11-11-2012, 09:55 PM | #17601 |
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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, लोकसभा में नेता सदन एवं गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सहित विभिन्न सांसदों ने स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस के मौके पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में सांसदों ने आजाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में कई पूर्व सांसद और लोकसभा सचिवालय के अधिकारी भी शामिल थे। आजाद के जीवन पर केन्द्रित एक पुस्तिका लोकसभा सचिवालय ने इस मौके पर जारी की। पुस्तिका हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में है। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में 16 दिसंबर, 1959 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आजाद के चित्र का अनावरण किया था।
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11-11-2012, 09:55 PM | #17602 |
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पुलिस गोलीबारी में एक की मौत, दो जख्मी
दरभंगा। बिहार के दरभंगा में अशोक पेपर मिल के निकट बीती रात पथराव कर रहे लोगों पर पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधांशु कुमार ने बताया कि इस गोलीबारी में मरने वाले व्यक्ति का नाम सुशील साह (24) है। उन्होंने बताया कि बेकाबू भीड़ उक्त पेपर मिल परिसर में एक ट्रक पर लदी रद्दी सामग्री परिसर से बाहर ले जाए जाने का विरोध कर रही थी और जब पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। हिंसा पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पहले लाठी चार्ज किया, पर भीड़ को बेकाबू होते देख पुलिस को छह राउंड गोलियां चलानी पड़ीं। इस घटना के बाद अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र में व्याप्त तनाव को देखते हुए उक्त इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पेपर मिल परिसर के बाहर भीड़ इकठ्ठी होने के कारण पुलिस उपाधीक्षक नीरज कुमार अशोक मिल परिसर में कैम्प कर रहे हैं। सुधांशु ने बताया कि दोनों घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है और मृतक का शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है।
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11-11-2012, 09:56 PM | #17603 |
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सेना में कमियों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देंगे जनरल बिक्रम सिंह
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह सेना के सामने शस्त्र प्रणालियों और गोला-बारूद की कमी तथा रक्षा तैयारियों की खामियों के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जानकारी देंगे। सरकारी सूत्रों ने कहा कि जनरल बिक्रम सिंह 13 लाख जवानों वाले बल के सामने कमियों तथा अगले कुछ सप्ताह में इन्हें दूर करने के लिए जरूरी कदमों के बारे में प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण देंगे। सेना और भी ऐसे क्षेत्र पहचानने की प्रक्रिया में है, जहां इस तरह की खामियां हैं। प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण में इसका ब्योरा रखा जाएगा। सैन्य अभियान महानिदेशक ने सैन्य मुख्यालय से ऐसे सभी उपकरणों और प्लेटफार्म की सूची तैयार करने में सभी सेवाओं से समन्वय करने को कहा। कमांडरों के हाल ही में हुए अधिवेशन में भी सैन्य प्रमुख ने कहा था कि आधुनिकीकरण को नई दिशा देकर देश की रक्षा तैयारियों में रही खामियों पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि रक्षा तैयारी में कमियों पर ध्यान देने की और पूरे जोश के साथ आधुनिकीकरण की जरूरत है। जनरल बिक्रम सिंह से पहले सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे एक गोपनीय पत्र में सेनाओं के सामने हथियारों और गोला-बारूद की गंभीर कमी को उजागर किया था। पूर्व सेना प्रमुख ने अपने खत में कहा था कि टैंक रेजीमेंट के पास तीन से चार दिन का ही गोला-बारूद बचा है। सेना प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने से पहले ही रक्षा मंत्रालय ने धरातल पर संघर्ष कर रहे बलों के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था। मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पिछले दिनों अपनी वायु रक्षा इकाइयों के लिए उपकरण खरीदने में सेना के अनेक प्रस्तावों को मंजूर किया। इनमें सतह से हवा में हमला करने वाली मिसाइल ‘क्विक रिएक्शन’ के 12 रेजीमेंट का अधिग्रहण शामिल है। सुरक्षा पर केबिनेट समिति ने रूस के साथ 4,000 करोड़ रुपए की लागत से 25,000 इनवार मिसाइलें खरीदने के सौदे को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने भी आर्थिक मंदी का असर पड़े बिना सभी अभियान सम्बंधी जरूरतों को पूरा करने में सेना को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
