23-10-2012, 11:36 AM | #16251 |
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नई दिल्ली ! निजता के अधिकार की रक्षा के मसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने पत्रकारिता से जुड़ी गतिविधियों को प्रस्तावित निजता के कानून के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया है। न्यायमूर्ति शाह की अध्यक्षता वाली इस समिति ने पिछले सप्ताह ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। समिति ने सुझाव दिया है कि कलात्मकता और पत्रकारिता के उद्देश्य से व्यक्तिगत आंकड़ों के प्रकाशन को प्रस्तावित कानून के तहत निजता के अधिकार का हनन नहीं मानना चाहिए। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, जनहित में खुलासा, आपराधिक मामलों में रोकथाम, हिरासत और अभियोजन के मामले में निजता कानून के आवेदन को मुक्त करने पर सरकार विचार कर सकती है। स्टिंग आपरेशन या भंडाफोड़ करने वाले कार्यो का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामलों में जुटाये गये सारे तथ्यों के साथ व्यक्तिगत सूचनाओं के खुलासे के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का पैमाना जनहित होना चाहिए। समिति की राय है कि स्ंिटग आपरेशन या भंडाफोड़ के कामों के दौरान चूंकि प्रतिष्ठित व्यक्तियों और आम आदमी से संबंधित सूचनाएं सार्वजनिक दायरे में आती हैं, इसलिए इस पर कुछ नियंत्रण जरूरी है। योजना आयोग ने सितंबर, 2011 में न्यायमूर्ति शाह की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था। समिति को निजता से जुड़ें बिन्दुओं की पहचान करने के साथ ही निजता के अधिकार पर विधेयक के संदर्भ में अपनी रिपोर्ट देनी थी।
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23-10-2012, 11:53 AM | #16252 |
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क्रिकेटर राजा अली संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए
भोपाल ! पूर्व रणजी क्रिकेट खिलाड़ी राजा अली देर रात यहां खानूगांव इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि राजा अली कल रात जब अपनी मोटरसाइकिल से एक समारोह में शामिल होने के बाद खानूगांव स्थित अपने घर लौट रहे थे । उनका शव सड़क किनारे पाया गया और नजदीक ही उनकी मोटरसाइकिल भी पड़ी हुई थी। पुलिस अधीक्षक (उत्तर) अरविंद सक्सेना ने इस बारे में पूछने पर संवाददाताओं को बताया कि पोस्टमार्टम के बाद फारेसिंक विशेषज्ञों का कहना है कि जिस समय वह अचेत होकर मोटरसायकल से गिरे होंगे, तभी राजा अली को गंभीर हार्ट अटैक हुआ होगा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम में उनके शरीर पर किसी प्रकार की चोट अथवा संघर्ष के निशान नहीं पाए गए हैं। राजा ने मध्य प्रदेश की ओर से रणजी ट्राफी क्रिकेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था और वह रेलवे में कार्यरत थे। उन्होने 81 मैचों में 4337 रन बनाए, जिसमें नौ शतक एवं 22 अर्द्धशतक शामिल हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद प्रभात झा एवं संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन ने युवा क्रिकेटर राजा अली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश क्रिकेट में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकेगा। भाजपा खेल प्रकोष्ठ संयोजक अजय शर्मा ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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23-10-2012, 11:55 AM | #16253 |
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प्रधानमंत्री बड़े सरकारी उपक्रमों के प्रमुखों से आज मिलेंगे
