My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Entertainment > Pictures Corner
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 19-02-2014, 05:35 PM   #1
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


KADLI KE PAAT कदली के पात :
चतुर नरन की बात में, बात बात में बात !
जिमी कदली के पात में पात पात में पात !!

आठवां अजूबा - हास्य-व्यंग :.........

अडोसी-पडोसी और मोहल्ले वाले मुझे मनोरंजन कह्कर पुकारते हैं ! उनका कहना है कि मैं अपने मां-बाप के मनोरंजन का नतीजा हूँ ! जब मैंने आईने में अपनी शक्ल देखी तो मुझे भी पडोसियों की बात पर यकीन करना पडा ! जैसी मेरी शक्ल सूरत है वो तो किसी के मनोरंजन का ही नतीजा हो सकती है ! यदि मेरे माता-पिता अपने मनोरंजन के बजाय मेरे बारे में ज़रा सा भी गम्भीर होते या उन्होंने ज़रा सी भी मेहनत की होती तो मेरी शक्ल, मेरी अक्ल, मेरा ढांचा, मेरा कद, मेरा नाम, मेरा काम, मेरा दाम कुछ और ही होता ! लेकिन मनोरंजन को कौन टाल सकता है ? ….

मेरा मतलब है कि होनी को कौन टाल सकता है ? उनका मनोरंजन ठहरा, मेरी ऐसी-तैसी फिर गई ! मैंने तो देखा नहीं, लोग कहते हैं कि होली से ठीक नौ महीने पहले मेरे पूज्य पिता जी ने मनोरंजन ही मनोरंजन में मेरी पूज्य माता जी पर अपने प्रेम रूपी रंगो की बौछार की थी ! उसी मनोरंजन के परिणाम स्वरूप ठीक होली वाले दिन मैं पैदा हुआ ! लम्बा सिर, लम्बा मुंह, लम्बे हाथ, लम्बे पैर ! सीधे खडे बाल ! चाहे जितना तेल लगा लो चाहे जितनी कंघी कर लो सिर के बाल हमेशा सरकंडे की तरह खडे रहते थे ! मेरे रंग में और नान-स्टिक तवे के रंग में कोई अंतर नहीं कर पाता था !

हर अंग बेडौल ! ना कोई माप ना कोई तौल ! पता ही नहीं लगता कि सिर बिच मुंह है कि मुंह बिच सिर है ! जब मैं खडा होता हूं तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने बांस पर कपडे टांग दिए हों ! जब मैं बैठता हूं तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने होलिका दहन के लिए लकडियां इकट्ठा कर के सज़ा कर रख दी हों ! “जसुमति मैया से बोले नंदलाला” की तर्ज पर मैंने अपनी माता-श्री से कई बार पूछा कि मेरे साथ ही ऐसा मनोरंजन क्यों ? परंतु मेरा प्रश्न सुनकर हर बार वे मौन समाधि में चली गईं !:.........


राम कृष्ण खुराना :

साभार :.........


__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 19-02-2014, 05:37 PM   #2
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


KADLI KE PAAT कदली के पात :
चतुर नरन की बात में, बात बात में बात !
जिमी कदली के पात में पात पात में पात !!

आठवां अजूबा - हास्य-व्यंग :.........

उधर जब मैं पैदा हुआ तो भी हादसा हो गया ! शायद होली के दिन पैदा होने के कारण पैदा होते ही मैंने दाई के उपर रंग बिरंगा सू-सू कर दिया ! दाई कुछ ईनाम-कराम पाने की तमन्ना लिए उसी प्रकार उठ कर कमरे से बाहर बैठे मेरे पिता-श्री को बेटा होंने की खबर सुनाने के लिए हिरनी की तरह छलांगे लगाते हुए बाहर आई ! बेटे की खबर सुनकर खुशी में मेरे पिता-श्री ने दाई को अपने बाजुओं में भरकर उसे चूमना चाहा ! लेकिन उसके मुंह और कपडों पर मेरा रंग बिरंगा सू-सू देखकर पीछे हट गए ! इस प्रकार से मेरे सू-सू ने मेरे पिता-श्री को पर-स्त्री-चुम्बन के आरोप में कुम्भी पाक नर्क में जाने से बचा लिया !

