![]() |
#11 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
#12 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
हाथियों के देश में सफे़द चूहे का ज़ोरदार स्वागत हुआ। सभी हाथी सफ़ेद चूहे को जानते-पहचानते थे। सफे़द चूहे से हाथियों की दोस्ती बहुत पुरानी थी क्योंकि एक बार जब हाथियों का राजा सफे़द हाथी शिकारियों के जाल में फँस गया था तो सफे़द चूहे ने ही अपने तेज़ दाँतों से जाल को कुतरकर सफे़द हाथी की जान बचाई थी। एक दिन जब सफे़द हाथी सफे़द चूहे के साथ टहल रहा था तो ज़ोर से पानी बरसने लगा। सफे़द चूहा घबड़ाकर सफ़ेद हाथी के कान को बिल समझकर कान के भीतर जाने लगा। सफे़द हाथी ने यह समझकर कि सफे़द चूहा उसका अपमान कर रहा है, गुस्से में आ गया और उसने सफे़द चूहे को अपनी सूँड़ से एक तमाचा मार दिया। सफे़द हाथी का तमाचा खाकर सफेद चूहा बेहोश हो गया। सफेद चूहा को मरा समझकर सफे़द हाथी ज़ोर-ज़ोर से रोने-चिल्लाने लगा- ’हाय, मेरा चूहा मर गया! हाय, मेरा चूहा मर गया!’
|
![]() |
![]() |
![]() |
#13 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
हाथियों के देश के पड़ोस में ही चींटियों का देश था और चींटियों की रानी एक सफे़द चींटी थी। हाथी-देश से आए हुए जासूस चींटियों ने जब सफे़द चींटी से बताया कि हाथियों के राजा सफे़द हाथी ने सफेद चूहे को जान से मार दिया है तो सफे़द चींटी के कान खड़े हो गए और उसने गुस्से में आकर ज़ोर-ज़ोर से चीं-चीं करते हुए कहा- ’क्या? हमारा जिगरी दोस्त सफ़ेद चूहा मारा गया? हाथियों के राजा सफे़ेद हाथी की इतनी हिम्मत जो हमारे होते हुए हमारे जिगरी दोस्त सफेद चूहे को जान से मार दे? सेनापति से कहो हाथियों के देश पर ज़ोरदार हमले की तैयारी करे। हम ईंट से ईंट बजा देंगे। चिंघाड़ने वाले हाथियों को मज़ा चखा देंगे। हम सफेद चूहे की लाश को हाथी-देश से लाकर अपने देश में राजकीय सम्मान के साथ दफनाएंगे।’ थोड़ी ही देर में चींटियों की रानी सफे़द चींटी अपनी बहुत बड़ी चींटियों की सेना के साथ हाथी-देश पर हमला करने के लिए चल पड़ी। जब सफे़ेद हाथी को पता चला कि सफेद चूहे के मरने के कारण चींटियों की बहुत बड़ी सेना हाथी-देश पर हमला करने के लिए आ रही है तो उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। वह यह सोचकर घबड़ा गया कि सफ़ेद चूहे की चींटियों से दोस्ती कब और कैसे हुई? कहाँ इतना बड़ा चूहा और कहाँ इतनी छोटी-छोटी चींटियाँ! सफ़ेद चूहे ने इस बारे में कभी बताया नहीं! एक चींटी अगर हमारी सूँड़ में चली जाए तो हमारी जान पर बन आती है। यहाँ तो चींटियों की बहुत बड़ी सेना आ रही है। चींटियों की सेना में कम से कम एक हजार करोड़ चींटियाँ होंगी। अब क्या होगा? अपनी घबड़ाहट को दूर करने के लिए सफे़द हाथी ने कई घड़ा ठण्डा पानी पिया और बाकी बचे हुए पानी को अनजाने में बेहोश पड़े हुए सफ़ेद चूहे पर फेंक दिया। चेहरे पर पानी पड़ते ही सफ़ेद चूहे को होश आ गया। तब तक चींटियों की रानी सफे़द चींटी ने अपनी सेना के साथ सफे़ेद हाथी को घेर लिया था। होश में आते ही सफे़द चूहे ने सफे़द चींटी को अपनी सेना के साथ देखा और सब कुछ समझ गया। सफे़द हाथी को बचाने के लिए उसने सफे़द चींटी से झूठ बोला- ’घबड़ाने की कोई बात नहीं है। सफे़द हाथी ने सिर्फ़ उसके सिर पर बैठे मच्छर को मारा था जिसके कारण वह बेहोश हो गया था।’ सफे़ेद हाथी ने भी सफे़द चींटी को बहुत समझाया कि सफ़ेद चूहे से उसकी गहरी दोस्ती है और उसके कारण सफ़ेद चूहे को कोई खतरा नहीं है। यह सुनकर सफे़द चींटी ने कहा- ’मुझे तुम हाथियों पर कोई भरोसा नहीं। पता नहीं कब गलती से चूहे को अपने पाँव तले रौंद दो। मैं अपने दोस्त सफ़ेद चूहे को अपने साथ ले जा रही हूँ।’ सफे़द चूहे ने सफे़द चींटी को बहुत समझाया कि वह हाथियों के देश में सुरक्षित है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है क्योंकि हाथियों का राजा सफे़द हाथी उसका बहुत अच्छा दोस्त है, किन्तु सफे़द चींटी ने उसकी एक न सुनी और उसे अपने साथ ले गई।
|
![]() |
![]() |
![]() |
#14 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
चींटियों के देश में सफे़द चूहे का ज़ोरदार स्वागत हुआ। सभी चींटियाँ सफ़ेद चूहे को जानते-पहचानती थीं। सफे़द चूहे से चींटियों की दोस्ती बहुत पुरानी थी क्योंकि एक बार जब चींटियों की रानी सफे़द चींटी नदी में बहने लगी थी तो सफे़द चूहे ने नदी के पानी में एक पीपल का पत्ता फेंक कर सफे़द चींटी की जान बचाई थी। एक दिन जब सफे़द चींटी सफे़द चूहे के साथ टहल रही थी तो ज़ोर से पानी बरसने लगा। सफे़द चूहा घबड़ाकर बिल की तलाश में इधर-उधर दौड़ने लगा। सफे़द चींटी अपनी जान बचाकर सफ़ेद चूहे के ऊपर चढ़ गई और उसके कान को बिल समझकर कान के भीतर जाने लगी। सफे़द चूहे को ऐसा लगा कि कान में कोई कीड़ा चला गया है। उसने चींटी को कीड़ा समझकर एक तमाचा मार दिया। सफे़द चूहे का तमाचा खाकर सफेद चींटी बेहोश हो गई। सफेद चींटी को मरा समझकर सफे़द चूहा ज़ोर-ज़ोर से रोने-चिल्लाने लगा- ’हाय, मेरी चींटी मर गई! हाय, मेरी चींटी मर गई!’
|
![]() |
![]() |
![]() |
#15 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
उघर सफे़द बिल्ली सफे़द चूहे के चले जाने से बहुत उदास और परेशान थी। सफे़द चूहे के बिना उसका मन बिल्ली-देश में नहीं लग रहा था। उसकी सहेली कानी बिल्ली भी जब-तब आकर उसे चिढ़ाती थी- ’कहाँ गया तुम्हारा दोस्त सफे़द चूहा?’ तभी चींटी-देश से एक उड़ती हुई ख़बर आई कि किसी चूहे ने चींटियों की रानी सफे़द चींटी को जान से मार दिया है और खुद चींटी-देश का राजा बनना चाहता है। यह सुनकर सफे़द बिल्ली का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया। चींटियों की रानी सफे़द चींटी से सफे़द बिल्ली की पुरानी दोस्ती थी क्योंकि एक बार जब उसे एक आदमी ने पकड़ लिया था तो सफे़द चींटी ने आदमी की जाँघ में काटकर उसकी जान बचाई थी। सफे़द बिल्ली ने गुस्से से म्याऊँ-म्याऊँ करते हुए बड़ी-बड़ी आँखों वाली अंग्रेज़ मंत्री बिल्ली से कहा- ’एक चूहे की इतनी हिम्मत जो हमारे होते हुए हमारी जिगरी दोस्त सफेद चींटी को जान से मार दे और खुद राजा बनने की कोशिश करे? सेनापति से कहो- चींटियों के देश की ओर कूँच करने की तैयारी करे। हमें चूँ-चूँ करने वाले चूहे को मज़ा चखाना है। हम द्रोही चूहे को पकड़कर बिल्ली-देश लाएंगे और उसे फाँसी की सज़ा देंगे।’
|
![]() |
![]() |
![]() |
#16 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
