13-01-2013, 02:46 PM | #11 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
यह गंगा नदी के तट पर ऊँचे टीले पर स्थित है। इसका व्यास 15 फुट है । यह बड़े पत्थर से बनाया गया है। कहा जाता है कि यह राजा समुद्रगुप्त द्वारा बनाया गया था इसलिए इसका नाम समुद्र कूप है । ऐसा भी मानना है कि इसका जल स्तर नीचे समुद्र स्तर के बराबर है । सोमेश्वर मंदिर यह यमुना नदी के तट पर किले के अंदर जमीनी स्तर के नीचे बना हुआ है ।यहाँ लंबे गलियारे है और केंद्र में एक शिवलिंग के साथ ४४ मूर्तियाँ हैं । यह १७३५ में बाजीराव पेशवा द्वारा पुनर्निर्मित किया गया और कुछ मूर्तियों को १७वीं या 18वीं सदी में निर्मित किया गया था ।कहा जाता है कि भगवान राम अपने निर्वासन के दौरान यहाँ आए थे । शीतला मंदिर यह इलाहाबाद के ६९ किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है ।महान ऋषि संत मलूकदास कदा में १६३१ में पैदा हुआ थे, यहीं उनकी समाधि और आश्रम स्थित हैं ।यहाँ देवी शीतला का एक मंदिर और एक तालाब है ।यहाँ एक किले के खंडहर भी हैं । कल्याणी देवी यहाँ यमुना की देवी कल्याणी देवी का एक मंदिर है ।यहाँ २० वीं सदी में निर्मित देवी और भगवान शंकर की मूर्तियाँ हैं ।
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13-01-2013, 02:47 PM | #12 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
प्रभास गिरि
यह इलाहाबाद शहर के ५० किमी उत्तर में कौशाम्बी जिले के मंझनपुर तहसील में स्थित है ।कौशाम्बी से १० किमी दूर यह क्षेत्र, वत्स साम्राज्य की राजधानी थी । ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने तीर लगने के बाद इस सांसारिक दुनिया को यहीं पर छोड़ा था । यहाँ एक बड़ा जैन मंदिर है । यह जैन समुदाय के लिए तीर्थ है । यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण क्षेत्र के रूप में संरक्षित है । शिवकुटी गंगा के तट पर इलाहाबाद शहर के उत्तरी छोर पर शिवकुटी मंदिर और आश्रम है । १९४८ में स्थापित श्री नारायण प्रभु का आश्रम भी यही है ।लक्ष्मी नारायण मंदिर में संगमरमर की मूर्तियाँ हैं । यहाँ एक दुर्गा मंदिर भी है । यहाँ श्रावण के महीने में एक बड़े मेले का आयोजन होता है । कमौरी नाथ महादेव यह सूरजकुंड इलाके के पास रेलवे कॉलोनी में स्थित है। १८५९ में इस मंदिर की वजह से रेलवे लाइन को विस्थापित करना पड़ा था ।यहाँ पंचमुखी महादेव की एक मूर्ति है । हाटकेश्वर नाथ मंदिर यह इलाहाबाद शहर में शून्य सड़क पर स्थित है । यहाँ भगवान हाटकेश्वर सहित भगवान शिव की कई मूर्तियाँ हैं ।
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13-01-2013, 02:47 PM | #13 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
कृष्णा परनामी भजन मंदिर
बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल ने परनामी संप्रदाय की शुरुआत की थी । यह मंदिर १७०० में बनाया गया था । यहाँ जन्माष्टमी पर एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है । सुजावन देव यह यमुना नदी के तट पर घूरपुर से ३ किमी पश्चिम में स्थित है । यहाँ शंकर और यमुना का एक मंदिर है । बरगद घाट शिव मंदिर यह मंदिर मीरपुर के पास यमुना नदी के तट पर बरगद घाट पर स्थित है । यहाँ एक काले पत्थर का शिवलिंग और एक प्राचीन बरगद पेड़ (बरगद) है । पीपल के चार पेड़ और हनुमान जी की एक मूर्ति भी यहाँ है । सिद्धेश्वरी पीठ यह इलाहाबाद शहर के बस स्टेशन के सामने सिविल लाइंस में स्थित है ।इस मंदिर में शंकर, अष्टभुजा देवी और हनुमान की मूर्तियाँ है ।
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13-01-2013, 02:49 PM | #14 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
शंकर विमान मंडपम
