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Old 10-12-2010, 10:38 AM   #11
amit_tiwari
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Originally Posted by amol View Post
लेकिन पहली बात जो मैं कहना चाहता हूँ, हमें एडल्ट वेबसाइट और पोर्न वेबसाइट के बीच अंतर भी पता होना चाहिए.

अगर कोई वेबसाइट सेक्स education दे रहा है और इस से जुडी ही युवाओं की भ्रांतियों को दूर कर रहा है तो उसे एडल्ट वेबसाइट तो कहेंगे .

क्या मेरे किसी शब्द से आपको लगा कि मैंने वयस्क शिक्षा प्रदान करने वाली साईट कि बुरे की? भाव समझिये, मैं शब्दों को अति संतुलित और सामान्य रखना चाहता हूँ ताकि सभी को पढने में सुगम लगे, इस छिपी हुई बुराई को मैं कमरों से निकाल कर ड्राइंग रूम में लाना चाहता हूँ और उसके लिए आप जैसे जागरूक युवाओं की आवश्यकता है |

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Originally Posted by amol View Post
. ऐसा भी पोर्न वेबसाइट के साथ होता है उसपर एक वार्निंग आती है और नहीं आती तो आनी चाइये की बेटा यह देखोगे तो इसके लॉन्ग term नुक्सान होंगे.
वार्निंग को किसने आज तक देखा ? रोड पे धीरे चलने का संकेत होता है फिर भी एक्सीडेंट होते हैं, सिगरेट पर ना पीने के संकेत होता है किन्तु फिर भी कैंसर होते हैं पी पी के |
सिगरेट पीकर खुद पीने वाला मरता है, अन्य व्यसनों में भी यही है किन्तु यह एक ऐसा व्यसन है कि हर एक प्रतिभागी अपराधी है उस गिरोह को पालने का जो ये सब कराते हैं |
आखिर ऐसा जघन्य कार्य करने वाले किसी मंदिर के पुजारी तो नहीं होते? ये एक जगह से निकला पैसा, पाइरेसी में लगता है, पाइरेसी के लिए अन्य अपराधियों का सहारा लिया जाता है इस प्रकार से यह एक कुचक्र चलाता है |

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Originally Posted by amol View Post
मैं तो मानता हूँ पोर्न वेबसाइट से इस तरह के कुंठित मानसिकता वाले लोगो की ***** शांत होती है. और फिर बलात्कार कम होते है.

और आप इस चीज़ के पूरी ज़िम्मेदारी पोर्न वेबसाइट पर कैसे डाल रहे है. क्या इंटरनेट आने से पहले ऐसा नही होता था?
ऐसा क्या ? हत्यारों को ह्त्या करने कि छूट दी जाये कि भाई तमन्ना पूरी करो, चोरों को घरों के ताले तोड़ के दे दिए जाएँ ?
क्या आपने अभी टाइम्स का हुआ सर्वेक्षण पढ़ा जिसमें साफ़ साफ़ दिया है कि रेप के मात्र ३० प्रतिशत मामलों में ही अपराधी का पहला अपराध होता है, यदि आपका तर्क सही है तो साईट क्या वास्तव में करने वालों कि कुंठा पहले अपराध के बाद समाप्त हो जाती फिर क्यूँ सत्तर प्रतिशत मामलों में वाही पुनः अपराध करते हैं |
इन्टरनेट आने से पहले होता था, किन्तु हम जानकारी, उसकी उपलब्धता और साक्षरता बढ़ने पर इन्सबके कम या समाप्त होने की आशा करें तो गलत है ?
क्या सुधार कि आकांक्षा करने कि जगह पर हम आंख मुंड कर बैठ जाएँ कि ये पहले भी होता था !!! मैं पुनः उसी आंकड़े को दोहराना चाहूँगा कि हर रोज़ एक बलात्कार हो रहा है औसतन और यह औसत बढ़ रहा है, ऐसे में कब तक अपना घर सुरक्षित रखेंगे? जिनके साथ यह हादसा हुआ वो भी सामान्य ही थी, किसी कि बहन, किसी कि बेटी उनके मत्थे पर नहीं लिखा था कि उनके साथ ऐसा होगा | कल्पना कीजिए क्या बीतिती होगी ऐसे व्यक्ति क्या पुरे परिवार पर |


