My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 11-01-2011, 08:12 AM   #11
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

हुनका पहुँचतहि शास्त्रार्थक रंग बदलि गेल आ पराजित होईत मिथिलाक विद्वान शास्त्रार्थ मे विजित भेलाह । वस्तुत: गोनू हारल बाजी कें पलटि देलनि आ सम्पूर्ण दर्बार मे हुनक चर्चा होमय लागल । चूँकि समय पर आबि कें गोनू मिथिलाक प्रतिष्ठाक रक्षा केलनि आ तें राजा हुनका १०० स्वर्ण मुद्रा इनाम देबाक घोषणा कयलनि । परंतु ई की? गोनू एहि इनाम कें लेबा सँ इन्कार कऽ देलनि । राजा कें भेलनि जे संभवत: राशि कम अछि आ तें गोनू इनाम नहि लय रहल छथि आ तें राजा पुन: १००० स्वर्ण मुद्रा इनामक घोषणा केलनि । परन्तु गोनू एहू बेर इनाम लेबा सँ इन्कार कऽ देलनि आ मन माफिक इनाम लेबाक बात कहलनि । राजा अपन स्वीकृति देलनि आ गोनू सँ अपन इच्छित इनामक विषय मे पुछलनि । परंतु गोनू इनाम मे २० सोंटा मारि मंगलनि । हुनक एहन इनामक मांग सूनि सभ कियो अचम्भित रहि गेल आ हुनका सँ पुनर्विचारक निवेदन कयल गेल । परन्तु गोनू अपन बात पर अडिग रहलाह । हारि कें राजा सिपाही कें हुनका २० सोंटा मारबाक आदेश देलनि ।

तखनहि गोनू बजलाह जे आई हम अपन इनाम मुख्य द्वार परहक द्वारपाल के गछने छियैक आ तें ई इनाम ओकरे देल जाय । तुरंत दूत मुख्य द्वार पर पहुँचल आ द्वारपाल सँ पुछलक जे गोनू आई तोरा अपन इनाम गछने छथुन से चलि कें लऽ ले । द्वारपाल बेस प्रसन्न भेल आ पहुँचल दरबार मे । परंतु एहि ठाम तँ दोसरे नजारा छल । ओकरा गोनू कें इनाम मे भेटल २० सोंटा खाय पड़लैक । ओहि दिन सँ ओ गोनुए नहि वरन्* आन ककरो सँ बख्शीश माँगब छोड़ि देलक ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:13 AM   #12
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

गोनूक कबुला
गोनू रहथि विद्वान लोक । ओ कखनो अंधविश्वास आ कि देवता-पितरक कबुला-पाती मे विश्वास नहि राखथि आ तें जन-सामान्य जकाँ देवता-पितर कें कोनो वस्तु आ कि नीक उपजा-बाड़ीक लेल कबुला-पाती नहि करथि । गाम मे लोक कहनि जे अहाँ के देवता-पितर पर विश्वासे नहि अछि । परन्तु हुनक कहब रहनि जे समय पर वारिश हौक आ समयानुसार धान आदि रोपल जाय, तँ नीक धान हेबे करतैक आ ताहि लेल कबुला-पातीक की प्रयोजन? तथापि एकबेर सभ कियो हुनक पाँछा पड़ि गेल जे अहूँ कबुला करियौ जे अहाँ के एतेक ने एतेक धान होयत तँ अहाँ देवता कें किछु ने किछु चढ़ेबनि । गोनू हारि कें गौंआ सभक समक्ष कबुआ केलनि जे हे देवता जँ हमरा नीक उपजा-बाड़ी होयत तँ हम अहाँ के ‘किछ” चढ़ा देब । संयोग सँ एहि बेर नीक वरषा भेलैक आ गोनू कें नीक जकाँ धान भेलनि । आब गौंआ सभ हुनका पाछाँ पड़ि गेल जे अहाँ कबुला पूरा करियौक ।

