22-02-2015, 11:59 PM | #11 | |
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Re: आस्था पर आग
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23-02-2015, 12:03 AM | #12 |
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Re: आस्था पर आग
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23-02-2015, 10:11 AM | #13 |
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Re: आस्था पर आग
माय हिन्दी फोरम!!! यही तो वह मंच है जिस पर ईतने गुनी (और मेरे जैसे भी) लोग एक साथ ईतनी अच्छी बहस कर सकते है! रजत जी ने समय, युग, काल की गिनती बताई...शायद उन्हों ने कहीं पर पढा होगा। लेकिन रजत जी, रजनीश जी, पवित्रा जी, अरवींद जी, कुकी जी और पुष्पा जी जैसे कई सदस्य अपने आप में ज्ञान का समुद्र अपने में समाए हुए है। मुझे लगता है की ज्ञानी ही यह तय करता है की आनेवाली फसल/नसल कैसी होनी चाहिए। अगर "मन्दिर बन्द" जैसे मुद्दे पर बहस नहीं होती, तो यह तय हो जाता की हम सभी धार्मिकता के बारे में अधिक सेन्सीटीव नहीं है। लेकिन हम सेन्सीटीव है। हमें फर्क पडता है। हाला की मेरे और श्री एम्प्टी माईण्ड जैसे लोग अपने एम्पटी दिमाग में नई बातें लोड करना चाहते है....वह रजत जी जैसे लोग ही तय करेंगे। क्यों की वे ही दिमाग हिला देने वाली बातें, दिमाग हिला देने वाले तरींको से लिख सकते है। ईस लिए अब रजत जी पर निर्भर है की वे हमें क्या देते है। अब मुझे लग रहा है की अगर रजत जी ने ईश्वर को जैसे प्रदर्शित किया है, अगर उससे उल्टा लिखते....मतलब की ईश्वर की फेवर में लिखते तो? वह कितना अच्छा होता!
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23-02-2015, 03:32 PM | #14 | |
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Re: आस्था पर आग
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दीप जी आपने मुझे ज्ञानी कहकर मेरी तो इज्जत और बढा दी..... हाँलांकि बात आपकी सही है , आजकल तो रजत जी ही तय करते हैं कि forum पर members कितने active रहेंगे.....सबसे ज्यादा दिलचस्पी से उन्हीं के threads पढे जाते हैं , और सच कहूँ तो जवाब देना इतना कठिन नहीं होता जितना सवाल करना कठिन होता है....बात आगे बढाना इतना कठिन नहीं होता जितना बात शुरु करना कठिन होता है......मुझ जैसे लोग तो बात सिर्फ आगे बढाने का ही काम कर सकते हैं , ये तो रजत जी ही हैं जो बात शुरु करने की काबिलियत रखते हैं । और आप कबसे खुद को खाली दिमाग समझने लगे...???
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23-02-2015, 06:15 PM | #15 | ||
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Re: आस्था पर आग
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23-02-2015, 09:59 PM | #16 | |
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Re: आस्था पर आग
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आपने तो लगता है निश्चय ही कर लिया है मेरे हर तथ्य को गलत बताने का.....:/ ....
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24-02-2015, 07:16 PM | #17 |
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Re: आस्था पर आग
कुकी जी, मैं दूसरों की बात नहीं करता, किन्तु यदि आपने, सोनी पुष्पा जी और पवित्रा जी ने डॉ. ज़ाकिर नायक का नाम नहीं सुना तो यह मेरे लिए दुनियॉं का आठवॉं आश्चर्य है, क्योंकि दुनियॉं भर की ख़बर तो सबसे पहले आप लोगों तक ही पहुॅचती है। कारण— बुद्धिजीवी महिलाएॅं सीरियल—फ़िल्म के स्थान पर दिन भर टी.वी. न्यूज़ चैनल पर अपनी नज़रें गड़ाए रहती हैं। संदर्भवश आप सभी को बता दूॅं कि जाकिर नायक एक मुस्लिम विद्वान, लेखक और वक्ता हैं। जाकिर नायक इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। दुबई से प्रसारित पीस टीवी नाम से इस्*लामिक चैनल चलाने वाले डॉ जाकिर नाईक का जन्*म मुंबई में हुआ। वह इस्*लाम के प्रचारक हैं और दूसरे धर्म के अनुयायियों को इस्*लाम में आमंत्रित करने का कार्य भी करते हैं। नाईक पर कई बार जहर घोलने वाले विवादित भाषण देने के आरोप लगते रहे हैं। उनकी हरकतों की वजह से ब्रिटिश सरकार भी नाईक के धार्मिक भाषणों पर प्रतिबंध लगा चुकी हैं। नाईक विदेशों में आयोजित होने वाली धर्मसभाओं में इस्*लाम का प्रतिनिधित्*व भी करते हैं।
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24-02-2015, 07:22 PM | #18 | |
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Re: आस्था पर आग
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