02-04-2011, 09:36 PM | #11 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
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Gaurav kumar Gaurav |
02-04-2011, 09:42 PM | #12 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
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04-04-2011, 02:45 PM | #13 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
नेट से की हुई कहानी
मैं मिला हूँ भुत से!!! बात राजस्थान के खाजुवाले शहर की है जो पकिस्तान के बॉर्डर के थोडा नजदीक है ! सन १९९५ की बात है जब में प्राइवेट राशन दूकान में प्रशिक्षण ले रहा था | आटा चावल नापने का, मघराज जो की दूकान का मालिक था, बहुत नेक और सीधा इंसान है, हम दोनों बड़े प्रेम से रहते थे |एक दिन जब हम दूकान से शाम के वक़्त घर गए तो मघराज की बीवी जो अजीब अजीब हरकतें कर रही थी, जैसे खिल खिला के हँसाना, कभी रोना कभी गुस्सा, और बारबार ये ही दोहरा रही थी "हलुवा खाऊँगी" "हलुवा खाऊँगी"| मघराज की दोनों बहने काफी डरी हुई थी | मघराज जो की भुत प्रेत पे विस्वास नहीं करता था| अपनी बीवी को झापड़ रसीद करते हुए बोला : ज्यादा जी में आ रही है क्या हलुवा खाने की ? लेकिन उसे थप्पड़ से कोई फर्क नहीं पडा निरंतर हलुवा खाने की रट लगाए रखी | मैं बोला मघराज भाभी जी में कोई हलुवे की भूखी आत्मा ने प्रवेश किया है | मघराज बोला : अबे तेरे को भी हलुवा खाने की जी में है क्या ? मैं बोला : देखो अगर भुत के लिए बनाओगे तो दो गासिये में भी ले ही लूंगा | मघराज बोला : यार मुरारी ये भुत वुत कुछ नहीं होता, दरअसल औरतें जब काम करने का मन नहीं होता तो इस प्रकार के अड़ंगेबाजी करतीं हैं | मैंने उसे समझाया : भाई मघु भाभी जी ऐसी नहीं है तुम क्यूँ नहीं किसी मौलवी या झाड़ फूंक वाले को बुला लाते | मेरे बार बार जोर देने पे मघराज एक मौलवी के पास गया| पर मौलवी के पास हमसे बड़ा कलाइंट बैठा था | मोलवी ने मघराज को उपाय बता के टरका दिया | मघराज ने आकर बताया : मौलवी ने कहा है छोटी अंगुली के पौर को पकड़ कर जोर से भींचना (दबाना) | मैं बोला: जल्दी करो इससे पहले की हलुवे का भूखा भुत कुछ अनिष्ट करे भाभी जी की छोटी अंगुली का पौर पकडो और जल्दी से भिन्चो | अब मघराज अपनी बीबी के पास बैठ कर बोला : रे भुत इब तेरा देख में के करूँ हूँ ! कहने के साथ ही छोटी अंगुली के सिरे को जोर से दबाया | मारे दर्द के भाभी जी के अन्दर बैठा भुत बोल पडा: जा रहा हूँ!!! जा रहा हूँ !! और भाभी जी शांत | पर अचानक मघराज की बहन जोर जोर से रोने लगी, और डरने लगी| मघराज बोला : तुझे क्या हो गया ? इस पर मघराज की बहन बोली : देखो ये काली साडी में एक औरत यहाँ बैठी है | मौलवी जी ने मघराज को सुखी मिर्च का धुंवा करने के लिए भी बोला था | हाथो हाथ मिर्च का धुंवा किया और उस भुत को भगाया गया | अब सब कुछ सामान्य था | घर के पिछवाडे में मघराज की बीबी और बहन बर्तन साफ़ कर रही थी और मुझे उनके पास खडा किया गया रात के लगभग ११:३० बज चुके थे | घर के पिछवाडे में boundry waal बनाई हुई थी जो लगभग तीन फीट ऊँची थी | मेरी नजर अचानक उस baondry wall की तरफ गयी | आज भी सिहरन दौड़ जाती है