हरि कथा कि तरह मेरे नाम भी अनंत हैं ! मां मुझे राज दुलारा कहकर बुलाती है ! उसका कहना है कि मेरा बेटा चाहे जैसा भी है, है तो मेरा ! मैं तो इसे नौ महीने कोख में लिए ढोती- डोलती रही हूं ! पिता जी मुझे निकम्मा और नकारा कहकर बुलाते हैं ! स्कूल में मेरे पूज्य गुरुजन मुझे डफर और नालायक कहते हैं ! मेरी सखियां (गर्ल-फ्रेन्डस) प्यार से मुझे कांगचिडि कहती हैं ! मेरे बाल-सखा मेरे नाम के बदले मुझे बेवकूफ, गधा, ईडियट, उल्लू आदि आदि विशेषणों से अलंकरित करते रहते हैं ! हमारे मुहल्ले में एक सरदार जी रहते हैं वो मुझे झांऊमांऊ कहकर मुस्कराते हुए मेरे हाथ में एक टाफी पकडा देते हैं ! मैं खुश हो जाता हूं !:.........


राम कृष्ण खुराना :

साभार :.........


__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 19-02-2014, 05:39 PM   #3
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


KADLI KE PAAT कदली के पात :
चतुर नरन की बात में, बात बात में बात !
जिमी कदली के पात में पात पात में पात !!

आठवां अजूबा - हास्य-व्यंग :.........

मैं पूरा का पूरा ओ-पाज़िटिव हूं ! अर्थात जैसे ओ-पाज़िटिव ग्रुप का ब्लड सबको रास आ जाता है उसी प्रकार अडोसी-पडोसी अपनी जरुरत के मुताबिक अपने अपने तरीके से मेरा उपयोग कर लेते हैं ! मोहल्ले में गुप्ता जी की कोठी बन रही थी ! अचानक रात को तेज हवा चलने के कारण उनकी छत पर टंगा हुआ नज़रबट्टू कहीं उड गया ! दूसरे दिन जब गुप्ता जी को पता चला तो उन्हें बिना नज़रबट्टू के कोठी को नज़र लगने का डर सताने लगा ! वे दौडे-दौडे आए और मुझे काले कपडे पहना कर अपनी छत पर ले गए ! मैं सारा दिन जीभ निकाल कर उनकी छत पर खडा रहा ! शाम को गुप्ता जी का लडका बाज़ार से नया नज़रबट्टू लेकर आया तो उसने वो नज़रबट्टू छत पर टांगा तब मुझे नीचे उतारा !

शर्मा जी हाथ में झोला लिए बाजार से सामान लेने जा रहे थे ! तभी मैली-कुचैली सी 18-20 साल की दो लडकियां शर्मा जी से खाने के लिए कुछ पैसे मांगने लगीं ! शर्मा जी को बातों में उलझा कर उनका पर्स मार लिया ! शर्मा जी को पता लग गया ! उन्होंने शोर मचा दिया ! मोहल्ला इकट्ठा हो गया ! लडकियां बहुत शातिर थीं ! पैरों पर पानी नही पडने देती थीं ! तभी किसी ने पुलिस को फोन कर दिया ! थानेदार साहब दो सिपाही लेकर मौका-ए-वारदात पर आ धमके ! उन्होंने भी उनसे सच उगलवाने की बडी कोशिश की लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात ! तभी उनकी नज़र मुझ पर पडी ! थानेदार साहब ने मेरी तरफ इशारा करके उन लडकियों से कहा कि सच सच बता दो नहीं तो तुम्हारी शादी इस लंगूर से कर देंगें ! मेरी तो शक्ल ही काफी है !दोनों लडकियों ने अपने अपने ब्लाउज़ों में हाथ डाला और शर्मा जी के पर्स के साथ तीन पर्स और निकाल कर थानेदार के हाथ पर रख दिए !:.........


राम कृष्ण खुराना :

साभार :.........


__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.




Last edited by Dr.Shree Vijay; 19-02-2014 at 05:41 PM.
Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 19-02-2014, 05:44 PM   #4
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


KADLI KE PAAT कदली के पात :
चतुर नरन की बात में, बात बात में बात !
जिमी कदली के पात में पात पात में पात !!

आठवां अजूबा - हास्य-व्यंग :.........

