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Old 20-11-2010, 03:53 PM   #11
arvind
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Chapter-7

जैसे जैसे रोबर्ट क्यूरेटर के शव की तरफ बढ़ रहे थे उन्हें अपने अंदर एक सर्दी की लहर सी महसूस हो रही थी | उन्होंने चित्र में देखा था किन्तु फिर भी सामने ये सब देखना अधिक भयावह था | रोबर्ट समझ नहीं पा रहे थे कि अपने जीवन के आखिरी पल क्यूरेटर ने खुद को इस प्रकार करने में क्यूँ बिताया |
रोबर्ट शव के ठीक बगल में खड़े देख रहे थे ! ये मेरे जीवन का सबसे विचित्र दृश्य है | क्यूरेटर ने खुद को गैलरी कि लम्बाई मने लिटाया था और अपने शरीर पर कपडे का एक वर्ग इंच टुकड़ा भी नहीं छोड़ा था | क्यूरेटर अपनी उम्र के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति थे और उनकी सभी माशपेशियाँ एकदम सपाट हो चली थीं | उन्होंने अपने हाथ और पैर उड़ने जैसी हालत में फैलाए हुए थे जैसे किसी बच्चे को स्नो एन्जिल बनाने के लिए करते हैं | ठीक पसलियों के नीचे एक छोटा सा छेद था जो कि गोली से बना था | अपेक्षाकृत रूप से घाव काफी छोटा था | क्यूरेटर के बाएं हाथ की तर्जनी ( सबसे छोटी उंगली ) खून में भीगी हुई थी | इसी उंगली को पेन की तरह अपने घाव में डुबो कर खून को स्याही के रूप में प्रयोग करके अपने पेट पर पांच कोनों वाला सितारा बनाया था | " इसे पेंटाकल कहते हैं | " रोबर्ट धीरे से बुदबुदाए | " प्रथ्वी के सबसे प्राचीन चिन्हों में से एक, इसे ईसा से भी चार हज़ार साल से प्रयोग किया जा रहा था "
" और इसका क्या अर्थ है " कैप्टन ने स्वाभाविक सा प्रश्न किया | रोबर्ट ने इस प्रश्न पर काफी असहज अनुभव किया, जैसा कि उन्हें हमेशा अनुभव होता था जब भी कोई उनसे किसी चिन्ह का अर्थ पूंछता था | प्रत्येक चिन्ह का अलग अलग परिस्थिति में अलग अर्थ होता है जैसे एक स्वास्तिक के चिन्ह का भारतीय सभ्यता में अर्थ धार्मिक होता है जबकि यूरोप में यही चिन्ह हिटलर और उसकी क्रूर नीतियों कि याद दिलाता है | एक निश्चित चिन्ह अमेरिका में नस्लवादी होने का पर्याय है किन्तु स्पेन में वही धार्मिक महत्त्व का है |
" भिन्न भिन्न परिस्थितियों में इसके भिन्न अर्थ होंगे | " रोबर्ट ने सीधा सा उत्तर दिया | " मूलतः यह पैगन पूजा से सम्बंधित है "
" तंत्र मन्त्र ? " कैप्टन ने समझते हुए प्रश्न किया |
" नहीं नहीं बिलकुल नहीं " रोबर्ट ने तुरंत ही कैप्टन को टोका, रोबर्ट ने महसूस किया कि उन्हें शब्दों का चयन सावधानी से करना होगा | इस समय पैगन पूजा को अघोरपंथियों से जोड़ कर देखा जाता है जिससे इसका सीधा अर्थ तंत्र मन्त्र या शैतान पूजा लगाया जाता है जो कि इसका एकदम गलत अर्थ है |
" यह पांच कोने वाला सितारा या पेंताकल ईसा से प्राचीन चिन्ह है और जब मैं कहता हूँ कि इसका सम्बन्ध पैगन पूजा से है तो मेर अर्थ है कि प्रकृति पूजा करने वाले, जो ईश्वर कि स्त्री, पुरुष शक्तियों के रूप में पूजा करते हैं | " रोबर्ट ने अपनी लाइन पूरी की |
" क्यूरेटर के पेट पर जो चिन्ह बना हुआ है यह प्रकृति उपासकों के लिए स्त्री का परिचायक है, इसका अर्थ हुआ कि यह आदि स्त्री शक्ति या दैवीय स्त्री को दर्शाता है " रोबर्ट ने अपनी बात को अधिक स्पष्ट करते हुए कहा |
" तो क्यूरेटर ने मरने से पहले अपने खून से अपने पेट पर देवी का निशान बनाया " कैप्टन ने आश्चर्य प्रकट किया |
