11-01-2012, 05:07 PM | #1991 |
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नई दिल्ली ! पिछले 12 साल से फेफड़ों में संक्रमण से जूझ रहे शहंशाह ए गजल मेहदी हसन की हालत काफी बिगड़ गई है और कराची के आगा खान अस्पताल में डाक्टरों ने भी लगभग जवाब दे दिया है। 84 बरस के हसन को कल रात सांस लेने में तकलीफ के बाद आगा खान अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने बताया कि वे छाती, पेशाब में संक्रमण और पीठ के घावों (बेड सोर) से भी जूझ रहे हैं । हसन के बेटे आरिफ ने कराची से बताया, ‘‘कल रात को अचानक उनकी सांस उखड़ने लगी जिसके बाद हमने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। वह आईसीयू में है और डाक्टरों ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। 12 साल से उनका इलाज कर रहे डाक्टर अजीज सोनावाला ने कहा है कि बढती उम्र और बीमारियों ने उनका शरीर खराब कर दिया है।’’ आरिफ ने कहा, ‘‘पिछले ढाई साल से वह ट्यूब के जरिये खा पी रहे हैं और पिछले एक महीने से तो उनकी आवाज भी बंद हो गई। जिस आवाज की दुनिया दीवानी थी, वह पूरी तरह से खामोश हो गई है।’’ उन्होंने बताया कि दवाइयां बदलने से उनके शरीर में सोडियम की कमी हो गई है और वह सूखकर कांटा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इलाज के लिये वह भारत आना चाहते थे लेकिन उनकी यह ख्वाहिश अब कभी पूरी नहीं हो पायेगी। आरिफ ने कहा,‘‘ छह महीना पहले हमने दिल्ली में अस्पताल का पूरा ब्यौरा लिया था और डाक्टर से मिलने आने वाले थे लेकिन अब नहीं लगता कि हसन साहब कभी भारत जा पायेंगे। डाक्टरों ने उन्हें यात्रा करने से सख्ती से मना किया है ।’’ उन्होंने बताया कि पिछले कुछ अर्से में भारत से हरिहरन, गुलजार, दलेर मेहदी, हंसराज हंस ने फोन करके उनकी खैरियत पूछी। इसके अलावा दुनिया भर से संगीतप्रेमियों के फोन आ रहे हैं। इलाज के लिये आर्थिक अभाव से जूझ रहे हसन के परिवार ने पाकिस्तानी हुकूमत से भी मदद की इल्तजा की है। आरिफ ने बताया, ‘‘अभी अस्पताल के हम पर 45 लाख रूपये बकाया है। सरकार ने हालांकि वादा किया है कि वह हसन साहब के इलाज का पूरा खर्च उठायेगी लिहाजा हम उनके भरोसे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जरूरत पड़ने पर मदद के लिये लोग आगे आयेंगे।’’ राजस्थान के झुंझनू में जन्में मेहदी हसन ने फरवरी 2010 में भारत आने और लता मंगेशकर, दिलीप कुमार तथा अमिताभ बच्चन से मिलने की इच्छा जताई थी। उन्होंने आखिरी बार 2000 में भारत में आखिरी कन्सर्ट किया था। 2008 में भी उन्हें भारत आना था, लेकिन मुंबई पर आतंकी हमले के बाद उनका दौरा रद्द हो गया था।
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11-01-2012, 11:01 PM | #1992 |
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एशिया में भारतीय नौकरशाही सबसे बदतर : रिपोर्ट
सिंगापुर । हांगकांग आधारित एक प्रख्यात कंसल्टिंग कंपनी की रिपोर्ट में भारतीय नौकरशाही को 10 में 9.21 रेटिंग देकर सर्वाधिक बदतर बताया गया है। हांगकांग आधारित पॉलीटिकल एंड इकोनोमिक रिस्क कंसल्टेंसी लिमिटेड की आज जारी की गई रिपोर्ट में वियतनाम (8.54), इंडोनेशिया (8.37), फिलीपीन (7.57) और चीन (7.11) से भी नीचे भारत को स्थान दिया गया है। सिंगापुर की नौकरशाही (2.25) अंकों के साथ सबसे अच्छी है। इसके बाद हांगकांग (3.53), थाईलैंड (5.25), ताईवान (5.57), जापान (5.77), दक्षिण कोरिया (5.87) और मलेशिया (5.89) का स्थान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की अक्षम नौकरशाही देश के खिलाफ व्यापारिक कार्यकारियों की अधिकांश शिकायतों के लिए बड़े पैमाने पर जिम्मेदार है। शिकायतों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और भ्रष्टाचार शामिल है, जहां अधिकारी रिश्वत लेने के लिए तैयार रहते हैं और कंपनियां नौकरशाही की बाधाओं से पार पाने और सरकार से सहायता पाने के लिए रकम अदा करने के लिए तैयार रहती हैं। रिपोर्ट में भारी और अस्थिर करों, पर्यावरण एवं अन्य नियमों को भी