25-11-2012, 09:13 AM | #161 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
रायफल की खेती
भगत सिंह का पूरा परिवार क्रांतिकारी था. उनके पितामह, पिता व चाचा सभी ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. एक बार उनके पिता कृशन सिंह अपने मित्र नंद किशोर मेहता को अपना आम का बग़ीचा दिखाने ले गए. बगीचे में भगत सिंह अकेले काम कर रहे थे. मित्र ने सामान्य उत्सुकतावश पूछा कि बेटे तुम यहाँ अकेले क्या कर रहे हो. भगत सिंह ने उत्तर दिया – रायफल की खेती करने के लिए बीज बो रहा हूं. मित्र को आश्चर्य हुआ. उन्होंने प्रश्न किया – रायफल की खेती? हाँ, ताकि मैं अपने देश को फिरंगियों से मुक्त करवा सकूं – भगत सिंह ने उत्तर दिया. |
25-11-2012, 09:14 AM | #162 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
दो खरगोशों का पीछा करना
एक शिष्य, जो अपने समय के सुप्रसिद्ध गुरूजी से धनुर्विद्या सीख रहा था, उनके समक्ष एक प्रश्न लेकर गया - मैं धनुर्विद्या की कला में और पारंगत होना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि आपसे धनुर्विद्या सीखने के अलावा मैं दूसरे गुरूजी के पास भी धनुर्विद्या सीखने जाऊं ताकि मैं कुछ और गुर सीख सकूं। इस बारे में आपका क्या विचार है।" गुरूजी ने उत्तर दिया - "वह शिकारी जो एकबार में दो खरगोशों का पीछा करता है, उसके हाथ एक भी खरगोश नहीं लगता।" |
25-11-2012, 09:14 AM | #163 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
उधारी
एक शाम नसरूद्दीन अपने घर के बरामदे में बड़ी चिंतित मुद्रा में घूम रहा था. बार बार पसीना पोंछे जा रहा था. उसकी पत्नी से आखिर रहा नहीं गया तो पूछा – “क्या बात है, बहुत चिंतित लग रहे हो?” “मैंने इब्राहीम से सौ दीनार उधार लिया था. आज शाम को यह उधारी चुकानी थी. मेरे पास आज यह उधारी चुकाने को पैसा नहीं है” “इब्राहीम तो बहुत ही भला आदमी है. उससे जाकर बोल क्यों नहीं देते कि आज उधारी नहीं चुका पाओगे. वो भला आदमी जरूर मान जाएगा.” “तुम ठीक कहती हो.” यह कहकर नसरूद्दीन इब्राहीम के पास चला गया. जब नसरूद्दीन वापस आया तो उसकी बीवी ने पूछा – “क्या हुआ?” “हुआ तो कुछ खास नहीं, मगर जब मैंने उसे अपनी परेशानी बताई तो अब वो अपने बरामदे में टहल रहा है और पसीना पोंछे जा रहा है.” नसरूद्दीन ने बताया. |
25-11-2012, 09:14 AM | #164 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
ईश्वर ने हमें पलकें भी दी हैं
जब गुरूजी का एक शिष्य गंभीर गलती करते हुए पकड़ा गया तो सभी लोगों को गुरूजी से यह अपेक्षा हुई कि वे उसे कठोरतम दंड देंगे। जब एक माह गुजरने के बाद भी गुरूजी ने उसे कोई दंड नहीं दिया तो किसी ने यह कहते हुए अपनी आपत्ति व्यक्त की - "जो कुछ भी घटित हुआ है, हम उसे भूल नहीं सकते आखिर ईश्वर ने हमें आँखें दी हैं।" गुरूजी ने उत्तर दिया - "तुमने बिल्कुल सही कहा। परंतु ईश्वर ने हमें पलकें भी दी हैं।" |
25-11-2012, 09:14 AM | #165 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
जीत का बिंदु