रोबर्ट को भी स्वयं यह अजीब लग रहा था किन्तु इस समय वह इस सबका कोई और अर्थ निकालने की स्थिति में नहीं थे | " यदि एकदम सटीक अर्थ में देखें तो पांच कोनों वाले इस सितारे का सम्बन्ध शुक्र गृह ( वीनस ) से है जो की स्त्री की सुंदरता व प्रेम का परिचायक है | इसी कारण से शुक्र गृह को प्रत्येक प्राचीन सभ्यता में प्रेम, पूर्णता व काम का प्रतीक माना गया है | " रोबर्ट ने अपनी बात को और भी अधिक स्पष्ट किया |
कैप्टन रोबर्ट की इस व्याख्या से दुविधा में पड़ गए | उन्हें तांत्रिक पूजा वाली व्याख्या ज्यादा सुहा रही थी | कैप्टन की असमंजस वाली मनोस्थिति देख कर रोबर्ट ने शुक्र गृह की देवी उपासना व आधुनिक विश्व के साथ इसके सम्बन्ध वाली पूरी व्याख्या करना उचित नहीं समझा |
रोबर्ट को अपने छात्र जीवन का वह समय याद आया जब उन्होंने जाना की कैसे शुक्र ग्रह का पांच कोनों वाले सितारे के साथ व्यर्थ में ही सम्बन्ध नहीं बिठाया जाता | प्रत्येक आठवें वर्ष में शुक्र ग्रह के चारों ओर सितारों का एक समूह सटीक पांच कोनों वाले सितारे की आकृति बनाता है | प्राचीन सभ्यताओं ने शुक्र की इस अद्वितीय विशेषता को पहचाना और उससे अभिभूत होकर उसे पूर्णता, सुंदरता, प्रेम और काम का प्रतीक बनाया | प्राचीन ग्रीकों ने शुक्र के प्रति अपना सम्मान जताते हुए इसके आठ वर्षों के चक्र पर आधारित अपने खेल आयोजित करने शुरू किये जो आजकल ओलम्पिक खेल कहे जाते हैं | बहुत कम लोगों को पता है की ओलम्पिक खेलों का प्रति चार वर्षों में होना शुक्र के आठ वर्षों के अर्ध चक्र का प्रतीक है |
इससे भी कम लोग जानते हैं की यही पांच कोनों वाला सितारा ओलम्पिक खेलों का आधिकारिक चिन्ह बनने जा रहा था किन्तु अंतिम समय पर कोनों को गोलों से प्रतिस्थापित कर दिया गया और इस प्रकार ओलम्पिक खेलों का आधुनिक चिन्ह सामने आया जो की शुक्र ग्रह से ही सम्बंधित है | कुछ लोग इसे पांच महाद्वीपों से सम्बंधित मानते हैं जो की पूरी तरह से गलत है |
" किन्तु यह चिन्ह तांत्रिक पूजा से ही सम्बंधित है | आपकी अमेरिकन फिल्मों में ही मैंने देखा है | " कैप्टन का दिमाग अभी भी रोबर्ट के तर्कों को पचा नहीं पा रहा था |
रोबर्ट ने भुनभुनाते हुए होलीवुड फिल्मों को कोसा और कहा " मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस सितारे का पूल अर्थ वही है जो मैंने आपको बताया किन्तु इस अर्थ को सदियों के समय के दौरान काफी बिगाड़ा गया और तंत्र मन्त्र से इसका सम्बन्ध एकदम निराधार है "
" और क्यूरेटर ने जो अपने हाथ पैरों को इस प्रकार फैलाया है उसका क्या अर्थ है " कैप्टन अभी भी अनिश्चित थे |
" यह प्राचीन देवी का प्रतीक है "
" मैं समझा नहीं " कैप्टन की फौजी बुद्धि ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे |
" इस प्रकार से हाथ पैरों को विशेष स्थिति में रखने का अर्थ है पूर्णता जो की फिर से शुक्र ग्रह और प्रकृति देवी की तरफ इशारा करता है " रोबर्ट ने बोलना जारी रखा " एक चिन्ह के साथ दूसरे का प्रयोग करने का अर्थ है अपनी बात को मजबूती के साथ कहना "
" और अपने कपडे उतारने का अर्थ ? " कैप्टन ने प्रश्न दागा |
अच्छा सवाल ! रोबर्ट की बुद्धि ने यही खुद से कहा | वो खुद भी फोटो देखने के समय से सोच रह थे | " शायद यह भी शुक्र ग्रह की तरफ ही इशारा है, क्यूंकि शुक्र काम का प्रतीक है इसलिए नग्नता उसी का प्रतीक है " रोबर्ट ने अंदाज़ा लगाया |
