21-12-2014, 08:11 AM | #11 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
नयी दिल्ली : देश में वस्तु एवं सेवाओं (जीएसटी) के लिए एकल कर प्रणाली व्यवस्था शुरु करने के उद्देश्य के साथ सरकार ने कई साल से लंबित जीएसटी विधेयक को आज लोकसभा में पेश कर दिया. इसका मकसद अप्रैल 2016 से एक नयी प्रणाली लागू करना है जिसमें प्रवेश शुल्क (चुंगी) सहित सभी अप्रत्यक्ष कर सम्माहित हो जाएंगे. सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को आजादी के बाद कर व्यवस्था में सबसे बडा सुधार तथा केंद्र व राज्य दोनों के लिए फायदेमंद बताया है.
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21-12-2014, 08:12 AM | #12 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
जेटली ने कहा कि जीएसटी के लागू होने पर वस्तु व सेवाओं पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य स्तरीय वैट, मनोरंजन शुल्क, चुंगी, प्रवेश शुल्क, क्रय कर, विलासिता कर की जगह जीएसटी की एक ही दर लागू होगी तथा 'इंस्पेक्टर राज' के साथ-साथ कर पर कर व्यवस्था की समाप्ति भी सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा, '1947 के बाद यह सबसे बडा कर सुधार है.' शराब को जीएसटी से पूरी तरह बाहर रखा गया है जबकि पेट्रोल व डीजल आदि पेट्रोलियम उत्पाद बाद में इस प्रणाली का हिस्सा बनेंगे.
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने की तारीख जीएसटी परिषद तय करेगी. इस परिषद में दो तिहाई सदस्य राज्यों के होंगे और सभी फैसलों के लिए 75 प्रतिशत मतों की जरुरत होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने पर राज्यों को होने वाले किसी भी संभावित राजस्व नुकसान का पहले तीन साल तक पूरा 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा, जबकि चौथे साल 75 प्रतिशत व पांचवें साल 50 प्रतिशत राजस्व क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए इस पर चर्चा संसद के फरवरी में शुरु होने वाले बजट सत्र में करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस विधेयक को फिर से स्थायी समिति के पास भेजने की जरुरत है. पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है पर इन पर जीएसटी की दर शून्य होगी. इसका तात्पर्य है कि राज्य अगले कुछ साल तक इन उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) और केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाता रहेगा.
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21-12-2014, 08:13 AM | #13 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
इसके बाद इन उत्पादों पर पूरी तरह जीएसटी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके लिए समय जीएसटी परिषद तय करेगी. इसके अलावा वह राज्य जहां वस्तु पैदा होती है अथवा उसका विनिर्माण होता है, जीएसटी के उपर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा सकेंगे ताकि पहले दो साल के दौरान किसी भी तरह के राजस्व नुकसान की भरपाई कर सकें. जेटली ने कहा, 'एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और पांच साल के लिए मुआवजे की व्यवस्था पर्याप्त होगी. हमें नहीं लगता कि राज्यों को राजस्व नुकसान होने जा रहा है.'
केपीएमजी के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, 'सरकार ने जिस तेजी से इस विधेयक को संसद में पेश किया है उससे इस महत्वपूर्ण सुधार के प्रति उसकी गंभीरता दिखती है.' जीएसटी के कार्यान्वयन से कीमतों पर असर के संबंध में राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि कीमतें स्थिर रहेंगी. सामान्य सोच यही है कि जीएसटी लागू होने पर कर के उपर कर नहीं लगेगा. इसका कीमतों पर चक्रीय प्रभाव नहीं होगा. इसलिए यही उम्मीद है कि कुछ समय के बाद कीमतों में स्थिरता आ जाएगी.
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21-12-2014, 08:14 AM | #14 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
ह भी माना जा रहा है कि इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में बढोतरी होगी. जेटली ने कहा कि केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) संबंधी राज्यों के मुआवजे का पिछला बकाया उन्हें किस्तों में चुकाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा इसकी एक किस्त इसी वित्त वर्ष में चुकाने का है.' इसके लिए वह बजट सत्र में अनुपूरक अनुदान का प्रस्ताव रखेंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद का स्वरुप सहयोगपूर्ण संघीय व्यवस्था की अवधारणा को परिलक्षित करता है.
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद जीएसटी की दरें और पेट्रोलियम उत्पादों को नयी कर प्रणाली में शामिल करने की समयसीमा आदि के बारे में फैसला करेगी. जीएसटी पर टिप्पणी करते हुए ईवाई के पार्टनर हरिशंकर सुब्रमणियम ने कहा, 'सबसे बडी चिंता एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क है जिसे लगाने की अनुमति राज्यों को दी गयी है.'
