04-04-2011, 05:20 AM | #11 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
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04-04-2011, 05:23 AM | #12 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
टमाटर टमाटर लगभग हर सब्जी में प्रयोग किया जाता है। इसके बिना खाना अधूरा माना जाता है। सलाद के रू प में भी इसे काफी पसंद किया जाता है। टमाटर में प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि तत्व विद्यमान होते हैं। यह सेवफल व संतरा दोनों के गुणों से युक्त होता है। इतना ही नहीं, यह अनेक बीमारियों का इलाज भी करता है। आइए जानें कि टमाटर से किन-किन रोगों का उपचार होता है - * बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से फायदा होता है। * दो या तीन पके हुए टमाटरों का नियमित सेवन करने से बच्चों का विकास शीघ्र होता है। * शरीर का भार घटाने के लिए सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीना लाभप्रद है। * यदि गठिया रोग हो, तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व इसमें एक चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। * गर्भवती महिलाओं के लिए सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन फायदेमंद है। * टमाटर के नियमित सेवन से पेट साफ रहता है। * कफ होने पर टमाटर का सेवन अत्यंत लाभदायक है। |
04-04-2011, 05:29 AM | #13 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
अंगूर
आयुर्वेदीय ग्रंथों में द्राक्षा, दाख और मुनक्का नामों से अंगूर का वर्णन पाया जाता है। मुगल बादशाहों के जमाने में इसका अधिक प्रचार प्रसार हुआ है। कच्चे हरे या पक्के फलों को अंगूर कहते हैं। ये जब विशेष प्रकार से सुखाए जाते हैं ,तो मुनक्का या दाख कहलाते हैं और जब यह छोटे कच्चे अंगूर बीज रहित हो ,तो किशमिश कहलाते हैं। यह छोटे-बडे बीज रहित बेदाना आदि कई प्रकार के होते हैं। इनमें काले अंगूर और बडे अंगूरऔर कुछ लंबे अंगूर पिटारी का अंगूर "गोस्तानी द्राक्षा" को सर्वश्रेष्ठ अंगूर में गिना जाता है। भारतवर्ष में आजकल सभी जगह एवं कुमाऊ, नासिक, देहरादून, पूना औरंगाबाद आदि जगहों पर बहुतायत में इसकी खेती होती है। भारत में अंगूर की यूरोपियन, अमरीकन और ऑस्टे्रलियन किस्में पैदा होने लगी हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान, ब्लूचिस्तान और सिंध में कई तरह के अंगूर होते हैं जिन्हें हेटा, किसमिस, कलमक, हुसैनी आदि अच्छी किस्म की उ“ास्तरीय मुनक्का बनाई जाती है। ये अंगूर बहुत मीठे होते हैं। फलों में यह सबसे उत्तम और निर्दोष फल है और सभी रोगों में पथ्य हैं। बडे चिकित्सक इसको दूध से भी अधिक गुणकारी रोगों में पथ्य समझते हैं। यह टीबी के रोगियों में अमृत तुल्य शरीर की गर्मी का नाशक, शक्तिदायक अग्निदीपक, हल्का दस्तावर, पेशाब साफ लाने वाला, बुखार नाशक , ह्वदय और शरीर को पुष्ट करने वाला सर्वोत्तम फल है। बच्चों को दांत आने के समय अजीर्ण, कोष्ठबद्धता (कब्ज) हो जाती है। ऎसे में उन्हें अंगूर का रस छानकर पिलाएं। बच्चों के मुंह में छाले या टॉन्सिल होने पर भी इसका रस पिलाने में लाभ होता है। अंगूर का शरबत ताजे उत्तम पके हुए काले या हरे अंगूर को गर्म पानी में धोकर एक सेर रस निकालें। दो किलो चीनी को डेढ सेर पानी में पकाएं। उबाल आने पर अंगूर का रस उसमें मिला दें। एक तार की चाशनी आने पर बोतलों में भरकर रखें। यह शरबत स्वरभंग (गला बैठने पर) खांसी, टीबी रोग और रक्त विकार के रोगों में भी लाभप्रद है। वैसे यह शरबत हर आदमी को निरोग रखने में सहायक है। अंगूर दूध बढाने वाला है जिन माताओं के स्तनों में दूध कम आता है उन्हें अंगूर का सेवन करना चाहिए। काले अंगूर विशेष गुणकारी हैं। गठिया और जिगर के रोग