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Originally Posted by amol View Post
उन जीवित लोगो के प्रति मुझे पूरी हमदर्दी है पता नही किस मजबूरी में ऐसा काम करते है, वैसे अपने भारत मैं तो इस तरह के काम पर प्रतिबंध है जो बहुत ही अच्छी बात है.
प्रतिबन्ध ???
बॉस इण्डिया नेपाल पकिस्तान और बंगलादेश से कितना ह्युमन ट्रैफिकिंग गल्फ, यूरोप, थाईलैंड को होती है इसका अनुमान भी है ???
उड़ीसा के गरीब परिवारों से पांच किलो चावल के बदले लडकियाँ खरीद ली जाती हैं ये ख़बरें आपने कभी नहीं देखीं ?
थोडा सामायिक चर्चाओं पर निगाह डालिए, नाल्को के कैम्प में रहे डॉक्टरों के विवरण पढ़िए ! वहाँ पता लगेगी इस सबकी घ्रणित सच्चाई | ये गिरोह चलाने वाले उनका इलाज तक नहीं होने देते, जानते हुए भी कि ये मर जाएँगी, ये जानते हुए भी कि इनसे लोग मारे जायेंगे |


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Originally Posted by amol View Post
आपके इस पॉइंट में कोई खास दम नज़र नही आता, उत्पादन तो अन्य काफ़ी चीज़ों से के कारण भी घट जाती है, जैसे जब क्रिकेट मॅच आ रहा होता है, election रिज़ल्ट्स का टाइम होता है.

और मुझे नही लगता कोई भी आदमी अपने ऑफीस में बैठ कर इस तरह के वेबसाइट देखेगा. अगर वो बंदा उस कंपनी का मालिक ही हो तो बात अलग है.
नील्सन कंपनी का सर्वे देखिये जो इसकी पोल खोलता है और खैर इसकी भी क्या जरुरत है, कई mnc कर्मचारी यहाँ होंगे वो खुद जानते हैं |
क्रिकेट, रिजल्ट्स से इसकी तुलना करके विषय का मजाक ना बनाइये, ये सार्वजानिक गतिविधियाँ हैं जिनसे मनोरंजन होता है, लोग एक दिन देखते हैं थोड़ी देर बात करते हैं और भूल जाते हैं | कम से कम विषय कि समानता तो देखिये, इतनी अपेक्षा मैं आपसे कर ही सकता हूँ |

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Originally Posted by amol View Post
आपका यह पॉइंट काफ़ी जोरदार है. पॉर्न, पाइरसी और हॅकिंग वाले वेबसाइट्स का काफ़ी पुराना रिश्ता रहा है. और इस तरह के वेबसाइट अपने pc में खोलना मतलब वाइरसस को खुला आमंत्रण देना.
समस्या के कुछ पहलु अभी देने शेष हैं, थोडा फुर्सत निकाल कर विस्तार से लिखता हूँ |

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Originally Posted by amol View Post
मेरा conclusion यह है

user should be given a warning message for the first time before they enter inside the these kinds of websites. If a child still wants to enter, its their and their parents problem.
मुझे ये कन्क्ल्युजन कम पलायनवादिता अधिक लगी अमोल भाई |
भला कौन बच्चा अपने माँ बाप को बता कर ऐसी साईट पर आता है! क्या है कोई ऐसा?
उन्होंने तो पढने के लिए लेकर दिया अब कमरे में बैठा लाल क्या कर रहा है उसकी जिम्मेवारी उन पर?
एक बहुत पुरानी पंक्ति है कि आपकी स्वतंत्रता आपकी नाक तक ही होती है, यदि किसी चीज़ से बाकी सबको फर्क पड़ता है तो उसे फैलाना अपराध है |
सामजिक समस्या पर वकील कि तरह देखना उचित नहीं है कि इस इस से यह प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव होता है बस |
इसे कैसे आप सिगरेट आदि बुराइयों के साथ मिला देते हैं क्या कभी नुक्कड़ के पान वाले के पास ऐसी सामग्री लटकी देखि है? क्या लोग पार्क में बैठ कर देखते करते हैं?
सामान्य मनुष्य, एक पिता, एक पुत्र हो कर देखिये | यदि आपको अपने किसी बड़े को दो में से एक चीज़ जाहिर करने को कही जाये तो क्या बताना पसंद करेंगे सिगरेट पीना या ऐसी लत का शिकार होना ?
व्यक्तिगत ना लें मैं सिर्फ आपको उस परिस्थिति से साकार करना चाहता हूँ |