रेखांकित किया गया है जो भारत में कारोबार को परेशानी भरा और खर्चीला बना देता है। इसमें कहा गया है कि नौकरशाहों को गलत फैसलों के लिए जरूर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। कंसल्टेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अदालती व्यवस्था का सामना करना कंपनियों के लिए अनाकर्षक विकल्प है और इससे दूर रहना ही सबसे अच्छा है। इसमें कहा गया है कि नौकरशाहों को गलत फैसलों के लिए नहीं के बराबर जवाबदेह ठहराये जाने से उन्हें असीम शक्तियां मिल जाती है जो इस बात का कारण हो सकता है कि औसत भारतीय और विदेशी निवेशकों के मन में भारत के नौकरशाहों के बारे में नकारात्मक छवि क्यों है। हालांकि, आर्थिक विकास समूह में शामिल देशों से तुलना किए जाने पर कुछ सकारात्मक चीजों का भी पता चलता है। विश्व आर्थिक मंच की 2011-12 वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट में सरकारी नियमन एवं सीमा शुल्क प्रक्रिया के मामले में भारत को चीन से नीचे जबकि रूस और ब्राजील से उपर का स्थान दिया गया है। वहीं, नियमन की गुणवत्ता और प्रतिभूति के लेन-देन के मामले में भारत का ब्राजील के बाद दूसरा स्थान है लेकिन वह चीन और रूस से उपर है। भारत एक नये व्यवसाय के लिए निर्माण कार्य की इजाजत दिए जाने के मामले में भी ब्राजील, रूस और चीन से आगे है। वह आयात-निर्यात प्रक्रिया से सर्वाधिक तेजी से निपटने के मामले में दूसरे स्थान पर है।
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12-01-2012, 07:06 PM | #1993 |
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‘लंदन पेरिस न्यूयार्क’ का संगीत परंपरागत नहीं: अली जफर
मुंबई ! फिल्म ‘लंदन पेरिस न्यूयार्क‘ के साथ बॉलीवुड में पहली बार संगीत दे रहे पाकिस्तानी अभिनेता अली जफर का कहना है कि फिल्म का संगीत परंपरागत किस्म का नहीं है। अली ने इस रोमांटिक कामेडी फिल्म के लिए गीत भी लिखे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसी धुन बनाना चाहता था जो नयी हो और फिल्म में अलग अलग भावनाएं हैं इसलिए मैंने प्रयोग किये हैं। गीतों को जीवंत बनाने के लिए लाइव उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। ये परंपरागत नहीं हैं।’’ फिल्म ‘तेरे बिन लादेन’ से बॉलीवुड में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी गायक..अभिनेता को आदित्य चोपड़ा की ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ में भी इमरान खान और कैटरीना कैफ के साथ मुख्य भूमिका में देखा गया। ‘लंदन पेरिस न्यूयार्क’ के निर्माता भी इसके संगीत की तारीफ कर रहे हैं। निर्माता फाक्स स्टार स्टूडियोज इंडिया के सीईओ विजय सिंह ने कहा, ‘‘फिल्म युवाओं की भाषा बोलती है। यह उनकी आकांक्षाओं तथा प्यार में पड़ने की चिंता और आनंद को झलकाती है।’’ फिल्म से अनु मेनन निर्देशन के क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं।
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12-01-2012, 07:07 PM | #1994 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
न्यू हैम्पशायर में प्रायमरी में जीते रोमनी
वाशिंगटन। अमेरिकी मीडिया के चुनाव अनुमानों के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा को आगामी चुनाव में चुनौती देने के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल मिट रोमनी ने न्यू हैम्पशायर में प्रायमरी में जीत हासिल की है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, इससे रोमनी की उम्मीदवारी की संभावना बढ़ गई है। कल मतदान के सम्पन्न होने के कुछ ही देर बाद मेसाच्युसेट्स के इस पूर्व गवर्नर के बारे में यह अनुमान लगाया गया था। टेक्सास से कांग्रेस सदस्य रोन पॉल 24 फीसदी वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। पॉल के बाद उटा के गवर्नर जॉन हंट्समैन का स्थान है, जिन्हें 18 प्रतिशत वोट मिले। पिछले हफ्ते लोवा कॉकस में रोमनी से मात्र आठ वोट से शिकस्त खाने वाले पेन्सिलवेनिया के पूर्व सीनेटर रिक सैंटेरम को 10 प्रतिशत से भी कम वोट मिले। गौरतलब है कि लोवा कॉकस में हुए मतदान में कांटे की टक्कर थी, जहां समाचार नेटवर्क को विजेता के नाम की घोषणा के लिए आधी रात तक इंतजार करना पड़ा था। वहीं, इस मतदान में समाचार चैनलों को रोमनी को विजेता बताने में देर नहीं लगी।