में फायदेमंद है। दूध के साथ इसका संयोग अधिक गुणकारी होता है। मुनक्का बुखार, पीलिया, टीबी जैसे रोगों में मरीज का वजन कम होने पर मुनक्का खिलाएं। इसके अलावा कब्ज होने, आंखों की ज्योति बढाने, नाखूनों की बीमारी होने पर, सफेद दाग, महिलाओं में गर्भाशय की समस्या में अंगूर लाभप्रद होते हैं। इन समस्याओं में मुनक्का को दूध में पकाकर थोडा घी व मिश्री मिलाकर खाने से फायदा होता है और वजन भी बढता है। जितना पच सके उतने मुनक्का रोज खाने से सातों धातुओं का पोषण होता है। ह्वदय शूल ह्वदय पीडा होने पर मुनक्का तीन माशा में दो भाग शहद मिलाकर कुछ दिन सेवन करने से फायदा होता है। शरीर पुष्टि के लिए मुनक्का 12 नग, छुहारा पांच नग, छह नग फूल मखाना दूध में मिलाकर खीर बनाकर सेवन करने से रक्त-मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट होता है। आयुर्वेद के द्राक्षासव, द्राक्षारिष्ट, द्राक्षावलेह, अंगूरासव आदि औष्ाघियों का प्रयोग किया जाता है। किसी ने धतूरा खा लिया हो, तो उसे अंगूर का सिरका दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है। अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि भी काफी लाभकारी है। अंगूर शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है। यह एक अच्छा रक्तशोधक(ब्लड प्यूरीफायर) व रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है। अंगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल व क्षार का अनुपात 20: 80 होना चाहिए। यदि किसी कारणवश शरीर में अम्लता बढ़ा जाए, तो वह हानिकारक साबित होता है। अंगूर बढ़ती अम्लता को आसानी से कन्ट्रोल करता है। अंगूर का 200 ग्राम रस शरीर को उतनी ही क्षारीयता प्रदान करता है, जितना कि एक किलो 200 ग्राम बाईकार्बोनेट सोडा, हालांकि सोडा इतनी अधिक मात्रा में लिया नहीं जा सकता। |
04-04-2011, 12:20 PM | #14 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
अदरक अदरक का प्रयोग भारतीय परिवारों में आम है पर क्या आप जानते है कि अदरक मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल वरदान है ? अदरक हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए वाकई बहुत महत्त्वपूर्ण है और ये हमारे लिए वरदान स्वरूप है पारम्परिक रूप से अदरक का सेवन शरीर के द्रव्य का बहाव सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए भी किया जाता है | अदरक पुरे शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ा देता है | इसके सेवन से ह्रदय की मांसपेशियां ज्यादा शक्ति से संकुचित होती है , रक्त वाहिनियाँ फ़ैल जाती है, जिससे उतकों और कोशिकाओं का रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और मांसपेशियों का अकड़न, दर्द, तनाव आदि से आराम मिलता है | पारम्परिक चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद में अदरक का प्रचलन बतौर औषधि प्राचीन कल से होता आ रहा है | अदरक को आयुर्वेद में महाऔषधि कहा जाता है | इसका वानस्पतिक नाम जिंजिबर ऑफिसिनेल है | अदरक को अंग्रेजी में " जिंजर " कहते है | हिंदी में आदि, अदरक, सोंठ कहते है | यह आद्र अवस्था में अदरक तथा सुखी अवस्था में सोंठ कहलाता है | ताजी अदरक में 81% जल, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेसे और 13% कार्बोहायड्रेट होता है | इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, कैल्सियम लौह फास्फेट आयोडीन क्लोरिन खनिज लवण तथा विटामिन भी प्रयाप्त मात्र में होता है |सुखी अदरक को सोंठ कहा जाता है | इसमें 9 से 10 प्रतिशत 15% प्रोटीन, 3 से 6 प्रतिशत वसा, 3 से 8 प्रतिशत रेशे, 60 से 70 प्रतिशत शर्करा तथा उड़नशील तेल 1 से 3 प्रतिशत होते है | दुसरे देशों में भी पारम्परिक रूप से अदरक का