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Originally Posted by amol View Post
the indian penal code, 1860 section 293 also specifies, in clear terms, the law against sale etc. Of obscene objects to minors.
Chapter xi



आज से करीब ४-५ साल पहले चेन्नई के एक पोर्न वेबसाइट चलाने वाले को पुलिस ने पकड़ा था उसे तो २ साल की जेल हुई और उस वेबसाइट में जितने लोग काम करते थे या उससे जुड़े थे उन्हें भी ६ ६ महीने की सजा हुई. तो ऐसा है की अपना भारत का कानून भी काफी कड़ा है इस मामले में और बुरी चीज़ का अंत तो होता ही है एक न एक दिन.
हर मामले में पुलिस, क़ानून को पड़ना चाहिए किन्तु कभी तो हम भी पहल कर सकते हैं |हर एक कंप्यूटर के बगल में एक सिपाही नहीं खड़ा हो सकता ! यदि हम अपनी आदत सुधारे, यदि हम अपने चरित्र को प्रबल करें, यदि हम अपने को संयमित करें तो ये ट्रैफिक रुकेगा | इस धंधे पर भी मांग और आपूर्ति का नियम लगता है, यदि मांग नहीं होगी तो पूर्ति कहाँ ?

ऐसे लोगों को साल दो साल कि सज़ा से पूर्ति नहीं होगी, इनका सामाजिक तिरस्कार और दंड की तीव्रता इतनी अधिक हो कि रूह काँप जाये |
ऐसे कुछ व्यक्तियों की पहचान उत्तर भारत में भी हुई है और उनके सहयोगियों का पता किया जा रहा है और क्रिया कर्म भी शीघ्र ही होगा किन्तु अभी थोडा छानबीन चल रही है ताकि एकसाथ काफी नुक्सान इन्हें पहुचाया जाए |

अंततः अमोल बंधू मेरे विचार में आप हर विषय को काफी तुलनात्मक दृष्टि से देखते हैं जो विषय को जीवंत बना देता है | मुझे आपके अगले उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी |

Last edited by amit_tiwari; 10-12-2010 at 10:48 AM.
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Old 10-12-2010, 10:48 AM   #12
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क्या बात है भाई इतनी रात को बैठ कर आर्टिकल लिख रहे हो
कहीं वो वाली साईट तो नहीं खोल रखी है
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
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Old 10-12-2010, 11:01 AM   #13
amit_tiwari
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Originally Posted by ndhebar View Post
क्या बात है भाई इतनी रात को बैठ कर आर्टिकल लिख रहे हो
कहीं वो वाली साईट तो नहीं खोल रखी है
ये असल में बंधू आर्टिकल नहीं स्पीच थी जो पिछले माह एक मल्टीमीडिया संसथान के समारोह के लिए लिखी थी, बस मित्रों से बांटने का मन किया तो यहाँ हिंदी में अनुवाद करके चिपका दी |

दिन और रात की बात आईटी+आउट्सोर्सिंग वाले से ? राम राम राम कलियुग पक्का टपक गया है |
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Old 10-12-2010, 11:07 AM   #14
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देश मे जितने भी घोटाले अभी तक हुये है, उन सब को एक साथ जोड़ दिया तब भी ये मुद्दा उन सब पर दस गुणा भारी पड़ेगा, क्योंकि घोटालो मे तो धन की हानि होती है, जो पूरा किया जा सकता है, मगर यह तो पूरे समाज और संस्कृति को तबाह कर रहा है।
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Old 10-12-2010, 11:13 AM   #15
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Originally Posted by amit_tiwari View Post
क्या मेरे किसी शब्द से आपको लगा कि मैंने वयस्क शिक्षा प्रदान करने वाली साईट कि बुरे की? भाव समझिये, मैं शब्दों को अति संतुलित और सामान्य रखना चाहता हूँ ताकि सभी को पढने में सुगम लगे, इस छिपी हुई बुराई को मैं कमरों से निकाल कर ड्राइंग रूम में लाना चाहता हूँ और उसके लिए आप जैसे जागरूक युवाओं की आवश्यकता है |