" और खून का प्रयोग ? " कैप्टन ने कहा |
" क्यूंकि उनके पास और कुछ लिखने को नहीं था " रोबर्ट ने पुनः कहा |
" मैं ऐसा नहीं मानता ! " अब कैप्टन की बारी थी " वो अदृश्य स्याही वाला मार्कर देखिये ! वो क्यूरेटर के हाथ में था जब हम लाश के पास में आये "
अदृश्य स्याही वाले मार्कर म्यूज़ियम स्टाफ द्वारा प्रयोग किये जाते हैं जो कि नीली रौशनी वाली चमकीली लाईट छोड़ते हैं और इसे मात्र अँधेरे में देखा जा सकता है, प्रकाश में यह अदृश्य रहती है |
" हम लोग अँधेरा करके क्रिमसन टोर्च में खून के धब्बे और फिंगरप्रिंट ढूंढ रहे थे किन्तु जो दिखा उसने हमें आपको बुलाने पर मजबूर कर दिया " कैप्टन ने कहा और अपनी लाइन पूरी करते करते हाल कि अकेली लाईट को बुझा दिया |
इस अचानक हुए अँधेरे से रोबर्ट चौंक गए किन्तु जैसे ही उन्होंने अँधेरे में क्यूरेटर के शव को देखा उनका दिल सीने से उछल कर बाहर आने को हुआ " ये क्या बला है ? " रोबर्ट ने डरते हुए कहा |
" इसी सवाल का जवाब ढूँढने के लिए तो आपको बुलाया है " कैप्टन ने अपना वाक्य पूरा किया |

उधर क्यूरेटर के ऑफिस में लेफ्टिनेंट कोलेट ने प्रवेश करते हुए अपने इअरफोन के वोल्यूम लेवल को अडजस्ट किया और क्यूरेटर के ऑफिस के एक कोने में रखे हुए सैनिक के पुतले कि तरफ देख कर मुस्कुराए |
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Old 20-11-2010, 03:56 PM   #12
arvind
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Chapter-8

सेंट सल्पिस चर्च के दूसरे फ्लोर के बायीं ओर का हिस्सा चर्च कि देखरेख करने वाले के लिए घर का कार्य करता है | मार्बल से सजा २ कमरों का यह हिस्सा सिस्टर सैन्द्रिन के लिए पिछले दस वर्षों से घर हो गया है | चर्च के ही पास में उनका अपना घर भी है किन्तु चर्च की देखरेख का जिम्मा उन्ही का है जिसमें चर्च की सुरक्षा, आगंतुकों के लिए गाइडों कि व्यवस्था, अन्य स्टाफ की भर्ती, चर्च की रात में सुरक्षा इत्यादि और इसी सब की देखरेख के लिए वे चर्च में ही रहना पसंद करती थीं | चर्च का शांत माहौल उन्हें एक अलग सुकून देता है |
छोटे से बेड में सोते हुए अचानक सिस्टर सैन्द्रिन की नींद फोन की घंटी से खुलती है | फोन उठाते ही घबराई हुई आवाज़ उनके कानों में पड़ती है " सिस्टर सैन्द्रिन ? "
" क्या वक्त हुआ ! " सिस्टर ने जागते हुए मन में सोचा, वो अपने बॉस की आवाज़ अच्छी तरह से पहचानती है | पिछले दस वर्षों में उन्होंने कभी रात में नहीं जगाया |
" सिस्टर इतनी रात गए आपको जगाने के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ | मुझे अभी अभी एक अमेरिकन बिशप का फोन आया है और उन्होंने एक सहायता मांगी है | आप शायद उन्हें जानती होंगी, बिशप मैनुएल एरिन्गोरिसा | " दूसरी तरफ से आवाज़ आई |
सिस्टर सैन्द्रिन ने चौंकते हुए कहा " हाँ ज़रूर ! चर्च से जुड़ा हुआ ऐसा कौन व्यक्ति होगा जो उन्हें नहीं जानता, बिशप एरिन्गोरिसा ओपस देई के अध्यक्ष हैं | "
एरिन्गोरिसा ने ओपस देई को अपने कार्यकाल में काफी प्रभावशाली बना लिया था और पिछले वर्ष ही चर्चा उठी थी कि उन्होंने वेटिकन चर्च को एक बिलियन डालर की रकम भेंट में दी है |
फोन से पुनः आवाज़ आई " बिशप ने कहा है कि उनका एक मेहमान आज रात पेरिस में है और . . ."