सेवन शरीर के द्रव्य का बहाव सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए भी किया जाता है | अदरक पुरे शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ा देता है | इसके सेवन से ह्रदय की मांसपेशियां ज्यादा शक्ति से संकुचित होती है , रक्त वाहिनियाँ फ़ैल जाती है, जिससे उतकों और कोशिकाओं का रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और मांसपेशियों का अकड़न, दर्द, तनाव आदि से आराम मिलता है | आधुनिक वैज्ञानिक शोधों से भी अदरक के लाभकारी प्रभाव की पुष्टि हो गई है | वैज्ञानिकों ने अदरक को पाचन तंत्र, ह्रदय रोग, संक्रमण, माइग्रेन, जोड़ों का दर्द, कैंसर इत्यादि विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभकारी पाया है | ह्रदय पर जोर कम पड़ता है | अदरक के प्रभाव से रक्त प्लेटलेट कोशिकाओं का चिपचिपापन कम हो जाता है जिससे रक्त में थक्का बनने की सम्भावना कम हो जाती है फलस्वरूप अनेक रोगों जैसे ह्रदय आघात, स्ट्रोक ( पक्षघात ) इत्यादि से बचाव हो जाता है | कोलेस्ट्रोल युक्त भोजन के बाद भी अदरक के सेवन से कोलेस्ट्रोल स्तर कम बढ़ता है | जापान तथा यूरोपीय देशों में अदरक के शोधों से पता चला है की अदरक शरीर में कुछ खास किस्म के जैव रसायन ( बायो-केमिकल ) के निर्माण में सहायक करता है | जो न सिर्फ कुदरती तौर पर घाव के ठीक होने में मदद करता है बल्कि शरीर में इम्यून सिस्टम को भी बल प्रदान करता है | शोधों से ज्ञात हुआ है की करीब एक ग्राम अदरक सेवन करने से यात्रा के दौरान सम्बेदनशील व्यक्तियों में होने वाली मितली और उलटी से आराम मिलता है | इसी प्रकार 250 मिली ग्राम सोंठ दिन में चार बार सेवन से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली मितली व उलटी से आराम मिलता है और इसके सेवन से कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है| शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है की जोड़ो, हड्डियों के रोगों के कारण सुजन, दर्द, हाथ पैर चलाने में कठिनाई, पेट के कीड़े और खांसी आदि समस्या में अदरक सेवन करने से सुजन एवं अन्य लक्ष्ण उत्पन्न करने वाले रसायन हारमोन जैसे प्रोसटाग्लेनडीन, ल्यूकोट्रिन का उत्पादन कम हो जाता है | डेनमार्क में हुए अध्ययनों से सिद्ध हुआ है की 0.5 से 1 ग्राम अदरक प्रतिदिन 3 माह तक सेवन करने से आस्टियो आर्थराइटिस, रुमेटाइड आर्थराइटिस तथा मांसपेशियों के दर्द के मरीजों को आराम मिलता है | अदरक एक शक्तिशाली जिवानुनाशक भी है | शोधों से यह ज्ञात हुआ है की अदरक बड़ी आँत में पाए जाने वाली बैक्टीरिया का बढ़ना रोक देता है जिसके कारण गैस से राहत मिलती है | इसमें विद्यमान गुण के कारण कैंसर से भी बचा जा सकता है | इसमें एंटी-ओक्सिडेंट गुण भी होते है , इसके सेवन से कैंसर बचाव में सहायक एंजायम सक्रीय हो जाते है | अदरक में 400 से भी ज्यादा ऐसे कम्पाउंड ( यौगिक ) है जो अलग-अलग ढंग से अपना अच्छा प्रभाव शरीर पर डालता है | भारतीय व्यंजन में अदरक का उपयोग बहुतायत से होता है | इसका सेवन सब्जी, चटनी, अचार, सॉस, टॉफी, पेय पदार्थों, बिस्कुट, ब्रेड इत्यादि में स्वाद व सुगंध के लिए किया जाता है | इसका प्रयोग से भोजन स्वादिष्ट और सुपाच्य हो जाता है साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी | सर्दी और पेट की बीमारियां दूर करने में अदरक का उपयोग आम है लेकिन नए शोध के मुताबिक अदरक का रोजाना उपयोग व्यायाम से होने वाले मांसपेशियों के दर्द को भी कम करता है। जार्जिया के प्रोफेसर पेट्रिक ओ कोनर कहते हैं कि हालांकि चूहों पर अदरक के उत्तेजना कम करने वाला असर पहले देखा जा चुका है, लेकिन मानव मांसपेशियों पर इसके असर की अभी तक पड़ताल नहीं हुई थी। यह विश्वास किया जाता था कि खाने