04-09-2013, 08:15 PM | #261 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
04-09-2013, 08:15 PM | #262 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
झील पर सजी हुयी रंग विरंगी नौकाएं किसकी प्रतीक्षा में हैं ... आप की ही तो ...
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 Last edited by jai_bhardwaj; 04-09-2013 at 08:17 PM. |
04-09-2013, 08:16 PM | #263 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
पोखरा स्थित 'डेविस फाल' का बाहरी दृश्य
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04-09-2013, 08:16 PM | #264 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
डेविस फाल का आंतरिक दृश्य
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04-09-2013, 08:24 PM | #265 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
डेविस फाल का आंतरिक दृश्य
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04-09-2013, 08:27 PM | #266 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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04-09-2013, 08:28 PM | #267 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
यहाँ से वह पहाडी दिखती है जिसे स्थानीय भाषा में मच्छा पूछरे कहते हैं। मच्चा पूछरे का अर्थ है मछली की पूछ की तरह। वस्तुतः यहाँ पर वह पहाडी दो शिखरों वाली प्रतीत होती है। ऐसा लगता है जैसे कोई बड़ी मछली आकाश से मुँह के बल गिर गयी हो और उसकी पूछ ही दिखाई पड़ रही हो।
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04-09-2013, 08:28 PM | #268 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
पोखरा में अन्नपूर्णा पहाडी के पीछे निकलते सूर्य की एक छवि के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
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04-09-2013, 08:29 PM | #269 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
पहाड़ पर स्थित गाँव सारंग कोट
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04-09-2013, 08:30 PM | #270 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
कुछ चित्र और .. अगली प्रविष्टियों में।
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