आब गोनू के फुरेबे ने करनि जे की कयल जाय । कोन वस्तु देवता के चढ़ाओल जाय । चूँकि ओ वस्तुक नाम नियत नहि केने रहथि तें हुनका लोक तरह-तरह के सलाह दैन । कियो कहनि जे पाई चढ़ाऊ, कियो कहनि जे छागर छढ़ाऊ तँ कियो किछु आन वस्तु चढ़ेबाक लेल कहनि । गोनू लाख सोचथि ‘किछ’ भेटबे ने करनि जे ओ देवता कें गछने रहथि । एही तारतम्य मे कतेको मास बीति गेल । यद्यपि गोनू निश्चिंत रहथि तथापि गौंआ सभ कहाँ मानय वला छल । ओ सभ सभ जखन-तखन गोनू के कबुला पूरा करबाक लेल टोकि दैन ।

गोनू एक दिन घुमैत-फिरैत दया बाबूक ओहिठाम गेलाह । हुनका देखितहि दया बाबू आव-भगत केलखिन आ जोर सँ बजलाह जे गोनू अयलाह अछि तें बैसैक लेल ‘किछ’ ला । आँगन सँ एकटा बचिया एकटा पिरही लेने आयल । आब गोनू के कबुला पूरा करबाक लेल ‘किछ’ भेट गेलनि । ओ कनिये काल मे उठलाह आ पिरही लैत दया बाबू सँ कहलाह जे हमरा बहुत दिन सँ कबुला पूरा करबाक लेल ‘किछ’क तलाश छल, से हमरा भेटि गेल । कृपा कय कें हमरा ई ‘किछ’(पिड़ही) देल जाय ताकि हम अपन कबुला पूरा कऽ सकी । ओ ठोकले ग्राम देवताक मंदिर गेलाह आ ओ पीढ़ी चढ़ा कऽ कयल गेल कबुला ‘किछ’ कें पूरा केलनि । हुनक एहि कारनामा पर सभ कियो हँसय लागल ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:14 AM   #13
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

गोनूक सपना
गोनू झा काली मायक बड्ड पैघ भक्त छलाह । ओना तँ संपूर्ण मिथिलांचल मे शक्तिपूजाक प्रधानता छैक, तथापि गोनू नित्य माताक पूजा करैत छलाह आ माताक प्रसादात् ओ स्वस्थ आ प्रसन्नचित्त रहैत छलाह । हुनक बुद्धिमत्ताक लोहा नहि केवल गामे भरि मे वरन् मिथिला राजदरबार सहित अन्यत्रो मानल जाईत छल । एकबेर स्वयं माता काली हुनक बुद्धिमत्ताक परीक्षा लेबाक निश्चय केलीह ।

माता काली स्वप्न मे गोनूक समक्ष प्रकट भेलीह आ अपन रूप अति भयंकर बना लेलनि । हुनका मात्र दूटा हाथ छलनि आ हजार गोट मूँह । गोनू उठलाह आ माता कें साष्टांग प्रणाम केलनि । किन्तु तत्क्षण किछु सोचि कें हुनका हँसी लागि गेलनि । हुनक शांत मुद्रा आ पुन: हँसीक आवाज सुनि माता काली कें कने अचरज भेलनि । ओ पुछि देलथिन्ह जे की अहाँ कें हमरा सँ डर नहि भेल? संगहि माता इहो प्रश्न केलनि जे अहाँ के हँसी किएक लागल? उत्तर मे गोनू बजलाह जे बाघ करबो भयंकर रहय, ओकरा देखि कें ओकर बच्चा नहि डेराईत अछि । आ हमहूँ तँ अहाँक पुत्र थिकहुँ तें अहाँ सँ डर लागबाक कोनो प्रश्ने नहि अछि । पुन: हँसीक विषय मे उत्तर देबा सँ पूर्व गोनू माता सँ क्षमा याचना कयलनि । माता हुनका क्षमा दान देलनि । तखन गोनू कहलाह जे हमरा एहि बातक आशंका बेर-बेर भऽ रहल अछि जे हमरा एकटा नाक अछि आ दूटा हाथ आ तखन जुकाम भऽ गेला पर नाक पोछैत-पोछैत परेशान भऽ जाइत छी आ अहाँ केँ १००० नासिका मे मात्र दूटा हाथ अछि, तँ जुकाम भऽ गेला पर अहाँ दूटा हाथ सँ १००० नासिका कोना पोछैत होयब ।

गोनूक ई उत्तर सूनि माता कें बड्ड हँसी लगलनि आ ओ बजलीह – गोनू अहाँ कें बुद्धिमत्ता आ वाकपटुता मे कियो नहि हरा सकत ई हमर आशीर्वाद अछि । ई कहि माता काली अदृश्य भऽ गेलीह ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:15 AM   #14
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