नई दिल्ली ! आर्थिक सुधारों को आगे बढाने की सरकार की कोशिश के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों से आज यहां मुलाकात करेंगे और निवेश बढा कर आर्थिक वृद्धि तेज करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। सिंह सरकारी उपक्रमों को ज्यादा स्वायत्तता देने और सशक्त बनाने के बारे में भी बातचीत कर सकते हैं। बैठक में 25 कंपनियों के प्रमुख शामिल होंगे। इनमें ज्यादातर महारत्न और नवरत्न कंपनियां हैं। 1990 में शुरू हुई उदारीकरण की प्रक्रिया के कारण सरकारी उपक्रमों के कारोबार में हुई भारी बढोतरी के बीच प्रधानमंत्री की सरकारी उपक्रमों के साथ यह पहली बातचीत है। सूत्रों ने यहां बताया कि इससे ओएनजीसी, एनटीपीसी और भेल जैसे उपक्रमों के प्रमुखों को प्रधानमंत्री के सामने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सशक्तिकरण, सहमति पत्र में बदलाव व विनिवेश योजना जैसे कई प्रमुख मामलों पर अपनी राय जाहिर कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निदेशक मंडल में लचीलापन, निदेशक मंडल के पेशेवराना रवैये, भविष्य की निवेश योनाएं और पूंजी व्यय और वैश्विक कारोबार संबंधी योजना पर चर्चा की जाएगी। ऐसी बैठक की चर्चा भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम कंपनी प्रफुल्ल पटेल ने शुरू की थी। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री के सामने केंद्रीय सर्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के काम-काज में सुधार के तरीकों से जुड़े मुद्दे उठाएगा।
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23-10-2012, 11:59 AM | #16254 |
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राष्ट्रीय महिला आयोग के जांच दल ने वनस्थली विद्यापीठ प्रकरण में पूछताछ की
जयपुर ! राष्ट्रीय महिला आयोग के दो सदस्यीय दल ने आज टोंक जिले के निवाई में स्थित ख्यातिलब्ध वनस्थली विद्यापीठ में पिछले महीने हुई कथित दुष्कर्म घटना के बारे में पूछताछ की। आयोग सूत्रों के अनुसार जांच दल की सदस्य निधि शर्मा और हेमलता ने निवाई के डाक बंगले में वनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं के बयान लिए। दो सदस्यीय दल ने छेडछाड के आरोप में जेल में बंद वनस्थली विद्यापीठ की एम्बुलेंस चालक नेहरू शर्मा से जेल में जाकर घटना के बारे में पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि टोंक के जिला कलेक्टर और पुलिस अघीक्षक समेत अन्य अधिकारियों ने राष्ट्रीय महिला आयोग के दो सदस्यीय जांच दल से प्रकरण के बारे में जानकारी दी ओैर उनके द्वारा चाही गई सूचना उपलब्ध करवायी। दो सदस्यीय जांच दल शीघ्र ही आयोग अध्यक्ष ममता शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौपेगा। यह दूसरा मौका है जब रार्ष्ट्रीय महिला आयोग का जांच दल वनस्थली विद्यापीठ में पिछले महीने हुए कथित दुष्कर्म प्रकरण के मामले में वनस्थली पहुंचा है। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने भी मौके पर पहुंच कर विघापीठ की छात्राओं से और वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति एवं अन्य अधिकारियों से घटना के बारे में जानकारी ली थी। गौरतलब है कि राजस्थान महिला आयोग ने वनस्थली विद्यापीठ में कथित दुष्कर्म मामले की रिपोर्ट राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपी थी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाड कुमारी जैन ने रिपोर्ट में वनस्थली विद्यापीठ में छेडछाड की घटनाओं की पुष्टि करते हुए कहा था कि जांच में छात्राओं के यौन उत्पीडन की घटनाएं हुई थीं और इनमे से एक में विश्वविद्यालय में लगी एम्बुलेंस चालक भी शामिल था।
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23-10-2012, 12:02 PM | #16255 |
