05-03-2014, 03:12 PM | #11 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
भावार्थ: आराम करना या रात बिताना उदाहरण: दिल! साये में उस ज़ुल्फ़ के आराम किया कर टुक शाम को तो मुर्ग तू बिसराम किया कर . (शायर: क़ायम)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
05-03-2014, 03:21 PM | #12 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > बाग़ बाग़ हो जाना
भावार्थ: दिल खुश हो जाना उदाहरण: किस कदर है तेरे मकदम से खुशी गुलशन में आज देख तुझको गुल हुआ जाता है कैसा बाग़ ..... बाग़ (शायर: हेदायत)
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07-03-2014, 10:19 AM | #13 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > भबूका
भावार्थ: (प्रेमिका के) चेहरे की तेज चमक उदाहरण: भबूका इस कदर मुखड़ा है ऐ रश्के क़मर किसका ज़रा इतना भी जाना कर कि जलता है जिगर किसका (शायर: कोषकार स्वयं)
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07-03-2014, 10:21 AM | #14 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > पानी पी पी कोसना
भावार्थ: अत्यधिक बद्दुआ देना या श्राप देना उदाहरण: क्या ज़ुल्म है बस दिल मसोसा कीजिये यादे-लबे-बाम का दिनरात बोसा कीजिये ईज़ा है सख्त मोहतसिब के हाथ देखना अब उनको पानी पी पी कोसा कीजिये (शायर: मिर्ज़ा अली नकी ‘महशर’)
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07-03-2014, 10:22 AM | #15 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > पातों आ लगना (दरख्त का)
भावार्थ: 1.पत्ते झड़ना या पतझड़ का आना 2. शक्ति या सामर्थ्य का कम होना 3. प्रतिकूल परिस्थितियाँ के कारण सुख चैन की समाप्ति उदाहरण: अहवाल की हमारे तुमको तो क्या खबर है गुज़रे है जिसके जी पर सो ही ये जानता है आँखों के गिर्द मेरे मिज़गां की है ये सूरत गोया किनारे दरिया ख़स बह के आ रहा है और दिल जो है बगल में सो इस तरह का फोड़ा हरगिज़ न वो पके है ज़ालिम न फूटता है अलकिस्सा क्या कहूँ मैं गुलशन में ज़िन्दगी की तुझ बिन निहाल ‘सौदा’ पातों ही आ लगा है (शायर: सौदा)
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12-03-2014, 09:24 PM | #16 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > बात को पी जाना
भावार्थ: बात को अनसुना कर देना उदाहरण: सुख़न औरों का तिश्ना हो के सुनना और सब कहना मगर जब ‘आबरू’ की बात को सुनना तो पी जाना (तिश्ना = प्यासा) (शायर: आबरू)
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12-03-2014, 09:27 PM | #17 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > पिसना
भावार्थ: कष्ट या सज़ा का सहना उदाहरण: मरता नहीं हूँ कुछ मैं इस संगदिल के हाथों पिसता हूँ आप अपने कमबख्त दिल के हाथों (मीर दर्द)
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13-03-2014, 08:10 PM | #18 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > पानी न मांगना
भावार्थ: ऐसा वार करना जिससे शिकार तत्काल मर जाये उदाहरण: जो तुझ से बलाए नागहानी मांगे या राहे अदम की कुछ निशानी मांगे दिखलावे उसे तू अपनी शमशीरे निगाह जिस का मारा कभी न पानी मांगे (शायर: मीर सोज़)
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13-03-2014, 08:13 PM | #19 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > पाँव गाड़ना
भावार्थ: अपनी बात पर अडिग रहना उदाहरण: यारब रहे तलब में कोई कब तलक फिरे तस्कीन दे कि बैठ रहूँ पाँव गाड़ कर (शायर: मीर तक़ी ‘मीर’)
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16-03-2014, 10:06 PM | #20 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > फूंक फूंक के पाँव धरना
भावार्थ: सावधानी से काम करना या बच बच कर चलना उदाहरण: ज़माना बस की नाज़ुक तर है बुलबुल, खातिरे गुल से सबा भी फूंक फूंक इस गुलसितां में पाँव धरती है. (शायर: हिदायत)
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