30-01-2015, 11:51 PM | #11 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
Pyar se bhadhkar duniya mai kuch bhi to nahi.....pyar hai to hum har mushkil se lad jate hai....pyar saath hai to sara jaha humare kadmo mai hai...
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31-01-2015, 02:15 AM | #12 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
[QUOTE=Pavitra;547731][SIZE="3"]एक अच्छा विषय हमारे बीच रखने के लिये सबसे पहले तो आपका आभार - अब बात आपके प्रश्न की कि पैसा या प्यार ......
.बहुत बहुत धन्यवाद पवित्रा जी ,... आपने बहुत अच्छे तर्क रखे हैं आपकी बात सही है जीवन के लिए धन जरुरी है पैसा जरुरी है .. और खासकर के आज के इस युग में पैसा नही तो इंसान का जीवन नर्कतुल्य बन जाता है ... किन्तु आज अक्सर हम समाज में देख रहे हैं की अब न रिश्तों का मान रहा है न प्यार का स्थान रहा है और मानव समाज अंध सा बन गया है पैसे के लिए अब घर का खर्च बचाने के लिए लोग बूढ़े माँ बाप को vridhdhasharam में भेज देते हैं भूल जाते हैं की उन्ही माँ बाप की वजह से आज वें जो कुछ हैं वो हैं . उनके दुःख को ये लोग नही समझते. , दूजे अब हरकोई ऐश आराम के लिए कही से भी पैसा जमा करना चाहता है जिससे अगाथ मेहनत करते करते आपने परिवार को समय नही दे पाता जिससे समाज मे कई समस्यायों ने जन्म लिया है. बीवी को पति का साथ नही मिलता जो तलाक जैसी समस्या को बढ़ावा देता है बच्चों को बाप का प्यार नहि मिलता, जिससे बच्चे बिगड़ रहे हैं . जिस बच्चे के भविष्य की चिंता के लिए माँ और बाप दोनों नौकरी करते है किन्तु बच्चे का बचपन कहाँ चला गया उनका उन्हें कोई ख्याल नही , बच्चा माँ पापा के साथ रहने के लिए एक- एक मिनिट के लिए तरसता है याने की आज पैसो की भाग दौड़ में एक nai समस्या ये भी उत्पन हुई है की समय न मिल पाने के कारन पति पत्नी , माँ, बच्चे, बाप बेटे के संबंधों में दरार की वजह से तलाक बढ़ रहे है समाज में , बच्चे गलत रस्ते अपना रहे हैं समाज में . और इन्सान खुद इतना थक रहा है की नींद की दवाई के बिना सो नही पाता, याने मेरा कहने का अभिप्राय ये है की पैसा बुरा नही किन्तु जबतक एक लिमिट में उसके पीछे भागा जाय पैसा हमारे जीवन की आवश्यकतायें पूरी करता है. पर प्यार और रिश्ते की भी उतनी ही जरुरत है आज समाज में हरेक परिवार को . दोनों एक दूजे के पूरक हैं पर जहा अधिकता आइ वहाँ से ही सत्यानाश शुरू ... Last edited by soni pushpa; 31-01-2015 at 02:18 AM. |
31-01-2015, 02:25 AM | #13 | |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
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03-02-2015, 02:32 PM | #14 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
सोनी पुष्पाजी आपने बहुत अच्छा टॉपिक चुना है ,इस के लिए आपको धन्यवाद। पैसा और प्यार दोनों ही इंसान के जीवन में बहुत महत्त्व रखते हैं ,लेकिन आज का दौर पूरी तरह से दिखावे का हो गया है अगर आपके पास पैसा है समाज में आपकी अच्छी हैसियत है तो लोग आपको इज़्ज़त देते हैं, आपके रिश्तेदार आपसे प्यार जताते हैं , आपके बहुत सारे मित्र भी होते हैं। इस भौतिकवादी दुनिया में पैसा इंसान की ज़्यादातर ज़रूरतें पूरी करने के लिए बहुत ज़रूरी है ,और ये तब महसूस होता है जब कुछ बीमार लोग सिर्फ इसलिए दम तोड़ देते हैं क्योंकि उनके पास इलाज के लिए पैसा नहीं होता ,होनहार विद्यार्थी अच्छी शिक्षा नहीं ले पाते ,पैसे का महत्व उन माँ-बाप से पूछिए जिनका बच्चा एक छोटे से खिलोने के लिए ज़िद्द करता है और वो दिला नहीं पाते। पैसा ख़राब तब होता है जब इंसान लालची होकर अपनी ज़रूरतों से ज़्यादा पैसा कमाने के लिए भागता है और उसका उपयोग अय्याशियों के लिए किया जाता है।
अब बात प्यार की तो प्यार के बिना तो हम इस दुनिया की कल्पना ही नहीं कर सकते। ये दुनिया प्यार के ऊपर ही टिकी हुई है। प्यार तो हर रिश्ते की नींव होती है ,हम परिवार में सबके साथ रहते हैं और प्यार के बिना साथ रहना असंभव है। प्यार तो इंसान को इंसानियत सिखाता है ,प्यार के बिना इंसान जानवर जैसा है। |
03-02-2015, 08:52 PM | #15 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
जी कुकिजी आपने सही कहा है मैंने भी ये ही कहा की हाँ पैसा महत्वपूरण है जीवन के लिए बहुत जरुरी भी है आज हम एक कदम पैसे के बिना आगे नही बड़ा सकते किन्तु प्यार भी जरुरी है जीने के लिए पैसा और प्यार दोनों जीवन के पूरक अंग हैं . किन्तु जेइसा की आगे मैंने कहा की जहा एक को पूजना शुरू हुआ नही किसी एक को ज्यदा साथ दिया गया तो वही से सत्यानाश शुरू .