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11-11-2012, 09:56 PM | #17604 |
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म्यामां में आया तेज भूकंप, पांच की मौत
यंगून। उत्तरी म्यामां में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। भूकंप के केंद्र के पास के इलाकों में कई जगहों से नुकसान और लोगों के घायल होने की खबरें हैं। सबसे भारी नुकसान भूकंप के केंद्र श्वेबो शहर में इरॉवैडी नदी पर बन रहे एक पुल के टूटने से हुआ है। 80 प्रतिशत बन चुका पुल टूटने से पांच लोगों की मौत हो गई। श्वेबो के निवासी एक 52 वर्षीय व्यक्ति सो सो ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का अब तक का सबसे बुरा भूकंप है। एक मठ का बड़ा सा कंकरीट का दरवाजा टूट गया और शहर में अन्य पैगोडा की कई मूर्तियां भी नष्ट हो गर्इं। इसके अलावा भूकंप के केंद्र के पूर्वी इलाके मोगोक में नुकसान की खबरें आर्इं। यह इलाका रत्नों के खनन का बड़ा इलाका है। मोगोक के निवासी सीन विन ने बताया कि यहां मंदिरों के नष्ट होने के साथ-साथ रूबी की खानों में जमीन खिसक गई। राजधानी नेपीताव के निवासी ने कहा कि संसदीय इमारत की कई खिड़कियों के कांच टूट गए। नेपीताव में मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 6.8 तीव्रता का एक भूकंप स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7 बजकर 42 पर आया था। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण की खबर के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.6 थी और इसके केंद्र की गहराई महज दस किलोमीटर थी। म्यामां के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में किसी अन्य बड़े नुकसान या घायलों की कोई खबर नहीं थी। यह शहर भूकंप के केंद्र से 117 किलोमीटर दक्षिण में है और यह इस क्षेत्र का बड़ी जनसंक्ष्या वाला एकमात्र केंद्र है।
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11-11-2012, 09:56 PM | #17605 |
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बैंकाक में भी महसूस किए गए झटके
बैंकाक। पड़ोसी देश म्यामां में 6.6 तीव्रता का भूकंप आने के बाद थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शहर में रहने वाली भारतीय नागरिक शिल्पा कोटेचा ने बताया कि हमारी इमारत में रहने वाला हर व्यक्ति नाइट सूट में ही बाहर की ओर दौड़ पड़ा। भूकंप के कारण इमारत झूल रही थी। बैंकाक में रहने वाले बहुत से लोगों ने ट्विटर पर लिखा है कि भूकंप के समय उनकी इमारतें हिल उठीं।
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11-11-2012, 10:01 PM | #17606 |
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राष्ट्रपति ने लांच किया आकाश-दो
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने यहां राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर आकाश-दो टैबलेट लांच किया। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर रविवार को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मुखर्जी ने विश्व में सबसे सस्ता छात्रोपयोगी टैबलेट लांच किया जो भारतीय छात्रों को 1132 रुपए में मिलेगा। इस मौके पर मानव संस्थान विकास मंत्री पल्लम राजू, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, यूनेस्को की महानिदेशक इरिना बोकोवा और यूनेस्को में भारत के प्रतिनिधि डॉ. कर्ण सिंह भी मौजूद थे। आकाश-दो का निर्माण डाटाविंड कंपनी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई के लिए किया है। डाटाविंड पहले चरण में एक लाख आकाश-दो टैबलेट आईआईटी मुंबई को प्रदान करेगी, जिसे इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में वितरित किया जाएगा। आकाश-दो का बाजार संस्करण यूबीसमेट-7 सीआई के नाम से आम ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। आकाश-दो में सात इंच की स्क्रीन है और उसमें एंड्रायड 4.0 भी है। इसकी मेमोरी 4 जीबी की है और 512 एमबी रेम है। इसकी बैटरी चार घंटे चलेगी तथा प्रोसेसर एक जीएचजेड का है। इस टैबलेट के लांच का आॅन लाइन वीडियो देश के 240 कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों ने देखा।