गोनूझाक पटौनी
गोनू झा खेती-पथारी सँ कम्मे मतलब राखथि । अधिकांश समय राज दरबार मे बीतैन । तथापि जे किछु पुरखा लोकनिक छोड़ल खेत रहनि ताहि पर खेती-बाड़ी करथि । ओहो खेत सभ अल्पे मात्रा मे रहनि आ जे रहैन से प्राय: घरे लग रहैन । एकबेर किछु गोटाक कहला पर ओ घर लगहक खेत मे गहूम बाग कऽ देलनि । बाग करबाक समय मे हाल रहैक आ तें जल्दीये गहूमक खेत भरि गेलैक । तथापि जेना कि अपेक्षित छल किछु मासक बाद एकरा पटायब जरुरी भऽ गेलैक । तथापि लग मे पटेबाक एक मात्र साधन हुनक इनार रहनि । ओ गाम मे जोनक वास्ते घूमय लगलाह जे कियो उचित बोनि लऽ कऽ हमर गहूम पटा देत । मुदा जखने कियो इनार सँ पानि घीचि के पटेबाक बात सुनै तँ ओ मना कऽ दैन । आब गोनू पड़लाह बेस फेर मे । पटौनीक बिना गहूमक पौध सभ मुरझाय लगलैक ।

एमहर चोर सभ गोनू सँ अपन बेर-बेर ठकेबाक बदला लेबाक एहो योजना बनेलल । जहिना एकबेर गोनू चोर सभ कें छका अपन खेत तैयार करबेने रहथि किछु तेहने सन जोगारक फिराक मे गोनू रहय लगलाह । एमहर चोरो सभ फिराक मे रहय जे कोनो ने कोनो प्रकारे एक बेर गोनूक घर मे चोरि करबाक मौका लागय । ओना धन प्राप्ति आश तँ रहबे करैक, सभ सँ बेसी चिन्ता रहैक गोनू सँ बेर-बेर भेल अपमानक बदला लेनाई ।

एहि बीच राज दरबार मे काजक अधिकताक कारणें गोनू कें घर अयबा मे कनेक अबेर भऽ जाईन । चोरो सभ ताहि मध्य अपन प्रोग्राम बनेलक । चूँकि ओ सभ राति आ सांझ मे जा कऽ छका चुकल छल आ तें एकटा अनुभवी चोर अभ्यागतक रूप मे सांझे गोनूक द्वारि पर पहुँच गेल । संजोग सँ गोनू ओहि दिन सबेरे घर आबि गेल रहथि । ओ चोर कोनो बाबाक रूप लेलक आ राति भरि गोनू कें अपना ओहिठाम ठहरय देबाक आग्रह केलक । ताहि समय मे अभ्यागतक आव-भगत होईत छल आ तें गोनू बाबाक आव-भगत मे लागि गेलाह । आँगन मे बाबाक आगमनक सूचना दऽ देल गेल । बाबा आ गोनू दुनू गोटे बैसि गेलाह नाना तरहक गप्प करय लेल ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:15 AM   #15
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

शनै:-शनै: गप्पक मुद्दा चोरीक समस्या पर आबि गेल जे आब केहेन जमाना आबि गेल अछि आ चोर सभक कारनामाक अणगिनत खिस्सा सभ बाबा गोनू कें सुनबय लगलाह । संगहि बाबा गप्पक क्रम मे गोनू द्वारा चोरि सँ बचबाक लेल कयल गेल इंतजामक विषय मे सेहो जानय चाहलनि । सतर्क गोनू कें ई बुझबा मे भांगठ नहि रहलनि जे ई कोनो बाबा नहि वरन्* साक्षात्* चोरे महोदय छथि । गोनू तँ एकरे ताक मे रहथि जे चोर सभ कें छका कोना गहूमक पटौनी कराओल जाय । संजोग सँ मौका सामने रहनि ।

