30-01-2011, 06:58 PM | #11 |
Special Member
|
Re: रोचक खबरे
caculetar ke aabiskarak kuon tye 1 thomas 2 ferank waldvin 3 barn java kya hai 1 ak suchi 2 ak gaati 3 ak camputar ka bhasha
__________________
Gaurav kumar Gaurav |
31-01-2011, 02:55 PM | #12 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
चांद की रोशनी से बना इंद्रधनुष
लंदन. क्रिस वॉकर ने गत दिनों बारिश में चांद की रोशनी से बने इंद्रधनुष को अपने कैमरे में कैद किया। रिचमंड में रहने वाले क्रिस पेशे से फोटोग्राफर हैं। उन्होंने कहा, ‘उस दिन जब मैं घर जा रहा था तो मैंने आकाश में कुछ अजीब रोशनी देखी। पूरे चांद की रात में बारिश के साथ ही तेज हवा चल रही थी। चांद काफी चमक रहा था और जब मैं घर पहुंचा तो मैंने उसकी रोशनी से बना इंद्रधनुष देखा।’ मालूम हो कि बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणों पड़ने पर ही इंद्रधनुष बनता है और चांद की रोशनी से बने इंद्रधनुष बहुत कम दिखाई देते हैं। क्रिस ने कहा, ‘चूंकि चंद्रमा की रोशनी सूर्य की रोशनी से हजार गुणा धुंधला होती है। इसलिए इससे बना इंद्रधनुष भी काफी धुंधला था। यहां तक कि उस इंद्रधनुष के रंगों को पहचानना भी मेरे लिए मुश्किल था लेकिन मैं इंद्रधनुष के सबसे ऊपर वाले लाल रंग को आसानी से पहचान गया।’ |
31-01-2011, 03:24 PM | #13 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
मिस्ड कॉल की कला
"वहाँ पहुँचते ही मुझे एक मिस्ड कॉल देना" या "एक मिस्ड कॉल देना मैं तुम्हें कॉल बैक कर लूंगा"... भारत में मिस्ड कॉल का चलन बहुत तेजी से बढ रहा है। हालाँकि यहाँ मोबाईल फोन का इस्तेमाल कुछ दशक पहले ही शुरू हुआ है लेकिन हम भारतीयों को मिस्ड कॉल की कला में महारत हासिल हो चुकी है। भारत के अलावा केन्या, रवांडा, फिलीपीन, इंडोनेशिया, जमैका आदि मुल्कों में भी मिस्ड कॉल का बहुत चलन है। भारत में तो मिस्ड कॉल की अपनी एक भाषा ही विकसित हो गई है। अलग अलग वर्गों के लिए मिस्ड कॉल का अलग मतलब है। स्कूल कॉलेज के छात्र मिस्ड कॉल की ज़रूरत को सबसे ज़्यादा महसूस करते हैं। एक 23 वर्षीय छात्र के अनुसार उनके ग्रुप में एक मिस्ड कॉल तब दी जाती है जब उनका कोई दोस्त डेटिंग पर हो, उस समय का मकसद सिर्फ उस दोस्त को तंग करना होता है। लगातार दो मिस्ड कॉल इस बात का इशारा है कि कोई सही सलाम घर पहुँच गया है जबकि तीन मिस्ड कॉल का मतलब है "तुरंत कॉल बैक करो"। छात्रों को अपनी पॉकेटमनी को एसएमएस, रिंगटोन और चैटिंग में खर्च करना होता है इसलिये मिस्ड कॉल उनके लिये काम की चीज है। इसका मतलब यह नहीं कि वेतनभोगी लोग मिस्ड कॉल नहीं करते । वे भी अपने सहकर्मियों यहाँ तक अपने बॉस को भी मिस्ड कॉल करते हैं। छोटी से छोटी मिस्ड कॉल करना एक कला है और अगर आपको यह कला नहीं आती तो आपका फोन उठाया भी जा सकता है। कुछ लोग मानते हैं कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा मिस्ड कॉल करती हैं लेकिन यह एक बहस का मु्द्दा है। जो भी हो मिस्ड कॉल मोबाईल फोन की एक मज़ेदार देन है। |
31-01-2011, 03:43 PM | #14 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
लालू के कुछ मजेदार संवाद
