30-11-2010, 10:51 PM | #11 |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: लखनऊ
Posts: 979
Rep Power: 26 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
|
30-11-2010, 11:33 PM | #12 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 100 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया
उस घड़ी मेरा 'मैं' , लापता हो गया तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया क़त्ल करते हैं जो , पूछते हैं वही कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं दोस्ती में दग़ा , सौ दफ़ा हो गया इस जमाने में विज्ञान की खैर हो मौत का अब सरल रास्ता हो गया जिसने दुनिया को जीता वो इंसान 'जय' जिसने खुद को ही जीता, खुदा हो गया
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
01-12-2010, 07:56 AM | #13 | |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: लखनऊ
Posts: 979
Rep Power: 26 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
इस सुन्दर रचना को हमारे लिए प्रस्तुत करने पर आपको धन्यवाद । कितनी सुन्दर बात कितने सरल शब्दोँ मेँ कि जिससे आप प्रेम करते है जिसे आप सर्वस्व मान बैठते हैँ उससे आपका जब साक्षात्कार होता है तो आपके भीतर का ' मैँ ' न जाने पिघलकर कहाँ चला जाता है और ' हम ' मेँ समाहित हो जाता है । अर्द्धनारीश्वर की परिकल्पना मेँ सम्भवतः यही भाव निहित हैँ जिसे मूर्त रूप प्रदान किया गया है । |
|
01-12-2010, 06:37 PM | #14 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 22 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
कामेश बंधू सूत्र का लिंक देने के लिए धन्यवाद.
ये रचना पुराने मित्रों ने पढ़ी होगी किन्तु फिर भी पोस्ट कर रहा हूँ. शायद नए मित्रों को पसंद आये | काफी उदास है और पढने वालों से गुज़ारिश है की एक बार में पूरा पढ़ें अन्यथा मज़ा नहीं आएगा | मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ,
तुम कैसे मुहब्बत करती हो? तुम जब भी सामने आती हो बस तुमको सुनना चाहता हूँ, ऐ काश कभी तुम ये कह दो मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ ! तुम मुझसे मुहब्बत करती हो तुम मुझको बेहद चाहती हो लेकिन जाने क्यूँ तुम चुप हो ये सोच के दिल घबराता है ऐसा तो नहीं है ना जाना? सब मेरी नज़र का धोखा है मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ मैं तुमसे कहना चाहता हूँ लेकिन कुछ कह सकता भी नहीं माना कि मुहब्बत है फिर भी लब अपने खुल भी नहीं सकते मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ तुम कैसे मुहब्बत करती हो ख्वाबों में बहुत कुछ बोलती हो पर सामने चुप ही रहती हो ये सोच के दिल घबराता है तुमको खोने से डरता हूँ मैं तुमसे ये कैसे पूछूं तुम कैसे मुहब्बत करती हो? मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ तुम कैसे मुहब्बत करती हो मुझे ठण्ड रास नहीं आती मुझे बारिश से भी नफरत थी पर जिस दिन से मालूम हुआ ये मौसम तुमको भाता है अब जब भी सावन आता है बारिश में भीगता रहता हूँ बूंदों में तुमको ढूँढता हूँ कतरों से तुमको पूछता हूँ मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ, तुम कैसे मुहब्बत करती हो जब हाथ दुआ को उठते हैं अल्फाज़ कहीं खो जाते हैं बस ध्यान तुम्हारा होता है और आंसू गिरते रहते हैं हर ख्वाब तुम्हारा पूरा हो सो रब की मिन्नत करता हूँ तुम कैसे मुहब्बत करती हो, मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ ! राँझा भी नहीं, मजनू भी नहीं फरहाद नहीं, अजरा भी नहीं | वो किस्से हैं, अफ़साने हैं वो गीत हैं, प्रेम तराने हैं मैं जिंदा एक हकीकत हूँ मैं ज़ज्बा-ए-इश्क की शिद्दत हूँ मैं तुमको देख के जीता हूँ मैं हर पल तुम पे मरता हूँ मैं ऐसे मुहब्बत करता हूँ तुम कैसे मुहब्बत करती हो ? Last edited by amit_tiwari; 01-12-2010 at 06:39 PM. |
01-12-2010, 09:17 PM | #15 | |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: लखनऊ
Posts: 979
Rep Power: 26 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
|
|
02-12-2010, 12:42 AM | #16 | |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 100 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
फूलों सा महकते रहना मुस्कान रहे अधरों पर खुशियाँ बरसाते रहना!! हर बार सफल तुम होगे विश्वास सदा ये रखना बाधाएं आती रहती हैं तुम राह बनाते रहना !! असफल जो कभी हो जाओ मन को न हारने देना होते हैं ग्रहण छोटे ही बस याद सदा यह रखना!! हो जाए भूल जो तुमसे खुद को भी क्षमा कर देना पर चेहरे की आभा को तुम मलिन न होने देना!! यश अपयश, हार सफलता वरदान भी हैं अभिशाप भी हैं तुम इनमे खो मत जाना संयत हो चलते रहना !!
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 Last edited by jai_bhardwaj; 02-12-2010 at 12:50 AM. |
|
02-12-2010, 02:12 AM | #17 | ||
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 22 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
'मुझे ठण्ड रस नहीं आती...' के बाद के अंतरे डरा देते हैं | इब्न-ए-इंशा की इक ग़ज़ल की दो लाइन हैं कि ' कूंचे को तेरे छोड़ कर, जोगी ही बन जाएँ मगर! जंगल तेरे, परबत तेरे, बस्ती तेरी, इंशा तेरा' बस यही हाल होता है | अमीर खुसरो ने अपनी एक अधूरी नज़्म में कहा था कि 'सर रख तली, जब जाना सखी, पिया की गली' माने कि अपना अभिमान (सर) नीचे रख के प्रेम नगर में घुसो | इसी बात को एक हिन्दू संत ने कुछ यूँ कहा कि ' जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी हैं मैं नाही' मतलब जब अभिमान(मैं) था तब प्रभु नहीं दिखे और जब अभिमान यानी मैं चला गया तो प्रभु दिख गए | कितना स्पष्ट जीवन दर्शन हैं, दोनों धर्म एक ही बात कह रहे हैं कि अभिमान छोडो तो प्रेम और प्रभु दोनों मिल जाएँ | Quote:
अपना तो संघर्ष का विचार ही नहीं रहता हेहेहे, सीधे हथियार डाल कर कह देते हैं 'मत सताओ हमें, हम सताए हुए हैं, अकेले रहने का गम उठाये हुए हैं, खिलौना समझ के ना खेलो हमसे, हम भी उसी खुदा के बनाए हुए हैं' |
||
02-12-2010, 02:32 AM | #18 | |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 100 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
शब्द अकल वालों ने तो मतलब से रच डाला ! शब्दों की भाषा क्या समझेगा कोई दिलवाला !! जब जब दिलवालों ने कुछ भी कहना चाहा ! या तो नज़रों से कह पाए या अश्रु गिरा डाला !!
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
|
02-12-2010, 02:34 AM | #19 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 22 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
|
02-12-2010, 02:45 AM | #20 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 22 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
बिखरती रेत पर किस नक़्शे को आबाद रखेगी? वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी? उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी! पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने! भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!! |
Bookmarks |
|
|