जब वो वाकया करता हूँ तो |मैंने उस bouandry wall पे देखा एक विशालकाय काला शाया जिसका उपरतक कोई अंत नहीं था | मुझे डर तो बहुत लगा, पर मैंने भाभी जी को और मघराज की बहन को कुछ नहीं बताया | मन ही मन सोच रहा था भूतों के बारे में लोगों से सूना है | किताबों में पढा है, आज साक्षात्कार भी हो गया | पर ज़रा पास में जाकर देखना होगा | स:अक्षर सही बता रहा हूँ, में धीरेधीरे baoundry की तरफ बढ़ रहा था | पता नहीं कहाँ से हिम्मत आई कैसे बढ़ता गया, जैसे जैसे आगे बढ़ रहा हूँ उस लम्बे काले साए का आकार घटता चला जा रहा है| में और करीब गया अब उस शाये के और मेरे बिच की दुरी थी लगभग १५ फुट | शाये का आकार अब भी लगभग २५ फुट | मैंने निश्चय किया की और आगे बढा जाए कुछ हेल्लो हाय करके तो आएँ | शाये का आकार घटते घटते १० फुट हो गया | मुझे भी तसल्ली हो रही थी की ये भी मुझसे मिलना चाह रहा है, इसे पता है उतनी ऊंचाई पे मेरा हाथ पहुँच नहीं पाएगा तो हाथ मिलाएगा कैसे | उसका दोस्ताना रवैया देख कर हौशला और बढा, तो मैं भी बढा| अब शाये का कद ५ फुट के आस पास आ गया | और हमारे बिच की दुरी लगभग ६ फुट अब तो मेने निश्चय किया की आज तो मुलाक़ात करनी ही है, बढ़ता रहा अब उसका कद हो गया था लगभग ३ फुट और एक आश्चर्य जनक बात ये हुई की उसके सर पे सिंग निकल आये थे | मैं एक दम करीब पहुँच गया | जनाब सर हिलाने लगे मैंने सर पे हाथ लगाया पता चला दीवार की उस तरफ पास में बंधी भैंस जो दीवार के ऊपर से इस तरफ झांक रही थी | मैंने उसे सहलाया |भुत से मुलाक़ात हो चुकी थी | अगर मैं उस दिन उसके पास ना जाता, चुप चाप अन्दर आ के सो जाता तो मेरे लिए वो भुत ही रहता, और मन के अन्दर घुसे उस भुत को निकलाना शायद नामुमकिन हो जता | कुछ भूत ऐसे होते हैं इस बात का प्रत्यक्ष पता चला | इसीलिए कहते हैं डर के पास जाओ तो डर मिट जाता है !!!! |
04-04-2011, 02:48 PM | #14 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
बॉलीवुड ख़ौफ के साये में है। बॉलीवुड के सितारे इन दिनों जमकर रूहानी ताकतों का शिकार हो रहे है।फ़िल्मी परदे पर तो ख़ौफनाक कहानियां खूब सुनने को मिलती है लेकिन सितारों के आम जिंदगी में शूटिंग के दौरान हो रही घटना चौंकाने वाली है।
दरअसल मुंबई के स्टूडियो रूहानी ताकत की कहानी बयां कर रहे है। कमलिस्तान स्टूडियो,चांदीवली स्टूडियो,मुकेश मिल्स और फिल्म सिटी ये वो नाम है जिसे सुनकर बॉलीवुड सितारों के रूह कांप जाते है।मुंबई के कमलिस्तान स्टूडियो में फिल्म 'रजिया सुलतान', 'अमर अकबर एन्थोनी' और हाल में आई 'फिल्म जव वी मेट' जैसे चुनिन्दा फिल्मों की शुटिंग हो चुकी है।लेकिन भुत-प्रेत के साये की वजह से इस स्टूडियो को बंद करना पड़ा है।आज इस स्टूडियो में दिन के उजाले में ही सन्नाटा पसरा है।खबरों की माने तो 15 एकड़ में बसे इस स्टूडियो को तोड़कर कुछ अलग बनाने का प्रस्ताव है। कोलावा में स्थित एक और स्टूडियो 'मुकेश मिल्स' का जिक्र होते ही पूरा बॉलीवुड थर्रा उठता है। इस स्टूडियो में दिन में ही खौफ का साया मंडराने लगता है।हाल ही में आई फिल्म राज़ २,ट्राफिक सिग्नल और भूतनाथ जैसी दर्जनों फिल्मों की शुटिंग इस स्टूडियो में दिन में हो चुकी है।