में गर्म अदरक का उपयोग दर्दनाशक प्रभाव दिखाता है। ओ कोनर ने 11 दिनों तक कच्चे और पके हुए अदरक के प्रभाव का अध्ययन मांसपेशियों के दर्द के दौरान अपने शोध में किया है। कोनर के साथ इस शोध में जार्जिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस ब्लेक और जन स्वास्थ विषय के प्रोफेसर मेट हेरिंग और डेविड हर्ले ने भी अपना हिस्सा लिया। अध्ययन में भाग लेने वाले 34 और 40 स्वयंसेवकों के समूहों को 11 दिनों तक हर रोज दो ग्राम कच्चा और पका अदरक खिलाया गया। अध्ययन के आठवे दिन उन्हें भारी वजन उठाने को कहा गया। इस व्यायाम के तीसरे दिन उनमें हाथों कार्यक्षमता, उत्तेजना, दर्द और दर्द पैदा करने वाले रसायनों का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में पता चला कि कच्चा अदरक खाने वाले लोगों में दर्द 25 फीसदी कम रहा जबकि पका हुआ अदरक खाने वालों में यह प्रभाव नहीं देखा गया। ओ कानर ने कहा, 'मांसपेशियों का दर्द बहुत ही आसानी से पैदा हो जाने वाला आम दर्द है। जिन लोगों को इस तरह का दर्द है वे इस प्रयोग को करके आसानी से दर्द से निजात पा सकते हैं। |
07-04-2011, 07:27 AM | #16 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
नीबू नीबू न तो फल है, न ही सब्जी लेकिन इसे दोनों ही प्रकार से उपयोग में लाया जाता है। नीबू का प्रयोग न सिर्फ सेहत के लिहाज से किया जाता है, सौंदर्य और खाने में स्वाद बढाने की दृष्टि से भी किया जाता है। नीबू में कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, विटमिन, आयरन और कॉपर आदि तत्व पाए जाते हैं। नीबू में विटमिन सी, बी और प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है। अपने इन्हीं गुणों के कारण नीबू का प्रयोग घर-घर में किसी ना किसी रूप में होता है। आइए जानें इसके अन्य उपयोगी गुणों को। 1. दिन भर तरोताजा रहने और स्फूर्ति बनाए रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। 2. एक बाल्टी पानी में एक नीबू के रस को मिलाकर गर्मियों में नहाने से दिनभर ताजगी बनी रहती है। 3. गर्मी के मौसम में हैजे से बचने के लिए नीबू को प्याज व पुदीने के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए। 4. लू से बचाव के लिए नीबू को काले नमक वाले पानी में मिलाकर पीने से दोपहर में बाहर रहने पर भी लू नहीं लगती। 5. इसके अलावा इसमें विटमिन ए, सेलेनियम, जिंक और कॉपर भी होता है। 6. गले में मछली का कांटा फंस जाए तो नीबू के रस को पीने से निकल जाता है नीबू विटामिन सी का अच्छा सोर्स है। रोजाना सुबह गर्म पानी के साथ नीबू का रस पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक बना रहता है। यह इम्यूनिटी सिस्टम को भी ठीक बनाए रखता है। साथ ही इसके इस्तेमाल से किसी भी तरह के इन्फेक्शन के चांस बहुत कम हो जाते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, जिससे आप μलू और कोल्ड वगैरह से बचे रह सकते हैं। यह ब्लड को प्यूरीफाई करने के साथ ही बॉडी से टॉक्सिंस को भी बाहर कर देता है। # लेमन का इस्तेमाल अरोमाथैरेपी के दौरान भी किया जाता है। इसकी खुशबू से आप पलभर में फ्रेश व एनर्जेटिक हो जाते हैं और यह आपके कॉन्फिडेंस को भी बढ़ाता है। यही नहीं, नीबू से बनाया गया तेल कंसंट्रेशन बढ़ाने में भी बेहद कारगर है। # नीबू ब्यूटी के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। इसको टैन हुई स्किन पर रगड़ने से कुछ ही दिनों में टैनिंग खत्म हो जाती है। अगर आप नहाने से पहले इसे बालों पर रगड़ेंगी, तो बालों में शाइनिंग आ जाएगी। वजन घटाने के लिए इसका उपयोग सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। भोजन के आधा घंटा बाद एक कप गर्म पानी घूंट-घूंट कर पिएं। शरीर को डिटॉक्स करना जरूरी है। इसके लिए हफ्ते में एक दिन व्रत रखें या सिर्फ लिक्विड डाइट पर रहें। महीने में 3 से 4 किलो वजन कम करना सही रहता है। इससे ज्यादा तेजी से वजन घटाना सेहत के लिए नुकसान देह है। |