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12-01-2012, 07:08 PM | #1995 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
ओबामा के पास नहीं बचे विचार : रोमनी
वाशिंगटन। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी कर रहे मिट रोमनी का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास अब विचार नहीं बचे हैं और कोई बहाना भी नहीं है। न्यू हैंपशायर रिपब्लिकन प्राइमरी के महत्वपूर्ण मतदान में जीत का दावा करने वाले रोमनी को शुरुआती नतीजों में 36 प्रतिशत मत मिले हैं। यदि रोमनी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुने जाते हैं, तो नंबवर के चुनाव में उनका मुकाबला ओबामा से होगा। ओबामा पर निशाना साधते हुए रोमनी ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चार साल पहले अमेरिका वासियों से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब उनके पास बहाने नहीं बचे हैं। रोमनी ने न्यू हैंपशायर में कहा कि राष्ट्रपति के पास अब विचार नहीं हैं। अब उनके पास बहाना भी नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि हमें याद है कि जब बराक ओबामा चार साल पहले न्यू हैंपशायर आए थे। उन्होंने लोगों को साथ में लाने का वादा किया था। उन्होंने वाशिंगटन में छिन्न-भिन्न व्यवस्था को बदलने का वादा किया था। उन्होंने हमारे राष्ट्र को सुधारने का वादा किया था। रोमनी ने कहा कि तब एक संभावित उम्मीदवार ने बड़े-बड़े वादे किए थे। आज हमारे सामने एक विफल राष्ट्रपति का निराशाजनक रिकार्ड है। पिछले तीन साल में काफी बदलाव हुए हैं, लेकिन उनसे कोई उम्मीद नहीं जगी।
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12-01-2012, 07:09 PM | #1996 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
उम्मीदवारी की दौड़ में अभी बहुत कुछ बाकी : पेरी
वाशिंगटन। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन हासिल करने की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल मिट रोमनी के न्यू हैम्पशायर प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल करने और इस दौड़ में सबसे आगे निकल जाने के राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों के बीच टैक्सास के गवर्नर रिक पेरी ने कहा है कि यह दौड़ अभी बहुत बाकी है। एक बयान में कहा गया है कि न्यू हैम्पशायर में पेरी को कुल वोट का सिर्फ एक प्रतिशत मिला, जबकि रोमनी को 37 प्रतिशत वोट मिले। लूसियाना के गवर्नर बॉबी जिंदल समर्थित पेरी अभी दक्षिण कैरोलिना में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। 21 जनवरी को अगला प्रायमरी होना है। पेरी ने एक बयान में कहा कि मैं न्यू हैम्पशायर से हट गया और दक्षिण कैरोलिना में चुनाव प्रचार करने पर मैंने अपना ध्यान केंद्रित किया है, जहां हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण कैरोलिना में भारतीय मूल की निक्की हेली गवर्नर हैं, जो रोमनी का समर्थन कर रही हैं।
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12-01-2012, 07:09 PM | #1997 |
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जातीय भेदभाव से निजात पाने के लिए मानविधकार शिक्षा की सिफारिश