तभी सिस्टर ने टोकते हुए कहा " आप यह कहना चाहते हैं कि बिशप का वह खास मेहमान चर्च देखने के लिए दिन का इन्तेजार नहीं कर सकता "
" मैं खुद अनिश्चय में हूँ किन्तु बिशप की ऐसी ही मांग है | उनके मेहमान को सुबह काफी जल्दी पेरिस ने चला जाना है इसलिए वह रात में ही चर्च देखना चाहते हैं| " फोन करने वाले ने कहा |
" लेकिन चर्च दिन में ज्यादा सुन्दर लगता है, जब सूरज की किरणे इसकी संगमरमर कि ईमारत को चमका देती हैं | इसलिए ही यह चर्च प्रसिद्द है | " सिस्टर ने जिद सी की |
" मैं जानता हूँ किन्तु फिर भी मैं इसे व्यक्तिगत रूप से चाहूँगा कि आप उनके मेहमान को रात में ही देख लेने दें | "
" ज़रूर, मुझे खुशी होगी | " सिस्टर ने मजबूर होकर कहा |
" ठीक है, वो चर्च तक १ बजे पहुँच जायेंगे, बस बीस मिनट बाद " कहते हुए फोन कट गया |
ओपस देई के मेहमान के आने कि खबर ने सिस्टर को काफी कुछ सोचने पर विवश कर दिया था | बाकी पोप से जुड़ी संस्थाएं जहां नारी अधिकारों के प्रति जाग्रत हो रही थीं, वहीँ ओपस देई अभी भी पुराने ख्यालों वाली संस्था थी | इसमें महिला अनुयायियों को पुरुष अनुयायियों के कमरे साफ़ करने होते थे, जहां पुरुष चटाई पर सोते थे वहीँ महिलाओं को जमीन पर सोना होता था | यह सब भेदभाव उस " मूल पाप "के प्रायश्चित के नाम पर होता था |
सिस्टर की छठी इंद्री उन्हें किसी भावी खतरे का आभास करा रही थी | ये छठी इंद्री है या स्त्रियों को होने वाली सहज अनुभूति या उस साहसिक कदम का पुरुस्कार जिसे मूल पाप कहा जाता है |
__________________________________
मूल पाप : कहते हैं संसार में सबसे पहले आदि पुरुष और आदि स्त्री का जन्म हुआ था जिसमे पुरुष का नाम एडम और स्त्री का इव था, कहानी के अनुसार ईश्वर के दिए ज्ञान के फल में से इव ने पहला टुकड़ा खा लिया था | इसे एडम की अपने कर्तव्य के प्रति अक्षमता के रूप में लिया गया और इव का दोष था कि उसने पहले ज्ञान प्राप्त कर लिया | इसी को मूल पाप या ओरिजिनल सिन् कहा जाता है | इसी पाप के प्रायश्चित स्वरुप पुरुषों का बैप्तिस्म किया जाता है और स्त्रियों को पुरुषों के सारे काम करने चाहिए ताकि उनकी गलतियों का प्रायश्चित हो सके |

Last edited by arvind; 20-11-2010 at 04:03 PM.
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Old 20-11-2010, 07:25 PM   #13
munneraja
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आपकी मेहनत पर अभी मैं कुछ लिखने में असमर्थ हूँ अनुज
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Old 21-11-2010, 06:54 AM   #14
amit_tiwari
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अरविन्द बंधू का कहें अब हमने तो सपने में भी नहीं सोचा था की किसी ने इसे सुरक्षित भी किया होगा और वो भी शब्द दर शब्द ...
शायद इसी प्रेम ने दुबारा विवश किया है की इसे पूरा लिखे |
दो माह पहले इस उपन्यास की आधार भूमि लुव्र म्यूजियम जाने का अवसर मिला था और शायद वह की कुछ तस्वीरें भी हैं जिन्हें उपर्युक्त स्थान पर लगाता चलूँगा |

एक बार फिर से आपके प्रेम के लिए धन्यवाद अरविन्द भाई,
अमित
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Old 21-11-2010, 08:13 AM   #15
ndhebar
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मैं एक बार फिर इंतज़ार में हूँ
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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Old 21-11-2010, 09:03 AM   #16
khalid
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आपकी मेहनत पर अभी मैं कुछ लिखने में असमर्थ हूँ अनुज
वाकई अरविन्द भाई और अटल भाई दोनो के मेहनत को सलाम मेरे तरफ से
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Old 21-11-2010, 09:22 PM   #17
amit_tiwari
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लुव्र म्यूजियम की कुछ यादें :

फ़्रांस की राजधानी में बना यह म्यूजियम इतना भव्य और आलिशान है की शब्दों में वर्णन करना असंभव है | एक भारतीय होने के नाते सबसे ज्यादा तो हर चीज का व्यवस्थित होना ही सुहाता है अन्यथा अपने यहाँ तो हर दर्शनीय स्थल के आसपास आगंतुकों को लूटने वालों का गिरोह ही अधिक दीखता है |
म्यूजियम मंगलवार के अतिरिक्त हर दिन खुलता है और इसमें काफी सारे अलग अलग हाल हैं | यूरोपीय अवशेषों के अतिरिक्त विश्व के अलग अलग हिस्सों से लायी चीजें भी सुरक्षित हैं जैसे अरब गैलरी का अलग से होना | भारतीय उपमहाद्वीप से आये दर्शक प्रायः नाक भौं सिकोड़ते मिल जाते हैं क्यूंकि अधिकतर मूर्तियाँ और चित्र ना सिर्फ नग्न हैं अपितु उनमें मानव देह के सौन्दर्य का स्वतंत्र और गर्वित चित्रण किया गया है |
शेष चलते चलते...