यह उस समय की बात है जब अब्राहम लिंकन वकालत करते थे। एक व्यक्ति उनके पास अपना मुकदमा सौंपने गया। लिंकन ने उसकी फाइल को पढ़ा और कहा - "कानूनी दाँवपेंच के हिसाब से तुम यह मुकदमा जीत सकते हो।" यह कहने के तुरंत बाद उन्होंन उसकी फाइल को लौटा दिया और कहा - "सत्य के आधार पर तुम्हारा मुकदमा जीतना असंभव है। बेहतर होगा तुम कोई दूसरा वकील तलाश लो। यदि मैं तुम्हारा मुकदमा लड़ूंगा तो मेरे मन में हर समय यह दबाब बना रहेगा कि मैं अदालत में झूठ बोल रहा हूँ। और यह भी हो सकता है कि ज्यादा दबाब के चलते मैं अदालत में सब कुछ सत्य बोल दूं और तुम मुकदमा हार जाओ।" |
25-11-2012, 09:14 AM | #166 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
श्रीनिवास रामानुजन – भागफल
गुरुजी गणित के सवाल पढ़ा रहे थे. गुरुजी ने एक प्रश्न पूछा “यदि हमारे पास 3 केले हों, और तीन छात्र हों और इन केले को सबको बराबर बराबर बांटना हो तो हर छात्र को कितने केले मिलेंगे?” पहली पंक्ति में बैठे एक बुद्धिमान छात्र ने उत्तर दिया – “हर एक को एक केला मिलेगा.” “बहुत सही.” गुरूजी ने कहा और वे भाग व भागफल के बारे में विस्तार से बताने लगे. परंतु एक छात्र से रहा नहीं गया और उठ खड़ा होकर उसने पूछा “गुरूजी, यदि कोई भी छात्र को को कोई भी केला नहीं दिया जाए तो क्या इनमें से हरेक को एक केला मिलेगा?”इस मूर्खता भरे प्रश्न को सुन सारे छात्र हो हो कर हंस पड़े. मगर गुरूजी गंभीर हो गए. उन्होंने छात्रों से कहा – इसमें हंसने जैसी कोई बात नहीं है. यह वह प्रश्न है, जिसका उत्तर ढूंढने के लिए गणितज्ञों को सौ साल लग गए. यह छात्र पूछ रहा है कि शून्य को यदि शून्य से भाग दे दिया जाए तो परिणाम क्या होगा? यह प्रश्न पूछने वाले छात्र थे श्रीनिवास रामानुजन जो आगे चलकर महान गणितज्ञ बने. |
25-11-2012, 09:15 AM | #167 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
मछली रानी जीवन दायिनी
नसरूद्दीन यात्रा पर थे. रास्ते में उन्हें एक योगी मिला. योगी समाधिस्थ थे और ध्यान कर रहे थे. नसरूद्दीन ने सोचा कि इस योगी से कुछ सीखने को मिलेगा और वहीं इंतजार करने लगे. योगी की समाधि टूटी तो मुल्ला को सामने बैठे देख योगी ने प्रश्न किया – “तुम कौन हो और क्या चाहते हो?” नसरूद्दीन ने कहा – “महात्मा, मैं दूर देश से आया हूँ. ज्ञान की तलाश में. आपके पास जो ज्ञान है वह मुझ अज्ञानी को भी दे दें तो बड़ी कृपा होगी” योगी ने अपना ज्ञान बांटा – “मैं विश्वास करता हूँ कि प्रत्येक जीव जंतु में आत्मा होती है. यहाँ तक कि पशुओं में भी और कीट पतंगों में भी. जो उन्हें उनके जीवन में अच्छा बुरा करने की शक्ति प्रदान करती है.” “आपका बिलकुल सही कहना है,” मुल्ला ने कहा – “एक बार जब मैं मर रहा था तो मछली ने मेरा जीवन बचाया था.” “अच्छा!,” योगी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा – “यह तो सचमुच आश्चर्यजनक है. तुम तो सचमुच ईश्वरीय दुआ प्राप्त व्यक्ति प्रतीत होते हो. मैंने आज तक ऐसा नहीं सुना कि किसी की जान मछली ने बचाई हो. खैर, आखिर वो किस्सा क्या था?” “ओह, किस्सा कुछ यूँ है,” मुल्ला ने विस्तार से बताया – “एक बार मैं दूर देश की यात्रा पर था. जंगल में मैं भटक गया. भूख प्यास से मेरी हालत खराब हो गई. कई दिनों तक न तो खाना मिला न पीने को पानी. आखिर