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तस्लीमुद्दीन ने दिखाये बगावती तेवर, नीतीश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा
अररिया (किशनगंज) ! बिहार में राजग सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य को अस्वीकार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें विकास पुरुष मानने से इनकार कर दिया है। अररिया और किशनगंज में संवाददाताओं से बातचीत में तस्लीमुद्दीन ने कहा, ‘नीतीश कुमार बिहार में विकास का ढोंग कर रहे हैं। वह विकास पुरुष नहीं हैं। केवल इंजीनियर हैं। लोगों को झांसा देकर वह ठग रहे हैं।’ बगावती तेवर दिखाते हुए जदयू नेता ने कहा, ‘जनता अब समझदार हो गयी है, वह नीतीश कुमार के झांसे में नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री जहां जाते हैं सभाओं में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सभाओं में जूते दिखाये जा रहे हैं। नीतीश कुमार को दोबारा सत्ता में लौटने का हक नहीं है।’ राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर अपनी कथित उपेक्षा के कारण तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री को उन्हें जदयू से निष्कासित करने की चुनौती दी। तस्लीमुददीन ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘नीतीश कुमार को बढावा देने में प्रदेश भाजपा सबसे ज्यादा जवाबदेह है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार के गलत काम को सही का ठप्पा लगाते हैं।’ राजग गठबंधन में दोनों पार्टियों में राज्य के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने का सिलसिला जारी है। बीते दिनों जदयू विधायक छेदी पासवान और भाजपा के सांसद उदय सिंह ने भी नीतीश सरकार के खिलाफ करारा हमला किया था। जदयू नेता ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के विकास कार्य में नीतीश सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। तस्लीमुद्दीन ने कहा, ‘मैं सीमांचल के विकास के लिए जदयू में आया था। नीतीश कुमार सीमांचल की उपेक्षा कर रहे हैं। केंद्र में मंत्री रहते हुए मैंने सीमांचल के लिए 700 करोड रुपये की महानंदा बेसिन परियोजना को मंजूरी दिलाई। सिंचाई क्षमता में बढोतरी, कटाव निरोध होने और बिजली के उत्पादन के कारण इससे सीमांचल का भविष्य संवर सकता था। केंद्र से प्रथम चरण में 406 करोड रुपये की राशि जारी होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से काम नहीं हुआ है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं सीमांचल के विकास के मुद्दे पर न तो मैंने लालू प्रसाद से समझौता किया है और न ही नीतीश कुमार से कोई समझौता करुंगा। सीमांचल की उपेक्षा हो रही है इसके लिए आंदोलन खडा करुंगा।’ तस्लीमुद्दीन ने दावा किया कि उन्होंने अररिया से लेकर गलगलिया (किशनगंज) तक नयी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दिलाई थी। वह भी राज्य सरकार की उदासीनता के कारण ठंडे बस्ते में चली गयी है। उन्होंने आरोप लगाया, नीतीश सरकार के कार्यकाल में नौकरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आम लोग भ्रष्ट अधिकारियों के कारण त्रस्त हैं। केंद्र से मिलने वाली राशि में लूट मची हुई है। जदयू नेता ने नीतीश की सेकुलर छवि को भी आड़े लेते हुए कहा, ‘धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करने वाले नीतीश कुमार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कोई अंतर नहीं है। दोनों एक ही स्कूल के विद्यार्थी हैं। अल्पसंख्यक कभी भी नीतीश कुमार को अपना नेता स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया है।’ जदयू छोडकर किसी अन्य पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं फैसला उचित समय पर लूंगा। मैं अररिया से निर्दलीय चुनाव भी लड सकता हूं।’ कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खासम खास रहे तस्लीमुद्दीन मई 2010 में जदयू में शामिल हुए थे। पार्टी ने इसका इनाम देते हुए उनके पुत्र सरफराज आलम को बिहार विधानसभा चुनाव में अररिया के जोकीहाट निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया था। आलम अभी विधायक हैं।
