26-10-2014, 07:51 PM | #161 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
‘‘केतना देर इंतजारा करा देलहीं।’’ ‘‘इंतजार में भी तो मजा है और प्यार के परीक्षा भी।’’ उसने टका सा जबाब दिया। वह कुछ गंभीर थी। आम दिनो की चंचलता उसने कहीं रख दिया था शायद। उसने कोई श्रृंगार नहीं किया किया था। वहीं टू पीस और फ्राक। गांव की एक लड़की। सबकुछ के बावजूद उसका चेहरा अंधेरे में भी साहस से चमक रहा था। कुछ देर तक खामोशी छाई रही। तीन बजने को है। चल दिया। थैला बरगद की खोंधड़ से निकाला और निकल पड़ रास्ते पर, शायद कोई मंजिल मिल जाए। अजीब से जूनून के हवाले था सब कुछ। चला तो जा रहा था पर कहां जाना है नहीं सोंचा था। रास्तें भर सांेचता आ रहा था कि पीछे से कोई आए और हाथ पकड़ ले-कहां जा रहे हो। पर कोई नहीं आया। चलते चलते बस स्टैंड पहुँच गया पर गाड़ियों के चलने की अभी कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही थी। शायद ज्यादा पहले आ गया था। पर बिना कुछ सोंचे समझे पटना की ओर जाने वाली सड़क पर पैदल ही चल दिया। जैसे प्रेम के साहस में पटना की दूरी भी कम ही हो। चलता रहा, चलता रहा। एक धंटा चलने के बाद किसी गांव से गुजरते हुए एक-आध बूढ़ा-बुजुर्ग मिल जाते। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
30-10-2014, 07:51 AM | #162 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
‘‘कहां जा हो बउआ।’’
जबाब मैं देता- ‘‘बस टहल रहलिए हें बाबा।’’ अब करीब चार बजे थे और इतनी देर में पांच छः किलोमिटर की यात्रा कर चुका था। बहादुरपुर गांव के पास सांई मंदिर थी। वहां से गुजरते हुए बरबस ही सांई भगवान को नमन कर लिया। दोनों ने वहां शीश नवाया और मौन रह कर एक दूसरे को मांग लिया। दस मिनट बस के आने का इंतजार किया पर बस नहीं आई। फिर चल पड़ा। करीब तीन चार किलोमिटर चलने के बाद जब सारे गांव पार कर गया तो देखा कि एक मीनी बस चली आ रही है। दोनों रूक गये। हाथ दिया। गाड़ी रूक गई। चालक, खलासी से लेकर यात्रियों तक ने विचित्र से भाव से देखा। जैसे कुछ सवाल हो उनकी आंखो में। पर जबाब कौन देगा? बिहारशरीफ हॉस्पीटल मोड़ पहूंच गया। वहां से पटना के लिए बस पकड़नी थी। वहीं चाय की एक स्टॉल पर चाय का ऑडर दिया और जब रीना को चाय देने लगा तो उसने मना कर दिया। वह कुछ ज्यादा उदास थी। मैं भी घवड़ा गया। असमंजस की स्थिति में ही घर से निकल गए और अब सोंच रहें हो जैसे। पता नहीं क्या हो, पर जो हो, सो हो। पटना, पटना, पटना चिल्लाने की आवाज गूंजी और फिर दोनों ने पटना की बस पकड़ ली। खामोशी की एक चादर दोनो ने ओढ़ ली। उदास चेहरे लोगों को सशंकित कर रहे थे पर परवाह कौन कर रहा था। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
30-10-2014, 07:53 AM | #163 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