लालू एक मसखरे नेता हैं। वह गरजते भी हैं और बरसते भी। उनके कारनामें और भाषण हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं। * “हम बिहार की सड़के हेमा मालिनी के गालों जैसी चिकनी करवा दूँगा.” * “भारतीय रेलवे और रेल यात्रियो सुरक्षा का जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा की है, हमारी नही” (रेलवे हादसों के संदर्भ मे बोलते हुए) * "हम दिल्ली को बिहार बना दूँगा.” * “हम बहुत काम करता हूँ, अगर आराम नही मिलता है तो हम पगला जाता हूँ” (यह पूछे जाने पर कि आप सैलून मे क्यों सफर करते है ) * “हम आपको क्यों बताऊ कि रेलवे इन परियोजनाओ के लिये धन कहाँ से लायेगा….हमारे विरोधी एलर्ट ना हो जायेंगे.” (रेलवे बजट पर पूछे गये सवालों के जवाब मे) * “पासवान की पार्टी मे तो सब लफंगा एलिमेन्ट भरा पड़ा है“ * “हम एक दिन प्रधानमंत्री बनूंगा।" |
31-01-2011, 03:44 PM | #15 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
मरने के बाद क्या होता है?
मृत्यु की एक धीमी, लंबित एवं सतत प्रक्रिया है। ज़िंदगी पहाड़ पार करने जैसी है। हम 25-30 साल एक तरफ से चढ़ाई पर चढ़ते जाते हैं। फिर 40-45 साल की उम्र में ढलान शुरू हो जाती है। जिन्दगी और मौत बहुत करीब है, एक संसार मे लाती है तो दूसरी ले जाती है। सब यह जानना चाहते हैं कि मृत्यु के बाद क्या होता है? शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद जीव कुछ समय तक प्राण-जगत में रहता है। इसी जगत में इसी मनुष्य अपने बुरे या अच्छे कर्मों का फल भोगता है और जब तक पृथ्वी पर अगला जीवन धारण करने का समय नहीं आ जाता तब तक वहीं रहता है । कहते हैं कि मौत बहुत भयानक होती है। असल में हर व्यक्ति जानता है कि जिसने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु को टाला नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इंसान यह स्वीकार नहीं कर पाता और अंतिम क्षणों तक और जीने की कामना करता है । यही अस्वीकार का भाव मौत के डर को मौत से भी ज्यादा भयानक बना देता है। |
31-01-2011, 03:53 PM | #16 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
भूत-प्रेत के अस्तित्व में विश्वास
किसी को भूत-प्रेत के अस्तित्व में विश्वास हो या न हो, वह भूत-प्रेत के प्रति अपनी रुचि अवश्य ही प्रदर्शित करता है। यद्यपि भूत-प्रेतों के अधिकांश प्रमाण उपाख्यात्मक होते हैं फिर भी इतिहास गवाह है कि आरम्भ से ही लोगों का भूत-प्रेत में व्यापक रूप से विश्वास रहा है। भूत-प्रेत की अवधारणा उतनी ही पुरानी है जितना कि स्वयं मनुष्य है। कहा जाता है कि भूत-प्रेत मृतक व्यक्तियों के आभास होते हैं जो कि प्रायः मृतक व्यक्तियों के जैसे ही दृष्टिगत होते हैं। अनेकों देशों की लोकप्रिय संस्कृतियों में भूत-प्रेतों का मुख्य स्थान है। सभी देशों के संस्कृतियों में भूत-प्रेतों से सम्बंधित लोककथाएँ तथा साहित्य पाई जाती हैं। एक व्यापक धारणा यह भी है कि भूत-प्रेतों के शरीर धुंधलके तथा वायु से बने होते हैं अर्थात् वे शरीर-विहीन होते हैं। अधिकतर संस्कृतियों के धार्मिक आख्यानों में भूत-प्रेतों का जिक्र पाया जाता है। हिन्दू धर्म में "प्रेत योनि", इस्लाम में "जिन्नात" आदि का वर्णन भूत-प्रेतों के अस्तित्व को इंगित करते