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Old 22-11-2010, 02:49 PM   #18
arvind
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Chapter-9

गैलरी में रोबर्ट अपनी आँखें क्यूरेटर के उस आखरी सन्देश से हट ही नहीं रही थीं जो अब अँधेरे में नीली रोशनी में चमक रहा था

13-3-2-21-1-1-85
O, Draconian devil!
Oh, lame saint!

अब रोबर्ट को समझ में आ रहा था कि क्यूँ कैप्टन बार बार तंत्र मन्त्र की तरफ सोच रहे थे | क्यूरेटर ने स्वयं शैतान की पूजा कि तरफ इशारा किया था ऐसे में कैप्टन का सोचना गलत नहीं था | उतना ही अजीब संख्याओं की श्रंखला है | " यह तो कोई गुप्त कोड लगता है " रोबर्ट ने कहा |
" हमारे विशेषज्ञ इस पहेली पर पहले से कार्य कर रहे हैं | हमारे अनुसार इस पहेली में ही उस व्यक्ति का नाम छिपा है जिसने क्यूरेटर कि हत्या की है | " कैप्टन ने अपना विचार बताया |
इन अंकों का यदि कोई अर्थ है भी तो इसे निकालने में घंटों लगेंगे | रोबर्ट ने मन में सोचा | ये अंक बिखरे हुए थे, इनमें कोई क्रम नहीं दिख रहा था | एक बार फिर से चमकते सन्देश को देखते हुए रोबर्ट ने सोचा |
अपने लंबे अनुभव के द्वारा रोबर्ट चीज़ों और घटनाओं में छुपे हुए चिन्ह पढ़ने के अभ्यस्त हो गए थे किन्तु यहाँ सब बिखरा हुआ था | पांच कोनों वाला तारा, क्यूरेटर का नग्न होकर मारना फिर ये शैतान कि तरफ इशारा और अब ये अंक पहेली | कुछ भी बुद्धि में नहीं आ रहा था |
तभी कैप्टन की कड़क आवाज़ से रोबर्ट की तन्द्रा टूटी | " आप किसी प्रकार कि देवी की पूजा का ज़िक्र कर रहे थे, यह सन्देश उस सबमें किस प्रकार से फिट बैठता है ? "
रोबर्ट जानते थे कि कैप्टन का प्रश्न सही था किन्तु उनके पास भी इसका कोई उत्तर नहीं था |
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Old 22-11-2010, 02:59 PM   #19
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Chapter-10

O, Draconian devil!

" यह लाइन किसी पर दोष देती हुई नहीं लगती ? " कैप्टन ने रोबर्ट को घूरते हुए कहा|
रोबर्ट ने क्यूरेटर के दृष्टिकोण से सोचा कि गैलरी में अकेले बंद, गोली के घाव से रिश्ता खून, सामने खड़ी मौत, " ऐसी मनोस्थिति में निश्चित ही वह अपने हत्यारे पर आरोप लगाएंगे, मैं सहमत हूँ " रोबर्ट ने असमंजस में कहा |
" और मेरा कार्य निश्चित ही इस आरोपी का नाम ढूँढना है " कैप्टन ने कहा " आपको क्या लगता है, इस आरोप के अतिरिक्त और कुछ अजीब है ? "
" अजीब ? यहाँ सामान्य क्या है ? एक इतना वृद्ध व्यक्ति जो कि अपने ज्ञान के लिए विश्वविख्यात है, अपने जीवन के अंतिम पलों में अपने सारे कपडे उतार कर स्वयं को एक विचित्र स्थिति में लिटा कर अपने पेट पर एक पाँच हज़ार साल पुराना चिन्ह बनाता है और अदृश्य स्याही से एक अंक पहेली और एक सन्देश छोड़ता है | इससे अजीब क्या हो सकता है " रोबर्ट ने खिसियाते हुए धीरे से कहा |
" और यह शब्द ड्रेकोनियन क्या अर्थ रखता है " कैप्टन ने पूँछा |
रोबर्ट को इस शब्द से ड्रेको नाम का सातवी सदी ईसा पूर्व का एक कुप्रसिद्ध राजनीतिज्ञ याद आया किन्तु यह शब्द इस परिस्थिति के लिए बड़ा अजीब था |
" क्यूरेटर फ्रेंच थे, आजीवन फ़्रांस में रहे किन्तु उन्होंने अपना अंतिम सन्देश . . . " कैप्टन ने अपना संदेह प्रकट किया |