नयी दिल्ली । सामाजिक न्याय मंत्रालय ने जाति व्यवस्था को शर्मनाक बताते हुए लोक सेवाओं और अन्य केंद्रीय सेवाओं के प्रशिक्षण संस्थानों सहित विभिन्न स्तरों पर मानवाधिकार शिक्षा देने की सिफारिश की है, ताकि जाति आधारित भेदभाव से निजात मिल सके। मंत्रालय के ‘बारहवीं पंचवर्षीय योजना कार्यकारी समूह’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जाति व्यवस्था दिलो दिमाग को संकुचित कर देती है, इसके बुरे असर को ध्यान में रखकर मानवाधिकार शिक्षा को सभी स्तरों पर शिक्षण संस्थानों में शामिल किया जाना चाहिए। ‘अनुसूचित जाति सशक्तिकरण’ पर कार्यकारी समूह द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बच्चों को यह समझने में अवश्य मदद करनी चाहिए कि जाति किसी सम्मान का प्रतीक नहीं है बल्कि यह व्यवस्था शर्मनाक है।’’ समूह ने सिफारिश की है कि जाति व्यवस्था की मानव विरोधी, राष्ट्र विरोधी, जातीय निष्ठा, जातीय पूर्वाग्रह और जातीय बैर भाव की संविधान विरोधी प्रकृति पर जोर देकर सभी स्तरों पर प्रत्येक शिक्षण संस्थान में मानवाधिकार शिक्षा शुरू की जानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस तरह की मानवाधिकार शिक्षा को शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों, आईएएस, आईपीएस और अन्य केंद्रीय एवं राज्य सेवाओं के प्रशिक्षण संस्थानों में पेश किए जाने की जरूरत है।’’ इसमें कहा गया है कि प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा के प्रभारी केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों को इस तरह की मानवाधिकार शिक्षा को मूर्तरूप देने के लिए एक सक्रिय पहल करनी चाहिए और समूचे शैक्षणिक तंत्र को इस बात से अवगत कराना चाहिए कि इस कार्य की अहमियत के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार कितने गंभीर हैं । छुआछूत के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट में शिक्षकों के लिए एक व्यापक अभियान की सिफारिश की गई है। अपने इलाके में अनुसूचित जाति :एससी: के खिलाफ भेदभाव खत्म करने की पहल करने वाली पंचायतों को मान्यता प्रदान करने और पुरस्कृत करने की भी सिफारिश की गई है। कार्यकारी समूह ने इस उद्देश्य के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता मुहैया करने और देश भर में सक्रिय सामाजिक राजनीतिक भागीदारी की सिफारिश की है।
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12-01-2012, 07:10 PM | #1998 |
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सूर्य नमस्कार को लेकर मध्य प्रदेश में विरोध के स्वर
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार एक ओर जहां कल हजारों स्कूली विद्यार्थियों को एक साथ ‘सूर्य नमस्कार’ कराकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तैयारी में है, वहीं मुस्लिम नेताओं ने सूर्य के सामने झुकने को गैर इस्लामिक एवं ‘बुत’ पूजा बताकर इसका विरोध किया है। प्रदेश के शीर्ष मौलवियों ने सूर्य नमस्कार के खिलाफ कल फतवा भी जारी कर दिया है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार धीरे और घातक तरीके से प्रदेश में शिक्षा का भगवाकरण कर रही है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार अपने सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम पर आगे बढेगी तो वे इसके खिलाफ अदालत में दस्तक देंगे। दूसरी ओर, स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि सामूहिक सूर्य नमस्कार में भाग लेना स्वैच्छिक है। उन्होंने कहा कि सूर्य न तो भगवा है और न ही हरा, इसका धर्म या धार्मिक रस्म या प्रथा से कोई लेना-देना नहीं है। सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद योग क्रिया है और हम इसे थोप नहीं रहे हैं। यह सभी के लिए बाध्य नहीं है, जो लोग इसमें भाग नहीं लेना चाहते, वे खुशी से इसे छोड सकते हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद व्यायाम है, जिसे दुनियाभर के वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी माना है। हम चाहते हैं कि बच्चे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इस मामले में यही हमारा एकमात्र उद्देश्य है। मुस्लिम नेताओं का कहना है कि इस्लाम हमें किसी तस्वीर या त्रिआयामी वस्तु के सामने झुकने की इजाजत नहीं देता। विभिन्न संगठनों के मुस्लिम नेताओं ने कल यहां ‘कोआर्डिनेशन कमेटी फार इंडियन मुस्लिम यूनिट’ के तत्वावधान में मुस्लिम विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस गैर