16-01-2011, 03:43 AM | #11 |
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भू-पर्यटन
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Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
16-01-2011, 03:44 AM | #12 |
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भू-पर्यटन
रोमन विचारधारा स्ट्रैबो, पोम्पोनियस मेला और प्लिनी ने अनेक क्षेत्रों की यात्राएं कीं। स्ट्रैबो ने लिखा कि "भूगोल के द्वारा समस्त संसार के निवासियों से परिचय होता है। भूगोलवेत्ता एक ऐसा दार्शनिक होता है, जो मानवीय जीवन को सुखी बनाने और खोजो में संलग्न रहता है।" पोम्पोनियस मेला के ग्रन्थ कॉस्मोग्राफ़ी में विश्व का संक्षिप्त वर्णन मिलता है।
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16-01-2011, 03:45 AM | #13 |
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भू-पर्यटन
अरब विचारधारा प्रमुख अरब विद्वान अल-इदरीसी ने केवल पर्यटन के उद्देश्य से ही एक ग्रंथ लिखा- उसके लिए जो मनोरंजन के लिए विश्व भ्रमण की इच्छा रखता है। इसके साथ उसने एक मानचित्रावली भी प्रकाशित की। अल-बरुनी, अल-मसूदी, इब्न-बतूता आदि अरब भूगोलवेत्ताओं ने भी अनेक यात्राएँ कर क्षेत्रीय भूगोल के अन्तर्गत पर्यटन को बढावा दिया।
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16-01-2011, 03:48 AM | #14 |
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भू-पर्यटन
भारतीय विचारधारा भारतीय परंपरा में परिव्राजक का स्थान प्राचीन काल से ही है। संन्यासी को किसी स्थान विशेष से मोह न हो, इसलिए परिव्राजक के रूप में पर्यटन करते रहना होता है। ज्ञान के विस्तार के लिए अनेक यात्राएँ की जाती थीं। आदि शंकर और स्वामी विवेकानन्द की प्रसिद्ध भारत यात्राएँ इसी उद्देश्य से हुईं। बौद्ध धर्म के आगमन पर गौतम बुद्ध के संदेश को अन्य देशों में पहुँचाने के लिए अनेक भिक्षुओं ने लम्बी यात्राएँ कीं। अशोक ने अपने पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा को इसी उद्देश्य से श्रीलंका भेजा। सामान्यजन के लिए ज्ञान के विस्तार और सामूहिक विकास के लिए तीर्थ यात्राओं की व्यवस्था भी प्राचीन भूपर्यटन का ही एक रूप था।
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16-01-2011, 03:54 AM | #15 |
Special Member
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भू-पर्यटन
अल-इदरीसी का ११५४ में बनाया विश्व मानचित्र, दक्षिण दिशा को उत्तर में दिखाया गया हैं इरैटोस्थनिज़ द्वारा बनाया संसार का मानचित्र
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16-01-2011, 06:09 AM | #16 |
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Re: भू-पर्यटन
बहुत अच्छा जनकारी इस जनकारी के लिए मेरे पास शब्द नही है क्या कहु
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
16-01-2011, 07:05 AM | #17 | |
Exclusive Member
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Re: भू-पर्यटन
Quote:
और क्या ....?
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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16-01-2011, 03:51 PM | #19 | ||
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भू-पर्यटन
Quote:
कुछ कहने की जरूरत नहीं है| मैं समझ गया| Quote:
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16-01-2011, 04:08 PM | #20 |
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Re: भू-पर्यटन
एक ताजा हवा के झोँके के रूप मेँ ज्ञानवर्द्धन करने वाला सुन्दर सूत्र की
जितनी प्रशंसा की जाये कम है । मुझे अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये समय और शब्द दोनोँ की ही आवश्यकता महसूस हो रही है । फोरम को उन्नत शिखर पर स्थापित करने मेँ ऐसे सूत्र मील का पत्थर होँगे , ऐसा मेरा विश्वास है । जेम्सबाँड मेरा सलाम कुबूल कीजिये ।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
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