25-01-2012, 05:14 PM | #2471 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले निगरानी प्राधिकरण से गुजरात में वर्ष 2002 से 2006 के बीच हुई कथित फर्जी मुठभेड़ों में हत्याओं के मामलों की पड़ताल करने और तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। गुजरात सरकार ने पिछले साल अप्रैल में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एम. एस. शाह को उक्त अवधि में कथित फर्जी मुठभेड़ों में हत्याओं की जांच पर नजर रखने को कहा था। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद ने कहा कि एक निगरानी प्राधिकरण बनाया गया और इस अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश उसके अध्यक्ष हैं, इस तथ्य को संज्ञान में लेते हुए हम चाहेंगे कि अध्यक्ष दोनों रिट याचिकाओं में अंकित कथित फर्जी मुठभेड़ के सभी मामलों को देखें। पीठ ने वर्ष 2002 से 2006 के बीच गुजरात में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ों से सम्बंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि जांच पूरी तरह हो, ताकि प्रत्येक मामले में सच्चाई सामने आए। इन याचिकाओं में एक तरह से संकेत दिया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कथित रूप से आतंकवादियों के तौर पर निशाना बनाया गया। पीठ ने कहा कि निगरानी प्राधिकरण के अध्यक्ष के पास एक स्वतंत्र टीम गठित करने की आजादी होगी, जिसमें गुजरात विशेष कार्य बल या बाहर से अधिकारी हो सकते हैं। अदालत ने कहा कि निगरानी इकाई के अध्यक्ष मुठभेड़ में मौत के किसी भी मामले में पुलिस के पूर्ववर्ती रिकार्ड या मानवाधिकार संस्थाओं के रिकार्ड मंगा सकते हैं, जिनका जिक्र रिट याचिकाओं में किया गया है। हालांकि पीठ ने स्पष्ट किया कि निगरानी इकाई उन मामलों को नहीं देखेगी, जिनकी जांच अन्य एजेंसियां शीर्ष अदालत के आदेशों पर कर रहीं हैं। पीठ ने यह भी कहा कि निगरानी प्राधिकरण के अध्यक्ष चाहें तो मामले में याचिकाकर्ताओं के या मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का पक्ष सुन सकते हैं। न्यायाधीशों ने कहा कि इस मुद्दे पर याचिकाएं काफी सालों से लंबित हैं, लेकिन आज तक कोई अहम फैसला नहीं सुनाया गया है और एसटीएफ की नियुक्ति और निगरानी प्राधिकरण की स्थापना जैसे घटनाक्रम मामले के लंबित रहने के दौरान हुए। शीर्ष अदालत वरिष्ठ पत्रकार बी. जी. वर्गीज और गीतकार जावेद अख्तर की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। वर्गीज ने गुजरात में पुलिस द्वारा इस अवधि में कथित फर्जी मुठभेड़ों में 21 लोगों की मौत के मामले में जांच की मांग की थी। जावेद अख्तर ने प्रदेश में कथित फर्जी मुठभेड़ों में विशेष जांच दल द्वारा पड़ताल कराने की मांग की थी। अख्तर ने दावा किया कि निर्दोष लोगों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को आतंकवादियों के तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने अपनी याचिका में अक्टूबर 2002 में कथित अपराधी समीर खान की हत्या के मामले में अखबारों की खबरों तथा एक पत्रिका के स्टिंग आपरेशन का हवाला दिया। खान पुलिस हिरासत में था और 21-22 अक्टूबर, 2002 की दरमियानी रात को उसे मार दिया गया। उसने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की रिवाल्वर छीन ली।
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25-01-2012, 05:17 PM | #2472 |
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गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता चलने की उम्मीद