30-09-2011, 07:01 AM | #17 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
प्रतिदिन दो केले खाने से सभी प्रकार के विटामिनों की पूर्ति हो जाती है। सुबह दो केले खाकर गुनगुना दूध पिएँ, केला रोज खाने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है, चित्तीदार या धब्बेदार, पतले छिलके वाला केला खाना अधिक लाभदायक होता है। भोजन के बाद यदि दो केले रोज खाए जाएँ तो ये भोजन भी पचाते हैं और बल बढ़ाते हैं, इससे पाचन शक्ति ठीक होती है। एक गिलास दूध में एक चम्मच घी, एक चुटकी पिसी इलायची मिला लें, एक टुकड़ा केला खाएँ और साथ ही एक घूँट दूध पिएँ। इस प्रकार दो केले नित्य खाने से शरीर सुडौल, मोटा होता है, बल वीर्य तथा शुक्राणु (स्पर्म) की वृद्धि होती है, दिमागी ताकत तथा कामशक्ति बढ़ती है, स्त्रियों का प्रदर रोग ठीक होता है |
30-09-2011, 07:04 AM | #18 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
केला तथा दमा :एक पका केला छिलके सहित सेंकें। इसके बाद इसका छिलका हटा दें व केले के टुकड़े कर लें। इस पर 15 काली मिर्च पीसकर बुरक दें व गरम-गरम ही दमा रोगी को खिलाएँ, दमा के दौरे में लाभ होगा।
खाँसी : एक पके केले में आठ साबुत काली मिर्च भर दें, वापस छिलका लगाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच जाने के पूर्व प्रातः काली मिर्च निकालकर खा जाएँ , फिर ऊपर से केला भी खा जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने से हर तरह की खाँसी ठीक हो जाती है।केला तथा दमा : एक पका केला छिलके सहित सेंकें। इसके बाद इसका छिलका हटा दें व केले के टुकड़े कर लें। इस पर 15 काली मिर्च पीसकर बुरक दें व गरम-गरम ही दमा रोगी को खिलाएँ, दमा के दौरे में लाभ होगा। खाँसी : एक पके केले में आठ साबुत काली मिर्च भर दें, वापस छिलका लगाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच जाने के पूर्व प्रातः काली मिर्च निकालकर खा जाएँ , फिर ऊपर से केला भी खा जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने से हर तरह की खाँसी ठीक हो जाती है। |
30-09-2011, 07:16 AM | #19 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
सेब एन एपल ए डे कीप्स द डाक्टर अवे, ये कहावत तो वर्षो पुरानी है और आपको जबानी याद भी होगी। कहते हैं कि कहावतें यूं ही नहीं बनती, इनके पीछे भी कुछ न कुछ रहस्य छिपे रहते हैं। यही बात इस कहावत के साथ भी लागू होती है। सच है कि रोजाना एक सेब खाने से कई बड़ी बड़ी बीमारियों को कोसों दूर रखा जा सकता है। यदि आप भूल गए हैं कि सेब खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं तो हम बताते हैं सेब के गुणकारी लाभ- |
30-09-2011, 07:19 AM | #20 |
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Re: सब्जियों और फलों के गुण
रोज एक सेब खाइए, दिल की बीमारियों को दूर भगाइए। सेब खाने से शरीर में खून की मात्रा के साथ साथ हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। अगर रोजाना खाने में सेब को शामिल किया जाए तो शराब पीने की आदत से भी छुटकारा मिल सकता है। यदि आपको कब्ज की शिकायत है तो कच्चा सेब खाइए। उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर और पथरी में भी सेब फायदेमंद है। प्रतिदिन सेब खाने वालों में कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सेब में जो एंटीटॉक्सिक तत्व होते हैं वे विषैले पदार्थो को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। |
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