इस्लामिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लें। भोपाल में तीन शहर मुफ्तियों मोहम्मद अबुल कलाम कासमी, रईस अहमद खान कासमी एवं मुफ्ती सैयद बाबर हुसैन नादवी ने एक फतवा जारी किया, जिसे शहर काजी सैयद मुस्ताक अली नादवी ने अपनी मंजूरी दे दी है। जमात-ए-इस्लामी के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल लतीफ, समन्वय समिति के उपाध्यक्ष अब्दुल वहीद नकवी आदि मुस्लिम नेताओं एवं सोशल डेमोके्रटिक पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष साजिद सिद्दीकी ने कहा है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी अपने 28 अगस्त 2009 के आदेश में कहा है कि सरकार विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार या प्राणायाम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती तथा किसी संस्थान की मान्यता इसलिए रद्द नहीं कर सकती कि उसके विद्यार्थियों ने इन व्यायामों को करने से इंकार कर दिया।
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12-01-2012, 07:11 PM | #1999 |
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ढाका जाएंगी अमेरिकी विज्ञान दूत
वाशिंगटन। अमेरिका की विज्ञान दूत रीता कोवेल बांग्लादेश जा रही हैं, जहां वे स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन तथा अन्य मुद्दों पर सहयोग के बारे में अपने समकक्षों से चर्चा करेंगी। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि 10 से 13 जनवरी के दौरान अपने दूसरे कूटनीतिक दौरे में कोवेल स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, भविष्य के खाद्य तथा विज्ञान में महिला और युवा जैसे मुद्दों पर बांग्लादेश के अपने समकक्षों से विचार-विमर्श करेंगी। कोवेल को सितंबर 2010 में गेबिसा इजेता और एलिस गास्ट के साथ विज्ञान दूत बनाया गया था। अमेरिकी विज्ञान दूत की हैसियत से पहला दौरा उन्होंने वर्ष 2011 में मलेशिया का किया था। जून 2009 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने काहिरा में विज्ञान दूत कार्यक्रम की घोषणा की थी। कार्यक्रम शुरू होने पर अमेरिका के छह सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों का चयन विज्ञान आधारित आदान-प्रदान के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी बनाने के लिए किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संवाद से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और समन्वय को बढ़ावा मिला, जिससे सभी के लिए वैज्ञानिक और आर्थिक वृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा और हमारे रिश्तों में गहराई आई।
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12-01-2012, 07:14 PM | #2000 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
उम्मीदवार की यात्रा पर रोक
काहिरा। मिस्र में राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार ने कहा है कि कथित तौर पर सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने के मामले में उनके यात्रा करने पर पाबंदी लगाई गई है। ऐमान नूर का कहना है कि दिसंबर में काहिरा के निचले हिस्से में कैबिनेट मुख्यालय के बाहर हुए संघर्ष के मामले में उन्हें कल पूछताछ के लिए बुलाया गया। उस हिंसा में कम से कम 17 प्रदर्शकनारी मारे गए थे। नूर ने बताया कि अधिकारी असंतोष को दबाने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं, जो अपदस्थ पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की याद दिलाते हैं। ये अधिकारी उन्हें निशाना बना रहे हैं। नूर विपक्ष के मुखर नेता हैं, जिन्होंने 2005 में मुबारक के खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था और बाद में उन्हें जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले साल मिस्र में विद्रोह का समर्थन करने वाले ममदूह हमजा को भी कथित तौर पर विरोध प्रदर्शनों में आर्थिक मदद देने को लेकर यात्रा करने से रोका गया है।
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