में चलते चलते मुझे एक तालाब दिखा. मैंने पानी पीने के लिए दौड़ लगा दी.” “अच्छा, तो तुम बेध्यानी और जल्दबाजी में कुंड में गिर गए होगे और कोई ईश्वरीय चमत्कार हुआ होगा, और दैवीय शक्ति संपन्न मछली ने तुम्हें तालाब से निकाला होगा..” योगी के स्वर में आतुरता थी. “नहीं, जैसे ही मैं तालाब में कूदा, मेरे पैर के नीचे एक बड़ी सी मछली फंस गई. मैंने उसे पकड़ लिया और वहीं भून कर खा गया. भूख के मारे मैं तो मरा जा रहा था. उस मछली ने सचमुच मेरा जीवन बचाया. ईश्वर उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें!” नसरूद्दीन ने खुलासा किया. |
25-11-2012, 09:15 AM | #168 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
प्रवाह के साथ बहना
ताओ दंतकथा के अनुसार एक बार एक वयस्क व्यक्ति दुर्घटनावश नदी में गिर कर भंवर में फंस गया और एक खतरनाक जलप्रपात की ओर बहने लगा। सभी प्रत्यक्षदर्शी यह दृश्य देखकर घबड़ा गए क्योंकि उस प्रपात में गिरकर मनुष्य का मरना तय था। तभी आश्चर्यजनक रूप से वह व्यक्ति जलप्रपात में गिरकर भी सकुशल नदी से बाहर निकल आया। लोगों ने उससे पूछा कि उसके जीवित बचने का क्या राज़ है? उस व्यक्ति ने उत्तर दिया - "मैंने नदी के प्रवाह को अपने अनुरूप बदलने के बजाए स्वयं को नदी के प्रवाह के अनुरूप ढ़ाल लिया। बिना कुछ भी सोचे हुए मैं नदी के प्रवाह के अनुरूप बहने लगा। मैं भंवर के साथ ही डूबा और भंवर के साथ ही ऊपर निकल आया। इस तरह मैं जीवित बच गया।" |
25-11-2012, 09:15 AM | #169 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
यह भी गुजर जाएगा
एक छात्र अपने गुरू के पास पहुंच कर बोला - "मैंने ध्यान लगाने का अनुभव भयानक रहा है! मैं बहुत विचलित महसूस कर रहा हूं और मेरे पैरों में दर्द हो रहा है। मुझे कई दिनों से नींद भी नहीं आ रही है। यह तो बहुत ही भयानक है।" गुरू जी ने तथ्यात्मक रूप से उत्तर दिया - "यह भी गुजर जाएगा" एक सप्ताह बाद वह शिष्य पुनः गुरूजी के पास लौटा और बोला - "मेरा ध्यान आश्चर्यजनक रहा! मैं अपने आप में बहुत जागरूक,शांत और जीवंत महसूस कर रहा हूं। यह सचमुच आश्चर्यजनक है।" गुरू जी ने तथ्यात्मक रूप से उत्तर दिया - "यह भी गुजर जाएगा" |
25-11-2012, 09:15 AM | #170 |
Member
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12 |
Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ
भीख मांगना
नसरुद्दीन अपने आप को बेवकूफ साबित करने के लिये प्रायः बाजार के बीचोबीच खड़े हो जाया करते थे। जब भी कोई व्यक्ति उन्हें दो सिक्के दिखाकर एक लेने का आग्रह करता तो वे हमेशा छोटा सिक्का ही उठाते ताकि लोग उन्हें बेवकूफ समझते रहें। एक दिन एक दयालु व्यक्ति ने उनसे कहा - "नसरुद्दीन तुम्हें बड़ा सिक्का उठाना चाहिए ताकि तुम जल्दी धनवान बन जाओ और लोग तुम्हें बेवकूफ न समझें।" नसरुद्दीन ने उत्तर दिया - "हो सकता है यह सही हो परंतु जिस दिन से मैं बड़ा सिक्का उठाना शुरू कर दूंगा, लोग मुझे बेवकूफ सिद्ध करने के लिए सिक्के देना बंद कर देंगे। तब तो मैं कंगाल ही हो जाऊंगा।" |
Bookmarks |
Tags |
hindi forum, hindi stories, short hindi stories, short stories |
|
|