मैं आपके इस प्रयास का स्वागत करता हूँ. आईये चर्चा को आगे बढ़ाते है.
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Old 10-12-2010, 11:17 AM   #16
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अभी जरा एक ठो क्लाइंट से निपट लूँ
फिर मिलता हूँ
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Old 10-12-2010, 11:20 AM   #17
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Originally Posted by arvind View Post
देश मे जितने भी घोटाले अभी तक हुये है, उन सब को एक साथ जोड़ दिया तब भी ये मुद्दा उन सब पर दस गुणा भारी पड़ेगा, क्योंकि घोटालो मे तो धन की हानि होती है, जो पूरा किया जा सकता है, मगर यह तो पूरे समाज और संस्कृति को तबाह कर रहा है।
सत्य वचन |

एक बात जो मैं व्यक्तिगत रूप से जोड़ना चाहूँगा कि इसके लती तब tak अपराधी नहीं हैं जब तक इसके दुष्प्रभाव ना समझें, अपनी नव्युवावस्था में मुझे भी सभी कि तरह एक समय चस्का लगा हुआ था किन्तु नियमित काउंसिलिंग और व्यक्तिगत संयम से इस आदत पर काफी लम्बे समय पहले काबू पाया | किसी कुचक्र में पड़ना उतना गलत नहीं है जितना उसकी हानियाँ समझ कर भी पड़े रहना है |
प्रयास करें, संयम रखें थोडा सा प्रयत्न करें फिर देखें कैसे आप इससे ऊपर उठेंगे और यदि मेरे एक भी शब्द का विश्वास कर सकें तो मैं वचन दे सकता हूँ की आप अपने को अधिक मुक्त, स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा हुआ पाएंगे |
संयम ही तो हर सफलता की कुंजी है, योग ध्यान, तपस्या बस संयम के ही अलग अलग नाम हैं, एक बार प्रयास करिए और चमत्कारिक फल पाएंगे |
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Old 10-12-2010, 11:20 AM   #18
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[QUOTE=amit_tiwari;29298]वार्निंग को किसने आज तक देखा ? रोड पे धीरे चलने का संकेत होता है फिर भी एक्सीडेंट होते हैं, सिगरेट पर ना पीने के संकेत होता है किन्तु फिर भी कैंसर होते हैं पी पी के |[QUOTE]

बहुत सही बात कही है आपने, ना हम रोड पर चलना छोड़ सकते है और ना ही सिगरेट पीना. वैसे ही कुछ लोग है जिनको मज़ा आता है इस तरह के websites पर तो यह उनकी मर्ज़ी है. सबको पता रहता है सिगरेट पीके जल्दी मर जायेंगे लेकिन फिर भी पीते है. जिस तरह संसार से सिगरेट को गायब नहीं कर सकते वैसे ही इन्टरनेट पर इस तरह के वेबसाइट हमेशा ही रहेंगे. और यह हरेक individual पर depend करता है की वो इसे देखे के ना देखे. जैसे की सिगरेट पिए की ना पिए.
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Old 10-12-2010, 11:25 AM   #19
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हर एक प्रतिभागी अपराधी है उस गिरोह को पालने का जो ये सब कराते हैं |
आखिर ऐसा जघन्य कार्य करने वाले किसी मंदिर के पुजारी तो नहीं होते? ये एक जगह से निकला पैसा, पाइरेसी में लगता है, पाइरेसी के लिए अन्य अपराधियों का सहारा लिया जाता है इस प्रकार से यह एक कुचक्र चलाता है |

तो ऐसे मामले में हम लोग james बोंड की तरह तो नहीं बनकर उनको पकड़ तो नहीं सकते. केवल हम लोगो के हाथ में इतना ही है की हम इस तरह के वेबसाइट कभी भूल कर भी ना visit करे और अपने मित्रो और रिश्तेदारों को भी आगाह करते रहे.
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Old 10-12-2010, 11:29 AM   #20
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मैं पुनः उसी आंकड़े को दोहराना चाहूँगा कि हर रोज़ एक बलात्कार हो रहा है
यह stat कुछ समाज में नहीं आया, मेरे पास जो डाटा है.

Quote:


According to the data compiled by the National Crime Record Bureau (NCRB), a total of 20,737 rape cases were registered in 2007 against 19,384 in 2006, while the figure was 18,359 in 2005 and 18,233 in 2004 against 15,847 in 2003.

The data tabled in Parliament pointed out that the maximum number of cases were registered in Madhya Pradesh and West Bengal.

Madhya Pradesh had 3,010 rape cases in 2007 against 2,900 in 2006. West Bengal accounted for 2,106 rape cases in 2007 against 1,731 in 2006.

While the number of such crimes was on the rise in almost all states, Delhi has witnessed a reverse trend in the past two years.
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