मेलबर्न। वैज्ञानिकों ने गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित महिला के डीएनए में आम तौर पर होने वाले जैव रसायनिक बदलावों को पहली बार पहचानने का दावा किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस उपलब्धि से गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगाया जा सकेगा। गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगा पाना बहुत कठिन होता है और जब तक इसका पता चलता है तब तक मरीज मौत के करीब पहुंच चुकी होती है। अब गरवैन इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा है कि उनके अनुसंधान से गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगाने में और मरीज को बचाने में मदद मिल सकेगी। अनुसंधान के नतीजे ‘कैंसर लैटर्स’ जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों ने उन छह जीनों की पहचान के लिए पूरी जीनोम डीएनए प्रोफाइलिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया, जो गर्भाशय के कैंसर में ‘डीएनए मेथिलेशन’ प्रक्रिया से प्रभावित होते हैं। अनुसंधान दल के प्रमुख ब्रायन ग्रॉस ने कहा कि हम यह देखना चाहते थे कि मेथिलेशन के कौन से बदलाव से कैंसरकारी जीन निष्क्रिय होता है।
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25-01-2012, 05:21 PM | #2473 |
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स्वर्ण मंदिर पर टिप्पणी को लेकर जे लेनो के खिलाफ मुकदमा दायर
न्यूयार्क। अमेरिकी टॉक शो प्रस्तोता जे लेनो के खिलाफ स्वर्ण मंदिर के संबंध में नस्ली टिप्पणी करने और पवित्र मंदिर को आरामगाह के तौर पर चित्रित कर समूचे सिख समुदाय का उपहास उड़ाने के लिए कैलिफोर्निया में एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक ने मुकदमा दायर किया है। लॉस एंजिलिस की ऊपरी अदालत में दायर किए गए अदालती पत्रों के अनुसार रणदीप ढिल्लों ने दावा किया है कि लेनो ने अपने उस मजाक से याचिकाकर्ता समेत सभी सिख जनता की भावनाओं को आहत किया है, जिसमें कहा गया था कि स्वर्ण मंदिर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के तगड़े दावेदार मिट रोमनी का संभावित आरामगाह (समर होम) हो सकता है। सेलिब्रिटी वेबसाइट ‘टीएमजेड’ ने कहा कि ढिल्लों ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है और अनिश्चित हर्जाने की मांग की है। मुकदमे में कहा गया है कि लेनो का मजाक ‘साफ तौर पर याचिकाकर्ता और अन्य सिखों तथा उनके धर्म का साफ तौर पर घृणा, अवमानना, मजाक और सार्वजनिक अपमान करता है, क्योंकि यह सिख धर्म के पवित्रतम स्थल को गलत तरीके से गैर सिखों के स्वामित्व वाले आरामगाह के तौर पर पेश करता है।’ मुकदमे में कहा गया है कि यह पहला मौका नहीं है, जब लेनो ने सिख समुदाय का उपहास उड़ाया है। मुकदमे में कहा गया है कि साल 2007 में भी उन्होंने सिखों को ‘डाइपर हेड्स’ कहा था। साफ तौर पर जे लेनो की नस्ली टिप्पणी पर यहीं रोक लगाए जाने की आवश्यकता है। टीवी प्रस्तोता की मुसीबत और बढ़ाते हुए एक सिख अधिकार समूह ने यहां संघीय एजेंसी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें लेनो और एनबीसी चैनल पर ‘स्वर्ण मंदिर का नस्ली और अपमानजनक चित्रण’ करने वाले कार्यक्रम का प्रसारण करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की गई है। ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ ने नियामक फेडरल कम्यूनिकेशंस कमीशन के समक्ष लेनो और एनबीसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एफसीसी का काम टेलीविजन कार्यक्रमों के प्रसारण का नियमन करना, शिकायतों का विश्लेषण करना और जांच करना है।
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25-01-2012, 05:40 PM | #2474 |
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बिल गेट्स ने यूरोपीय संघ से कहा