बस जाकर पटना के हार्डिंग पार्क बस अड्डे पर रूकी और फिर वहां से एक रिक्सा लेकर उसे स्टेशन रोड में स्थित होटल में ले जाने को कहा। कई होटलों में गया पर किसी ने कमरा नहीं दिया। इसका कारण शायद यही था कि लड़का-लड़की देख कर सभी समझ जाते थे कि घर से भागे हुए है। खास कर दोनों के चेहरे के भाव ही ऐसे थे जैसे कहा जा सकता है कि चेहरे हवाईयां उडी हुई हो। रिक्सावाला के कहने पर धर्मशाला में शरण मांगी पर वहां भी नहीं मिला और फिर अन्त में हार रेलवे स्टेशन का रूख किया। यह सब करते-कराते दस से उपर बज गए। रेलवे गेस्ट रूम में बिना टिकट कटाए ही जाकर बैठ गया। इस सब के बीच भी वह चुप ही रहती और मैं भी खामोश। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। यहां से आगे मैं जाना नहीं चाहता था और इसके कई प्रमुख कारण भी थे। एक तो यह कि यहां से आगे कभी गया नहीं और जाने पर कोई अपना था भी नहीं और दूसरा यह कि महानगरों के बारे मे कई तरह की बुरी खबरें सुन रखी थी या सिनेमा में देख रखा था, सो यहां बैठ कर ही सोंच रहा था कि क्या करना है। फिर एक टी स्टॉल से जाकर दो कप चाय, एक पैकेट बिस्कुट लेकर आया, बहुत कहने सुनने पर भी रीना ने केवल एक कप चाय ली। फिर क्या हुआ कि रीना ने थैले से आइना कंधी निकाला और अपने बाल संवारने लगी। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
30-10-2014, 07:56 AM | #164 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
कुछ भी नहीं समझ आ रहा था और एक कशमकश में जिंदगी फंसी लग रही थी। फिर अब क्या करू? सवाल ही बार-बार मन में उठ रहे थे। मैंने भी हाथ मुंह धो लिया और फिर बगल के हनुमान मंदिर में जाकर पूजा कर लेने का प्रस्ताव रखा। वह मान गई। हनुमान मंदिर में नीचे हनुमान जी की प्रतिमा थी और वहीं लोग पूजा करते थे हम दोनों भी वहां जाकर खड़े हो गए। फिर वहां प्रसाद इत्यादी चढ़ा का मंदिर के उपरी भाग में बने मंदिर में गया जहां भगवान शिव की प्रतिमा लगी थी।
दोनो जाकर शिवजी की प्रतिमा के आगे खड़े हो गए। गांव में रहते हुए भी पूजा पाखण्ड को कम ही मानता था पर शिव जी के प्रति आशक्ति अपार थी। कुछ अपनापा सा था मन में। जैसे किसी अपने के पास हूं। सो हाथ जोड़े मन ही मन उनसे रास्ता दिखाने का बाल हठ करने लगा। कई मिनट तक वहां अविचल मौन खड़ा रह गया, एक हठी बच्चे की तरह, जैसे मांग रहा हो जो उसे लेकर ही जाएगा और अन्त में दोनो की आंखों से अविरल आंसू बहने लगे। यह आंसू पछतावा के थे या आगे राह नहीं मिलने के, कुछ पता नहीं, बस आंख से आंसू अविरल बह रहे थे...। मंदिर से निकल उसी रेलवे स्टेशन की ओर चल दिया। तय नहीं कर पा रहा था कि कहां जाना है। कई रेल गाड़ी आ जा रही थी और उसके आने-जाने के बीच बजते पों पों के हॉर्न जैसे मेरे लरजते हुए दिल की आवाज हो, उसका ही चीत्कार। हे भोला। यूं कभी बेराह होकर चौराहे पर ठिठका रहना जिंदगी की एक सबसे बड़ी बिडम्बना है। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-11-2014, 11:03 PM | #165 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
प्रेम को शब्दों से लिख कर परिभाषित नहीं किया जा सकता और कर्म की राह थी नहीं, सो चुपचाप मौन ईश्वर को याद कर रहा था। अपने इस कार्य के लिए मन में मलीनता नहीं थी बस था तो एक समर्पण, जिससे कहीं अंदर यह शकून मिलता कि मैंने प्रेम के राह पर सर्वस्व नेव्छावर कर दिया है।
