02-10-2011, 06:04 PM | #11 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शस्त्री जी को गुदड़ी का लाल कहा जाता हे |
02-10-2011, 06:06 PM | #12 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
प्रस्तुत हैं कुछ उनसे समबन्धित कुछ प्रेरक प्रसंग॥
किसी गाँव में रहने वाला एक छोटा लड़का अपने दोस्तों के साथ गंगा नदी के पार मेला देखने गया। शाम को वापस लौटते समय जब सभी दोस्त नदी किनारे पहुंचे तो लड़के ने नाव के किराये के लिए जेब में हाथ डाला। जेब में एक पाई भी नहीं थी। लड़का वहीं ठहर गया। उसने अपने दोस्तों से कहा कि वह और थोड़ी देर मेला देखेगा। वह नहीं चाहता था कि उसे अपने दोस्तों से नाव का किराया लेना पड़े। उसका स्वाभिमान उसे इसकी अनुमति नहीं दे रहा था। उसके दोस्त नाव में बैठकर नदी पार चले गए। जब उनकी नाव आँखों से ओझल हो गई तब लड़के ने अपने कपड़े उतारकर उन्हें सर पर लपेट लिया और नदी में उतर गया। उस समय नदी उफान पर थी। बड़े-से-बड़ा तैराक भी आधे मील चौड़े पाट को पार करने की हिम्मत नहीं कर सकता था। पास खड़े मल्लाहों ने भी लड़के को रोकने की कोशिश की। उस लड़के ने किसी की न सुनी और किसी भी खतरे की परवाह न करते हुए वह नदी में तैरने लगा। पानी का बहाव तेज़ था और नदी भी काफी गहरी थी। रास्ते में एक नाव वाले ने उसे अपनी नाव में सवार होने के लिए कहा लेकिन वह लड़का रुका नहीं, तैरता गया। कुछ देर बाद वह सकुशल दूसरी ओर पहुँच गया। उस लड़के का नाम था ‘लालबहादुर शास्त्री’। छः साल का एक लड़का अपने दोस्तों के साथ एक बगीचे में फूल तोड़ने के लिए घुस गया। उसके दोस्तों ने बहुत सारे फूल तोड़कर अपनी झोलियाँ भर लीं। वह लड़का सबसे छोटा और कमज़ोर होने के कारण सबसे पिछड़ गया। उसने पहला फूल तोड़ा ही था कि बगीचे का माली आ पहुँचा। दूसरे लड़के भागने में सफल हो गए लेकिन छोटा लड़का माली के हत्थे चढ़ गया। बहुत सारे फूलों के टूट जाने और दूसरे लड़कों के भाग जाने के कारण माली बहुत गुस्से में था। उसने अपना सारा क्रोध उस छः साल के बालक पर निकाला और उसे पीट दिया। नन्हे बच्चे ने माली से कहा – “आप मुझे इसलिए पीट रहे हैं क्योकि मेरे पिता नहीं हैं!” यह सुनकर माली का क्रोध जाता रहा। वह बोला – “बेटे, पिता के न होने पर तो तुम्हारी जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है।” माली की मार खाने पर तो उस बच्चे ने एक आंसू भी नहीं बहाया था लेकिन यह सुनकर बच्चा बिलखकर रो पड़ा। यह बात उसके दिल में घर कर गई और उसने इसे जीवन भर नहीं भुलाया। उसी दिन से बच्चे ने अपने ह्रदय में यह निश्चय कर लिया कि वह कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे किसी का कोई नुकसान हो। उस लड़के का नाम था ‘लालबहादुर शास्त्री’। |
02-10-2011, 06:11 PM | #13 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
मोत का रहस्य
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत को लगभग 43 साल बीतने के बाद उनके बेटे ने सरकार से अपने पिता की मौत से जुड़े रहस्यों की गुत्थी सुलझाने को कहा है। शास्त्री जी के बेटे सुनील शास्त्री ने कहा की उनकी मौत हमारे और पूरे देश के लिए बहुत बड़ी घटना थी। मैं उस समय सिर्फ 16 साल का था, लेकिन मुझे याद है कि उनकी छाती, पेट और पीठ पर नीले निशान थे। मेरी मां और हमें शक था कि उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों के मन में आज भी उनकी मौत के बारे में संदेह हैं। सुनील ने कहा व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि वे लाल बहादुर शास्त्री न केवल एक महान नेता थे, बल्कि राष्ट्रीय खजाना भी थे। वह प्रेम करने वाले व्यक्ति थे और कई लोगों का मानना है कि वे देश के प्रधानमंत्रियों में सर्वश्रेष्ठ थे। सरकार को उनकी मौत से जुड़े सारे रहस्यों पर से पर्दा हटा कर इस अध्याय को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए। पूर्व सोवियत संघ के ताशकंद में 11 जनवरी, 1966 को पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर दस्तखत करने के बाद शास्त्री जी की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने आरोप लगाया था कि उन्हें जहर दिया गया है। उनकी मौत संबंधी जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन दायर किया गया था, लेकिन सरकार ने इससे जुड़ी जानकारी देने से मना कर दिया था। |
02-10-2011, 07:20 PM | #14 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
जन्मदिन पर बहुत ही अच्छी जानकारी दी है सागर भाई ...
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02-10-2011, 07:37 PM | #15 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
बहुत अच्छी जानकारी प्रदान किया हैँ सागर भाई
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
02-10-2011, 07:42 PM | #16 |
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Re: लाल बहादुर शास्त्री
शास्त्री जी के जन्मदिन पर उनके लिए ये सूत्र एक तोहफा है इस सूत्र के जरिए हम शास्त्री जी के बारे मे जान पाए सागर भाई के जरिए |
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