" . . . अंग्रेजी में लिखा ? " रोबर्ट ने कैप्टन की लाइन पूरी की |
" हाँ यही ! कोई आईडिया इस बारे में ?! " कैप्टन ने प्रश्न किया |
रोबर्ट को पता था कि क्यूरेटर त्रुटिरहित अंग्रेजी बोलते थे और इसका कोई दूसरा अर्थ नहीं हो सकता था कि उन्होंने अंग्रेजी में क्यूँ लिखा |
" इस पेंटाकल और यह पहेली आपको किसी प्रकार से जुड़ी हुई नहीं लगती ? " कैप्टन ने रहस्मयी आवाज़ में कहा |
" नहीं, मुझे कोई साम्य नहीं दिख रहा है " रोबर्ट ने कहा |
" और अब ? " यह कहते हुए कैप्टन ने क्रिमसन टोर्च को लम्बाई में जलाते हुए कहा जिससे लाश के थोडा और दूर तक का अदृश्य स्याही से बनाया दृश्य नज़र आने लगा |
रोबर्ट फिर से झटके से उछल पड़े | क्यूरेटर ने अदृश्य स्याही से अपने लेटने के स्थान के चारों ओर एक गोला सा खींचा था और उसके अंदर लेटे थे | अब माजरा साफ़ था | " यह तो Vitruvian Man है " रोबर्ट ने कहा " यह लियोनार्डो दाविंची कि प्रसिद्द पेंटिंग है | जिसमें दाविंची ने एक नग्न पुरुष को एक गोले के भीतर हाथ और पैर फैलाए दिखाया है, यह दाविंची की मानव शारीरिक संरचना कि सबसे सटीक अभिव्यक्ति थी और आजकल यह टीशर्ट, पोस्टर, माउसपैड हर जगह मिलती है | " इसे देखने के लिए इस थ्रेड की पहली पोस्ट पर जाएँ
अब तो क्यूरेटर कि मंशा साफ़ साफ़ दिख रही थी | अपने जीवन कि अंतिम साँसे इस वृद्ध पुरुष ने स्वयं को अपने पसंदीदा पेंटर कि प्रसिद्द पेंटिंग कि जीवित नक़ल बनाने में लगायीं |
" लेकिन क्यूँ ? " रोबर्ट ने खुद से पूँछा |
" मिस्टर रोबर्ट ! " कैप्टन ने टोका " आप जैसा व्यक्ति यह ज़रूर जानता होगा कि दाविंची का रुझान कला के रहस्यमयी तत्वों की तरफ काफी था | "
रोबर्ट पहले तो कैप्टन की कला के बारे में इतनी गहरी जानकारी से चौंके किन्तु फिर उन्हें आज रात में हो रही घटनाओं के आगे यह सामान्य बात ही लगी | यदि प्रश्न करने वाला एक इतिहास की जानकारी रखने वाला फौजी हो तो उत्तर देना सच में मुश्किल कार्य है | रोबर्ट ने अपने संस्मरणों में दाविंची कि याद को ताज़ा करने का प्रयास किया | लियोनार्डो दाविंची एक अद्वितीय पेंटर होने के साथ साथ एक समलैंगिक व प्रकृति उपासक थे और यह दोनों तत्व उन्हें कट्टर ईसाई तत्वों कि दृष्टि में अपराधी बनाते थे |
अपनी पेंटिंग में मानव शरीर का सटीक चित्रण करने के लिए उसका अध्ययन करना अनिवार्य था और इसके लिए दाविंची कब्रों से मुर्दे चुरा कर ले आते थे, अपने लेख और डायरी उलटे अक्षरों में लिखते थे जिससे उन्हें मात्र शीशे में देख कर ही पढ़ा जा सके | उन्हें विश्वास था कि उनके पास लोहे को सोने में बदलने कि शक्ति है और साथ ही वे किसी गुप्त विद्या से मृत्यु को टालने का दावा भी करते थे | उन्होंने अनगिनत नयी नयी किस्म और भीषण प्रहार करने वाले अस्त्र शस्त्र भी डिजाइन किये किन्तु वास्तव में कभी नहीं बना पाए |
ग़लतफ़हमी से ही शक उपजता है |
अपनी मस्तमौला जीवन शैली के कारण वे चर्च के निशाने पर रहते थे किन्तु साथ ही वे अद्वितीय चित्रकार भी थे और उन्होंने बहुत सारी ईसाई कलाकृतियां भी बनायीं किन्तु आस्था के कारण नहीं अपितु चर्च के कई बार आग्रह करने पर धन के बदले बनाई, आखिर वे ऐशोआराम के जीवन के आदी थे और धन भी कमाना था किन्तु साथ अपने विनोदी स्वाभाव से मजबूर दाविंची ने अपनी सारी पेंटिंग में अनगिनत रहस्य और पहेलियाँ छुपा दिए जो कि उनकी विचारधारा पर प्रकाश डालते हैं | मोनालिसा की मुस्कान उन अनगिनत पहेलियों में से एक उदाहरण मात्र है |