इसी द्वंद में ईश्वर से राह दिखाने की प्रार्थन करता बढ़ा जा रहा था कि किसी ने रीना का हाथ आकर पकड़ लिया। यह उसका बड़ा भाई था। हे भोला। आठ दस लोग और थोड़ी दूरी पर खड़े थे। सबकुछ इतना अचानक और अप्रत्याशित था कि दोनों ठकमका कर रह गए। किसी के मंुह से आवाज नहीं निकली और किसी ने प्रतिरोध भी नहीं किया। वह रीना को हाथ पकड़ कर ले जा रहे थे और मैं तन्हा, खामोश, अवाक देख रहा था। रीना मेरी ओर देखते हुए जा रही थी, एक बुत की तरह, जिसके प्राण को निकाल कर वही प्लेटफार्म पर ही रख दिया गया हो और प्राण भी निस्तेज देख रहा था जैसे बिना शरीर उसके होने का औचित्य भी कुछ नहीं था। वह लगभग स्टेशन के निकास द्वार पर पहूंच ही गए थे कि अन्तस से किसी ने जोर से हिलकोर दिया। जागो, जागो, जहां प्राण को दांब पर लगा दिया वहां इस तरह से माटी का माधो बनने से क्या फायदा। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-11-2014, 11:04 PM | #166 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
अचानक अन्तस की आवाज का एक हिलोर जो उठा उसी के बस में हो मैंने अपनी दोनों बांहे रीना की ओर करके फैला दिया। एक दम फिल्मी अंदाज था। आंखों से आंसू के अविरल बहती धारा के बीच बिछड़ कर अब जीना नहीं चाहता था सो अंदर से मन चित्कार उठा। अब क्या बचेगा। इतना भी साहस नहीं कर सकोगे तो प्यार क्यूं किया?
प्रेम के होने के कारण को ढूढ़ता समाज शायद इस बात को नहीं समझ पाऐगा कि जीवन के प्रति आशक्ति को खत्म कर प्रेम के प्रति आशक्त होना ही प्रेम की प्रकाष्ठा है और उसकी परिभाषा भी। इधर मैंने बांहें फैलाई उधर रीना ने चुम्बकीय शक्ति की तरह भाई के हाथ को झटक कर छुड़ाया और क्षण मात्र मे ंमेरे बांहों में समा गई। फिर जेब में रखा सिंदूर का पुड़िया मैंने निकाला और उसकी मांग को सिंदूरी कर दिया। वह मेरी बांहों में उसी तरह समा गई जिस तरह सिंदूरी शाम रात भर सूरज को अपनी आगोश में छुपा लेता है और फिर होने वाली सुबह को सूरज नई उर्जा से भरा हुआ जग को रौशन करता है। यह सब इतना अचानक हुआ कि किसी को कुछ समझ में नहीं आया। बस हो गया। किसी के बस में कुछ नहीं था। मेरे भी बस में नहीं। रीना के बस में भी नहीं। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-11-2014, 11:06 PM | #167 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
प्रेम के इस चरम बिंदू पर ही प्रेम के होने का मतलब सिर्फ उसे ही समझ आ सकता है जिसने प्रेम किया। बाद बाकि दुनिया इसी तरह से प्रेम के होने के कारण को ढुंढ़ती फिरती रहेगी और सवाल भी उठाती रहेगी।
और फिर दनादन कई घूंसे मेरे चेहरे पर पड़ने लगे। अंधाधुन। कुछ ने मुझे पकड़ा, कुछ ने रीना को पकड़ कर खींच लिया। कितने ही लोगों के लात धूंसे शरीर पर पड़ रहे थे। और फिर किसी ने पैर पकड़ा और किसी ने हाथ और इसी प्लेटफार्म पर आ रही रेलगाड़ी के आगे सीधे फेंक दिया। सर पर टन्न की आवाज आई और आंखों के आगे लाल लाल बत्ती जलने लगी। रेल की आवाज चित्कार कर रही थी, बस उसे ही सुन रहा था। शायद मेरे हृदय की आवाज को उसने भी आत्मसात कर लिया हो और पों... पों...पों.... पों... पों...पों.... इसके आगे मेरा अवचेतन सुन्न हो गया.... मुझे लोगों ने रेलवे पटरी से उठा कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के लिए पहंुचाया था। पुलिस ने रीना के परिजनों को भी पकड़ लिया था। मेरे उपर से एक पूरी रेल गुजर गई थी और मैं जिंदा था। मैं पटरी के बीचो बीच गिरा था और पटरी से चिपका रहा था, फिर बेसुध हो गया था। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-11-2014, 11:09 PM | #168 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