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23-10-2012, 03:48 PM | #16256 |
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प्रख्यात बांग्ला साहित्यकार सुनील गंगोपाध्याय का निधन
कोलकाता। प्रख्यात साहित्यकार और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। पारिवाकि सूत्रों ने बताया कि गंगोपाध्याय का शव शवगृह में तब तक रखा जाएगा, जब तक बोस्टन से उनका बेटा अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंच नहीं जाता। एक सफल लेखक और कई पुरस्कारों से सम्मानित गंगोपाध्याय एक मौलिक कविता की पत्रिका ‘कीर्तिवास’ के संस्थापक संपादक थे। इस पत्रिका को कवियों की एक नई पीढ़ी ने अभिवन प्रयोग के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल किया था। 200 से अधिक पुस्तक लिखने वाले गंगोपाध्याय विभिन्न शैलियों में लिखने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने कविता को अपना ‘पहला प्यार’ कहा था। उनकी कविताओं की नीरा शृंखला काफी लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने लघु कथा, उपन्यास, यात्रा वृतांत और बच्चों के लिए कथा लिखकर भी अमूल्य योगदान दिया। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (1985), आनंद पुरस्कार (1989) और हिन्दू साहित्य पुरस्कार (2011) से सम्मानित किया गया था। उपाध्यक्ष के रूप में पांच साल तक काम करने के बाद उन्हें 20 फरवरी, 2008 को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष चुना गया था। वह निल लोहित, सनातन पाठक और निल उपाध्याय के नाम से लिखते थे। गंगोपाध्याय के परिवार में उनकी पत्नी और बेटा है। गंगोपाध्याय के निधन की खबर सुन कर नवनीता देव सेन सहित कई रचनाकार सुबह उनके घर पहुंचे। श्रीशेन्दु मुखोपाध्याय, समरेश मजुमदार, नीरेंद्रनाथ चक्रवर्ती और अबुल बशर सहित कई प्रख्यात लेखकों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। मुखोपाध्याय ने अपने शोक संदेश में कहा है कि उनके निधन से बांग्ला साहित्य में उत्पन्न हुए शून्य को भरना मुश्किल है, क्योंकि सुनील ने बांग्ला साहित्य में एक नई शैली पेश की थी। लेखक समरेश मजुमदार ने कहा कि बांग्ला साहित्य ने अपना संरक्षक खो दिया। गंगोपाध्याय के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए वयोवृद्ध रचनाकार नीरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि वह हालांकि उम्र में सुनील से दस साल बड़े हैं, लेकिन उनकी लेखन शैली को गहरा सम्मान देते हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि मैंने सुनील को लेखन शुरू करने से लेकर हजारों शाखाओं वाला वृक्ष बनते देखा। अबुल बशर ने कहा कि गंगोपाध्याय जैसा दूसरा रचनाकार नहीं होगा। उनके निर्देशन में हमने कविता की दुनिया में प्रवेश किया था। समकालीन समय के अग्रणी बंगाली साहित्यकारों में से एक गंगोपाध्याय का जन्म बांग्लादेश के फरीदपुर में हुआ था। बाद में उनका परिवार कोलकाता चला आया था। अक्सर ‘नील लोहित’ नाम से लिखने वाले गंगोपाध्याय को 1985 में उनके उपन्यास ‘सेई समोय’ (उस समय) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। उनके लिखे ‘अरण्येर दिन रात्रि’, ‘प्रतिध्वनि’ और ‘अर्जुन’ उपन्यास पर सत्यजीत रे ने फिल्में बनाई थीं, जबकि ‘अबार अरण्या’ पर गौतम घोष ने