोेगों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
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23-10-2012, 01:12 AM | #16216 |
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भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं भाजपा नेता : सोनिया
भाजपा पर साध निशाना, हिमाचल में चुनाव प्रचार शुरू किया मंडी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिमाचल प्रदेश की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साध कर राज्य में पार्टी का चुनाव प्रचार शुरू किया। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्र की योजनाओं का लाभ गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। मंडी में एक रैली को संबोधित करने के दौरान सोनिया ने कहा कि पिछले साल राज्य को केंद्र से मिली 10 हजार करोड़ रुपए की राशि बेकार चली गई, क्योंकि भाजपा सरकार ने राज्य में केंद्र की विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से किए गए वादों और उसके वास्तविक कार्यों के बीच फर्क है। ये लोग भ्रष्टाचार हटाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि ये खुद इसमें आकंठ लिप्त हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई सिर्फ एक दिखावा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उंगली उठाने से पहले उन्हें अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए। सोनिया ने कहा कि यह शर्म की बात है कि भ्रष्टाचार ने सरकारी तंत्र को पीड़ित कर दिया है और यह भी कहा कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) को लागू कर इससे सीधे-सीधे निपटने के प्रयास किए हैं। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव चार नवंबर को होने वाले हैं। सोनिया ने हाल ही में डीजल के दाम में हुई बढ़ोतरी का यह कह कर बचाव किया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण यह बढ़ोतरी जरूरी थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस-शासित राज्यों ने डीजल के दाम में हुई बढ़ोतरी का प्रभाव कम करने के लिए डीजल पर वैट कम कर दिया है, लेकिन भाजपा-शासित राज्यों में इस तरह के कदम का अभाव है।
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23-10-2012, 01:14 AM | #16217 |
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भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की बजाय उस पर बनावटी रोष दिखा रही हैं सोनिया : भाजपा
नई दिल्ली। भाजपा पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को केवल ‘दिखावा’ बताने संबंधी सोनिया गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए मुख्य विपक्षी दल ने आज कहा कि ऐसे इल्जाम लगाने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष यह बताएं कि अभी तक उन्होंने २ जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल, कोयला ब्लाक आवंटन घोटालों और कालाधन मामले में क्या किया। सोनिया पर भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘बनावटी रोष’ दिखाने का आरोप लगाते हुए पार्टी अध्यक्ष निर्मला सीतारमण ने यहां कहा, ‘सोनियाजी सारे देश में, खासकर भाजपा शासित राज्यों में घूम-घूम कर हम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश की चुनावी सभा में उन्होंने उन वीरभद्र सिंह से मंच साझा किया जिन्हें भ्रष्टाचार के आरापों के चलते हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटाया गया है।’ हिमाचल प्रदेश के मंडी में सोनिया ने आज कहा, ‘ये लोग (भाजपा) भ्रष्टाचार हटाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जबकि ये खुद इसमें आकंठ लिप्त हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई सिर्फ एक दिखावा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उंगली उठाने से पहले उन्हें अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए।’ सीतारमण ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दिखावा अगर कोई कर रहा है तो वह सिर्फ कांग्र्रेस ही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व कैबिनेट सचिव के रहस्योदघाटन के बाद भी सोनिया और प्रधानमंत्री चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला मामले में दिल्ली की मुख्यमंत्री खुली क्यों घूम रही हैं और कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उक्त मामले संप्रग अध्यक्ष की भ्रष्टाचार की सूची में नहीं आते हैं। सोनिया से उन्होंने ये सवाल भी किए कि भ्रष्टाचार के मामलों का पर्दाफाश करने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्याओं, लगातार बढती मंहगाई, रसोई गैस सिलेंडरों पर राशनिंग किए जाने जैसे ज्वलंत मुद्दों पर वह खामोशी क्यों बनाए हुए हैं।
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23-10-2012, 01:29 AM | #16218 |
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सहयोग बढ़ाने के लिए भारत, जापान ने की चर्चा