यह भव्य मंदिर कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती की पहल पर बनाया गया और १९८६ में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती द्वारा इसका उदघाटन किया गया था ।यह द्रविड़ वास्तुकला शैली में निर्मित है। तीन मंजिला यह संरचना के १६ विशाल स्तंभों पर निर्मित है ।यह संगम के तट पर है । इसकी ऊंचाई १३० फीट है । इसका निर्माण १६ साल में पूरा किया गया था । यहाँ कामाक्षी, भगवान बालाजी और भगवान शिव की मूर्तियाँ हैं । शंकर मंदिर महावन इस ऐतिहासिक मंदिर कोरों कौरहार सड़क पर मेजा तहसील में कोरों से ८ किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है ।भगवान शंकर का यह मंदिर एक तालाब के पास स्थित है ।यहाँ एक काले पत्थर की मूर्ति और एक प्राचीन पीपल वृक्ष है । वेणी माधव मंदिर यह दारागंज इलाके में स्थित है । यहाँ राधा और भगवान कृष्ण की आकर्षक मूर्तियाँ हैं ।प्रयाग में १२ माधव देवताओं का उल्लेख मिलता है लेकिन दारागंज में संगम के करीब वेणी माधव मंदिर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है । दुर्वासा आश्रम प्रयाग के पूर्व की ओर गंगा के तट पर ककरा कोतवा और हनुमान बाजार के ५ किमी दक्षिण में यह प्राचीन आश्रम स्थित है ।यहाँ ऋषि दुर्वासा की एक भव्य मूर्ति है । यहाँ सावन के महीने में मेला आयोजित किया जाता है ।
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13-01-2013, 02:49 PM | #15 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
शंकर मंदिर
यह ११वीं सदी के कलचुरी साम्राज्य के दौरान बनवाया गया था । यह लाप्री नदी के पास स्थित है । यह एक जीर्णशीर्ण अवस्था में है ।यहाँ की मूर्ति को लखनऊ में राज्य संग्रहालय में रखा गया है । शीतला देवी यह शक्तिपीठ इलाहाबाद से ५० किमी दूर बर्रा तहसील के तरहर क्षेत्र में स्थित है । वहाँ मसुरियां देवी की एक मूर्ति है । अगहन के महीने में यहाँ मेला आयोजित किया जाता है । गढ़वा यह इलाहाबाद से ५० किमी दूर दक्षिण -पश्चिम की ओर जबलपुर सड़क पर स्थित है ।यहाँ एक प्राचीन किला और कई चन्द्रगुप्त युग मूर्तियाँ हैं । राधा माधव मंदिर यह पुराने जी.टी. रोड पर मधवापुर में निम्बार्क आश्रम में स्थित है ।यहाँ राधा, कृष्ण, राम, लक्ष्मण और सीता की २०० साल पुरानी मूर्तियाँ हैं ।पत्थर की संरचना उत्तम है । और १९९२ में हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति यहां स्थापित की गयी थी ।
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13-01-2013, 02:50 PM | #16 |
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बाड़ी काली
यह देवी काली मंदिर मुट्ठीगंज इलाके में स्थित है । यहाँ सत्यनारायण, गणेश, हनुमान, शिव और शनिदेव की मूर्तियाँ हैं । यहाँ एक बलि कक्ष भी है । लोकनाथ मंदिर यह पुराने लोकनाथ इलाके में स्थित है ।यहाँ एक शिवलिंग और कई देवी देवताओं की मूर्तियाँ है । कुनौरा महादेव यह हंडिया बाजार के १२ किमी उत्तर में स्थित है ।यहाँ एक तालाब है इसी के पास एक हनुमान मंदिर और प्राचीन बरगद के पेड़ के पास एक प्राचीन शंकर मंदिर है । पत्थर शिवालय मंदिर यह खुल्दाबाद सब्जी मंडी में पुराने जीटी रोड पर स्थित है ।यहाँ के मंदिर में काले पत्थर का शिवलिंग है। बोलन शंकर मंदिर यह मंदिर एक मेजा तहसील में विंध्य पहाड़ के पास स्थित तालाब के पास है । तालाब में पानी पहाड़ से आता है और यह तालाब कमल के फूलों से भरा है । तालाब के पास के कूप को बाणगंगा के रूप में जाना जाता है । माना जाता है कि अर्जुन ने दानव रानी हिडिम्बा की शुद्धि के लिए पहाड़ को फाड़ कर पानी निकाल दिया था ।यहाँ बहुत से जहरीले सांप पाए जाते हैं ।
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13-01-2013, 09:50 PM | #17 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
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13-01-2013, 09:50 PM | #18 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
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13-01-2013, 09:51 PM | #19 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
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13-01-2013, 09:51 PM | #20 |
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Re: आइये जाने कुम्भ मेला के बारे में।
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