फिल्म बनाई। उनकी अन्य कृतियों में ‘काकाबाबू’, ‘प्रथम आलो’ (प्रथम प्रकाश) में युवाओं के लिए रोमांच का वर्णन है और ‘पूरब-पश्चिम’ में विभाजन और उसके बाद के समय का चित्रण किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और अन्य जगह रह रहे बंगाली लोगों की तीन पीढ़ियों के अनुभव का समावेश है। उनकी कृतियों में ‘श्रेष्ठ गल्पो’, और ‘महा पृथ्वी’ जैसी लघु कथाएं, ‘शदा परिस्ता तोमर सांगेय’ और ‘अमर स्वप्न’ जैसी प्रसिद्ध कविताएं शामिल हैं। गंगोपाध्याय ने ‘प्रानेर प्रहरी’ और ‘राजा रानी’ जैसे कई नाटक लिखे और उनका मंचन किया। इसके अलावा उन्होंने हिन्दी फिल्म ‘सोध’ की पटकथा भी लिखी था, जो उनकी कहानी ‘गोरोम भट ओ निछोक भूतेर गोप्पो’ (चावल पकाने और एक भूत की कहानी) पर आधारित थी। ‘बंकिम पुरस्कार’ के अलावा उन्हें दो बार ‘आनंद पुरस्कार’ से नवाजा गया था। इसके अलावा वह 2002 में कोलकाता के शेरिफ भी बने थे।
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23-10-2012, 04:34 PM | #16257 |
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गंगोपाध्याय के निधन पर राष्ट्रपति की शोक संवेदना
कोलकाता। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रख्यात लेखक सुनील गंगोपाध्याय के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। विपुल साहित्य के रचयिता और अनेक पुरस्कारों से सम्मानित गंगोपाध्याय का मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। राष्ट्रपति ने कहा कि गंगोपाध्याय ने अपनी विशिष्ट लेखन शैली से बंगाली साहित्य का संवर्द्धन किया। वह अपने समकालीन लेखकों में सर्वश्रेष्ठ बुद्धिजीवी थे। उनकी मृत्यु से उत्पन्न रिक्तता की भरपाई अपूर्णनीय है।
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23-10-2012, 05:17 PM | #16258 |
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गंगोपाध्याय के निधन से साहित्य जगत शोक संतप्त
नई दिल्ली। प्रख्यात साहित्यकार और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय के निधन पर साहित्यकारों ने दुख एवं संवेदना व्यक्त की है। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष एवं आलोचक विश्वनाथ तिवारी ने कहा कि सुनील की मृत्यु से साहित्य अकादमी परिवार बहुत शोक संतप्त है। व्यक्तिगत रूप से वह मेरे मार्गदर्शक और अकादमी के कार्यों के दिशा-निर्देशक थे। मैं उनके देहावसान से आहत हूं। अकादमी की गतिविधियों का संचालन वह बहुत गंभीरता और मौन रूप से करते थे। उनकी मृत्यु से हुई क्षति को भरा नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि गंगोपाध्याय व्यक्तिगत व्यवहार में भी अत्यंत विनम्र और सदाशय थे। मूर्धन्य विद्वान एवं प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने कहा कि अपने से कम आयु के व्यक्तियों की मृत्यु आपके दुख को दोगुना कर देती है। मैं सुनील गंगोपाध्याय को उस समय से जानता हूं, जब वह युवा थे। उनकी अचानक मृत्यु से बहुत सदमा लगा है। प्रसिद्ध आलोचक एवं समीक्षक अशोक बाजपेयी ने कहा कि वह मेरे पुराने मित्र थे। ललित कला अकादमी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैंने उन्हें बहुत करीब से जाना। किसी भी नए काम के लिए उनमें एक विशेष उत्साह रहता था। साहित्य जगत में उनकी क्षति को पूरा करना बहुत मुश्किल है। हिन्दी के वरिष्ठ कवि पंकज सिंह ने कहा कि गंगोपाध्याय ने अपनी भाषा के जरिए ही देश विदेश के लेखकों में अपनी पहचान बनाई। मुख्य रूप से गद्यकार के रूप में चर्चित लेखक की अन्य विधाओं की कृतियां भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। लिखने की अबाध और अद्भुद क्षमता वाले ऐसे लेखक विरले होते हैं। कृतित्व के धरातल पर सुनील