पिछले साल कुछ साथी मेले में जाने का प्रोग्राम बनाने लगे ! सौ-सौ रुपये इकट्ठा करके पैसे बिरजू को पकडा दिए ! मैंने भी साथ जाने की जिद पकड ली ! मेले में बहुत भीड थी ! हम लोग अपनी मस्ती में टहल रहे थे ! लोग मेला कम मुझे अधिक देख रहे थे ! कोई मुझे देखकर हंस रहा था तो कोई भगवान की कुदरत की दुहाई दे रहा था ! हलवाई की दुकान आई तो जलेबी खाने का मन कर आया ! जलेबी तुलवा कर जब पैसे देने लगे तो पता चला कि जेब खाली हो चुकी है !

कोई जेबकतरा अपने कौशल का प्रदर्शन कर गया था ! सबके चेहरे सफेद पड गए ! वापिस जाने का किराया भी नहीं था ! करें तो क्या करें ? बिरजू का दिमाग बहुत काम करता है ! उसने हलवाई से एक चादर मांगी ! दो लकडियां लेकर गाड दीं ! रस्सी से उन पर चादर बांध कर पर्दा सा बना दिया ! मेरे कपडे उतार कर मुझे चादर के पीछे खडा कर दिया एक गत्ते पर “पांच रुपये में दुनिया का आठ्वां अजूबा देखिए” लिख कर बोर्ड टांग दिया ! शाम तक बिरजू की जेब नोटों से भर गई ! :.........


राम कृष्ण खुराना :

साभार :.........


__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 19-02-2014, 05:46 PM   #5
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


KADLI KE PAAT कदली के पात :
चतुर नरन की बात में, बात बात में बात !
जिमी कदली के पात में पात पात में पात !!

आठवां अजूबा - हास्य-व्यंग :.........

उसकी अम्मा जी का कहना है कि जब वो पैदा हुई थी तब भी उसके सिर पर बाल नहीं थे ! आज जब वो “मेरी उमर है सोलह साल, जमाना दुश्मन है” गीत गुनगुनाती रहती है तब भी उसके सिर पर बाल नहीं हैं ! उसकी अम्मा जी बडे गर्व से कहती हैं आज तक मेरी बेटी ने जमीन पर पैर नहीं रखा ! कैसे रखती ? 150 किलो वज़न का पहलवानी शरीर है उसका ! हर चीज़ गोल-मटोल ! बस सिर और मुंह के बारे में मार खा गई !

उसका मुंह बिल्कुल चुहिया जैसा है ! पूरा रोज़गार कार्यालय है ! उसके कारण पांच लोगों को रोजगार मिला हुआ है ! पैदल तो वो चल ही नहीं सकती ! रिक्शा पर बैठाने-उतारने, उसके कपडे आदि बदलने के लिए अलग अलग नौकर हैं ! मैं तो उसे ही आंठवा अजूबा मानता हूं ! लेकिन मैं बहुत खुश हूं ! क्योंकि मेरी शादी उसके साथ तय हो गई है ! आप सब लोगो को मेरा खुला निमंत्रण है ! नोटों से भरा शगुन का लिफाफा हाथ में लेकर शादी में जरुर आना ! :.........


राम कृष्ण खुराना :

साभार :.........


__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 11-03-2014, 06:13 PM   #6
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


"व्यवस्था" :



प्रदीप चौबे :

साभार :.........



__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 23-03-2014, 09:04 PM   #7
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


अब तो यही उनकी पहचान है! :

नेता ने सुबह-सुबह दर्पण में झांका तो एकदम से सन्न रह गया।उसके चेहरे से नाक ही गायब थी।घबराकर पत्नी को पुकारा।‘मेरी नाक नहीं दिख रही। कहां गई?’‘वो तो कई सालों से नहीं है, कहां से दिखेगी?’‘नहीं है? और मुझे ही पता नहीं।’‘तुम दूसरी हरकतों में ऐसे व्यस्त रहते हो कि अपनी नाक देखने की फुर्सत ही कहां है तुम्हें?’‘वाह! यह भी खूब कही! अरे, मैं बिना नाक के घूम रहा हूं तो कोई तो कुछ पूछता? कुछ कहता?’‘कौन, क्या कहता? ..समाज तो आपको अब बिना नाक का ही मानता है।’‘कैसी अनर्गल बातें करती हों? क्या नेता नकटे होते हैं? क्या उनके नाक नहीं होती?’‘कभी होती थी। नेहरुजी के जमाने में तो खासी लंबी होती थी।