नहीं करें गरीबों के लिए जारी मदद में कटौती ब्रसेल्स। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक, अरबपति और परमार्थ कार्यों से जुड़े बिल गेट्स ने यूरोपीय सांसदोंं से गरीब देशों को जारी मदद में कटौती नहीं करने की अपील की है। यूरोपीय संघ के देश आर्थिक और बजट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यूरोपीय संसद कोे संबोधित करते हुए गेट्स ने कल कहा कि आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण समय में भी दुनिया के सबसे गरीब लोगों के लिए जारी मदद में कटौती करने का कोई बहाना नहीं हो सकता। यूरोप को चयन करना है। भूखे लोग, एचआईवी से पीड़ित लोग और टीकों के जरूरतमंद बच्चों के लिए दी जाने वाली सहायता में कटौती की जाए या फिर इसमें निवेश कर विकास का रास्ता खोलने में भागीदारी करना जारी रखें। गेट्स ने कहा कि यूरोप से मिलने वाली सहायता वैश्विक स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गेट्स वर्तमान में बिल एंड मलिंडा गेट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में यह संस्था दुनियाभर के गरीबों विशेषकर अफ्रीका क्षेत्र में लोगों की सहायता के लिए कई परियोजनाएं चला रही है। वर्ष 2010 में यूरोपीय संघ ने 70 अरब अमेरिकी डॉलर की रिकार्ड विकास सहायता राशि दी थी। हाल ही में यूरोपीय संघ ने ब्राजील, चीन और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों को सहायता राशि में कटौती करते हुए निर्धनतम देशों पर नए सिरे से ध्यान देने का निर्णय किया था।
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25-01-2012, 05:43 PM | #2475 |
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पीएफसी का बच्चों को दिए जाने वाले टीकों पर पड़ता है नकारात्मक असर
वाशिंगटन। फास्ट फूड पैकेजिंग, वाटरप्रूफ कपड़े और नॉन स्टिक फ्राइंग पैन में व्यापक इस्तेमाल होने वाले रासायनिक यौगिक का बच्चों को टिटनेस और डिप्थीरिया जैसे रोगों से बचाव के लिए दिए जाने वाले नियमित टीकों के असर को कम करता है। इस बात का खुलासा एक नए अध्ययन में किया गया है। जर्नल आॅफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में कल प्रकाशित किया गया यह पहला अध्ययन है, जो दर्शाता है कि कैसे परफ्लोरिनेटेड यौगिक (पीएफसी) टीकों के असर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार पीएफसी जन्म से पहले बच्चों में मां के जरिए या जन्म के बाद पर्यावरण के संपर्क से आने से स्थानांतरित हो सकता है। शोध दल के अगुवा हारवर्ड स्कूल आॅफ पब्लिक हेल्थ के फिलिप ग्रैंडज्यां ने बताया कि बाल्यावस्था में दिए जाने वाले टीके पर पीएफसी के पड़ने वाले नकारात्मक असर को लोक स्वास्थ्य पर संभावित खतरे के तौर पर देखा जाना चाहिए। ग्रैंडज्यां इसलिए भयभीत दिखे, क्योंकि सामान्य बाल्यावस्था टीकाकरण बीमारी को रोकने का आधुनिक सहारा है। ग्रैडज्यां ने बताया कि शोधकर्ता जबर्दस्त नकारात्मक प्रभाव को देखकर आश्चर्यचकित थे, जो सुझाता है कि पीएफसी प्रतिरोधक प्रणाली के लिए मौजूदा डायआॅक्सिन के संपर्क की तुलना में ज्यादा जहरीला हो सकता है। पीएफसी का हजारों औद्योगिक और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल है और ज्यादातर अमेरिकियों के शरीर में इस रासायनिक यौगिक के लक्षण पाए गए हैं।
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25-01-2012, 05:47 PM | #2476 |
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गद्दाफी समर्थकों ने शहर पर कब्जा जमाया