गप्पक सिलसिला कें दोसर दिस मोड़ैत गोनू बाबा सँ सम्पत्ति आदिक सुरक्षाक की इंतजाम कयल जाय तकर जिज्ञासा केलनि आ संगहि प्रकट रूप सँ कहलनि जे हमरा घर मे सोना-चांदीक सिक्काक अंबार अछि, कारण रोज-रोज दरबार सँ भेटिते रहैत अछि । ताहि पर बाबा सलाह देलनि जे सोना-चाँदी आदि के बिनु ताला लगेने राखक चाही, कारण चोरक ध्यान पहिने ताला लागल सामान पर जाइत छैक । बाबाक मूँह सँ चोर सभक गप्प सूनि गोनू बेस चिंतित भेलाह आ भोजन सँ पहिने एकरा सुरक्षित स्थान पर रहबाक गप्प कहि ओ आँगन चलि गेलाह । आँगन मे जाईतहि ओ घर मे उपलब्ध दू-चारि टा सिक्का के बेर-बेर खनखनाय के गनलनि आ पुन: एकटा मोटरी मे झूटमूठ किछु बान्हि बाहर अयलाह आ ढ़प्प दऽ मोटरी घर लगहक इनार मे खसा देलनि ।

बाबा जिज्ञासा केलनि जे अपने ई की कयल? गोनू उत्तर देलनि जे जहन सँ अहाँ मूँह सँ चोर सभक खिस्सा सभ सुनलौं हम तँ आतंकित भऽ गेलौं । अपन सभटा सोना-चांदीक सिक्का मोटरी मे बान्हि एहि इनार मे खसा देलियैक आ आब निश्चिंत सँ सूतब । ने घर मे किछु रहत आ ने चोर लऽ जायत । चोर के की पता जे सभटा कीमती सामान एहि इनार मे अछि । ई कहैत गोनू झा अपन चेहरा पर बेस खुशीक भाव प्रकट केलनि आ संगहि बाबा कें उचित सलाह देबाक लेल धन्यवाद सेहो देलनि ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:17 AM   #16
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

ता भोजनक समय भेल । बाबाक संग गोनू भोजन केलनि आ चल गेलाह सूतय । एमहर बाबा दलान पर सूतलाह आ निशाभाग राति होईत देरी अपन संगी सभ के इशारा सँ बजाय सभटा गप्प कहि देलनि । फेर की छल । सभ चोर मीलि कें लागल इनार कें उपछय । शनै:-शनै: हुनक गहूमक खेत पाटय लगलनि । जहन इनार पूरा सुखा गेलैक तँ चोर सभ कें मोटरी भेटि गेलैक । ओ सभ यत्न सँ मोटरी कें निकालि लत्ते-पत्ते ओतय सँ पड़ा गेल । मोटरी निकलैत-निकलैत गोनूक खेत नीक जेना पाटि गेलनि ।

ओमहर चोर सभ अपन घर पहुँचल आ सभ मीलि कें मोटरी के खोललक । परन्तु ई की? एहि मे तँ एकोटा सिक्का नहि छल । चोर सभ फेर गोनूक हाथ सँ छका चुकल छल । ओ सभ अपन माथ पीटि कें रहि गेल । परन्तु आब पछतेला सँ की हो? समय हाथ सँ निकलि चुकल छल । भोर भऽ चुकल छल । एमहर राता-राती गोनूक गहूमक खेत पाटि जेबाक खबरि भोर होइत सौंसे गाम मे पसरि गेल । लोक कें ई बुझबा मे भांगठ नहि रहलैक जे गोनू कोना अपन खेत चोरबा सभ सँ पटबा लेलनि । पहिनहुँ तँ कयक बेर छकेने छ्लाह चोर कें गोनू झा ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:17 AM   #17
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

गोनूक बड़द
गोनू झा खेती-बाड़ी सँ कम्मे मतलब राखथि । राज दरबारक काज सँ फुर्सति नहि रहनि तथापि बाप-पुरखाक छोड़ल जमीन पर येनकेन प्रकारेण खेती करथि । एहि बेर किछु समय सँ हुनका खुट्*टा पर बड़द नहि रहनि । खेती कोनो खास नहि रहनि आ तें गोनू बड़द कीनब आवश्यक नहि बुझथि । तथापि गौंआ सभ बेर-बेर पूछि दैन जे गोनू अपने बड़द कहिया लेबैक? ताहि समय मे खुट्*टा पर मालजाल राखब सम्पन्नताक निशानी मानल जाइक आ एहना स्थिति मे गोनू कें बड़द कीनब अति आवश्यक भऽ गेलनि ।