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21-12-2014, 08:14 AM | #15 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
मोदी सरकार जीएसटी को लागू करने जा रही है. उल्लेखनीय है अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर एक जीएसटी लागू करने से देश के सकल घरेलू उत्पादन में 1 से 2 फीसदी की बढ़ोतरी होने का दावा किया जा रहा है. इससे पहले की मनमोहन सिंह की सरकार ने भी इसी जीएसटी को लागू करने की असफल कोशिश की थी. खासकर, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिये जीएसटी आवश्यक है क्योंकि विदेशी निवेशकर्ता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग करों के फेर में नहीं पड़ना चाहते हैं. इस जीएसटी से शराब, तंबाखू तथा पेट्रोलियम पदार्थो को कुछ वर्षो के लिये छूट देना प्रस्तावित है.
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21-12-2014, 08:14 AM | #16 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
बहरहाल, इससे राज्यों के आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा जिसको लेकर विभिन्न तरह का विरोध सामने आ रहा है. केन्द्र सरकार इस जीएसटी को अप्रैल 2016 से लागू करना चाहती है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चिर प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी विधेयक लोकसभा में पेश कर अप्रत्यक्ष कर में सुधार का रास्ता खोला. विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कानून को बनाने का मकसद यह है कि पूरे देश में वस्तु एवं सेवा बिना बाधा के स्थानांतरित हो.
जेटली ने इसे 1947 के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया. उन्होंने कहा कि इस पर संसद के अगले सत्र में चर्चा होगी.
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21-12-2014, 08:15 AM | #17 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
जेटली ने कहा कि जीएसटी केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए हितकर है.
उन्होंने कहा, “जीएसटी केंद्र और राज्य दोनों के लिए लाभकारी है. जीएसटी एक महत्वपूर्ण कानून है और इस अकेले कानून से पूरा देश एक बाजार बन जाएगा और बाजार को एक के बाद दूसरे कर के जंजाल से मुक्ति मिल जाएगी.” जीएसटी में पूरे देश के लिए एक बिक्री कर का प्रस्ताव है, जिसमें राज्यों में लगने वाले अनेक प्रकार के कर समां जाएंगे, जिससे निवेश बाधित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यहां एक बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समिति के बीच लगभग सहमति बन गई है.
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21-12-2014, 08:15 AM | #18 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
जेटली ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर राज्य का हित पूरा हो और किसी भी राज्य की आय का एक रुपये का भी नुकसान न हो.”
जीसटी सुधार से सहकारिता संघवाद का सिद्धांत मजबूत होगा, क्योंकि केंद्र और राज्य को मिलकर फैसला लेना होगा, जिसके लिए जीएसटी परिषद में 75 फीसदी बहुमत की मंजूरी की जरूरत होगी. विधेयक पेश करने के बाद संवाददाताओं से जेटली ने कहा, “राज्यों के साथ हुई मेरी बैठक में उनमें राजनीति मुद्दे पर मतभेद नहीं था. वे केंद्र और राज्य संबंध में सुविधा चाह रहे थे. यही भारतीय संघवाद का सबसे सुनहरा पक्ष है.”
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जीएसटी पेश करने के लिए 2011 में लोकसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. राज्यों ने पांच साल तक क्षतिपूर्ति की मांग की है और इसे विधेयक में शामिल करने की भी मांग की है.
जेटली ने कहा कि केंद्रीय बिक्री कर, सीएसटी में कटौती के कारण राज्यों को हुए नुकसान की आंशिक भरपाई के लिए राज्यों को मौजूदा कारोबारी वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. भरपाई का मुद्दा इसलिए उठा, क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य स्तर पर एक अप्रैल 2005 को वैट लागू होने के बाद विभिन्न चरणों में सीएसटी को चार फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया है. सीएसटी एक केंद्रीय कर है, जिसकी वसूली राज्य करते हैं.
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21-12-2014, 08:16 AM | #20 |
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Re: जीएसटी :: और आम आदमी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को जीएसटी को मंजूरी दी थी, जिससे संसद में पेश किए जाने का रास्ता साफ हो गया था.
इस विधेयक को कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित होना होगा और देश के 29 राज्यों में से आधे की विधायिका में भी पारित होना होगा. जीएसटी लागू होने से केंद्र और राज्यों के अनेक कर समाप्त हो जाएंगे और पूरा देश कर के मामले में एक विशाल बाजार बन जाएगा, जिससे कारोबार फैलाने की सुविधा होगी और जिसके कारण आपूर्ति श्रंखला मजबूत होगी.
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