बेंगाजी (लीबिया)। मुअम्मर गद्दाफी के समर्थकों ने लीबिया के पहाड़ी शहर पर कब्जा जमा लिया है। गद्दाफी के कमजोर पड़ने के बाद केन्द्रीय सरकार के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती पैदा हुई है। इस घटना को लीबिया के पश्चिमी समर्थक शासकों की बढ़ती कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है। नई सशस्त्र सेना ने पिछले साल गद्दाफी के नेतृत्व वाले शहर बानी बालिद पर कब्जा कर लिया था। गद्दाफी शासन के खिलाफ यह पहला संगठित अभियान था। लीबिया के दूसरे सबसे बड़े शहर बेंगाजी पर कब्जे के बाद अधिकारी किन्ही अन्य स्थानों पर गद्दाफी के नेटवर्क के छिपे होने की आशंका से चिंतित हो गये हैं। लीबिया की सत्तारूढ़ नेशनल ट्रांजिशनल कौंसिल स्वयं अपने कानूनों को लागू करने का संघर्ष कर रही है। सत्तारूढ़ पार्टी अपनी सरकार को स्थिर और प्रगतिशील दिखा रही है। बानी वालिद पर गद्दाफी समर्थकों के कब्जे की घटना के बाद लीबियाई नागरिकों ने सुधार पर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया, एवं एनटीसी मुख्यालय और उसके चुनिंदा कार्यालयों पर धावा बोल दिया। बानी वालिद में बेहतर हथियारों और प्रशिक्षण से युक्त सैकड़ों सैनिकों ने स्थानीय एनटीसी ब्रिगेड समर्थकों से करीब आठ घंटे की लड़ाई के बाद इस शहर पर कब्जा जमाया। इस ब्रिगेड को 28 मई ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है। बानी वालिद परिषद् के प्रमुख मुबारक अल फातमी ने कहा कि ब्रिगेड को बाहर से गद्दाफी समर्थकों का समर्थन प्राप्त था और उन्होंने पश्चिमी शहर की बड़ी इमारतों पर चढ़कर हरा झंडा लहरा दिया। अल फातमी ने बताया कि इस लड़ाई में चार क्रांतिकारी सैनिक मारे गए, जबकि अन्य 25 घायल हो गए हैं।
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25-01-2012, 05:50 PM | #2477 |
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ब्रिटेन के राष्ट्रगान को गाना है सबसे कठिन
लंदन। इस साल ओलंपिक और ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी की हीरक जयंती के अवसर पर जब समूचे ब्रिटेन में उसका राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ बज रहा होगा, वैसे में उसकी बहुत कम ही जनता इसे गाने में सक्षम है। इस बात का खुलासा आज यहां जारी एक नए अध्ययन में किया गया है। ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के दो शिक्षाविदों ने राष्ट्रगानों का अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि ‘गॉड सेव द क्वीन’ को गाना सर्वाधिक कठिन है, जबकि फ्रांस के राष्ट्रगान ‘ला मार्सिलेज’ को गाना सबसे आसान था। यह अध्ययन गीत ‘सिंग-ए-लांग-ए-ग्रीज’ के निर्माताओं ने कराया। यूनिवर्सिटी आफ लंदन के गोल्डस्मिथ कॉलेज में जर्मन संगीत मनोविज्ञानी डेनियल और यॉर्क यूनिवर्सिटी में अमेरिका में जन्मे संगीत विज्ञानी एलिसन पॉवले ने छह देशों के राष्ट्रगान का विश्लेषण करने का तरीका विकसित किया। उन्होंने 30 से अधिक प्रभावित करने वाले कारकों का इस्तेमाल किया, जिसमें आवाज जोर से लगाने की मात्रा से लेकर ‘वाक्य की लंबाई’ तक शामिल थी। शिक्षाविदों ने समूचे उत्तरी इंग्लैंड के पबों और क्लबों में राष्ट्रगानों को परीक्षण के लिए रखा। इसके तहत इस बात की गिनती की गई कि कितने लोग राष्ट्रगान को गा पाते हैं। कुल 1160 लोगों पर यह परीक्षण किया गया। इस सूची में फ्रांस शीर्ष पर रहा। उसके बाद आॅस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन का स्थान आता है।
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25-01-2012, 05:52 PM | #2478 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
अलकायदा के लड़ाके राडा शहर छोड़ने के लिए तैयार