नई दिल्ली। समुद्री सुरक्षा, साइबर, बाहरी अंतरिक्ष सुरक्षा सहित महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और जापान ने सोमवार को बातचीत की और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 15 नवंबर को शुरू होने वाली यात्रा से पहले क्षेत्रीय, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति पर अपने-अपने रुख का आदान-प्रदान किया। विदेश नीति और सुरक्षा के मुद्दों पर दूसरी भारत-जापान वार्ता के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग की समीक्षा की और सम्बंधों को और मजबूती प्रदान करने के रास्तों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने समुद्री सुरक्षा, साइबर और बाहरी अंतरिक्ष सुरक्षा पर अपने रुख का आदान-प्रदान किया। वे नई भारत-जापान साइबर सुरक्षा वार्ता की जल्द बैठक के लिए तैयार हो गए। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश सचिव रंजन मथाई और रक्षा सचिव शशि कांत शर्मा ने की जबकि विदेश उपमंत्री अकिताका सैकी और प्रशासनिक उप रक्षा मंत्री हिरोनोरी कानाजावा ने जापानी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की।
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23-10-2012, 01:30 AM | #16219 |
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पाक चाहता है मुल्ला फजलुल्लाह का प्रत्यर्पण करे अफगानिस्तान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिका मौलाना फजलुल्लाह के प्रत्यर्पण के लिए अफगानिस्तान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। फजलुल्लाह एक वांछित पाकिस्तानी तालिबान कमांडर है। पाकिस्तान का दावा है कि वह हाल में पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई पर हुए हमले की योजना में शामिल था। राजनयिक सूत्रों ने यहां कहा कि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत मार्क ग्रॉसमैन से मुलाकात के दौरान यह मांग की। ग्रॉसमैन को बताया गया कि फजलुल्लाह मलाला यूसुफजई पर हुए हमले में शामिल था और अमेरिका को उसके प्रत्यर्पण के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें बताया गया कि फजलुल्लाह अपने लड़ाकों के साथ अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में छुपा हुआ है। पाकिस्तान इससे पहले भी कई बार आईएसएएफ और अफगानिस्तानी अधिकारियों को फजलुल्लाह की गतिविधियों के बारे में सूचित कर चुका है। फजलुल्लाह ने गत एक वर्ष के दौरान सीमापार पाकिस्तान में करीब 15 हमलों को अंजाम दिया है। इन हमलों में पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियों और ग्रामीणों को निशाना बनाया गया। मलाला को तालिबानी बंदूकधारियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गत नौ अक्टूबर को गोली मार दी थी। उसका ब्रिटेन के बर्मिंघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज चल रहा है। गत सप्ताह पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने तहरीके तालिबान कमांडर फजलुल्लाह पर 10 लाख डॉलर के इनाम की घोषणा की थी।
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Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
सरकार एफएम रेडियो के प्रसारण की करेगी निगरानी
नई दिल्ली। सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत एफएम रेडियो स्टेशन पर प्रसारित होने वाली सामग्री की निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। सूचना एवं प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा ने कहा कि रेडियो पर प्रसारित होने वाली सामग्रियों की निगरानी किए जाने की जरूरत है, क्योंकि अगले कुछ वर्षों में 800 से अधिक एफएम चैनल आने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मानिटरिंग सेंटर (ईएमएमसी) के एक समारोह के दौरान वर्मा ने कहा कि अभी तक रेडियो पर प्रसारित होने वाली समग्रियों की अर्थपूर्ण ढंग से निगरानी नहीं की जा रही है। हमारे पास एक तंत्र है, लेकिन हमारा मानना है कि इस तंत्र को पूरी तरह से विकसित करने की जरूरत है। अगले एक से तीन वर्षों में 800 से अधिक एफएम रेडियो के आने की उम्मीद है, इसे देखते हुए निगरानी की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में निजी एफएम चैनलों को समाचार प्रसारित करने की अनुमति दी जाएगी, जिसके कारण इन सामग्रियों के प्रसारण की निगरानी की जरूरत होगी। वर्मा ने कहा कि यह कार्य आकाशवाणी के समचारों से शुरू होगी और एमएम रेडियो पर प्रसारित समग्रियों के अनेक आयामों की निगरानी की जाएगी। ईएमएमसी की निदेशक रंजना देव शर्मा ने से कहा कि समग्रियों की निगरानी करने वाले निकाय ने अपने कार्य में विस्तार करने की योजना बनाई है, जिसमें रेडियो सामग्रियों और टेलीविजन चैनलों की संख्या बढ़ाना शामिल है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देशों के तहत 12वीं पंचवर्षीय के दौरान हमने रेडियो सामग्रियों की निगरानी के लिए तंत्र स्थापित तरने का इरादा किया है। हमने इसके तहत टीवी चैनलों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय किया है। अभी हम 300 टीवी चैनलों की निगरानी कर रहे हैं आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 1,200 करना चाहते हैं। ईएमएमसी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत एक विभाग है जो टीवी समग्रियों की 24 घंटे निगरानी करती है।
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