सफेद बिल्ली अपनी सेना के साथ जब चींटी-देश पहुँची तो उसे पता चला कि सफे़द चींटी मरी नहीं, सिर्फ़ बेहोश हुई थी और होश में आते ही उसने द्रोही चूहे को उसकी हत्या करने के जु़र्म में गिरफ्तार कर लिया है और दस दिन बाद चूहे को फ़ाँसी दी जाएगी।
|
![]() |
![]() |
![]() |
#17 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
उधर जेल में बन्द सफे़द चूहा सोच रहा था कि अपनी जान बचाने के लिए क्या उपाय किया जाए? उपाय सोचते-सोचते अचानक सफ़ेद चूहे को याद आया कि चींटी-देश के पड़ोस में ही छिपकली और गिरगिटों का देश है और हर दूसरे दिन छिपकली और गिरगिटों के देश के जासूस जानवराधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं के रूप में जासूसी करने आते हैं। जेल के निरीक्षण के समय अगर किसी तरह उसकी भेंट उनसे हो जाए तो काम बन जाएगा। छिपकली और गिरगिटों के देश की रानी काली छिपकली से उसकी बड़ी अच्छी दोस्ती है। उसके पास सौ करोड़ छिपकलियों और गिरगिटों की बहुत बड़ी सेना है। जैसे ही काली छिपकली को पता चलेगा कि उसका दोस्त सफे़द चूहा चींटियों के देश में जेल में बन्द है तो वह तुरन्त अपनी सेना के साथ चींटियों के देश पर हमला कर देगी और उसे जेल से छुड़ा ले जाएगी।
Last edited by Rajat Vynar; 06-09-2014 at 02:42 PM. |
![]() |
![]() |
![]() |
#18 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
सफे़द बिल्ली चींटियों की रानी सफे़द चींटी से मिली। सफे़द बिल्ली से मिलकर सफे़द चींटी बड़ी खुश हुई। सफे़द चींटी ने सफे़द बिल्ली से सारी बात बताई और जेल में बन्द सफे़द चूहे को दिखाया। सफे़द चूहे को देखते ही सफे़द बिल्ली के होश उड़ गए। सफे़द चूहा सफे़द बिल्ली को देखकर खुश हो गया और अपनी जान बचाने की गुहार लगाने लगा। सफे़द बिल्ली ने सफे़द चींटी को बहुत समझाया कि इसमें सफे़द चूहे का कोई कुसूर नहीं है। जो कुछ भी हुआ, अनजाने में हुआ। इसलिए उसे सफे़द चूहे को माफ़ कर देना चाहिए। सफे़द चींटी ने सफे़द बिल्ली की एक न सुनी और कहा कि सफे़द चूहे को दस दिन बाद निश्चित समय पर फ़ाँसी की सजा दी जाएगी। सफे़द चूहे की जान बचाने के लिए सफे़द बिल्ली रात भर सोचती रही कि क्या किया जाए जिससे सफे़द चूहे की जान बच जाए? सफे़द चींटी ने एक बार उसकी जान बचाई थी इसलिए वह अपनी सेना के साथ चींटी-देश पर हमला भी नहीं कर सकती थी। सफे़द बिल्ली को चिन्तित देखकर बड़ी-बड़ी आँखों वाली अंग्रेज़ मंत्री बिल्ली ने अंग्रेज़ी में सलाह दिया- ’पास के जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती है। दूर-दूर से जानवर उससे सलाह लेने आते हैं। हमें तुरन्त जाकर चालाक लोमड़ी से मिलना चाहिए।’ यह सुनकर सफे़द बिल्ली चुपके से जाकर जेल में बन्द सफे़द चूहे से मिली और उससे वादा करते हुए बोली- ’बस तीन दिन तक अपना मुँह बन्द रखकर मेरी प्रतीक्षा करो। मैं तुम्हें बचा लूँगी।’ यह कहकर सफ़ेद बिल्ली चली गई। सफे़द बिल्ली के जाने के बाद छिपकली और गिरगिट देश के जासूस जेल में आ गए और सफे़द चूहे को जेल में बन्द देखकर हैरत में पड़ गए। सफे़द चूहे ने छिपकली और गिरगिट देश के जासूसों को समझाया कि चिन्ता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि बिल्लियों के देश की रानी सफे़द बिल्ली से उसकी बहुत अच्छी दोस्ती है और वह उसकी जान बचाने का वचन देकर जा चुकी है। यह सुनकर छिपकली और गिरगिट देश के जासूस चले गए और उन्होंने अपने देश जाकर छिपकली और गिरगिट देश की रानी काली छिपकली से सारी बात बताई। अपने दोस्त सफे़द चूहे पर संकट आया देखकर काली छिपकली चिन्तित हो गई और उसने अपने जासूसों को आदेश दिया कि दिन में चौबीस बार और रात में बारह बार सफे़द चूहे को छिपकली और गिरगिट देश की ओर से सैन्य सहायता देने की पेशकश की जाए। चींटियों की सेना में इतना दम नहीं कि हमसे लड़ सकें। हमारे पास पचास करोड़ छिपकलियों और पचास करोड़ गिरगिटों की सेना है। एक हज़ार करोड़ चींटियाँ हमारे नाश्ते के लिए भी कम पडे़ंगी। हमारी सेना को आदेश दो कि जब चींटियों के देश पर हमला हो तो कोई सैनिक छिपकली पाँच चींटी से अधिक नहीं खाएगी। गिरगिट सैनिक पन्द्रह चींटी खा सकते हैं। काली छिपकली के आदेश पर छिपकली और गिरगिट देश के जासूस समय-समय पर जेल में बन्द सफे़द चूहे को सैन्य सहायता देने की पेशकश करते रहे किन्तु सफे़द चूहे ने हर बार यह कहकर ठुकरा दिया कि उसे बिल्लियों के देश की रानी सफे़द बिल्ली पर पूरा भरोसा है। वह उसकी जान बचाने का वचन देकर गई है। इसलिए ज़रूर आएगी।
Last edited by Rajat Vynar; 06-09-2014 at 02:45 PM. |
![]() |
![]() |
![]() |
#19 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
उधर सफे़द बिल्ली चालाक लोमड़ी से जाकर मिली और उससे सारी बात बताई। सफे़द बिल्ली और सफे़द चूहे में दोस्ती देखकर चालाक लोमड़ी का कलेजा जलने लगा। कहाँ छोटा सा अदना चूहा और कहाँ इतनी बड़ी सफे़द बिल्ली! दोस्ती तो उसकी होनी चाहिए थी सफे़द बिल्ली से। उसने सफे़द बिल्ली से पूछा कि उसकी सफे़द चूहे से इतनी गहरी दोस्ती क्यों है? सफे़द बिल्ली ने बताया कि सफे़द चूहा बहुत ज्ञानी और बुद्धिमान है। इसीलिए वह उसे पसन्द करती है। चालाक लोमड़ी ने सफे़द बिल्ली से चालाकी से झूठ बोला- ’क्या तुम्हारे पास अक्ल नहीं है? एक चूहा कभी इतना बुद्धिमान नहीं हो सकता। सफे़द चूहे को मैं कई साल से जानती हूँ। थोड़ी दूर पर एक काला कौवा रहता है जो अपना दिमाग किराए पर देता है। मैंने खुद अपनी आँखों से सफे़द चूहे को काले कौवे से उसका दिमाग किराए पर लाते देखा है।’ बेचारी सफे़द बिल्ली चालाक लोमड़ी के बहकावे में आ गई और उसने चालाक लोमड़ी को धन्यवाद देते हुंए कहा- ’अच्छा हुआ जो समय रहते यह राज़ पता चल गया। सफे़द चूहा तो ’डमी’ निकला। काले कौवे से दिमाग किराए पर लेता है। एक ’डमी’ से दोस्ती करने से क्या फायदा?’ यह कहकर सफे़द बिल्ली ने चालाक लोमड़ी से दोस्ती कर ली और उसे बहुत सारा उपहार दिया। इसके बाद सफे़द बिल्ली अपने मन में चुपचाप यह सोचते हुए बिल्ली-देश वापस चली गई कि वह एक किताब लिखेगी जिसका नाम होगा- ’डमी चूहे से सच्ची दोस्ती कैसे की जाए?’। जब बड़ी-बड़ी आँखों वाली अंग्रेज़ मंत्री बिल्ली को यह बात पता चली तो वह समझ गई कि चालाक लोमड़ी ने सफे़द बिल्ली को मूर्ख बनाया है। उसने गुस्से में आकर सफे़द बिल्ली से अंग्रेज़ी में कहा- ’बुद्धिमानी और बेवकूफ़ी के बीच का अन्तर यह है कि बुद्धिमानी की एक सीमा होती है।’ बड़ी-बड़ी आँखों वाली अंग्रेज़ मंत्री बिल्ली की बात सुनकर सफे़द बिल्ली ने खुश होकर उसे एक हज़ार सोने की अशर्फि़याँ इनाम में दिया क्योंकि वह यह समझी कि बड़ी-बड़ी आँखों वाली अंग्रेज़ बिल्ली उसकी तारीफ़ कर रही है जबकि वह उसकी हँसी उड़ा रही थी।