हैं। पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों को तर्पण करते हैं। इसका अर्थ हुआ कि पितरों का अस्तित्व आत्मा अथवा भूत-प्रेत के रूप में होता है। गरुड़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन किया गया है। श्रीमद्भागवत पुराण में भी धुंधकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता है। भूत-प्रेत प्रायः उन स्थानों में दृष्टिगत होते हैं जिन स्थानों से मृतक का अपने जीवनकाल में सम्बन्ध रहा होता है। भूत-प्रेत शब्द का प्रयोग मृतात्माओं के संदर्भ में भी किया जाता है। मरे हुए जानवरों के भूत के विषय में भी जानकारी मिलती है। जहाँ भूत-प्रेतों का वास हो उन्हें भुतहा स्थान कहा जाता है। सन् 2005 में गेलुप आर्गेनाइजेशन के द्वारा किये गये सर्वेक्षण से ज्ञात होता है कि 32% अमरीकी भूत-प्रेतों में विश्वास रखते हैं। भूत-प्रेतों से सम्बंधित फिल्में तथा टी वी कार्यक्रम भी व्यापक रूप से लोकप्रिय रहे हैं। |
31-01-2011, 03:54 PM | #17 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
भूत शब्द का प्रयोग मरणोपरान्त किसी प्राणी के अस्तित्व अथवा स्मृतियों को इंगित करने के लिए भी किया जाता है। अंग्रेजी भाषा का शब्द GHOST इसी का पर्याय है। यद्यपि मरनोपरान्त प्राणी का अस्तित्व शेष रहना वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नही किया जा सका है, किन्तु अनेकानेक ऐसे उदाहरण भी मिलते रहते हैं जिनसे भूत के इस अर्थ की भी पुष्टि होती है। आत्मा के अस्तित्व के साथ ही भूत के इस अर्थ का अस्तित्व भी जुडा है। थोड़ा गहन रूप में चिन्तन करने पर भूत को “सूक्ष्म शरीर” के समानार्थक रूप में देखा जा सकता है। “सूक्ष्म शरीर” आयुर्वेद के सिद्धान्तों के अनुसार सत्रह तत्वों से मिलकर बना होता है (पंचमहाभूतो से रहित)। इन सत्रह तत्वों में पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां, मन, आत्मा, बुद्धि व पंच तन्मात्राऐं शामिल हैं। पंच महाभूतों से निर्मित स्थूल शरीर से मुक्त होकर यह सूक्ष्म शरीर ही बार बार जन्मता मरता है। मरण और पुनर्जन्म के बीच के काल में यह सूक्ष्म शरीर अवयक्त रूप मे रहता है। यह अव्यक्त रूप ही भूत कहा जाता है
भूत शब्द का सामान्य अर्थ समय के उस हिस्से से है जो बीत चुका है। संस्कृत मूल का यह शब्द सामान्यतः भूतकाल के रूप में प्रयुक्त होता रहा है। इसका अर्थ अंग्रेजी में Past Tense के समान है |
31-01-2011, 04:01 PM | #18 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: रोचक खबरे
रेडियो ऑपरेटर की वजह से हुआ टाइटैनिक हादसा
करीब 96 साल पहले टाइटैनिक जहाज का रेडियो ऑपरेटर अगर निष्ठुर नहीं हुआ होता, तो हादसे को टाला जा सकता था और इसके 500 से अधिक यात्रियों को बचाया जा सकता था। यह खुलासा हाल ही में चैनल-4 पर प्रसारित एक वृत्तचित्र में किया गया है। इस वृत्तचित्र के अनुसार, टाइटैनिक के 25 वर्षीय रेडियो ऑपरेटर जैक फिलिप्स का समीपवर्ती जहाज एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार उसके समकक्ष के साथ विवाद था। एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार रेडियो ऑपरेटर साइरिल इवान्स उसे 14 अप्रैल 1912 को उस क्षेत्र में मौजूद हिमखंड के बारे में चेतावनी देने के