31-10-2010, 10:35 PM | #11 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
काली हरड़ को पानी से धोकर किसी साफ कपड़े से पौंछ कर रख लें। दोनो समय भोजन के पश्चात एक हरड़ को मुहँ में रखकर चूस लिया करें। लगभग एक घंटे में हरड़ में घुल जाती है। यह गैस और कब्ज के लिये सर्वश्रेष्ठ दवा है । विशेष - इससे गैस की शिकायत दूर होती है शौच खुलकर आती है भूख खूब लगने लगती है।पाचन शक्ति बढती है। जिगर के रोग और अंतडिओं की वायु नष्ट होती है रक्त शुध्द होता है । चर्म रोग नहीं होता है । सिरगेट- बीड़ी का अभ्यास छूट जाता है ।
__________________
|
03-11-2010, 12:01 PM | #12 |
Diligent Member
Join Date: Oct 2010
Location: चांदनी चौक
Posts: 812
Rep Power: 17 |
गुल्लू जी, आपके द्वारा बताए गए देसी नुस्खे सदियों से हमारे देश में घरों में आम तौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं और इनमें प्रयुक्त पदार्थ भी आसानी से मिल जाते हैं. ज्यादातर चीजें रसोई घर में ही मिल जाती हैं. और ये उपाय ज्यादातर कारगर सिद्ध हुए हैं. इस बेशकीमती जानकारी के लिए धन्यवाद. कृपया अपना योगदान निरंतर देते रहें. धन्यवाद.
__________________
अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो, अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो, अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो, अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो |
07-11-2010, 02:07 PM | #13 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
कब्ज होने पर रात्रि सोते समय दस बारह मुनक्के (पानी से अच्छी तरह धोकर साफ कर बीज निकाल कर) दूध में उबाल कर खाएँ और ऊपर से वही दूध पी लें। प्रातः खुलकर शौच लगेगा। भयंकर कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।
या त्रिफला चुर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) २०० ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है। या दस ग्राम (दो चम्मच) ईसबगोल की भूसी छः घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर रात सोते समय जल के साथ लेने से दस्त साफ आता है। इसे केवल पानी के साथ वैसे ही, बिना भिगोये ही, रात्रि सोते समय लिया जा सकता है। या ईसबगोल की भूसी दस से पन्द्रह ग्राम (दो से तीन चम्मच) की मात्रा में २०० ग्राम गर्म दूध में भिगो दें। यह फूलकर गाढ़ी हो जाएगी। इसे चीनी मिलाकर खाएँ और ऊपर से थोड़ा और गर्म दूध पी लें। शाम को इसे लें तो प्रातः मल बंधा हुआ साफ आ जाएगा। या ईसबगोल की भूसी १० - १५ ग्राम की मात्रा में थोड़े गर्म दूध के साथ मिलाकर नित्य रात को सोते समय खाने से प्रातः को पेट साफ हो जाता है। दूध में आधा पानी मिलाकर एक या दो उबाल आने तक औटाना चाहिये। या आरंड़ का तेल अवस्थानुसार एक से पांच चम्मच की मात्रा से एक कप गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात सोते समय पीने से कब्ज दूर होकर साफ आता है। या आरंड़ का तेल बहुत ही अच्छा हानि रहित जुलाब है। इसे छोटे बच्चे को भी दिया जा सकता है और दूध के विकार से पेट दर्द तथा उल्टी होने की अवस्था में भी इसका प्रयोग बहुत हितकारी होता है। या पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कब्ज - दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः आठ दस दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो, ठीक हो जाता है।
__________________
|
07-11-2010, 02:30 PM | #14 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
काली खांसी
भुनी हुई फिटकरी और चीनी (एक रत्ती) दोनों को मिलाकर दिन में दो बार खाएं। पांच दिन में काली खांसी ठीक हो जाती है। बड़ो को दोगुनी मात्रा दें। यदि बिना पानी के न ले सके तो एक दो घूंट गर्म पानी ऊपर से पी लें। या दही दो चम्मच, चीनी एक चम्मच, काली मिर्च का चूर्ण छः ग्राम मिलाकर चटाने से बच्चों की काली खाँसी और वृद्धों की सूखी खांसी में आश्चर्यजनक लाभ होता है।
__________________
|
07-11-2010, 02:32 PM | #15 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
क्रोध भगाएं
दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शान्त होता है। पन्द्रह दिन लगातार खायें। थाली बर्तन फैंकने वाला और पत्नि और बच्चों को मारने पीटने वाला क्रोधी भी क्रोध से मुक्ति पा सकेगा। जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हो और जिन विद्यार्थियों को पाठ याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है। कहावत है - "एक सेब रोज खाइए, वैद्य डाक्टर से छुटकारा पाइए।" या आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन प्रातः काल खायें और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दुध पी लें। बहुत क्रोध आना बन्द होगा।
__________________
|
07-11-2010, 02:34 PM | #16 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