Last edited by Rajat Vynar; 06-09-2014 at 02:46 PM. |
![]() |
![]() |
![]() |
#20 |
Diligent Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
उधर सफे़द चूहा सफे़द बिल्ली का इन्तेज़ार करता रहा किन्तु सफे़द बिल्ली नहीं आई। काली छिपकली के आदेश का पालन करते हुए छिपकली और गिरगिट देश के जासूस सफे़द चूहे को दिन में चौबीस बार और रात में बारह बार छिपकली और गिरगिट देश की ओर से सैन्य सहायता देने की पेशकश करते रहे किन्तु सफे़द चूहे ने सहायता लेने से इन्कार कर दिया। उसे सफे़द बिल्ली पर बहुत अधिक भरोसा था। जब सफे़द बिल्ली को पता चला कि छिपकली और गिरगिट देश की रानी काली छिपकली सफे़द चूहे की जान बचाने के लिए अपनी सेना के साथ तैयार खड़ी है तो वह जल-भुनकर काली छिपकली से मिलने पहुँच गई और उसने काली छिपकली को भड़काते हुए कहा- ’सफे़द चूहा डमी है। काले कौवे से उसका दिमाग़ किराए पर लाता है। एक डमी से दोस्ती करने और उसकी सहायता करने से क्या फ़ायदा? दोस्ती करना है तो मुझसे करो। हम दोनों में कितनी समानता है। मैं भी रानी, तुम भी रानी। मैं भी राजकीय रथ से चलती हूँ और तुम भी राजकीय रथ से चलती हो। मेरी भी दुम, तुम्हारी भी दुम। देखो, मेरी दुम कितनी चमकीली और सुन्दर है। मुझसे दोस्ती करोगी तो मैं तुम्हें दुम को चमकीला और सुन्दर बनाने का राज़ बता दूँगी।’ सफे़द बिल्ली की बात सुनकर काली छिपकली बहकावे में आ गई और उसने चींटी-देश की सीमाओं पर तैयार खड़ी अपनी सेना को वापस बुला लिया। काली छिपकली को भड़काने के बाद इसी प्रकार सफे़द बिल्ली ने काला कुत्ता, लाल शेर और सफे़द हाथी को भी भड़का दिया जिससे सफे़द चूहे को कहीं से कोई सहायता न मिल सके। इन सब बातों से अनभिज्ञ बेचारा सफे़द चूहा सफे़द बिल्ली के आने की प्रतीक्षा करता रहा, किन्तु सफे़द बिल्ली को न आना था और न वह आई। दस दिन के बाद सफे़द चूहे को फाँसी की सज़ा दे दी गई। जिस समय सफे़द चूहे को फ़ाँसी की सज़ा दी जा रही थी उस समय सफे़द बिल्ली और कानी बिल्ली हँस-हँस कर आपस में एक-एक लाख अशर्फ़ी की शर्त लगा रहीं थीं कि फाँसी देने पर सफे़द चूहे की जान एक मिनट में निकलेगी या दो मिनट में? कुछ दिनों के बाद जब सफे़ेद बिल्ली को पता चला कि चालाक लोमड़ी ने उससे झूठ बोला था तो वह सफे़द चूहे को याद करके आसमान के तारों को देखकर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और आँसू बहाने लगी। सफ़ेद बिल्ली का विश्वास था कि उसका सफे़द चूहा आसमान में तारा बनकर चमक रहा है। इसीलिए बच्चों, आज भी बिल्ली को जब चूहे की याद आती है तो वह रात में घरों की छत पर जाकर तारों को देखकर ज़ोर-ज़ोर से रोती है। बिल्ली का विश्वास है कि चूहा आज भी आसमान में तारा बनकर चमक रहा है। आज भी जब बिल्ली किसी चूहे को देखती है तो म्याऊँ-म्याऊँ करके उससे कहती है- ’मुझ पर विश्वास करो। मुझ से दोस्ती करो।’ किन्तु चूहे बिल्ली पर कभी विश्वास नहीं करते और दौड़कर अपने बिल में छिप जाते हैं।
Last edited by Rajat Vynar; 06-09-2014 at 02:47 PM. |
![]() |
![]() |
![]() |
Bookmarks |
|
|