बाद में वह नाक नेतागीरी के काम में आड़े आने लगी। आप लोगों के काम ऐसे हो गए कि नाक होती तो रोज कटती। इसलिए यह झंझट ही खत्म कर डाली आपने।’‘तुझे यह सब कैसे पता?’‘सारे देश को पता है।’‘और हमें ही नहीं पता? वाह!’‘तुम्हें नहीं पता, क्योंकि तुम्हें अपनी नाक की परवाह ही नहीं। याद करो। जब तुम छुटभैये थे, रोज कहीं न कहीं से थोड़ी-थोड़ी नाक कटाकर आते थे। नाक छोटी होती गई, तुम बड़े होते चले गए। पूरी नाक गायब हुई, तब तो तुम इत्ते बड़े नेता बन सके।’पत्नी नाक और नेतागीरी के विलोम अंतरसंबधों पर बोलती रही।

नेता इस दौरान दर्पण में झांककर अपने चेहरे का मुआयना करता रहा। उसने हर कोण से चेहरा देखा। फिर मुस्काता रहा। फिर हंसने लगा। फिर खिलखिलाने लगा। वैसा लगने लगा, जैसा बिना नाक का हंसता आदमी दिखता है। आप टीवी पर रोज देखते ही हो। नेता हंसते हुए बोला, ‘वैसे, बिना नाक के भी मैं ऐसा कोई बुरा नहीं दिखता। क्या कहती हों?’‘जैसे तुम्हारे बाकी साथी दिखते हैं, वैसे ही तुम भी दिखते हो।’ पत्नी ने कूटनीतिक उत्तर दिया। उसने पुन: दर्पण में स्वयं को गौर से देखा।‘अब तो यही मेरी पहचान है। अब यदि मैंने नाक लगा भी ली तो पॉलिटिक्स में कोई मुझे पहचानेगा भी नहीं।

..अब नाक नहीं है तो न सही। क्यों?’ वह हंस रहा है।पत्नी उसे ध्यान से देख रही है। स्मरण करने की कोशिश भी कर रही है। अब तो याद ही नहीं आ रहा कि जब कभी इसके नाक होती थी, तब यह लगता कैसा था :.........



ज्ञान चतुर्वेदी :
(लेखक जाने-माने व्यंग्यकार हैं)


साभार :.........



__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 04-04-2014, 05:59 PM   #8
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


आप चिंता न करें, सब बाबा की माया है! :

ल रात बाबा टीवी पर थे। एक अच्छे खासे टीवी चैनल पर इंटरव्यू चल रहा था बाबा का। वही लंबी दाढ़ी, भगवे वस्त्र वाले बाबा। उन्होंने कहा कि एक करोड़ से ज्यादा लोगों का प्यार उन्हें मिला है। लोग उन्हें चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे लघुशंका के लिए भी गाड़ी से उतरते हैं तो पांच हजार लोगों की भीड़ खड़ी हो जाती है। मैंने कहा,‘बाबा की जय! हमारे देश में बाबाओं के बड़े भक्त हैं। बाबा के ऊपर हमारा बड़ा विश्वास है।

और बात समझ भी आती है, जब रोजगार आपके पास न हो, विद्या न हो, बीमारी की हालत में अस्पताल जाने के लिए पैसे भी न हो, तो फिर एकमात्र आशा की किरण तो बाबा ही बचे न? बताइए!बाबा जो कि मुट्ठी में से भभूत निकालकर आपके हाथ में दें, तो आपका गर्भ ठहर जाए। बाबा अगर आपके सिर पर हाथ रख दें तो कैंसर खुद-ब-खुद शर्म से भाग खड़ा हो। और अगर बाबा ने आपको अपनी मुस्कान से सम्मानित किया तो समलैंगिकता जैसे कई रोग आपसे दूर हो जाते हैं। बड़ी महिमा है बाबा की।

और इसी उम्मीद का कटोरा लिए लाखों लोग रोज बाबा के दर्शन को चले जाते हैं।बाबा के शब्दों में ताकत है। बाबा की बोली में बड़ी मिठास है। बाबा हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। बाबा की दाढ़ी देखो अभी भी काली है। बाबा 50 के हैं, लेकिन 25 के दिखते हैं! अरे हमारे यहां तो एक और बाबा थे, जो 20 साल से 14 ही साल के हैं। अब बोलो!तो क्या अगर बाबा पिछले साल किसी एक राजनीतिक पार्टी के साथ थे और आज किसी और के साथ। बाबा की आवाज में बड़ा दम है। बाबा जिसको कहेंगे हम तो उसी को वोट देंगे।