घुटने दुखना
सवेरे मैथी दाना के बारीक चुर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ फंक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है। विशेषकर बुढ़ापे में घुटने नहीं दुखते। या सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है। या नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती।
__________________
|
10-11-2010, 08:15 AM | #17 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
झुर्रियाँ कुछ उपाय
आधा चम्मच दुध की ठंडी मलाई में नींबु के रस की चार पाँच बूंदें मिलाकर झुर्रियाँ पर सोते समय अच्छी तरह मलें। पहले गुनगुने पानी से चेहरा अच्छी मलें। फिर गुनगुने पानी से चेहरा अच्छी तरह धोएं और बाद में खुरदरे तौलिए से रगड-पौंछकर सुखा लें। इसके बाद मलाई दोनों हथेलियों से तब तक मलते रहें जब तक कि मलाई घुलकर त्वचा में रम न जाए। बीस मिनट या आधा घण्टे बाद स्नान कर लें या पानी से धो डालें परन्तु साबुन का प्रयोग न करें। नित्य १५ - २० दिन तक नियमित प्रयोग से झुर्रियाँ दुर होती हैं तथा चेहरे के काले दाग मिट जाते हैं। या पके हुए पपीते का एक टुकडा काटकर चेहरे पर घिसें या गूदा मसलकर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद स्नान कर लें। कुछ दिन लगातार ऐसा करने से चेहरे की झुर्रियाँ, धब्बे, दूर होते हैं, मैल नष्ट होता है। व मुहाँसे मिटकर चेहरे की रंगत निखरती है। या 'ई' और 'ओ' बोलते हुए एक बार चेहरे को फैलाएं और फिर सिकोडें। दुसरे शब्दों मे 'ई' के उच्चारण के साथ ऐसी मुद्रा बनाएँ मानों कि आप मुस्कुराने जा रहे है। कुछ क्षण इसी मुद्रा में रहने के बाद होठों को आगे की तरफ बढाते हुए इस प्रकार मुद्रा बनाएँ मानों कि आप सीटी बजाना चाह रहे हैं। इससे गालों का अच्छा व्यायाम होता है जिससे गालों की पुष्टि होती है और झुर्रियाँ से बचाव। यह क्रिया एक बार में १५-२० बार करें और दिन में तीन बार करें। या मुँह से फूँक मारते हुए गाल फुलाएं व पेट पिचकाएँ फिर नाक से सांस खींचें। इस प्रकार १५-२० बार करें और दिन में तीन बार करें। गाल पुष्ट होंगे। या चेहरे में आँखों के छोर की रेखाएँ (झुर्रियाँ) मिटाने के लिए खीरे को गोलाई में टुकडे काटकर आँखों के नीचे-ऊपर लगा दें। माथे पर कुछ लम्बे टुंकडे लगाकर तनाव-रहित होकर कुछ देर लेटना चाहिए। इस क्रिया को प्रतिदिन एक बार करने से लगभग दो सप्ताह में ये लकीरें मिट जाती है। या त्वचा की झुर्रियाँ मिटाने के लिए आधा गिलास गाजर का रस नित्य शाम चार बजे दो तीन सप्ताह लें। या चेहरे पर झुर्रियों हों ही न ऐसा करने के लिए अंकुरित चने व मूंग को सुबह व शाम खाएँ। इनमें विद्यमान विटामिन 'इ' झुर्रियाँ मिटाने और युवा बनाये रखने में विशेष सहायक होता है
__________________
|
10-11-2010, 08:17 AM | #18 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
सारे शरीर में खुजली
100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम देशी कपूर (कपूर डेला) मिलाकर किसी कांच की शीशी में भर लें और कसकर डाट लगा दें। हिलाने अथवा कुछ देर धूप में रखने से तेल और कपूर एक रस हो जायेंगे । रोजाना नहाने से पहले इस तेल की मालिश करने से सारे शरीर में उठने वाली खुजली में आराम मिलता है और सार चर्म विकार दूर हो जाते है । सारे शरीर में खाज होने से इस तेल की 10 बून्द बाल्टी भर पानी में डालकर नहाने से भी वह शांत हो जाती है । विशेष - दाद विशेषकर (जिसमें फुंसी की तरह दाने निकल कर जलन और खुजली के साथ पानी निकलता हो ) में इस तेल को रात को सोते समय दाद के स्थान पर लगायें । कुछ दिनों में इस घाव में सफेद खाल आयेगी और त्वचा अपने असली रंग में आ जायेगी ।
__________________
|
10-11-2010, 08:18 AM | #19 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
बाल तोड़
50ग्राम नीम के पत्तों पीस कर इसकी एक टिकिया सी बना लें । इसे पुल्टिस के समान बाल तोड़ में लगाने से वह शीघ्र अच्छा हो जाता है ।
__________________
|
10-11-2010, 08:19 AM | #20 |
Senior Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 612
Rep Power: 16 |
मोटापा घटाना
125 ग्राम पानी उबालकर ठ्ण्डा करें जब गुनगुना रह जाय तब उसमें 15 ग्राम नींबू का रस और 15ग्राम शह्द मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है और शरीर में जैसी भी चर्बी हो वह कम हो जाती है । यह पेट के रोग के लिये भी लाभदायक है ।प्रात: खाली पेट एक से दो माह इसका उपयोग अवश्य करें । विशेष-भोजन हल्का और दिन में एक बार करें । चोकर की रोटी खाना लाभप्रद है । हरी सब्जियों का विशेष रूप से सेवन करें । सायंकाल केवल फल लें । भोजन के बाद जल न लें । भोजन के एक घण्टे बाद जल पियें। चाय,काफी और मीठे पदार्थों का सेवन कम करें ।
__________________
|
Bookmarks |
Tags |
ayurveda, health, health tips, homeopathy, indian medicine, medicine |
|
|