kuki जी इस बहस में भाग लेने और अपने अनमोल मंतव्य यहाँ देने के लिए मै आपकी अभारी हूँ . |
05-02-2015, 07:09 AM | #16 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
आज सुबह सुबह मेरी काली ज़बान पर / खाली दिमाग में एक बात आ गई...जो संयोग से ईस सुत्र के अनुलक्ष में थी।
प्यार 'एक' वस्तु है। जब कि पैसा-धन कोई एक वस्तु नही है। वह कई चीज, वस्तु, शौक, ज़रुरतें वगेरह प्राप्त करने के लिए उपयोगी है। वह एक वस्तु (प्यार) पर समय का प्रभाव कहीं-कहीं पर पड़ता है, लेकिन पैसे पर तो ब्याज मिलता रहेता है! हां एक बात है, आप महेनत कर के, धंधा-रोजगार-नौकरी कर के, भला-बुरा कर के, चोरी कर के, लोटरी में, कुछ भी कर के कम या अधिक...धन कमा सकते हो...प्यार तो नसीबवालों को ही नसीब है!
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05-02-2015, 04:14 PM | #17 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
[QUOTE=Deep_;547906]आज सुबह सुबह मेरी काली ज़बान पर / खाली दिमाग में एक बात आ गई...जो संयोग से ईस सुत्र के अनुलक्ष में थी।
प्यार 'एक' वस्तु है। जब कि पैसा-धन कोई एक वस्तु नही है। वह कई चीज, वस्तु, शौक, ज़रुरतें वगेरह प्राप्त करने के लिए उपयोगी है। वह एक वस्तु (प्यार) पर समय का प्रभाव कहीं-कहीं पर पड़ता है, लेकिन पैसे पर तो ब्याज मिलता रहेता है! आपकी अभारी हूँ दीप जी बहुत बहुत धनयवाद इस चर्चा में भाग लेने के लिए ... जी हाँ कई अमीरों को देखा है महफ़िलों में झूठा मुस्कुराते हुए क्यूंकि उनके पास पैसा तो है किन्तु कोई एइसा अपना नही जो सच्चे मन से उन्हें प्यार देता हो फिर चाहे वो कोई भी रिश्ते का प्यार क्यों न हो एइसे भी dukhi लोग हैं दुनिया में . |
05-02-2015, 09:19 PM | #18 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
धन्यवाद पुष्पा जी!
मेरी पहली बात भी नोट की जाए...की प्रेम एक ही वस्तु है जब के धन कई वस्तुओं को पाने को सक्षम है। जिसके पास प्रेम है वह अपने प्रेम को दिखाने की, जताने की कोशिश करता है। उसके पास अगर धन-दौलत नहीं है तो भी वह उसकी चिंता नहीं करता। उससे विपरित...जिसके पास धन-दौलत है वे अगर प्यार पाने में निष्काम भी हो जाए, दिल बहेलाने के निर्जिव साधन खरीद ही लेतें है। बात वहीं पर खत्म हो जाती तो ठीक था, लेकिन उसके बाद जो होता है...वह नहीं होना चाहीए। उसके बाद क्या होता है की धन दौलत वाला ईन्सान यह जताने की कोशिश करता है की उसके पास सब कुछ है। उसे प्रेम-स्नेह की कोई चिंता ही नही। दुनिया के चमकीले, रोशनीमय 'स्टेज' उन्हीं के पास है, सबकी नजर, सबके आकर्षण का केन्द वही बने रहेते है। और यह गलत 'मैसेज' सुपरहीट हो जाता है की प्रेम की किंमत कम है, धन दौलत ईत्यादि की अधिक।
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05-02-2015, 09:59 PM | #19 | |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
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दीप जी , प्यार पर भी ब्याज मिलता है.....किसी को प्यार दीजीये और फिर देखिये ताउम्र वो व्यक्ति ब्याज के तौर पर care , trust , love , life सब देता रहेगा ।
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05-02-2015, 10:18 PM | #20 |
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Re: पैसा----- या------ प्यार
[QUOTE=Pavitra;547925]दीप जी , प्यार पर भी ब्याज मिलता है.....किसी को प्यार दीजीये और फिर देखिये ताउम्र वो व्यक्ति ब्याज के तौर पर care , trust , love , life सब देता रहेगा ।[/Q
धन्यवाद दीप जी ,.... पवित्रा जी ने आपको इन शब्दों में सविस्तार समझा दिया , आशा है अब आप समझ गए होंगे .. बहुत बहुत धन्यवाद पवित्रा जी आपकी बात से मै १००% सहमत हूँ ... प्यार अपनापन एईसी भावना है जो असंभव को संभव कर देती है पैसा जीवन के लिए साधन है , जबकि स्नहे ,प्यार ,अपनापन ये भावनाए इंसान के लिए जीवन है. ये बात अब दीप जी मान गए होंगे . |
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