अरे भाई घर के बड़ों का कहना तो आप सुनते ही हैं न, तो फिर हम बाबा का कहना कैसे न मानें?हमारे देश में तो हम अपने 12-15 साल की लड़कियों को भी बाबा की देख-रेख में छोड़ देते हैं, ताकि बाबा उनकी झाड़-फूंक कर सकें। वह अलग कहानी है कि कुछ वक्त के बाद पता चलता है कि वह लड़की, लड़की नहीं बच्ची है और अब पेट से है। अरे गर्भवती है तो इसमें बाबा का क्या दोष? उन्होंने तो बच्ची के सिर पर हाथ रखा होगा, उसको गर्भ ठहर गया तो इसमें बाबा की क्या गलती? बताइए! हां ठीक है कहीं किसी और बाबा को पुलिस पकड़ ले गई थी।

बलात्कार के आरोप हैं उनपर, इसका यह मतलब तो नहीं कि सारे ही बाबा एक जैसे हैं। हमारे बाबा निराले हैं, योगी हैं। किसी चीज का मोह नहीं है उन्हें। वे तो अब भी जमीन पर सोते हैं। दो वस्त्रों में रहते हैं। सच्ची! अरे वो क्या भीड़ लगी है जाके देखें? हजारों लोग जमा हैं, क्यों भाई? अरे कुछ नही बाबा तो लघुशंका के लिए अपनी लक्जरी कार से उतरे थे, भीड़ जमा हो गई। लोग भी न, किसी को चैन से रहने नहीं देते ! :.........



रजत कपूर :
(फिल्म अभिनेता, निर्देशक और लेखक हैं.. )


साभार :.........



__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 11-04-2014, 06:27 PM   #9
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


आओ पकाएं हरा-भरा सांसद! :

मारा कोई भी पर्व पकवानों के बिना अधूरा है। दिवाली पर गुजिया और ईद पर सैवइयां। तो लोकतंत्र में चुनाव के इस महापर्व के मौके पर पेश है एक विशेष डिश - ‘हरा-भरा सांसद।’ राजनीतिक दल इस तरह से डिश तैयार करके अपने मतदाताओं का दिल खुश कर सकते हैं।

सामग्री : एक भरा-पूरा नेता। मालदार होगा तो अच्छा रहेगा। ब्लैक मनी जिसका कोई हिसाब-किताब न हो। फर्जी सोशल अकाउंट्स। शोरबे के लिए देसी दारू। खटास के लिए गालियां। सजावट के लिए देसी कट्टे-बंदूकें या ऐसी कोई भी सामग्री। लोकलुभावन वादे। जातिगत जुगाड़ नेता की जाति अनुसार।

विधि : सबसे पहले एक अच्छे से ऐसे नेता का चयन करें जो जीत सकता हो। उसके पास भरपूर पैसा हो, क्षेत्र में जातिगत प्रभाव हो और साथ ही डराने-धमकाने की ताकत भी। उस पर थोड़े-बहुत दाग होंगे तो उससे स्वाद और बढ़ जाएगा। उसे सबसे पहले अच्छे से छील लें। (यानी पार्टी कोष के नाम पर जितना हो सके, पैसा कबाड़ लें) अब एक अलग बॉउल में ब्लैक मनी व देसी दारू को आपस में मिलाकर शोरबा तैयार करें। शोरबे के कालेपन को मिटाने के लिए सोशल वेबसाइट्स का तड़का लगा दें। इससे कालापन थोड़ा कम हो जाएगा। थोड़ा-सा रहेगा तो कोई दिक्कत नहीं। स्वाद के शौकीनों को थोड़ा कालापन अच्छा लगता है। अब एक फ्राइंग पैन लें। उसमें नेता को रखें और उस पर ब्लैकमनी-देसी दारू का तैयार शोरबा डाल दें। इतना डालें कि नेता उससे सराबोर हो जाए। अब इस मिश्रण को धर्म की आंच में धीरे-धीरे पकने दें। नेता जितना लिजलिजा होगा, वह उतना ही स्वादिष्ट होगा। जब नेता अच्छी तरह पक जाए तो उसे फिर आंच से उतार लें। धीरे-धीरे ठंडा होने दें ताकि निर्वाचन आयोग को चटका न लगे लेकिन हलका-हलका गरम रहेगा तो स्वाद बना रहेगा। फिर थोड़ी गालियों व अपशब्दों की खटास डालें, और साथ में विरोधी दलों से पाला बदलकर आई थोड़ी शक्कर भी मिला दें। खट-मिट स्वाद आएगा। अब इसे निकालकर तश्तरी में रखें, उसके ऊपर थोड़े-से लोकलुभावन वादे बुरकें। आपकी यह डिश लगभग तैयार है। लेकिन ध्यान रखें, अच्छी डिश के साथ-साथ उसकी सजावट भी जरूरी है। इसके लिए देसी कट्टों, बंदूकों और चाकुओं की सजावट करना न भूलें। इससे अगर स्वाद में थोड़ी-बहुत कमी भी होगी तो उसकी पूर्ति हो जाएगी। लीजिए हरा-भरा सांसद तैयार :.........