गंगोपाध्याय भारतीय भाषाओं के बहुत बड़े लेखक थे। मैं उनकी मृत्यु से बहुत मर्माहत हूं। शेन्दु मुखोपाध्याय ने कहा कि गंगोपाध्याय के निधन से बांग्ला साहित्य में उत्पन्न हुए शून्य को भरना मुश्किल है, क्योंकि उन्होंने बांग्ला साहित्य में एक नई शैली पेश की। लेखक समरेश मजूमदार ने कहा कि बांग्ला साहित्य ने अपना संरक्षक खो दिया। गंगोपाध्याय के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए वयोवृद्ध रचनाकार नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि वह हालांकि उम्र में सुनील से दस साल बड़े हैं, लेकिन उनकी लेखन शैली को गहरा सम्मान देते हैं। मैंने सुनील को लेखन शुरू करने से लेकर हजारों शाखाओं वाला वृक्ष बनते देखा। अबुल बशर ने कहा कि गंगोपाध्याय जैसा दूसरा रचनाकार नहीं होगा। उनके निर्देशन में हमने कविता की दुनिया में प्रवेश किया था।
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तमिल अभिनेत्री शुभा की 21 वर्ष की आयु में मौत
बेंगलूर। युवा मॉडल और 21 वर्षीय तमिल अभिनेत्री शुभा फटेला ने एक अस्पताल में आज दम तोेड़ दिया। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थीं। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पंजाब में पैदा हुयीं 21 वर्षीय शुभा का अपोलो अस्पताल में पिछले तीन महीने से इलाज चल रहा था। उन्हें किडनी के रोग और पीलिया की शिकायत थी। दो साल पहले 2010 में ‘मिस साउथ इंडिया’ बनीं शुभा ने तमिल फिल्म ‘मलाई पोजुदीन मायाकाठिले’ से अपना फिल्मी करियर शुरु किया था। पिछले सप्ताह वह कोमा में चली गयी थीं। शुभा का जन्म लुधियाना में हुआ था और उन्होंने बेंगलूर में शिक्षा ग्रहण की थी। उनके परिवार में माता पिता , एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई हैं।
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23-10-2012, 05:37 PM | #16260 |
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भोजपुरी गायक राकेश का निधन
जौनपुर। भोजपुरी के मशहूर गायक राकेश पाठक मधुर का आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह बयालिस वर्ष के थे। जौनपुर जिले के सदर तहसील क्षेत्र के मदारपुर गांव निवासी लोकमान्य पाठक के पुत्र के रप में पैदा हुए राकेश पाठक ने विद्यार्थी जीवन से ही भोजपुरी में लोकगीत और देवीगीत गाना शुरू किया और अब वह भोजपुरी के जाने-माने गायक हो गए थे। अपनी गायकी का जलवा देश के अन्य राज्यों और मारीशस में बिखरने वाले राकेश पाठक को कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है। पाठक को एक सप्ताह पूर्व बुखार, मधुमेह तथा अन्य बीमारियों से पीडित होने पर वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भंर्ती कराया गया था। पाठक के निधन पर प्रसिद्ध भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन, प्रसिद्ध भोजपुरी गायक एवं फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी और भोजपुरी गायक रविन्द्र सिंह ज्योति सहित अनेक कलाकारों ने शोक प्रकट करते हुए और कहा कि भोजपुरी का उभरता सितारा असमय चला गया। प्रदेश के पशुधन एवं लघु सिंचाई मंत्री पारसनाथ यादव, पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद, जौनपुर के सांसद धनंजय सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, उद्योगपति ठाकुर हरिवंश सिंह, विधायक सीमा द्विवेदी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह मुन्ना, प्रदेश के राज्यमंत्री जगदीश सोनकर सहित जिले के समस्त राजनेताओं, व्यापारियों, अधिवक्ताओं, पत्रकारों एवं लोक गायक कलाकारों ने पाठक के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
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