एक दिन नियारि कें गोनू बड़न किनबाक हेतु भिनसरे गाम सँ चललाह । गाम सँ तीन कोस पर हाट रहैक । गोनू हाट पर पहुँचला आ बड़ी काल धरि घुमला-फिरलाक बाद एकटा बड़द पसिन्न केलनि आ ओकरा कीनि लेलाह । आब गोनू ओकर डोरी धेने गाम दिस विदा भेलाह । गामक सिमान पर अबैत-अबैत करीब चारि बाजि गेल । एम्हर रस्ता मे जे कियो देखैन से पूछि दैन जे बड़द कतेक मे भेल? कय दाँतक अछि? कय माटि बहल अछि? आदि-आदि । जबाव दैत-दैत गोनूक मोन अकच्छ भऽ गेल रहनि । आब गामक निकट छलाह आ स्वभावत: एहने प्रश्नक उम्मीद गोनू कें गामो मे छलनि । गोनू गामक पछवारि सिमान पर रहथि आ हुनक घर रहनि पुबारि टोल मे । एहना स्थिति मे पूरा गाम के कटैत हुनका अपन घर पर जेबाक रहनि । रस्ता मे जबाव दैत-दैत गोनू अकच्छ भऽ गेल रहथि आ तें ओ गामक सिमान पर कने काल विलमलाह आ किछु सोचय लगलाह ।

कनेक काल सोचलाक बाद तो लगे मे एकटा गाछ पर चढ़ि गेलाह आ चिकरय लगलाह – “लोक सभ दौगह हौ ! हैया बाघ छै हौ !…। बाघ हमरा घेर नेने अछि हौ !…” गोनूक ई आवाज सुनैत देरी सौंसे गामक लोक दौगल । जकरा जएह हाथ लगलैक, सएह हथियार लऽ लेलक । एवं क्रमेण गामक सिमान पर लगभग पूरा गामक मेला लागि गेल । मुदा सभ देखलक जे एतय कोनो बाघ नै छैक आ गोनू गाछक एकटा ठाढ़ि पर बैसि कऽ निश्चिंत सँ तमाकुल चुना रहल छथि ।
हुनक ई हावभाव देखि लोक कें ई बुझवा मे भांगठ नहि रहलैक जे गोनू हमरा सभ कें छका देलनि, परन्तु किएक? सभक मोन मे ई प्रश्न छलैक । आखिर किछु गोटा पुछिये देलखिन गोनू सँ जे अपने एना कोना चिकरय लगलहुँ? एतय तँ कोनो बाघ नहि अछि? की अहाँ दिने मे सपना तँ नहि देखैत छलहुँ?
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:19 AM   #18
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

उत्तर मे गोनू बजलाह – हम अपने सभ कें व्यर्थ मे परेशान कयल ताहि लेल सर्वप्रथम हम माँफी चाहैत छी । वस्तुत: हम आइये एकटा बड़द लेलहुँ अछि आ भरि रस्ता एकर दाम, गुण आदि कहैत-कहैत परेशान भऽ गेलहुँ अछि । बड़द अहाँ सोंझा मे गाछक नीचाँ बान्हल अछि । ई बड़द ६ दाँतक अछि, दू माटि बहल अछि, सय टका मे कीनल अछि…। चूँकि अपनहुँ सभ अलग-अलग सभ कियो एकरा विषय मे पुछबे करितहुँ तें हम उपयुक्त बूझल जे सौंसे गौंआ कें एके बेर मे बजा ली आ सभ कें एक बेर बजेबाक लेल एहि सँ दोसर उपाय की भऽ सकैत छल? गोनूक ई गप्प सूनि सभ कियो ठकाहा मारि कें हँसय लगलाह ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:20 AM   #19
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