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11-11-2012, 10:04 PM | #17607 |
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विश्वस्तरीय महात्मा गांधी शांति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान लांच
नई दिल्ली। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के मौके पर यहां आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा दिवस समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने यूनेस्को की महानिदेशक इरीना बोकोवा के साथ मिलकर विश्वस्तरीय महात्मा गांधी शांति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान की औपचारिक शुरुआत की। यह संस्थान एशिया का पहला ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो यूनेस्को के सहयोग से निर्मित हो रहा है। यूनेस्को ने दुनिया में इस तरह के छह और विश्वस्तरीय संस्थानों की स्थापना की है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बोकोवा के साथ इस वर्ष जुलाई में इस संस्थान की स्थापना के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए थे। वर्ष 2009 में यूनेस्को की 35वीं महासभा में इस संस्थान के निर्माण की घोषणा की गई थी। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र 2005-14 तक सतत विकास शिक्षा दशक मना रहा है। राष्ट्रपति ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षा का मकसद केवल सूचना या डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि अन्तर्दृष्टि प्राप्त करना, चरित्र निर्माण करना, विवेकवान एवं जागरूक नागरिक बनना होता है। उन्होंने कहा कि बगैर अहिंसा तथा शांति के न तो राष्ट्र मजबूत हो सकता है और न ही सतत विकास हो सकता है। इस संस्थान की स्थापना से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बोकोवा ने कहा कि बीसवीं सदी में महात्मा गांधी की अहिंसा एवं शांति की अपील पूरी दुनिया में सुनाई पड़ी। उनके नाम पर इस तरह के संस्थान की स्थापना से शांति कायम करने में मदद मिलेगी। समारोह को मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू, मानव संस्थान विकास राज्य मंत्री शशि थरूर, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद तथा यूनेस्को में भारत के प्रतिनिधि डॉ. कर्ण सिंह ने भी सम्बोधित किया।
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11-11-2012, 10:05 PM | #17608 |
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भारत-मालदीव के बीच राजनयिक तनाव
माले। मालदीव के राष्ट्रपति के प्रवक्ता की ओर से भारत के उच्चायुक्त के खिलाफ दिए गए अनर्गल बयान के बाद दोनों देशों में राजनयिक स्तर का तनाव पैदा हो गया। उच्चायुक्त ने इसे राजनयिक प्रोटोकाल के खिलाफ बताया है। हालांकि बाद में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया कि मालदीव सरकार अब्बास आदिल रिजा एवं कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों के बयान से खुद को अलग करती है। बयान में कहा गया कि ये सरकार के विचार नहीं हैं। आदिल रिजा ने एक रैली में भारत के उच्चायुक्त दयानेश्वर मुलय को ‘गद्दार’ और ‘मालदीव का एक दुश्मन’ बताया। यह रैली ‘23 दिसंबर अलाएंस’ ने शुक्रवार की रात को आयोजित की थी। रैली पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की सरकार के उस फैसले का विरोध करने के लिए आयोजित की गई, जिसमें इब्राहिम नसीर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा को भारत की कंपनी जीएमआर को पट्टे पर दिया गया। रिजा ने कहा कि एक राजनयिक का काम अपने देश एवं लोगों के लिए काम करना है, न कि एक निजी कंपनी के हितों की रक्षा करना। वह गद्दार और मालदीव एवं मालदीव के लोगों के दुश्मन हैं। हम अपने यहां इस तरह के राजनयिक नहीं चाहते। भारत के उच्चायोग की ओर से रिजा के इस बयान की निंदा की गई और इसे ‘राजनयिक प्रोटोकाल के विरुद्ध’ बताया गया। बाद में रिजा ने दावा कि उन्होंने मुलय को ‘गद्दार’ नहीं कहा और सिर्फ यह कहा कि ‘जीएमआर के जाने के बाद हमारी एक नई मांग है, मुलय को भी जाना चाहिए।’ मैंने कहा था कि जिन लोगों से मालदीव में भारत के वृहत हितों की रक्षा करने की अपेक्षा की जाती है, वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने जीएमआर से रिश्वत ली। वे गद्दार हैं। मैंने किसी का नाम नहीं लिया। रिजा ने कहा कि अगर मुलय ने लोगों की भावनाओं को समझा होता, तो बातें इस स्तर तक नहीं पहुंचतीं। लोगों ने सरकार को छह दिन का वक्त दिया। छह दिन में हम क्या कर सकते हैं? उनका नाम लेकर मैंने तनाव को कम करने की कोशिश की। भारत के उच्चायुक्त एक अवैध करार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, उच्चायोग के बयान में कहा गया कि इस संदर्भ में गौर करने वाली बात है कि वर्ष 2012 में पदभार संभालने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को आश्वासन दिया और नई दिल्ली के अपने दौरे में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी आश्वस्त किया था कि जीएमआर समेत भारत की सभी कंपनियों के निवेश की रक्षा की जाएगी। जीएमआर मालदीव में निवेश करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। भारत के उच्चायोग के बयान में यह भी कहा गया कि मालदीव सरकार को बताया गया है कि साझा हितों के बड़े मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर या मंच पर नहीं उछाला जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि मालदीव की नई सरकार ने जीएमआर समेत कुछ मुद्दे उठाए हैं। इन मुद्दों का हल बातचीत के जरिए निकाला जा सकता है। वार्ता विफल होने की सूरत में यह देश मध्यस्थता का मार्ग अपना सकता है। उधर, मालदीव के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर जारी बयान में सरकार ने खुद को इस बयान से दूर कर लिया है। इस बयान में कहा गया है कि यह जमावड़ा कुछ राजनीतिक दलों और कुछ लोगों ने किया था। इस रैली में अब्बास आदिल रिजा की ओर से रखे गए विचार, हालांकि उनके विचार थे, खेदजनक हैं। यह मालदीव सरकार के विचार नहीं हैं, विशेष तौर पर मालदीव में भारत के उच्चायुक्त डी. मुलय के खिलाफ दिया गया बयान। भारत विरोधी बयान पर माफी मांगी मालदीव ने राष्ट्रपति के प्रवक्ता अब्बास आदिल रिजा की ओर से भारत के उच्चायुक्त के खिलाफ दिए गए बयान के बाद उपजे तनाव को कम करने के लिए माफी मांगी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने भारत के उच्चायुक्त से कहा है कि वह इस गलती को ‘ठीक करने’ के लिए कदम उठाएंगे।
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11-11-2012, 10:05 PM | #17609 |
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पाक प्रधानमंत्री ने टकराव के कयासों को खारिज किया
कराची। पाकिस्तान में सेना और न्यायपालिका के बीच बढ़ रहे तनाव के संकेतों के बीच प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने कहा कि देश की संस्थाओं के बीच कोई टकराव नहीं है, हालांकि यहां वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। गौरतलब है कि सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी के बयानों के बाद कुछ विशेषज्ञों की ओर से चिंता जताए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने पिछले दो दिनों में दूसरी बार ऐसा बयान दिया है। उन्होंने ‘पोर्ट कासिम अथॉरिटी’ में एक आयोजन के दौरान कहा कि कोई टकराव नहीं है। हां, वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी ने सोमवार को कहा था कि मिसाइलों एवं टैकों से कभी भी किसी देश की स्थिरता एवं सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संविधान के संरक्षक एवं सरपरस्त हैं। उनका बयान जनरल कयानी के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने देश की संस्थाओं को कम आंकने और खुद को राष्ट्रीय हित के एकमात्र पैरोकार के तौर पर पेश नहीं करने की चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सभी को आतंकवाद की राह में बाधक की भूमिका निभानी होगी। कराची में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी के आयोजन से विश्व को एक सकारात्मक संदेश मिला है।
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कैग को बहुसदस्यीय संस्था बनाने पर विचार
नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में सामने आए कथित घोटालों को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की अनेक रिपोर्ट से आजिज आ चुकी सरकार ने कहा कि वह कैग को बहुसदस्यीय संस्था बनाने के प्रस्ताव पर सक्रियता से विचार कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि कैग बहुत ‘उतावले’ हो गए हैं और वह चाहते हैं कि सभी संवैधानिक संस्थाएं उनके मानदंडों के भीतर काम करें। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि कैग को बहु सदस्यीय संस्था बनाने के बारे में सरकार सक्रियता से विचार कर रही है। पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वी.के. शुंगलू ने इस तरह का सुझाव दिया था। शुंगलू ने सुझाव दिया था कि तीन सदस्यीय संस्था अपने संचालन में और अधिक पारदर्शिता बरतेगी। एक सदस्य को पेशेवर लेखा परीक्षण योग्यता वाला, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इसके समतुल्य होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा था कि इसे भारतीय लेखा परीक्षण और लेखा सेवा अधिकारी को तीन सदस्यों की संस्था से हटाने के तौर पर नहीं देखना चाहिए, जिनका वित्त, लेखा तथा इन क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय कार्यप्रणाली का अनुभव रहा हो। मौजूदा कैग विनोद राय की ओर से अनेक मौकों पर की गई टिप्पणियों के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस देश में संवैधानिक संस्था सरकार के फैसलों पर ही टिप्पणी कर रही है। हाल ही में कैग की ओर से ऐसे बयान आ रहे हैं जो अनुचित हैं। मेरी राय है कि ये बयान अनुचित और अनावश्यक हैं। मुझे लगता है आजकल राय अधिक उतावले हो गए हैं। मैं ऐसा महसूस करता हूं। ऐसा कहकर मैं आलोचना नहीं कर रहा। मैं यह बता रहा हूं कि सरकार में सभी को उन्हें दिए मानदंडोंं के भीतर काम करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि कैग का काम यह अध्ययन करना है कि भारत सरकार की अनेक एजेंसियां उचित तरह से व्यय कर रहीं हैं या नहीं। मेरी राय में कैग अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर काम कर रहे हैं। यह मेरी निजी राय है, आधिकारिक नहीं। कोई भी संवैधानिक संस्था हो, कैग हो, सीवीसी हो या चुनाव आयोग हो या कोई मंत्री हो, हमें संविधान की रूपरेखा के दायरे में भारत सरकार के बनाए नियमों के तहत काम करना चाहिए। उन्होंने कैग से अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें इन्हीं मानदंडों में, संवैधानिक रूपरेखा के भीतर मिली हुई जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए अन्यथा बहुत अन्याय होगा। 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं का दावा करने वाली कैग की रिपोर्टों के बारे में नारायणसामी ने कहा कि क्या कोई अनियमितता हुई या कोई भ्रष्टाचार हुआ है, इस बारे में जांच-पड़ताल तय तंत्र करेगा और वह संसद है। कैग की रिपोर्ट मसौदा रिपोर्ट है। इसे लोकसभा अध्यक्ष के सामने पेश किया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष इसे लोक लेखा समिति को भेजेंगी। पीएसी कैग की टिप्पणियों पर अध्ययन करेगी और अपने निष्कर्ष बताएगी। केवल कैग ने कहा इसलिए उसे अंतिम माना जाए, ऐसा नहीं होता। कैग की रिपोर्ट पर पड़ताल पीएसी करती है। वह संसद की समिति है। वह रिपोर्ट देगी और उसके बाद केवल सरकार कार्रवाई कर सकती है। सरकार केवल कैग की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं करेगी। नारायणसामी ने कहा कि कैग द्वारा हजारों रिपोर्टें जमा की गई हैं। उन्होंने अनेक राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, अनेक राज्यों और केंद्र के अधिकारियों को दोषारोपित किया है। अगर हम केवल कैग रिपोर्ट को अंतिम मान लें तो कोई मुख्यमंत्री अपने पद पर नहीं रह पाएगा। उन्होंने अपनी पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह की इस मांग पर समर्थन जताया कि कैग के दफ्तर से कथित तौर पर रिपोर्ट लीक होने पर रोक लगनी चाहिए। नारायणसामी ने कहा कि पूरा मामला यह है कि रिपोर्ट जमा होने से पहले सार्वजनिक हो जाती हैं। ये किसकी हिफाजत में होती हैं? ये सार्वजनिक कैसे हो जाती हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
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