23-11-2013, 09:00 AM | #2471 |
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Re: साक्षात्कार
महाभारत मुझे इसलिए पसन्द है, कि इसमे सब कुछ है। इतिहास, धर्म, परंपरा, राजनीति, कूटनीति, संग्राम, षडयंत्र, वीर गाथा, कायरता और धूर्तता, ईर्ष्या, प्रेम, भक्ति, निष्ठा और स्वामिभक्ति, मित्रता, द्वेष, पति-पत्नि सम्बन्ध, प्रेमी-प्रेमिका सम्बन्ध, जाति सम्बन्धी घटनाएं, कुल मर्यादा, और दिव्य-उपदेश। ऐसा कोई विषय नहीं है जो आप इस ग्रन्थ में नहीं पाएंगे। महाभारत के किस पात्र ने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया है और क्यों? कैसे बताऊँ? किसको चुनूं? हर एक पात्र ने मुझे प्रभावित किया। कर्ण से सहानुभूति है और मैं शायद कर्ण को चुनता पर द्रौपदी चीरहरण घटना के समय, उसने कौरवों का साथ दिया, और मेरे लिए यह असह्य है। मेरी नज़रों मे उसका उसी समय पतन हो गया। मैं नहीं मानता कि इस कहानी में किसी पात्र को हीरो कहा जा सकता है, पर शायद अर्जुन का दावा सबसे सशक्त है। पर मेरी राय में रण छोडकर भागना उसे भी अयोग्य बना देता है। पान्डवों को मैं आदर्श हीरो नहीं मान सकता। न ही कौरव बिना कोई गुण के पात्र थे। कृष्ण तो भगवान हैं, और हीरो से भी ऊपर! उनकी चर्चा यहाँ नहीं होनी चाहिए! अन्य कई सम्मानित पात्र, जैसे भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य सर्वथा बेकसूर नहीं थे। सब के चरित्र में मुझे कोई न कोई त्रुटि नज़र आती है। वेदव्यासजी ने किसी को नहीं छोडा। सब को नंगे कर दिए। महाभारत मुझे बार बार पढने को जी चाहता है और जैसे जैसे मेरी आयु बढती जाती है, मैं घटनाओं का नये ढंग से विश्लेषण करता रहता हूँ और मेरी राय बदलती रहती है। पहले, हम भी सोचते थे कि राज्य पाण्डवों को सौंपा जाना चाहिए था पर यदि आज के नियम और कानून के हिसाब से चलें तो मेरी राय में पांडवों का कोई हक नहीं बनता। महाभारत एक ऐसी सशक्त कहानी है, कि इसके लिए नोबल पुरस्कार भी तुच्छ है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में इसे मैं प्रथम स्थान देना चाहूँगा। 2. अभी हाल ही में गिरीश कर्नाड ने एक भाषण के दौरान कहा कि भारतीय सिनेमा अपने नाच गानों के बल पर ही हॉलीवुड की चुनौती का सामना कर सका है और अब तक टिका हुआ है वरना हॉलीवुड इसे भी अन्य देशों के सिनेमा की तरह निगल जाता. क्या नाच गाने ही हमारे सिनेमा का सबसे शक्तिशाली पक्ष है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? गिरीश कार्नाड से असहमत। यह तो मुझे बेतुकी बात लगती है। हाँ, हॉल्लीवुड, तकनीकी दृष्टिकोण से, सर्वश्रेष्ठ है पर कहानी, पटकथा, निर्देशन, और अभिनय में हम किसी से कम नहीं। यदि हमारी फ़िल्मों में नाच गाने न भी हो, फिर भी सफ़ल हो सकते हैं। हॉल्लीवुड की फ़िल्में केवल हमारी शहरों में अँग्रेजी जानने वालों को प्रभावित कर सकती हैं। भारत के ज्यादतर लोग, उनके पात्रों से, और कहानी और situations से relate नहीं कर सकेंगे। हॉल्लीवुड से बॉल्लीवुड को कोई खतरा नहीं है, न कभी था और न कभी होगा। यदि मुझे फिल्म देखने जाना है और एक ही समय में दो फ़िलमें चल रही है, एक सुपरहिट हॉल्लीवुड फ़िल्म और दूसरी एक अच्छी हिन्दी या तमिल या मलयालम फ़िल्म, और मैं एक ही देख सकता हूँ तो मैं देशी फ़िल्म ही चुनूँगा। कह दीजिए गिरीशजी को, यह बात। |
23-11-2013, 09:06 AM | #2472 |
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Re: साक्षात्कार
डार्क सेंट अलैक जी के प्रश्न का उत्तर हम कल देंगे।
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24-11-2013, 12:43 AM | #2473 |
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Re: साक्षात्कार
क्या वाकई हमारी परम्परा महान है अथवा हम उसका सिर्फ ढिंढोरा पीटते हैं? आपका क्या ख़याल है इस विषय में?
परंपरा केवल एक तत्व नहीं है। कई तत्वों का संग्रह है। इसमें कुछ अच्छे हैं आज, इस जमाने में भी, और कुछ इस युग में असंगत हो गए हैं या बुरे हैं। भारत के लोग भी एक जैसे नहीं हैं। कुछ बुरे लोग हैं जो यह हरकतें करते हैं पर सारा समाज इनके खिलाफ़ आवाज़ उठाता भी है। किसी ने भी इन हरकतों को उचित नहीं ठहराया, यह कहकर, कि ये हमारी परंपरा है। केवेल कुछ लोगों की हरकतों के कारण सारे देश, सभी परंपराएं, और पूरी आबादी को मैं दोषी नहीं कहूँगा। अमरीका में भी कई अप्रिय घटनाएं हुई हैं (स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं)। लेकिन इसके कारण अमरीकी स्कूलों के बारे में, मेरी राय प्रभावित नहीं हुई है। देश में जब ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित होंगे और सोचकर वोट करेंगे, ऐसे नेता अपने आप लुप्त हो जाएंगे। शायद इसमें कई साल लगेंगे, पर मैं आशावादी रहूँगा। |
26-11-2013, 11:17 PM | #2474 |
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Re: साक्षात्कार
विश्वनाथ जी, आप अभी अमेरिका में रह रहे हैं, वहाँ आपको कौन सी एक चीज़ सबसे अच्छी लगी और कौन सी चीज़ सबसे खराब?
