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#171 |
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![]() मगर जो जिसके का काबिल है, वही उसको दिया तूने किसी को दे के दौलत तूने, उसकी छीन ली नींदे किसी को मुफलिसी देकर भरोसा दे दिया तूने किसी को इश्क दे कर तूने दुनिया लूट ली उसकी किसी को सब्र देकर सारा आलम दे दिया तूने मैं अपनी जात पर जब गौर करता हूँ तो कहता हूँ बहुत कम के मैं काबिल था, बहुत कुछ दे दिया तूने - क़मर जलालाबादी
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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#172 |
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एक महान शायर का दिल को छू लेने वाला कलाम प्रस्तुत करने के लिये आपका धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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