ए. जयजीत :
(लेखक डीबी स्टार में न्यूज एडिटर हैं)


साभार :.........



__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.




Last edited by Dr.Shree Vijay; 11-04-2014 at 06:55 PM.
Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 19-04-2014, 11:20 PM   #10
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Arrow Re: मजेदार मनोरंजनात्मक :.........


नेता पहलवान का दांव! :

चुनाव में टिकट बांटने के हर दल के अपने मापदंड होते हैं। एक पार्टी नेता की क्षेत्र में सक्रियता देखती है तो दूसरी समाज में उसकी स्वीकार्यता। कोई धन बल के आधार पर उम्मीदवार तय करता है तो कोई बाहुबली पर दांव लगाता है। चुनाव में टिकट दिलवाने से ज्यादा कटवाने वाले एक्टिव रहते हैं। ऐसे ही कुछ दिलजलों ने तीन दशक पहले एक नेताजी का टिकट कटवा दिया। वह भी यह कहकर कि अब नेताजी काफी थक गए हैं।

चतुर विरोधियों ने नेताजी के बदले उस क्षेत्र से उनके बेटे को टिकट दिला दिया। पेशे से किसान और शौकियापहलवान नेताजी बुढ़ापे में भी काफी फिटफाट थे। मगर विरोधियों का यह ऐसा प्रहार था कि ‘जबरा मारे और रोने न दे’। नेताजी मन मसोसकर रह गए और पूरी शिद्दत से बेटे को जिताने में जुट गए। लिहाजा बेटा जीतकर विधानसभा भी पहुंच गया। पांच वर्षो में नेता पुत्र भी सत्ता का स्वाद चख चुका था। इसलिए वह भी जोड़-तोड़ कर दोबारा टिकट ले आया।

इस बार भी विरोधियों ने बेटे का साथ दिया, लेकिन उसका भाग्य धोखा दे गया और वह हार गया। एक दशक तक सियासत से दूर रहने के कारण नेताजी खूंखार हो गए थे। वे अक्सर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कोसने से बाज नहीं आते। एक मर्तबा उन्हें पार्टी प्रमुख से मिलने का मौका मिल गया। फिर क्या था? नेताजी ने उन पर पूरी भड़ास निकाल दी। साथ ही पूछ लिया कि दो बार से मेरा टिकट क्यों काट रहे हो? आलाकमान ने कहा कि आपके विरोधियों ने बताया था कि आप बहुत बुजुर्ग हो गए हैं और अपनी जगह अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं। इस आधार पर हमने आपके बेटे को टिकट दे दिया।

नेताजी ने हाईकमान को समझाया कि यह विरोधियों की चाल है, मैं तो आपके सामने पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त खड़ा हूं। एक भी चुनाव नहीं हारा हूं विपरीत हालात में भी जीतकर आया हूं। अब अगली बार टिकट बांटने से पहले इतनी मेहरबानी जरूर करें कि सभी दावेदारों के साथ मुझे भी बुला लें, फिर आप चाहें तो एक-एक से मेरी कुश्ती करा लें, चाहे उनमें मेरा बेटा ही क्यों न हो, और जो जीते उसे टिकट दे दें। यह सुनकर पार्टी प्रमुख भी ठहाका लगाए बिना नहीं रहे। उन्हें यह आश्वस्त कर आगे बढ़ गए कि अगली बार आपको ही अवसर देंगे। इस तरह फिर से नेताजी बेटे का टिकट कटवाकर खुद का टिकट ले आए। जीतकर मंत्री भी बने :.........


गणेश साकल्ले :
(लेखक डीबी स्टार भोपाल के स्थानीय संपादक हैं)


साभार :.........



__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
मजेदार, मनोरंजनात्मक, हमारी संस्कृति, indian, rare photographs


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:17 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.