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
26-11-2013, 11:26 PM | #2475 |
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Re: साक्षात्कार
विश्वनाथ जी, किसी भी व्यक्ति के जीवन में कॉलेज जीवन के पल ज़िन्दगी के सबसे यादगार पलों में से एक होते हैं, उनमें से कुछ खास आप हमलोगो से शेयर करना चाहेंगे जिसे याद करके आज भी आपको होठों पे मुस्कान आ जाती हो!
__________________
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26-11-2013, 11:54 PM | #2476 |
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Re: साक्षात्कार
विश्वनाथ जी, आप अभी अमेरिका में रह रहे हैं, वहाँ आपको कौन सी एक चीज़ सबसे अच्छी लगी और कौन सी चीज़ सबसे खराब?
अच्छी लगी: साफ़ सुथरा वातावरण, आम जनता का अनुशासन, व्यवस्थित ट्रैफिक, विकास और प्रगति, work culture, तकनीकी उन्नति, रोजमर्रा जीवन में भ्रष्टाचार न होना, एक Dollar की Purchasing power और Quality of life in general. अच्छी नहीं लगी: अकेलापन, लोगों में परस्पर कमजोर रिश्ते, कमजोर पारिवारिक बन्धन, लोगों में अन्य देशों के बारे में अज्ञान और जानने में भी उदासीनता, लोगों का अन्य भाषाएं सीखने में अरुचि और अनिच्छा, लोगों में व्याप्त स्वार्थपरता और अंत में यहाँ का मौसम। |
27-11-2013, 02:02 AM | #2477 |
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Re: साक्षात्कार
अच्छी लगी: यहाँ की कारें, सडकें, freeways, Malls, शॉप्पिन्ग अनुभव, gender equality, सुरक्षा, अपराधों में कमी, स्वास्थ्य में सुधार, बिजली और पानी की उपलब्धता, सक्षम और कुशल प्रशासन।
अच्छी नहीं लगी: कॉलेज/युनिवर्सिटी शिक्षा और सामान्य चिकित्सा की महँगाई, यह litigious society (जिसमें नागरिकों को हमेंशा औरों से डर रहता है कि कहीं हम पर कोई केस न कर दें छोटी छोटी बातों पर), यहाँ का संगीत, और खेल, खासकर Rock/Pop Music और अमेरिकन फुटबाल। |
27-11-2013, 08:14 AM | #2478 |
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Re: साक्षात्कार
विश्वनाथ जी, किसी भी व्यक्ति के जीवन में कॉलेज जीवन के पल ज़िन्दगी के सबसे यादगार पलों में से एक होते हैं, उनमें से कुछ खास आप हमलोगो से शेयर करना चाहेंगे जिसे याद करके आज भी आपको होठों पे मुस्कान आ जाती हो!
इतने सारे हैं! कहाँ से शुरू करूँ। १९६७ की बात है। पहली बार बम्बई शहर छोडकर, राजस्थान में BITS पिलानी आया था, जहाँ मेरा admission हो गया था। होली का समय था। इससे पहले हमने कभी होली खेली नहीं थी। यहाँ पहली बार अनुभव कर रहा था। घंटे दो घंटे खेलने के बाद, हम पिलानी में शिव-गंगा नहर के किनारे आराम कर रहे थे तब एक दोस्त ने मुझे धक्का देकर नहर में गिरा दिया। हम तैरना नहीं जानते थे और मैं पानी में गिरकर हाथ पैर छ्टपटाया और खूब पानी पिया! गनीमत थी, कि पानी केवल ४ या ५ फुट गहरा था और उसमे कोई डूब नहीं सकता था। यह थी मेरी पहली swimming lesson! इस अनुभव ने मेरा पानी का डर दिल से हटा दिया और आने वाले दिनों में हमने पिलानी के swimming pool मे जाकर बाकायदा तैरना सीखा। फिर कभी और भी किस्से सुनाएंगे, खासकर वह संग्राम जो छिड गया था, शाकाहारी और माँसाहारी छात्रों के बीच, जब mess में menu की चर्चा हो रही थी। |
09-12-2013, 08:00 AM | #2479 |
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Re: साक्षात्कार
उक्त साक्षात्कार के ज़रिये श्री जी. विश्वनाथ ने हमें एक दुर्लभ और खूबसूरत अवसर प्रदान किया कि हम उनके बहिरंतर के बारे में जान सकें. हमें ख़ुशी है कि उन्होंने हर प्रश्न का गंभीरतापूर्वक उत्तर दिया और विभिन्न विषयों पर पाठकों की जिज्ञासा को शान्त किया. पूरा इंटरव्यू बहुत रोचक रहा और बड़े अच्छे माहौल में संपन्न हुआ. मैं अपनी ओर से तथा फोरम की ओर से
श्री विश्वनाथ उर्फ़ internetpremi को बधाई व धन्यवाद देना चाहता हूँ. शुभकामनायें. Last edited by rajnish manga; 09-12-2013 at 03:53 PM. |
23-12-2014, 05:49 PM | #2480 | |
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Re: साक्षात्कार
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मेरा कब होगा
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