17-12-2014, 05:19 PM | #11 |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
ये स्तुर्वान्त जगन्मातर्भवतीमम्बिकेति च। जगत्मयीति मायेति सर्वतेषां प्रसिद्धचति॥ जो आपकी जगत्माता- जगत् की माता, अम्बिका जगतमयी और इसी अनादि कारण शक्ति के रूप में स्तुति किया करते हैं, उनके समस्त कार्य सिद्ध हो जाया करते हैं।
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17-12-2014, 05:19 PM | #12 |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
सर्वशक्तिः पराविष्णो ऋग्यजुः साम संचिता। सैषा त्रयीतपत्यंहो जगतश्च हिनस्ति या॥
सैष विष्णुः स्थितिः स्थित्यां जगतः पालननोतः। ऋग्यजुः सामभूतोऽन्तः सवितुर्द्विज! तिष्ठति॥ सम्पूर्ण संसार को सृजन पालन एवं संहारात्मक रूप से प्रकट करने वाली भगवती अपरा स्वयं सर्वतन्त्र, स्वतन्त्र शक्ति है, सर्वशक्ति विष्णु की पराशक्ति एवं ऋग्यजुः और साम संज्ञा वाली है। यही त्रयी रूप में संसार में प्रकाशित होकर सृष्टिस्थिति और संहार करती है।
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17-12-2014, 05:19 PM | #13 |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
मासि मासि खेर्या यस्तत्र तत्रहि सा परा। त्रयी मयी विष्णु शक्तिरनस्थानं करोतिवै॥
ऋचः स्तुवन्ति पूर्वाह्ने मध्याह्ने च यजूँषि वैः। वृहद्रथन्तरादीनि सामान्यंगक्षये रविम्॥ अंग सैषा त्रयी विष्णो ऋग्यजुः साम संज्ञिताः। विष्णु शक्ति खथानं सदादित्ये करोति सा॥ ब्रह्मा द्वारा रजोगुण धारण करने से सृजन, विष्णु द्वारा सत्व गुण के धारण करने से जगत् का पालन तथा सर्ग के अन्त में इस सम्पूर्ण विश्वाण्ड को अपने में लीन करने यह त्रिमूर्ति स्वरूप वाली है और सविता में ऋग्यजुः और सामभूत होकर यह निवास किया करती हैं। पूर्वाह्न में ऋक्, मध्याह्न में यजुः और सायंकाल में वृद्धद्रथन्तरादि साम श्रुतियां सूर्य स्तुति किया करती है। यही आदित्य में निवास करने वाली वेदत्रयी है।
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17-12-2014, 05:20 PM | #14 |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
न केवलं रवेः शक्तिर्वैष्णवी सा त्रयीमयी। ब्रह्माऽथ पुरुषो रुद्रस्त्रयमेतत्त्रयी मयम्॥
एवं सा सात्विकी शक्तिर्वैष्णवी या त्रयीमयी। आम सप्तगणस्थं तं भास्वन्तमधितिष्ठति॥ यह केवल रवि की शक्ति विष्णु स्वरूपिणी ही नहीं है प्रत्युत ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र इन तीनों से युक्त एवं त्रयीमयी है। इस प्रकार से यह त्रयीमयी आद्या शक्ति अपने सातों गणों में अवस्थित सूर्यदेव में समाविष्ट हैं। देवी भागवत पुराण में भगवती गायत्री महाशक्ति की महत्ता का सविस्तार वर्णन है। उसे समस्त देवताओं का उपास्य और समस्त मन्त्रों का शिरोमणि बताया गया है।
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31-12-2014, 11:39 AM | #15 |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
सूत्र में गायत्री महामंत्र के विषय में गहन जानकारी दी गयी है. धन्यवाद, देवराज जी.
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20-01-2015, 02:33 PM | #16 | |
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Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
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बहुत बहुत धन्यवाद देवराज जी |
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