![]() |
#11 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() कुल्लू में विजयदशमी के पर्व मनाने की परंपरा राजा जगत सिंह के समय से मानी जाती है। यहां के दशहरे को लेकर एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार एक साधु कि सलाह पर राजा जगत सिंह ने कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी की प्रतिमा की स्थापना की। उन्होंने अयोध्या से एक मूर्ति लाकर कुल्लू में रघुनाथ जी की स्थापना करवाई थी। कहते हैं कि राजा जगत सिंह किसी रोग से पीड़ित थे अतः साधु ने उसे इस रोग से मुक्ति पाने के लिए रघुनाथ जी की स्थापना की सलाह दी।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#12 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() ![]()
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#13 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() उस अयोध्या से लाई गई मूर्ति के कारण राजा धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा और उसने अपना संपूर्ण जीवन एवं राज्य भगवान रघुनाथ को समर्पित कर दिया। एक अन्य किंवदंती अनुसार जब राजा जगतसिंह, को पता चलता है कि मणिकर्ण के एक गांव में एक ब्राह्मण के पास बहुत कीमती रत्न है, तो राजा के मन में उस रत्न को पाने की इच्छा उत्पन्न हुई और वे अपने सैनिकों को उस ब्राह्मण से वह रत्न लाने का आदेश देता है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#14 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() ![]()
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#15 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() सैनिक उस ब्राह्मण को अनेक प्रकार से सताते हैं अतः यातनाओं से मुक्ति पाने के लिए वह ब्राह्मण परिवार समेत आत्महत्या कर लेता है। परंतु मरने से पहले वह राजा को श्राप देकर जाता है और इस श्राप के फलस्वरूप कुछ दिन बाद राजा का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। तब एक संत राजा को श्रापमुक्त होने के लिए रघुनाथजी की मूर्ति लगवाने को कहता है और रघुनाथ जी कि इस मूर्ति के कारण राजा धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। राजा ने स्वयं को भगवान रघुनाथ को समर्पित कर दिया तभी से यहां दशहरा पूरी धूमधाम से मनाया जाने लगा
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#16 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() दशहरे की कहानियाँ
![]()
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#17 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() दशहरा और रामनवमी पर्व को मनाए जाने के बहुत से कारण हैं। भारतीय पंचांग के अनुसार दशहरा अश्विन शुक्ल की दशवीं तिथि के दिन मनाया जाता है। भगवान राम के जीवन चरित्र को मनुष्य जाति के लिए पे्ररणा स्त्रोत माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सत्य और अपने वचनों के पालन के लिए न्यौछावर कर दिया था। दशहरे से नौ दिन पूर्व से भारत के सभी छोटे–बड़े नगरों में रामलीला एवं मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें राम के संपूर्ण जीवन का मंचन किया जाता है। रामलीला का अंत दशहरे के साथ होता है। जिसमें रावण एवं मेघनाद के बड़े–बड़े पुतले जलाए जाते हैं। भारत के उत्तर में हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर कुल्लू में दशहरा तीन दिन तक मनाया जाता है। लोग आसपास के सभी शहरों के देवी–देवताओं की प्रतिमा अपने सिर पर लेकर गाजों–बाजों के साथ, कुल्लू में भगवान रघुनाथ के दरबार में एकत्रित होते हैं। बड़ा मेला लगता है और सात दिन तक पवित्र अग्नि जलाई जाती है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#18 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() मैसूर का दशहरा अपने शाही अंदाज़ के कारण बहुत प्रसिद्ध है। वहाँ यह पर्व महिषासुर नामक राक्षस पर माँ दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का आयोजन चामुंडी पर्वत शिखर पर किया जाता है। महिषासुर के नाम पर ही इस शहर का नाम मैसूर पड़ा। भारत के अलग–अलग राज्यों में यह पर्व भिन्न–भिन्न तरह से मनाया जाता है। बंगाल में दशहरे से पूर्व के नौ दिनों को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। माँ दुर्गा की बड़ी–बड़ी प्रतिमाएँ बनाई जाती हैं और पूजा के समापन पर उन प्रतिमाओं को जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#19 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() गुजरात राज्य में इन नौ दिनों को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इन दिनों यहाँ रात में डांडिया और गरबा का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग पारंपरिक गुजराती वेश भूषा में अपना पारंपरिक नृत्य करते हैं। तमिलनाडु में इस दिन धन की देवी लक्ष्मी, शिक्षा की देवी सरस्वती और शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक में देवी की छोटी–छोटी मूर्तियाँ निर्मित करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है।जिसे बोमई कोलू कहा जाता है। लकड़ी की बनी पारंपरिक गुड़ियों और घर की पुरानी गुड़ियों को भी इसमें स्थान मिलता है। केरल में किताबों को पूजा के स्थान पर रखकर उनकी पूजा की जाती है
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
#20 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
सचिन तेंदुलकर के बारे में अनोखी बातें..
![]()
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
![]() |
![]() |
![]() |
Bookmarks |
|
|