इस स्टूडियो के बारे में ऐसा कहा जाता कि सालो पहले यहाँ एक आग लगी थी जिसमे कई लोग जलकर मर गए थे। उनकी आत्मा आज भी भटक यहा भटक रही है।मुकेश मिल्स में फिल्म भूतनाथ की शूटिंग कर चुकी प्रसिद्ध अदाकारा जूही चावला भी इस खौफनाक स्टूडियो का नाम सुनकर सहम जाती है ।इतना ही नहीं फिल्म की शूटिंग भूतनाथ के वक्त जूही को ऐसा लगता था कि उनके आस पास ख़ौफ का साया मंडरा रहा है। मुकेश मिल्स में फिल्म 'ट्राफिक सिग्नल' की शुटिंग कर चुकी नीतू चंद्रा भी यहाँ की रूहानी ताकत के नाम से थर्रा उठती है। बॉलीवुड में भूत प्रेत का साया मंडराने लगा है।एकता कपूर की आने वाली फिल्म रागिनी एमएमएस की शूटिंग में में 3 बड़े खौफनाक मंजर हुए है।इस फिल्म की शुटिंग मुंबई के दहानु में चल रही थी।सबसे पहले शुटिंग लोकेशन का चौकीदार खुद फांसी के फंदे पर लटक गया और उसकी मौत हो गयी। इसके बाद फिल्म के मुख्य एक्टर राजकुमार यादव फिल्म की शूटिंग के दौरान बुरी तरह घायल हो गये।इतना ही नहीं कुछ दिन बाद रागिनी एमएमएस के एक्टर के साथ एक बड़ी कार दुर्घटना भी हुई।एकता इन दिनों पूजा पाठ और हवन करवा रही है।क्योंकि फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है और तरह-तरह की ताकते फिल्म पर हावी हो रही है। बॉलीवुड के सितारे बड़े परदे पर भले ही बहादुरी दिखाए लेकिन इन स्टूडियो का नाम आते ही इनका पसीना छूट जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल की क्या भूत प्रेत होता है?आपको क्या लगता है बॉलीवुड के इन सितारों को रूहानी ताकत से बचने एक लिए क्या करना चाहिये? |
04-04-2011, 03:50 PM | #15 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
कही न कही सुना है पर पूरा सत्य नही आप आज रात के इस सूत्र पर नजर रखियेगा मे जरा एक सचा बाक्य प्रस्तुत करूँगा
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Gaurav kumar Gaurav |
04-04-2011, 04:14 PM | #16 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
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04-04-2011, 05:45 PM | #17 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
वहम के बारे में :
एक बार की बात है की जंगल में एक पीपल के पेड़ पर भूतनी अपने २ बच्चो के साथ रहती थी, दोपहर का समय था , गर्म हवाएं चल रही थी, तभी अचानक भूत नी के बच्चे को कुछ दिखा वह बोला मम्मी मम्मी वो देखो आदमी ! भूतनी की मम्मी बोली बेटा ये आदमी वादमी कुछ नहीं होता है ये तुम्हारा वहम है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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04-04-2011, 05:53 PM | #18 | |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
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08-04-2011, 12:39 PM | #19 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
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10-04-2011, 07:35 PM | #20 |
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Re: भुत, वहम, संयोग या सत्य ( किस्से )
किसको देखना है भूत
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