सना। अलकायदा के लड़ाके मध्य यमन के शहर राडा से हटने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह इस शहर पर कब्जा कर लिया था। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कबायली नेता शेख हशेद फधल अल-क्वासी की मध्यस्थता में की गई बातचीत सफल रही। उन्होंने अलकायदा के लड़ाकों को राडा शहर से जाने के लिए समझाया और वह मान गए। सूत्र ने कल बताया कि अलकायदा के सदस्यों ने सार्वजनिक इमारतों को खाली करना शुरू कर दिया है। अलकायदा ने 16 जनवरी को शहर पर कब्जा जमा लिया था। इस समझौते के बदले उग्रवादियों ने क्या हासिल किया है, यह बताए बगैर उन्होंने कहा कि वे लोग बिना किसी प्रतिरोध के रिहायशी इलाकों को छोड़ रहे हैं। अलकायदा के लड़ाके पिछले सप्ताह राडा आए और कुछ ही घंटों में इस शहर पर कब्जा कर लिया था। राडा राजधानी सना से 130 किलोमीटर (80 मील) की दूरी पर दक्षिण पूर्व में स्थित है। सूत्रों ने बताया कि अलकायदा के 1,000 से अधिक सशस्त्र लड़ाकों ने राडा पर कब्जा किया था।
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25-01-2012, 05:57 PM | #2479 |
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क्रांति की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर तहरीर चौक पर उमड़े लोग
काहिरा। मिस्र में होस्नी मुबारक के 30 साल के शासनकाल को अपदस्थ करने वाली जो क्रांति एक साल पहले शुरू हुई थी, उसकी पहली वर्षगांठ मनाने के लिए मिस्रवासी यहां एकत्र हुए। इस घटना की पहली वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर वे लोग यहां अपनी खुशी का इजहार करने के लिए एकत्र हुए। मिस्र सरकार, देश के सैन्य शासक और सुप्रीम काउंसिल आफ आर्म्ड फोर्सेज (एसकाफ) ने क्रांति के दौरान घायल हुए प्रदर्शनकारियों को सरकारी नौकरी देने सहित कई कदम उठाए हैं। क्रांति की पहली वर्षगांठ के दो दिन पहले इन लोगों को मुआवजे की राशि अदा किए जाने, सम्मान का पदक प्रदान करना और 23 जनवरी को पहली बार संसद के सत्र की व्यवस्था करने को अंतिम रूप प्रदान किया गया है। मिस्र की संसद ने अपने सत्र के दूसरे दिन क्रांति के पीड़ितों के बारे में एक तथ्यान्वेषी समिति गठित करने का फैसला किया और इस वर्षगांठ के मौके पर तहरीर स्कवायर पर एक मिशन भेजा, ताकि क्रांतिकारियों को यह आश्वासन दिया जा सके कि क्रांति का लक्ष्य हासिल हो जाएगा। एसकाफ के प्रमुख फील्ड मार्शल हुसैन तंतावी ने आपातकाल की समाप्ति पर टीवी पर प्रसारित एक भाषण में कल दोपहर इस बारे में घोषणा की। गौरतलब है कि मुबारक के सत्ता में आने के बाद से 1981 से मिस्र में आपातकाल लगा हुआ था।
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25-01-2012, 05:58 PM | #2480 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
आपातकाल हटाने जा रहे मिस्र को अमेरिका ने दी बधाई
वाशिंगटन। मिस्र दशकों पहले लगाया गया आपातकाल हटाने की तैयारी कर रहा है, जिस पर उसे अमेरिका ने बधाई दी है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा कि आज फील्ड मार्शल तंतावी ने वह आपातकाल हटाने के लिए कदम उठाए, जो मिस्र में कई दशक पहले लगाया गया था। कल, मिस्र वासी उस क्रांति की सालगिरह मनाएंगे, जिसकी वजह से मिस्र में लोकतंत्र संभव हुआ। हम मिस्र की जनता और वहां की सरकार को इन महत्वपूर्ण कदमों के लिए बधाई देते हैं। इन कदमों का वादा मिस्र की उस क्रांति के दौरान किया गया था, जिससे दुनिया को प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह मिस्र ने लोकतंत्र की ओर अपने बदलाव में कई मील के पत्थर हासिल किए। कार्नी ने कहा कि कल, पीपुल्स असेंबली के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों ने क्रांति के बाद पहली बार बैठक की और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद ने उन्हें विधायी अधिकार सौंप दिए। इसी दौरान बीते बरस मिस्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी मिस्रवासी पूरे उत्साह, एकता और शांति के साथ उस उपलब्धि की सालगिरह मनाएंगे, जो उन्हें पिछले साल जनवरी में हासिल हुई थी।
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