लिए प्रयासरत था। फिलिप्स ने तो जहाज के कुछ यात्रियों के लिए भेजे गए बधाई संदेशों को भी अवरूद्ध कर दिया था। सन में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि फिलिप्स ने 14 अप्रैल 1912 की रात एस एस कैलिफोनिर्यन के रेडियो ऑपरेटर इवान्स से कहा, 'गुस्से में आकर इवान्स ने अपने रेडियो उपकरण ही बंद कर दिए। इसके दस मिनट बाद ही टाइटैनिक समुद में तैरते विशाल हिमखंड से टकरा गया। टाइटैनिक हादसे के दौरान एस एस कैलिफोर्नियन उससे मात्र 20 मील दूर था। लेकिन 15 अप्रैल 1912 को तड़के जब टाइटैनिक डूबा, तो उसके एसओएस और फिलिप्स सहित. 523 यात्रियों को बचाया नहीं जा सका। अनसिंकेबल टाइटैनिक कार्यक्रम के उद्घोषक को उद्धृत करते हुए एक ब्रिटिश टेबलायड में कहा गया है, दो घंटे में डूबा एस एस कैलिफोर्नियन उससे केवल 20 मील दूर था। सभी लोगों को बचाया जा सकता था। टाइटैनिक जहाज ने जब 1912 में अपना समुद्री सफर शुरू किया था, तब वह दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था और उसमें उस दौर की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया था। बहरहाल, पहली बार न्यूयार्क जा रहा टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 को समुद में तैरते विशाल हिमखंड से जा टकराया और दो घंटे 40 मिनट बाद, 15 अप्रैल 1912 को यह डूब गया। इतिहास के पन्नों पर यह हादसा सर्वाधिक भीषण नौवहन हादसे के तौर पर दर्ज है। |
31-01-2011, 04:07 PM | #19 |
Exclusive Member
|
Re: रोचक खबरे
वाह अभय भाइ आपने खबरे का खजाना हि खोल दिया
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
01-02-2011, 05:44 AM | #20 |
Exclusive Member
|
Re: रोचक खबरे
बंदर को भी टीवी देखने में आता है मजा!
जापान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जैविक विकास में इंसान के पुरखे कहे जाने वाले बंदर को भी टीवी देखने में मजा आता है। > यूनिवर्सिटीज प्राइमेट रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बंदर के टीवी देखने को लेकर प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि तीन साल के एक नर बंदर को सर्कस के हाथी, जिराफ और बाघ के वीडियो देखने में काफी मजा आया। > वैज्ञानिकों ने टीवी देखते समय बंदर के दिमाग में हो रहे रक्त संचार का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने नीयर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी नाम की विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया। > उन्होंने पाया कि जब बंदर सर्कस के जानवरों को देख रहा था, तो उसके मस्तिष्क का फ्रंटल लोब काफी सक्रिय था। यह सक्रियता टीवी के प्रति बंदर की रुचि को बताती है। > जब इन्सान का बच्चा अपनी मां को मुस्कराते देखता है, तो उसके दिमाग का भी यही भाग सक्रिय होता है। इसी वजह से बच्चा भी हंसता है। फ्रंटियर्स इन बिहेवियरल न्यूरोसाइंस में छपे इस अध्ययन में मनुष्य और इंसानों के प्रति समानता को बताया गया है। > यद्यपि इससे पहले भी मनुष्य और इंसानों को लेकर कई अध्ययन किए जा चुके हैं। लेकिन टीवी जैसे रोचक विषय पर किया गया अध्ययन पहली बार प्रकाश में आया है।
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
Bookmarks |
|
|