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#11 |
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![]() जी निशांत भाई में अब इनसे बचने के तरीको पर ही प्रकाश डालूगा अब इनसे बचने के तरीको पार आते हे मिलावट को केसे पहचाने इसके दो तरीके हे एक तो इनका लेब में टेस्ट करा कर और दूसरा हे अपने घर में जांच करके देखने का इसमें लेब टेस्ट तो सभी नही करा सकते इसलिये में आपको घर में मिलावटी वस्तुओ से केसे बचे ये बतायेगे ! |
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#12 |
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दूधः पानी मिले दूध का आसानी से पता दूध में उंगली डुबाकर बाहर निकालने से लग जाता है। पक्के फर्ष पर दूध की १-२ बूंदें गिराकर देखें, इससे भी दूध में पानी की मिलावट का अनुमान हो जाता है। सिंथेटिक या नकली दूध की जांच सक्षम प्रयोगषाला में की जा सकती है। वैसे ऐसे दूध को गर्म करने के बाद उसमें कुछ पीलापन दिखाई देने लगता है।
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#13 |
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नकली मावा यानी खोया आए दिन पकडा जा रहा है। नकली या सिंथेटिक मावा अपेक्षाकश्त अधिक सफेद होता है। हाथ में लेकर उंगलियों और अंगूठे से मसलने पर यह पूरी तरह बिखर जाता है जबकि असली मावा बहुत कम बिखरता है और कुछ रुई की बली जैसा हो जाता है।
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#14 |
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काली मिर्चः पपीते के सूखे बीजों की काली मिर्च में खूब मिलावट की जाती है। एक कांच के गिलास में पानी लेकर उसमें खरीदी हुई काली मिर्च डालें। गिलास में पपीते के बीज पानी के ऊपर तैरने लगेंगे और काली मिर्च नीचे तल में बैठ जाएगी।
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#15 |
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बहुत ही ज्वलन्त मुददा उठाया है भई
सही है
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#16 |
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देषी घीः वनस्पति घी की मिलावट देषी घी में खूब की जाती है। साथ ही पषु चर्बी की मिलावट और सिंथेटिक दूध से बने घी के मामले भी कई बार सामने आ रहे ह। इसमें मिलावट की जांच के लिए सुनारों द्वारा उपयोग किये जाने वाले हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (नमक का तेजाब) का उपयोग किया जाता है। कांच के बरतन में थोडा सा घी लेकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की ३-४ बूंदें और चीनी के कुछ दाने डालें और इसे गर्म करें। बरतन का द्रव हल्के लाल रंग का दिखाई दे तो जान लीजिए कि देषी घी मिलावटी है।
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#17 |
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मिठाइयों में मिलावट से बचने के लिए ग्राहक को कुछ जागरूक होना आवश्यक है। मिठाई आदि खरीदने से पहले वह मिलावट से बचने के लिए वस्तु को पूरी तरह जांच परख लें। मिलावटी या नकली मिठाई का स्वाद व रंग सामान्य से विभिन्न और कुछ खराब होता है। वहीं अपने परिचित या प्रतिष्ठित दुकान से मिठाई आदि खरीदने पर नकली या मिलावटी माल मिलने की संभावना कम रहती है। क्योंकि इस तरह के दुकानदार अपनी प्रतिष्ठा से नहीं खेल सकते। मिलावट करने पर अपने प्रतिष्ठा व ग्राहक से संबंध खराब होने के डर से ऐसे दुकानदारों द्वारा मिलावट की संभावना कम रहती है।
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#18 |
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कोशिश यही करें कि गरम मसाला और हल्दी, मिर्च, धनिया आदि जैसे अन्य मसाले साबुत ही खरीदें। इन्हें आवष्यकतानुसार धो-सुखाकर घर पर ही कूट-पीसकर तैयार करें। इस तरह तैयार किये गये मसाले शुद्ध, ताजा और स्वास्थ्यप्रद होंगे। इस काम में अधिक मेहनत और समय भी जरूरत नहीं, बस जरा आदत बदलने की जरूरत है। अपने स्वास्थ्य की खातिर आज इस बात की अधिक जरूरत है कि मिलावट के प्रति जागरूक रहकर मिलावट से यथासम्भव बचा जाए। वस्तुओं की पैकिंग पर उसके पैक करने और उपयोग की अवधि के बारे में दी गयी जानकारी पढने का भी ध्यान रखना चाहिए। खुले मसाले बेचने पर रोक के बावजूद ये धडल्ले से बिकते हैं। आप इन्हें न खरीदें। खाद्य सामग्री खरीदते समय उस पर एगमार्क, एफपीओ, आईएसआई, शाकाहार आदि के मोनोग्राम अवश्य देखें। विभिन्न वस्तुओं के विज्ञापनों में किये गये दावों-वायदों से भ्रमित न हो ।
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#19 |
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हींग शुध्द हींग को लौ पर जलाने से लौ चमकीली हो जाती है। हींग को साफ पानी में धोने पर यदि हींग का रंग सफेद या दूधिया हो जाये तो हींग शुध्द होती है।
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#20 |
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नमक :नमक की कुछ मात्रा लेकर काँच के साफ गिलास में पानी लेकर घोल लें तथा कुछ समय के लिए उसे स्थिर रहने दें, इसके बाद यदि गिलास की तली में रेत या मिट्टी बैठ जाए तो समझ लेना चाहिए कि नमक में मिलावट है।
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