" मैं आपका पक्ष समझता हूँ किन्तु दाविंची ने वास्तव में कभी कोई तंत्र साधना नहीं की | " रोबर्ट ने कैप्टन को उत्तर दिया | " वे एक अध्यात्मिक व्यक्ति थे और उनकी विचारधारा कट्टर ईसाई पंथ और चर्च से मेल नहीं खाती थी किन्तु में कोई तांत्रिक नहीं थे | "
" तो फिर इस सबका क्या अर्थ है ? " कैप्टन ने कहा |
" क्यूंकि क्यूरेटर भी दाविंची के बड़े प्रशंसक थे अतः हो सकता है अपने अंतिम समय में अपनी कुंठा कि अभिव्यक्ति के लिए उन्होंने ऐसा कहा " रोबर्ट ने अनुमान लगाया |
" तो आपका अर्थ है कि क्यूरेटर ने इस सन्देश में चर्च को Draconian Saint कहा है " कैप्टन अब पूरी तरह चकरा चुके थे |
रोबर्ट का धीरज अब जवाब देने लगा था " देखिये कैप्टन ! आपने मुझे रात के बारह बजे बुला कर मुझसे क्यूरेटर के इस सन्देश पर अपना मत देने को कहा और मैंने दिया | बस !!! "
" मिस्टर रोबर्ट ! मैंने अपने कैरियर में सैकड़ों मौतें देखी हैं और मैं जनता हूँ कि जब किसी व्यक्ति कि हत्या होती है तो वह कोई अध्यात्मिक प्रवचन देने के स्थान पर अपने हत्यारे का नाम सभी तक पहुँचाना चाहता है | " कैप्टन ने भी कड़क उत्तर दिया | " मुझे विश्वास है कि क्यूरेटर ने यह सन्देश सबको यह बताने के लिए लिखा कि किसने उनकी हत्या की है | "
" लेकिन यह सन्देश ऐसा कोई इशारा नहीं कर रहा है " रोबर्ट ने कहा |
" नहीं कर रहा है ? " कैप्टन
" नहीं " रोबर्ट ने प्रतिउत्तर में गरजते हुए कहा |" आपने ही बताया कि जिसने भी क्यूरेटर को मारा उसे खुद क्यूरेटर ने अपने ऑफिस में बुलवाया था , इसका अर्थ हुआ कि वो उसे जानते थे, ऐसी हालत में वे पेंटिंग, अंकीय पहेली जैसे उलझाऊ कार्य करने के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम नहीं लिख देंगे ? "
" आपकी बात में दम है " कैप्टन ने मोनालिसा से भी अधिक रहस्यमयी मुस्कान में कहा | इस शाम से पहली बार कैप्टन के चेहरे पर मुस्कान आई थी और इसे क्यूरेटर के ऑफिस में बैठे लेफ्टिनेंट कोलेट ने भी महसूस कर लिया था जो कि अपने इयरफोन के माध्यम से कैप्टन और रोबर्ट की बातें सुन रहा था |
रोबर्ट को होटल से बुलवाने से एक घंटा पहले इसी म्यूज़ियम में अपने सारे एजेंटों को कैप्टन ने कहा था कि मुझे पता है कि किसने क्यूरेटर कि हत्या की है और मैं नहीं चाहता कि आपमें से किसी की गलती की वजह से मैं इस गिरफ्तारी से चूक जाऊं | सभी एलर्ट रहें | अभी तक सही चल भी रहा था | लेफ्टिनेंट कोलेट को कैप्टन के सबूत पर विश्वास नहीं हो रहा था किन्तु उसे टोकना बैल को मारने के लिए निमंत्रण देने से कम नहीं था |
कैप्टन के लिए यह गिरफ्तारी व्यक्तिगत रूप से आवश्यक थी |
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arvind is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2010, 03:02 PM   #20
arvind
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Chapter-11