फिर एक पुलिस वाले ने आकर मेरा हाल चाल पूछ और मुझे ठीक पाया। फिर वह चला गया और स्थानीय लोग आ आ कर मुझे देखने लगे। बच गया बेचारा। सब के मुंह से यही भाषा निकल रही थी। फिर मैं उठ कर खड़ा हुआ और फिर रीना के बारे में पूछा तो किसी ने बताया कि वह बगल में है। उधर बढ़ गया, जैसे ही दरवाजे पर पहूंचा रीना पर नजर पड़ी वह रो रही थी। मुझे पर नजर पड़ी तो वह दौड़ गई और फिर कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और दो तीन झपड़ लगा दिया। फिर कुछ पुलिस वाले पहूंचे और मुझे पकड़ कर हाजत में डाल दिया। बात बदल गई। पता चला कि मेरे उपर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया है और इस सब के लिए पुलिस को मोटी रकम दे दी गई है। मैं बेपरवाह हाजत में बैठा रहा। चुपचाप। मेरा अंग अंग दुख रहा। इस घटना मे बच जाना करिश्मा था। लोगों से सुना की रेल मेरे उपर से गुरती रही और मैं वहीं बेहोश पड़ा रहा है। और जब इस घटना में बच गया तो फिर अब डरना किस से थे। पहले ही जो तुध भावे नानका सोई भली तू कर के साथ घर से निकला था। सो अब यहां से आगे होने वाले सभी घटनाओं का मानचित्र माथा में घूमने लगा।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-11-2014, 11:11 PM | #169 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
दोपहर से अधिक बीत गए थे। फिर एक पुलिस वाले ने मुझे वहां से निकाल कर अधिकारी के पास ले गया। पूछताछ होने लगी। रीना भी वहीं थी। मैंने प्रेम करने की बात कही और साथ ही साथ शादी भी कर लिये जाने की जानकारी दी। अधिकारी के माथे पर नजराने की रकम बोल रही थी उसने मुझसे पूछा-
‘‘घर जाना चाहते हो या जेल।’’ मैंने कहा-‘‘घर।’’ ‘‘फिर इसके लिए तुम अभी चुपचाप यहां से उठो और चले जाओ।’’ ‘‘रीना?’’ ‘‘वह तुम्हारे साथ नहीं जाएगी।’’ ‘‘मैं साथ ही घर जाउंगा।’’ ‘‘फिर तुम्हें जेल जाना होगा।’’ ‘‘तो जेल ही जाउगा।’’ >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
11-11-2014, 10:01 PM | #170 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
टका सा जबाब सुनने पर वह पुलिसवाला उठा और सटाक सटाक सटाक। मोटी बंेट की लाठी देह पर पड़ने लगी। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा। तभी बगल से दौड़ कर रीना आई और लाठी को अपने देह पर रोक लिया और फिर दरोगा से भीड़ गयी।
‘‘काहे मार रहलो हो, कोई चोर उचक्का है की। शादी कैलके हें हमरा से, तोरा की दिक्कत हो।’’ फिर उसके परिजन वहां से आए और उसे घसीट कर ले गए। शाम हो गई और फिर रात भी। मेरी सुध लेने वाला कोई नहीं था पर रीना के बेलने की आवाज बीच बीच मे आ रही थी। शायद वह इसलिए ही जोर से बोल रही थी कि मैं सुन सकू। मैं चुपचाप बैठा रहा। सोंचता रहा। पर अब सोंच सीमित हो गई थी। अब जीवन की आशा नहीं रही थी और मौत का डर चला गया प्यार में पागल होना इसी को तो कहतें है। एक अजीब सा जुनून सवार हो गया, सब से लड़ कर प्रेम को जीत लेने का। दांव पर लगा दी अपनी जिंदगी। जानता था मेरे घर में किसी को इसबारे में अभी पता नहीं होगा और हो भी तो कौन देखने आएगा? अब मन में एक ही बात चल रही है जीवन चुक जाए और प्यार जीत जाए। जीवन रहे न रहे प्यार रहना चाहिए। >>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
Bookmarks |
Tags |
उपन्यास, जीना मरना साथ, लम्बी कहानी, a long love story, hindi novel, jeena marna sath sath |
|
|