गोनूक खेती-बाड़ी
गोनू रहथि पंडित लोक । खेती-बाड़ी सँ कम्मे मतलब राखथि । तथापि जे किछु खेत-पथार रहनि ले कोहुना के करथि । हुनक जमीनक एकटा पैघ भाग घरे लग रहनि जाहि मे साग-सब्जीक अलावा आरो बहुत किछु उपजाबथि । लेकिन एहि बेर एहेन संजोग भेल जे हुनका गाम मे जोन नहि भेटलनि । लाख खुरछारी कटलनि एको गोटे हुनका खेत मे काज करब नहि गछलकनि । ओ पत्नी सँ पुछलखिन जे कदाचित ककरो पछिला सालक बोनि तँ नहि बाँकी रहि गेलैक । परन्तु पत्नी नहि मे उत्तर देलथिन । आब गोनू पड़लाह बेस फेर मे । तथापि ओ अपन युक्ति लगौलनि । गाम मे घोषणा कऽ देलनि जे एहि बेर ओ आन गाम सँ जोन अनताह । हुनक ई घोषणा शीघ्रे पूरा गाम मे पसरि गेल । लोक कनफुसकी करय लागल जे एतनी जमीनक लेल गोनू आन गाम सँ जोन अनताह । तथापि गोनू गाम मे रहथि वा आन गाम मे गौंआक लेल ओ हरदम कौतुहलक वस्तु छलाह ।

वस्तुत: गोनू आन गाम चलि गेलाह आ घुमलाह ८-१० दिनक बाद । परन्तु हुनका संगे मे कोनो जोन नहि रहनि । ओ भोरे-भोर गाम पहुँचलाह । हुनक गाम पहुँचतहि पूरा गाम शोर भऽ गेल । कोनहुना ओ गौंआ सभ कें बुझा देलनि जे ओ एकठाम पंडिताई मे गेल छलाह आ बहुत रास दान-दक्षिणा लऽ कऽ घुमलाह अछि । दिन भरि एहि सभ मे बीति गेल । भेंट केनहार अबैत रहल आ ओ व्यस्त रहलाह । जहन संध्याक भोजनक बाद गोनू विश्रामक लेल अयलाह तँ पत्नी जिज्ञासा केलथिन जे जाहि धन दऽ अहाँ गौंआ के कहलियौ से कतय अछि ले हमहूँ तँ बुझियै ।

एहि बीच गामक किछु चोर ओही दिन हुनका घर मे चोरि करबाक योजना बनेलक आ सांझे हुनका घरक लग पास मे नुका रहल, ताकि मौका लगितहि हुनक सभटा धन पार कयल जाय । गोनू रहथि सतर्क लोक । ओ परिस्थिति के भांपि लेलनि । तें ओ पत्नी सँ कहलथिन जे हम धन बाड़ी मे गारि देने छियैक, कारण चोरबा सभक कोन ठेकान । पत्नी आग्रह केलखिन जे धन बाड़ी मे कतय अछि से हमरा कहू, परन्तु ओ कहलथिन जे यदि अहाँ के कहि देब तँ अहाँ काल्हिये सँ निकालि-निकालि के खर्च करय लागब । पत्नीक लाख यत्नक बादो गोनू बाड़ीक ओ स्थान नहि बजलाह जाहिठाम धन गाड़ल छल । अंत मे पत्नी तमसा कें सूति रहलीह आ ओहो करोट बदलि सुतबाक उपक्रम करय लगलाह ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Old 11-01-2011, 08:21 AM   #20
ABHAY
Exclusive Member
 
ABHAY's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,261
Rep Power: 35
ABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud ofABHAY has much to be proud of
Post Re: ~!!गोनू झा!!~

चोर सभ सभटा सुनिते रहय । ओ सभ आनन-फानन मे कोदारि अनलक आ धनक लोभ मे लागल बाड़ी तामय । जहन बाड़ी तमनाय लगिचा गेल तँ गोनू बहरेलाह आ आवाज लगेलाह – तों सभ पनपिआई कय कें जयबह आ कि ओहिना । ई सूनि चोरबा सभ लंक लऽ कऽ पड़ा गेल । भिनसरे पत्नी कें जगबैत गोनू कहलथिन – बीयाक जोगार अछि की नहि? पत्नी अचंभित होईत पुछलखिन जे खेत तँ तैयारे नहि अछि तँ बीयाक की करब? गोनू कहलनि जे उठू आ देखू जे बाड़ी कतेक नीक जेंका तैयार अछि । पत्नी उठलीह तँ देखैत छथि जे सत्ते बाड़ी तँ तैयार अछि । ओ गोनू कें कहलनि जे अहाँ मंगनी मे चोरबा सभ सँ पूरा बाड़ी तमबा लेलियैक । गोनू हंसैत बजलाह – जाने पहचान वला लोक सभ छल । उपजा भेलाक बाद साग-सब्जी पठा देबैक ।
__________________
Follow on Instagram , Twitter , Facebook, YouTube.
ABHAY is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 06:59 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.