रोबर्ट के साथ अपनी बात में कोई व्यवधान ना आये इसके लिए आज रात कैप्टन ने अपना मोबाइल भी बंद कर रखा था बस इक अत्याधुनिक दुतरफा वाकी टाकी उनके पास था जिसके द्वारा उनकी सारी बातें लेफ्टिनेंट सुन रहे थे ताकि हर बात का रिकोर्ड रहे | अचानक वाकी टाकी में से स्वर उभरा " सर ! "
कैप्टन का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा, वह निश्चित ही इस बात चीत में व्यवधान नहीं चाहते थे किन्तु उन्हें पता था कि बिना किसी महत्वपूर्ण कारण के लेफ्टिनेंट उन्हें नहीं टोकेगा | कैप्टन ने रोबर्ट से क्षमा मांगते हुए वाकी टाकी निकाला और " क्या हुआ ? क्या थोड़ी देर इन्तेजार नहीं कर सकते लेफ्टिनेंट ! "
" सॉरी सर, क्रिप्टोग्राफी डिपार्टमेंट से किसी को भेजा है " लेफ्टिनेंट ने डरते हुए कहा |
" क्या ? इतनी जल्दी ? " कैप्टन इस खबर से थोडा प्रसन्न भी हुए, लाश के पास मिली अंक पहेली की तस्वीरें उन्होंने तुरंत ही फ्रांसीसी क्रिप्टोग्राफी विभाग के पास भेजवा दीं थीं जिससे वे उसे हल कर सकें |
" लेकिन सर, वो अभी मिलने की जिद कर रहे हैं " लेफ्टिनेंट ने अपनी मुसीबत के बारे में बताया |
" उनसे कहो कि थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, मैं अभी आ के उनसे मिलूँगा | " कैप्टन ने आदेश देते हुए कहा |
किन्तु उत्तर में वाकी टाकी से महिला स्वर उभरा " सॉरी सर ! मैं क्रिप्टोग्राफी डिपार्टमेंट से एजेंट सोफी हूँ " लेफ्टिनेंट से वाकी टाकी छीन कर एजेंट ने कैप्टन से बात करना प्रारंभ किया |
एजेंट सोफी के नाम से कैप्टन के माथे पर शिकन आ गयी | क्रिप्टोग्राफी विभाग के इस नाम को कैप्टन एक बोझ से अधिक कुछ नहीं मानते थे | एजेंट सोफी क्रिप्टोग्राफी विभाग की इक भूल थी | ३२ वर्षीय युवा फ्रांसीसी लड़की जिसने क्रिप्टोग्राफी कि लन्दन में पढ़ाई की थी और फ़्रांस आते ही उसे क्रिप्टोग्राफी विभाग ने विभाग में महिलाओं की सहभागिता बढाने के उद्देश्य से भर्ती कर दी | कैप्टन इस नीति के प्रखर विरोधियों में से थे | कैप्टन के अनुसार महिलायें शारीरिक रूप से कमज़ोर होने के कारण सुरक्षा बलों में नहीं होनी चाहिए इसके अतिरक्त उनकी उपस्थिति पुरुष सहकर्मियों का ध्यान कार्य से हटाती है |
एजेंट सोफी के विषय में यह बात सही भी थी | ३२ वर्ष की इस कुँवारी क्रिप्टोग्राफी के सुनहरे घुंघराले बाल जो काँधे पर उसकी चाल के साथ कदमताल करते थे, विभाग के अन्य अधेडावस्था के धनी सहकर्मियों को पर्याप्त रूप से बहकाते थे |
कैप्टन की तन्द्रा वाकी टाकी पर पुनः लेफ्टिनेंट की आवाज़ सुन कर टूटा " सर मैं एजेंट सोफी को रोकने का बहुत प्रयास किया किन्तु वो नहीं मानी और आपसे बात करने के लिए आपकी तरफ आ रही हैं "
" कतई नहीं ! ये लड़की अपने बारे में क्या सोचती है " कैप्टन अब हत्थे से उखड चुके थे |
रोबर्ट को लगा जैसे कैप्टन को मिर्गी का दौरा पड़ा हो | तभी कैप्टन की सख्त शकल थोड़ी सी नरम हुई और नज़रें रोबर्ट के काँधे के पीछे जा लगीं | रोबर्ट ने पीछे मुड कर देखा तो एक सामान्य से अधिक सुन्दर लड़की मुस्कान के साथ खड़ी थी
" इस तरह आपको डिस्टर्ब करने के लिए माफ़ी चाहूंगी सर ! " एजेंट सोफी ने अपना परिचय देते हुए कहा |
रोबर्ट को इस रात में अब तक सबसे अच्छी चीज़ यही दिखी | बूढ़े कैप्टन, अँधेरी गैलरी और निर्जीव पेंटिंग्स के बीच इस सुन्दर लड़की का आना उन्हें अच्छा लगा |
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