05-01-2015, 12:41 AM | #11 | |
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Re: आओ प्रण करें !
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इस सूत्र रचना का मूल उद्देश्य यही है जो आपने बताया ! मैं मानता हूं हम अपने स्वार्थ के कारण ही गलत के भागीदार बनते है ! ... और ये बात भी सहीं ही है कि आज के मानव जीवन की मुश्कीलों से चाह कर भी अपना प्रण पुरा नहीं कर सकता ! ..... पर यहां मेरा उद्देश्य ये बिल्कुल नहीं है कि हर कोई अपने को पूर्ण रूप से बदल डाले ! क्युंकी यदि किसी ने ऐसा करने की कोशीश की तो ये उसके लिए आत्महत्या करने जैसा हो जायेगा !! क्योंकी किसी एक के बदलने से सारा सीस्टम नहीं बदल जायेगा रातों रात ! ...पर हां हम अपने से सम्भव हो सके और जो सहजता से निपट जाए ऐसा छोटी-छोटी किश्तों के रूप में अपने जीवन में जरूर बदलाव लाएं ! आज के ये छोटे-छोटे प्रयास हीं हममें ये आत्मविश्वास दिलाएंगे कि सही रास्ते से भी मंजील को पाया जा सकता है !! |
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05-01-2015, 12:52 AM | #12 | |
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Re: आओ प्रण करें !
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बहुत ही अनमोल बात कह दी आपने ! और कहा भी है कि पहला सुधारा स्वयं से !!!...और बुन्द-बुन्द से घड़ा भरता है !! हमारी सही कोशीश से प्राप्त सफलता को हम स्वयं हीं नहीं देखते अपितु दूसरों के लिए भी प्रेरणादायक, उनमें आत्मविश्वास बढाने वाला सबीत होता है ! |
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05-01-2015, 05:36 PM | #13 |
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Re: आओ प्रण करें !
समाज - देश हमसे ही मिलकर बना है। तो देश या समाज को सुधारने के लिए या बदलाव लाने के लिए सबसे पहले हमारे अंदर बदलाव लाना ज़रूरी है। तो यहाँ मैं सिर्फ वो बातें लिख रही हूँ जो एक व्यक्ति के तौर पर हमें अपनानी चाहिए-
१- हमें दूसरों को बेइज़्ज़त कभी भी नहीं करना चाहिए। आलोचना अच्छी चीज़ है पर आलोचना में और बेइज़्ज़ती में एक बहुत बारीक लकीर होती है और अक्सर लोग उस लकीर को अनदेखा कर देते हैं . जब हम सम्मान पाने की अभिलाषा रखते हैं तो हमें दूसरों को सम्मान देना भी सीखना चाहिए . २- नकारात्मकता से हमेशा दूर रहे। हमेशा सकारात्मक रहे। अब सकारात्मक रहने का मतलब ये नहीं कि आप सोचें कि आपके साथ कभी बुरा नहीं हो सकता या आप तो सिर्फ तरक्की ही करेंगे जीवन में बल्कि सकारात्मक होने का मतलब है कि - अगर मेरे साथ कुछ गलत हुआ भी तो मैं इतना सक्षम हूँ कि हर कठिनाई का सामना कर सकता हूँ। हताश न हों। ३- दूसरों को Underestimate करना बंद करें। हम नहीं जानते कि कौन कितना सक्षम है ? ४- एक बहुत ही बुरी आदत होती है लोगों में - दूसरों के बारे में अपनी राय बनाने और फिर Judgement देने की। हमें नहीं पता कि कौन व्यक्ति अपने जीवन में किन रास्तों से गुज़र कर यहाँ तक आया है। बिना किसी के बारे में कुछ भी जाने हम उनकी activities से उनके बारे में Opinion बना लेते हैं , जो अक्सर गलत ही होती हैं . इसलिए हम सभी को ये आदत बदलनी चाहिए।
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05-01-2015, 05:39 PM | #14 |
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Re: आओ प्रण करें !
बेहतरीन ज्ञान संगम .....मित्रो
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07-01-2015, 12:15 PM | #15 | |
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Re: आओ प्रण करें !
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एक—एक सुधरेगा ! हर एक सुणरेगा !! यूं ही चलता रहा कांरवा तो ये समाज और देश सुधरेगा !! |
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